तन्वी भाभी को असली मर्द का अहसास करवाया

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सभी शादीसुदा लेडीज़ को मेरा प्यार और सलाम. देखिये ये कोई सेक्स कहानी नहीं हे. ये तो मेरा अपने असली जिन्दगी का  अनुभव हे जो मैं आज आप लोगो के सामने रख रहा हु. पर ये अनुभव इतना मस्त हे की आप को ये लंड खड़ा करने में बड़ी मदद करेगा.

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मुझे पहले से ही बड़ी उम्र की औरतों के साथ रोमांस और सेक्स की फेंटसी रही हे. क्यूंकि मैं समझता हु की औरत का असली सेक्सी ढंग और उसके अंग शादी के बाद ही खुलते हे इसलिए वो कुंवारी हो और शादीसुदा हो तो दुसरे ऑप्शन में ज्यादा मजा रहता हे.

ये बात आज से कुछ 13 महीने पहले की हे. मेरे घर में एक नया शादीसुदा जोड़ा किराएदार के तौर पर आया था. उनकी शादी को एक साल से भी कम वक्त हुआ था. पति का नाम गोविन्द था जो एक कम्पनी में सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता था. और उसकी वाइफ स्कुल के अन्दर टीचर थी. उसका स्कुल मेरे घर से करीब ही था. वाइफ का नाम तन्वी था.

तन्वी की खूबसूरती का जिक्र क्या करूँ आप से दोस्तों! उसका बदन एकदम भरा हुआ था और दोनों बूब्स एकदम बड़े और बहार की तरफ निकले हुए थे. उसके निपल्स का आकार भी उसके कपड़ों के ऊपर से दीखता था. एक लाइन में कहूँ तो तन्वी ऐसी थी की उसे देख के किसी का भी लंड कडक हो जाए! इस सेक्सी टीचर को पहली बार देखा तभी मेरे मन में धक धक हुई और मैं सोचने लगा की कैसे भी कर के इस हॉट माल को चोदा जाए. और उस दिन से ही मैं तन्वी की चूत चोदने के मौके के लिए धरा रहा.

पहले ये किरायेदार मेरे से उतनी बात नहीं करती थी. किराया देने से ले के किसी चीज की जरूरत हो तो उसका पति गोविन्द ही आता था. मैंने देखा की गोविन्द कभी लम्बे सेल्स कॉल के लिए भी जाता था. मैंने मन में ही खुद से कहा बेटा ऐसे ही रहा तो तन्वी की चूत जल्दी पेश होगी लंड के लिए.

कुछ हफ्ते ऐसे ही कोरे के कोरे निकल गए. और फिर तन्वी मेरे से बातें करने लगी. मैं कभी कभी उनके कमरे की खिड़की से अन्दर झांकता था ताकि तन्वी और गोविन्द की चूत चुदाई का नजारा देखने को मिले. और एक दिन मैंने उसे गोविन्द की गोदी में चढ़ के लंड लेते हुए देखा. उसे नंगा देख के मेरे अंग अंग में आग सी सुलग गई. मैंने सोचा की अब तो कुछ भी कर के इस किरायेदारनी की चूत लेनी हे बस!

कुछ दिनों के बाद गोविन्द बहार गया अपने काम से. वो मुझे बोल के गया की मुझे 3 दिन का काम हे और तन्वी के स्कुल में एक्साम्स हे इसलिए उसे छोड़ के जा रहा हूँ आप जरा देख लेना. मैंने मन ही मन में सोचा की वाऊ काश इस मौके का फायदामुझे मिले!

उसी रात को मैने तन्वी के कमरे की खिड़की से अंदर का सिन देखा. अन्दर जो देखा उसे देख के मैं भोख्ला गया. तन्वी ने अपनी टेलीविजन के ऊपर एक पोर्न मूवी लगाईं हुई थी. वो सेक्सी फिल्म देखते हुए. अपनी चूत को उंगली से रगड रही थी और उसके मुहं से एकदम मादक सिसकियाँ निकल रही थी. उसे ऐसे देख के मेरे लंड के भी बारह बज गए. लंड एकदम कडक हो के ऊपर की तरफ उठ गया. मैंने वही पर खड़े हुए अपने लंड को पेंट से बहार निकाला. और तन्वी को चूत में ऊँगली करते हुए देख के मुठ मार ली.

