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HOT Free XXX Hindi Kahani
मेरा नाम अनु है और मेरा फिगर 34-30-34 है, मेरी गांड बड़ी और स्तन भी काफी
अच्छे आकार के है. मेरी उम्र 27 साल की है और मेरा एक (edited) बेटा भी
है. मैं भले शादीशुदा हूँ पर एक रंडी से कम भी नहीं, मुझे जब भी अच्छा
लड़का मिल जाए मैं उस से चुदवाने की पूरी कोशिश कर लेती हूँ. मुझे जब कोई
मेरे स्तन को चुसे और स्तन के बिच में लंड दे तो अलग ही मजा आता है, मैंने
कितनी बार ही अपने स्तन चुद्वाए है, इंडियन पोर्नस्टार प्रिया राई मेरी
आदर्श है और मैं उसके जैसी फिगर बनाना चाहती हूँ. आइये मैं आपको कुछ साल
पहेले अपने जेठ के साथ की हुई चुदाई की कहानी बताती हूँ.
यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं!
मेरी शादी को अभी केवल तिन माह ही हुए थे और चुदाई का नशा हम दोनों पर जोरो
से था, मेरे पति विकास रोजाना कम से कम दो बार मेरी चूत का मजा लेते थे और
मैं हफ्ते में दो तिन बार उनसे लंड स्तन के बिच रगड़वाती थी, विकास का लंड
काफी लम्बा था, होगा करीब 7-8 इंच के करीब और हम दोनों मस्त मजेदार सेक्स
लाइफ निकाल रहे थे. लेकिन मेरा दिल तब टूट ही गया जब विकास को एक हफ्ते के
लिए ट्रेनिंग में मुंबई जाना पड़ा, मैं अपने घर होती तो चिंता नहीं थी
पड़ोस का मुनीर और शेखर दोनों मेरे स्पेर लंड पड़े ही थे वहाँ तो लेकिन
ससुराल में थोड़ी दिक्कत थी. मैंने कैसे भी कर के बिन चुदाई के तिन दिन तो
निकाल दियें, लेकिन मेरी चूत और स्तन बहुत हेरान हो गए थे और वह लंड के लिए
तड़प ही रहे थे. एक दिन की बात हैं जब मेरे सास ससुर एक शादी में गए थे,
मैं और मेरे जेठ और जेठानी भी गए थे साथ में. सास ससुर वही रुके और हम तीनो
वापस घर को आने के लिए निकले, तभी रास्ते में जेठानी पारुल अपने मम्मी के
घर जानेका बोल के हमसे अलग हो गई. मेरी जेठानी पारुल भी मेरी तरह चुदक्कड़
ही थी. मैंने चुपचाप उसके मोबाइल के मेसेज देखे थे, और मुझे यकीन था वोह
जरुर किसी जवान लंड से चुदवाने के लिए ही हम से अलग हुई थी.
मैं मनोमन उसकी किस्मत से जलती हुई घर आ गई, जेठ ने मेरे पास चाय मांगी और
मैंने चाय दे दी उसे, मैं अब कमरे में आ गई और तभी मेरी चूत और स्तन दोनों
फिर से उठ खड़े हुए, मैंने वही पड़ी एक कोकोकोला की बोतल उठा ली और उसे लंड
समझ के अपने ऊपर रगड़ने लगी, मुझे लगा की मैंने कमाड बंध किया है लेकिन वो
अर्ध-खुला था और मुझे पता ही न था की मेरा जेठ मेरी यह हस्तमैथुन जो कपडे
पहेने हुए मैं कर रही थी वो देख रहा है. मैं एक हाथ से बोतल को चूत पर लगा
रही थी और दुसरे हाथ से मेरे स्तन को दबा रही थी. मेरे तन बदन में आग लगी
हुई थी, कसम से अगर कुत्ता भी उस वक्त मुझे लंड देता तो मैं उसे अपनी चूत
के अंदर डाल देती. मुझे हफ्ते में कम से कम तिन चार बार लंड चाहिए, और
विकास के ट्रेनिंग जाने से मेरी एवरेज बिगड़ गई थी. मुझे पता ही ना चला की
मेरा जेठ मेरी यह प्यास चाय की चुस्कियो के साथ मजे से देख रहा है.
जेठ का लंड मोटा और तगड़ा था
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मैंने अब जोर जोर से अपने चूत पर साड़ी पहने हुए ही यह बोतल रगडनी चालू कर
दी थी.मुझे बोतल का कड़ापन लंड जैसा ही मजा दे रहा था, मेरा जेठ सुरेश कब
खड़ा हो कर रूम के दरवाजे के निकट आया कसम से मुझे पता ही नहीं चला. मैंने
अपना कम जारी रखा, तभी वह कमाड खोल के अन्दर आया. मैंने उसे देखा और चोंक
गई, सुरेश बोला घबराओ मत अनु, कोई दिक्कत नहीं तुम्हारी प्यास मैं समझ सकता
हूँ. मैं डर गई थी के ये मेरी पोल ना खोल दे, लेकिन उसके तो इरादे दुसरे
ही थे. वोह मेरे करीब आया और बोला करती रहो तुम्हे देख के मुझे भी उत्तेजना
हो रही है, वोह उत्तेजना जो पारुल मुझे नहीं दे पाती. यह सुन के मेरी जान
में जान आई. तो सुरेश भी अपनी बीवी, जो की शायद जवान लंड की प्यासी थी, उस
से खुश नहीं था और मुझे अपनी चूत करने का रास्ता नजर आने लगा. मैंने बोतल
फिर से अपनी चूत पर रगड़ने का क्रम चालू कर दिया, सुरेश मेरे पास आया गया
और उसने मेरे स्तन और गांड पर हाथ फेरने लगा, मेरे स्तन के निप्पलस अकड गए
थे जिनको सुरेश ब्लाउज के उपर से ही दो ऊँगली में लेकर जोर से दबाने लगा,
मेरे मुहं से एक आह निकल पड़ी और मैं उसको लिपट गई, उसका गर्म गर्म लंड
मेरे चूत के आगे स्पर्श करने लगा. मैं तो उत्तेजित हो चुकी थी इसलिए मैंने
तुरंत उसका पेंट खोला और उसका हथियार बहार निकाला, विकास जितना लम्बा नहीं
था लेकिन उससे काफी मोटा लंड था उसके बड़े भैया का.