लेखक: रेक्सी
हेल्लो दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है आपको जरुर पसंद आएगी. चलो मै ज्यादा कुछ न कहते हुए अपने स्टोरी पर आता हूँ. मेरा नाम रेक्स है अभी मेरा एज 29 वर्ष है यह कहानी है उस समय की जब मै गाँव में ही बारहवी की पढाई करता था.
मेरे पड़ोस में ही एक परिवार रहता था. उसमे जया भाभी रहती थी. उसकी आयु करीब उस समय 24 वर्ष की थी और मेरे से 3 साल बड़ी थी. मै उसे भाभी कहकर ही बुलाता था. वो एकदम मस्त आयटम थी उसे देखकर किसी का भी मन चोदने को उतावला हो जाए. मै उसे देखकर रात को उसे याद करके कई बार मुठ मारा करता था.
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मुझसे अक्सर मजाक करती थी जब कोई न हो. एक दिन भैया किसी काम के लिए शहर गए थे. भाभी ने कहा रेक्स आज तू मेरे साथ खेत चलो. खेत बहुत दूर था गाव से तो बाइक या सायकल से ही जाना पड़ता था. मैंने कहा कैसे आउ भाभी मुझे काम है. मैंने जानाबुजकर कहा.
उसने मेरी माँ से कहा इसे कहिये ना की मुझे खेत छोड़कर आये. शाम को वे आयेंगे तो मै उनके साथ आउंगी. मेरे मन कई ख़याल आने लगे. मैंने मन ही मन में कहा “रेक्स आज तेरे लण्ड की प्यास बुज जायेगी लग रहा है चल तैयार हो जा.”
मेरी मम्मी ने कहा जाओ ना रेक्स जया को छोड़कर आओ. मैंने भी तुरंत हां भर दी. और बाइक निकल कर खडा हो गया. और कहा ‘चलो भाभी ‘ भाभी मेरे पीछे आकर बैठी और हम सम्भोग सुख की सफर पर चले. खेत करीब 5 की.मी.था. हम दोनों बातो में मग्न हो गए.
भाभी: रेक्स क्यों मना कर रहे थे आने के लिए?
मै: भाभी नाटक करना पड़ता है तुम संमजोगी नहीं.
भाभी: क्यों ऐसा क्या है जो मैं न समजू?
मै: भाभी ओ छोडो जाने दो एक बात पुछू?
भाभी: क्यों नहीं…पूछो ना.
मै: गुस्सा तो नहीं करोगी ?
भाभी: बिनधास्त बोलो रेक्स.
मैं: भाभी मैंने दोस्तों से सूना है की एक लड़का एक लड़की सम्भोग करते है तो स्वर्ग सा आनंद मिलता है. क्या यह सच है. भाभी जोर से हसी और फिर एकदम शांत चुप हो गई.
मै: क्या हुआ भाभी ? आप एकदम चुप हो गई.
भाभी: सच बताऊ तो बहुत आनंद आता है सम्भोग में. मैंने भी पहली बार मेरे गाँव में एक लड़के के साथ सम्भोग किया था तो बहुत आनंद आया था. फिर कई बार किया. लेकिन मेरी इच्छा और ज्यादा बढती गई अब भी बहुत है. लेकिन क्या पता तुम्हारे भैया है जो आजकल शांत हो गए है और मैं प्यासी की प्यासी. तुम्हे जबसे देखा है तुमसे चुदने के सपने देखती रहती हूँ. रेक्स आज तुम जिसका आनंद लेना चाहते हो उसका मैं सैर कराऊंगी.
मैं: भाभी आपने तो मेरे मन की ही बात छीन ली. तब तक हम खेत पर पहुंचे. भाभी ने गायो को चारा डाल दिया और पानी भी पिलाया. काम होने के बाद भाभी ने एक कम्बल उठाया और मुझे कहा चलो.
मै उसके पीछे पीछे जाने लगा ऐसा लग रहा था की. आज कोई अप्सरा मुझे अपने अमृत कलश से अमृत पिलाने ले जा रही हो स्वर्ग में.
भाभी: आओ मेरे पीछे मै भी चुपचाप उसके पीछे चलता रहा.
भाभी मक्के के खेत में चलने लगी बहुत अन्दर तक गई. वहा बहुत बड़ा खुला जगह था. उसने कम्बल बिछाया. और जाकर खड़ी हो गई. मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था. डर भी लग रहा था. सूना तो था पर पहली बार हो रहा था. “आओ रेक्स क्या सोच रहे हो. भाभी अपना एक एक करके सारे वस्त्र हटा दिए. वाह… उसके गोरे गोर उरोज कबूतर की तरह मचल रहे थे.