दुसरे दिन दोपहर को मैं घर पर आया तो देखा की ताला लगा हुआ था. मेरे घर वाले किसी काम से बहार गए थे और मेरे पास चाबी नहीं थी. मैं उन लोगो की वेट करता हुआ बहार स्टेर्स पर बैठा. तभी मैंने तन्वी भाभी को देखा, वो अपनी स्कुल से वापस आ रही थी.  उसने मुझे बहार देखा तो बोली, क्या हुआ जी धूप सेक रहे हो क्या आप?

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मैंने कहा, नहीं जी वो तो घर के सब लोग बहार हे और मेरे पास चाबी नहीं हे.

वो बोली, आप मेरे कमरे में चलो यहाँ धूप बड़ी तेज हे बीमार कर देगी आप को.

मैं तन्वी भाभी के साथ उनके रूम में चला गया. वो मुझे बोली, आप को जो भी चाहिए तो बिना झिझक के मुझे बोल देना शर्माना मत.

मैंने मन ही मन कहा तन्वी मुझे तो तेरा सेक्सी बुर चाहिये लंड डालने के लिए वो दे दे बस.

फिर वो बोली, आप बैठो मैं जरा चेंज कर लूँ.

और वो एक मिनिट में ही अन्दर से वापस आई. उसक बॉडी उसके गाउन में बड़ी ही सेक्सी लग रही थी. और उसे ऐसा देख के मेरे लंड में गुदगुदी हो गई. वो मेरे सामने बैठी और हम दोनों बातें करने लगे.

तन्वी ने मुझे कहा तो आप कोलेज में पढ़ते हो?

मैंने हां में मुंडी हिलाई.

वो आगे बोली, तो सिर्फ पढाई या फिर मस्ती वस्ती भी? गर्लफ्रेंड वगेरह तो होगी ही?

मैं ये सुन के हेरान हो गया की साली ये एकदम खुल के कैसे बात कर रही हे!

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मैंने कहा नहीं तन्वी जी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हे.

आगे वो जो बोली उस से मेरे बदन में आग सी सुलग उठी.

तन्वी: आजकल के लड़के तो जवानी का असली मजा ले लेते हे कॉलेज में ही, पता नहीं तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसे नहीं हे!

मैं उसे एकदम चौंक क देखने लगा था. तन्वी ने अपनी एक लेग को उठाई और उसे दूसरी के ऊपर रख दी. ऐसा कर के उसने मुझे अपनी सेक्सी चिकनी जांघे दिखाई! एकदम सपाट बिना बाल वाली थी भाभी की जांघे! मेरी नजर वही पर गडी हुई थी.

फिर उसने मुझे कहा, लेकिन जो खिड़की से झांकते हो तुम वो सही बात नहीं हे!

इसका मतलब तो वो सब जानती थी. उसने ये भी देखा होगा की मैंने उसे चूत सहलाते हुए देख के अपना लंड हिलाया था. मैंने कहा चल उठ जा मेरे शेर तन्वी को चोदते हे, और मैंने उसकी जांघ पर अपने हाथ को रख दिया. और मैं बोला, जब से आप की जवानी को देखी हे कंट्रोल ही नहीं हो रहा था. मैं बस एक बार आप के साथ सम्भोग की इच्छा रखता हूँ!

तन्वी ने मस्ती भरे आवाज में कहा, तो ये मेटर हे!

मेरे हाथ जांघो पर ही थे जिसे मैंने धीरे धीरे सहलाए.

तन्वी ने कहा एक शादीसुदा औरत को नंगा देखते हुए तुम्हे शर्म नहीं आती हे, कोई कुंवारी के ऊपर नजर रखो उस से अच्छा!

मैंने सोचा की शायद वो इंटरेस्टेड नहीं हे इसलिए मैं खड़ा हो गया और वहां से जाने लगा. मेरा लंड एकदम कडक था अभी भी जो पेंट में मुझे चिभ रहा था. मैं जाने को मुड़ता उसके पहले ही तन्वी भाभी ने मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लौड़े को पकड लिया. और वो बोली, सिर्फ देखने की नहीं कुछ करने की हिम्मत भी रखो!

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मैंने कहा, एक बार आजमा के देख लो फिर कहना की मेरे में कितनी हिम्मत हे!

तन्वी ने आँख मारी और बोली, तो किसने रोका हे आ जाओ और दिखाओ अपनी हिम्मत और ताकत मुझे. गोविन्द ने भी शादी के पहले पहले के दिनों में स्पाइडरमैन और सुपरमैन का जोर लगाया और अब उसे काम से फुर्सत नहीं हे हरामी को.

मैंने सीधे ही उसके दोनों गुलाबी रस से भरे होंठो के ऊपर अपने होंठो को लगा दिए और एकदम डीप सकिंग करने लगा उन्हें. तानवी के होंठो को मैं अपने दांतों से भी काट रहा था. उसकी बातों में एक चेलेंज थी जिसे मैं आज अपनी ताकत दिखा के पूरा करना चाहता था बस! और फिर मैंने अपने हाथ को इस सेक्सी भाभी के गाउन में डाल  के उसके बड़े बूब्स मसलना चालू कर दिया. भाभी के बूब्स कडक हो गए और मैं उन्हें एक एक कर के दबाने लगा. तन्वी भाभी ने भी अपने हाथ से मेरे लंड को आजाद कर दिया और वो उसे हिलाने लगी. हम दोनों एक दुसरे को किस कर रहे थे. तन्वी मेरा हाथ पकड के अब मुझे अपने बेडरूम में ले गई.

मैं जैसे ही बेड पर चढ़ा तन्वी भाभी ने मेरी पेंट और चड्डी खिंच ली. और मेरे लंड को देख के बोली, बाप रे इतना बड़ा साला इतना तो पोर्न फिल्म्स में कालियों का भी नहीं होता हे!

मेरा लंड तन के पूरा 8 इंच का हो गया था और सुपाड़ा कम से कम 3 इंच मोटा लग रहा था उसका. तन्वी अपनेआप को रोक नहीं सकी और उसने सीधे ही मेरे कसे हुए लंड को अपने मुहं में ले के चुसना चालू कर दिया. वो जिस अंदाज से लौड़े को चूस रही थी मुहे बड़ा ही होर्नी फिल हो रहा था. 10 मिनिट तक तन्वी ने मेरे लंड को उसी मस्ती के साथ चूसा. और फिर वो और भी तेज हो गई जिसकी वजह से मेरा वीर्य घस करता हुए सुपाडे तक आ गया. मैंने वीर्य की पिचकारी उसके मुहं पर ही मार दी. और बहुत सब वीर्य जा के उसके गाउन पर भी गिरा.

तन्वी ने फिर मुझे कहा, क्या हुआ इतने में ही धार मार दी अपनी!

मैंने कहा वीर्य की फेक्ट्री तो अपनी ही हे ना डार्लिंग, तू चाहे जितना निकाल ले लेकिन आज तेरी चूत का चूतपुर बना के ही छोडूंगा कुतिया!

ये कह के मैं तन्वी भाभी के गाउन को उतार फेंका और उसने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ था. मैंने उसे बेड में फेंका और उसके बड़े बूब्स को अपनी मुठ्ठियों में भर के दबाने लगा और निपल्स को सक करने लगा. उसके मुहं से एकदम जोर जोर की सिस्कारियां निकल रही थी. मैं उसकी जरा भी परवाह न करते हुए उसके बूब्स को और भी तीव्रता से चुसे रखा. और उन्हें एकदम लाल लाल कर दिया. कही जगह पर तो जोर जोर से चूसने की वजह से डार्क लव बाइट्स भी बन गए थे. और फिर मैंने भाभी के होंठो को अपने होंठो में दबा के उन्हें भी काट लिया. वो बोली, अब होंठो को क्यूँ काट रहे हो.

मैंने कहा थोडा रुको फिर देखो कहा कहा काट लेता हूँ.

उसके बाद मैं उसके कंधे पर और फिर वापस से बूब्स पर चला गया. बूब्स चूसते हुए मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ रखा और मसल दिया. तन्वी की चूत करने से वो भी काफी गर्म हो रही थी.

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मैंने उसे कहा, तुम्हारी चूत कभी झड़ी हे?

वो बोली, धत झड़ता तो आदमियों का हे औरतो का थोड़ी झड़ता हे.

मैंने कहा, जब औरत तृप्त होती हे तो उसका भी पानी निकलता हे.

वो बोली, अच्छा तुम बड़े तुर्रमखान हो तो मुझे झडवा के दिखाओ.

मैंने तन्वी भाभी की चूत के ऊपर हाथ रख दिया और उसे रगड़ने लगा. उसके बदन की हॉटनेस और भी बढ़ने लगी थी. वो मुह से सिसकिया ले रही थी और मैंने उसके चूत के दाने को जिसे जी स्पॉट भी कहते हे उसे रगड दिया. और उसके साथ में तन्वी भाभी के बूब्स को भी मसल रहा था जोर जोर से.