चूत पर हलकी झाठे थी जो चूत की सुन्दरता और बड़ा रही थी. यह सब देखकर मेरा लन्ड गिला गिला हो कर फडफडा ने लगा था पेंट में. भाभी मेरे पास आई और मुझे गले लगाया. मेरा हाथ भी उसके पीठ से होकर उसके कुल्हों को मसलने की कोशिश करने लगे. भाभी ने मेरे शर्ट का बटन खोलकर शर्ट निकाल कर फेक दिया फिर बनियान खोल दिया. मेरे छाती को पागल की तरह चूमने लगी. चुमते चुमते निचे की तरफ बड़ी. उसके मुह से आह आह उह उह उह की सित्कारिया निकलने लगी थी.
मेरा पेंट खोल कर जमीन पर गिर गया था. बस सिर्फ अंडरविअर ही था. भाभी ने अंडरविअर के उपर से ही बुरी तरह से चूम रही थी मेरे लंड को. फिर एक झटके से ही अंडरविअर निचे खिसकाकर घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को मुह में लेकर चूसने लगी. वाह क्या समय था ओ. मेरा लंड चूसते समय मुझे सचमुच स्वर्ग का सैर हो रहा था.
मैं: भाभी चुसो भाभी चुसो…और चुसो….यह लंड अब तुम्हारे हवाले है…
भाभी: मेरे राजा आज तेरा लंड को चूस चूस कर पानी पी जाउंगी.
कुछ देर बाद मेरा सारा वीर्य भाभी अपने मुह में लेकर पी गई. आज लग रहा था भाभी की कई बरस की प्यास आज सच में बुझ गई. मेरा लंन्द झड़ने के बाद धीरे धीरे झुक गया. जैसे भाभी को सलाम किया हो उसके कर्म को देखकर.
भाभी: रेक्स तुम लेट जाओ.
मैंने भी तुरंत आदेश का पालन किया. और लेट गया. भाभी मेरे साथ लेट गई कुछ समय हम दोनों होंटो से किस करने लगे. फिर भाभी मेरे लन्ड को सहलाने लगी. मैंने भी भाभी के चुत को उंगली से सहलाने लगा. मेरी एक ऊँगली भाभी के चूत में घुसेड दिया. वैसे भाभी ने आँखे बंद करके मेरे लंड को हिलाने लगी. मेरा लंड फिर से जंग के लिए तैयार होने लगा. मेरा लंड तनकर खडा हो गया भाभी मेरे उपर आ गई और अपने चूत को मेरे मुह पर रख दिया और मेरा लंड चूसने लगी.
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मै भी भाभी का चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा भाभी ने भी मेरा लैंड जोरसे चूसने लगी. कुछ देर बाद. भाभी मेरे लंड पर बैठ कर चूत में ड़ाल लिया और उपर निचे करने लगी जैसे घोड़े पर बैठकर अपनी मंजिल पहुँचना हो. भाभी के दोनों उरोज जोर जोर से उपर निचे हो रहे थे. मैंने उन्हें अपने दोनों हाथो से थामकर. दबाने लगा. भाभी भी झुककर मम्मो को मेरे मुह में बारी बारी से देकर निप्पल चुस्वाने लगी. वाह गजब का मझा था. मेरे मुझपर अपना शरीर रगड रही थी… लंड भी अन्दर बहार कर रहा था. मेरे दोनों हाथ भाभी के मखमली गांड पर मसल रहे थे. किस्स चल रहा था. सब एक साथ. वाह क्या नशा था…दुनिया से दूर भाभी और मैं कामक्रीड़ा से स्वर्ग सुख का आनंद ले रहे थे.
फिर वो समय आ गया जिससे हमे पुन: इसी दुनिया में आना था. मेरे लंड ने सारा माल जया भाभी के चूत में छोड़ दिया. भाभी भी तृप्त और मै तृप्त हो गया. हम दोनों 5 मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे. फिर होश आ गया. भाभी मुझे कई किस्स करके कहा.
भाभी: रेक्स सच में तुमने मेरे बरसो की प्यास बुझाई.
मै: भाभी मुझे तुम्हारे बिना अब चैन नहीं आएगा.
भाभी: अरे मै तो यही हूँ. कई बार मिलेंगे…
फिर हम दोनों ने कपडे पहनकर ठीक होकर एक एक करके खेत से बहार आये. मैंने भाभी को एक लंबा किस किया और बाइक पर वापस अकेला घर आया.