तन्वी भाभी बोली, अब मेरे से नहीं रहा जा रहा हे जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो ना प्लीज़.

मुझे लगा की अब वो एकदम हॉट थी और उसका जी स्पॉट भी छूने से एकदम हॉट लग रहा था. मैंने अपने लंड को भाभी के छेद पर सटाया और धीरे से उसे घिसने लगा उसकी फांक पर.

तन्वी भाभी बोली, अरे मत तडपाओ मुझे इतना इसे अंदर डाल के मेरी अन्तर्वासना को दूर करो जल्दी से.

मैंने धीरे धीरे घिसते हुए एक धक्का लगाया और मेरा लंड भाभी की सेक्सी चूत में घुस गया. भाभी जोर से चिल्ला उठी, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कितना बड़ा लंड हे बाप रे मर गई मैं तो! अह्ह्ह्ह फाड़ दी मेरी चूत को इसने तो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह्ह्ह.

मैं अब धीरे से अपने लंड को तन्वी भाभी की चूत में अन्दर बाहर करने लगा था. और उसकी सिसकियाँ हर सेकंड बढती जा रही थी. मैंने अपने होंठो को उसके होंठो से लगा दिए और अपने चुदाई के झटके एकदम तेज कर दिए. मेरा लंड तांडव मचा रहा था और तन्वी भाभी भी पूरी गर्म हो के अपनी चूत को मेरे लंड से लडवा रही थी और वो मुहं से मस्त सिसकियाँ भी रही थी अह्ह्ह अह्ह्ह ओह ओह ओःह्ह. कमरे के अन्दर पच पच की आवाजें आ रही थी. भाभी की चूत एकदम पानी छोड़ चुकी थी.

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तभी उसके बदन में अकड सी आ गई और वो अह्ह्ह अहह ओह ओह करती हुई मुझसे लिपट गई. मैंने समझ गया की अब तन्वी भाभी झड़ने की कगार पर थी. और वो मेरे से एकदम लिपट के बोली, अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्ह पानी निकाल दिया मेरी चूत का!

और उसकी चूत से खूब सारा पानी निकाल के वो झड़ गई.

तन्वी भाभी के झड़ने पर भी मैंने अपने धक्के स्लो नहीं किये बल्कि मैं तो अब उसे और भी जोर से चोदने लगा था. मैं खुद भी चरम सीमा पर जा चूका था और मेरे लंड से भी अनकरीब वीर्य निकलने को ही था. मैंने तन्वी भाभी के होंठो से अपने होंठ जमा लिये और उसकी चूत मारने लगा. भाभी को कस के पकड़ के मैंने अपने लंड का सब वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया. एक मिनिट तक मैं झड़ता रहा और आखरी बूंद भी भाभी की चूत में ही निकाली मैंने.

कुछ देर में हम दोनों की आग शांत हो गई थी. लेकिन 20 मिनट और वो मेरी बाहों में लिपटी रही.

तन्वी भाभी: कसम से तुमने जो कहा था वो कर के दिखाया. गोविन्द सुपरमैन और स्पाइडरमैन बन के भी मुझे कभी झाड नहीं सका था. वो बोली आज से तुम ही मेरे पति हो और मैं तुम जो कहोगे वो करुँगी मेरी जान.

मैंने भाभी को अपनी बाहों में भर के उसके बूब्स मसलते हुए उसे लिप किस दे दी.

दोस्तों मेरे घर वाले आ गए फिर भी मैं भाभी के बेडरूम से नहीं निकला. पहले दिन ही उसने तिन बार मेरे से चुदवा लिया.

और फिर बोली की आज रात को दरवाज खुला रखूंगी कमरे का.

और फिर तो तन्वी भाभी को मेरे लंड की आदत हो गई. वो मुझे कहती थी की गोविन्द का लंड तो अब मुझे लूली लगती हे तुमसे चुदने के बाद. मैंने कहा, असली मर्द का लिया हे फिर सब कुछ छोटा ही लगेगा.

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तन्वी कोा मैंने पुरे 7 महीने तक चोदा और काफी दफा एनाल भी किया उसके साथ. फिर गोविन्द की ट्रांसफर हुई तो वो लोग घर से चले गए.  और अब मैं फिर से किसी ऐसी ही शादीसुदा भाभी या आंटी की तलाश में हूँ जो झड़ना चाहती हो!