मेरा नाम अविनाश है। मैं दक्षिण दिल्ली में रहता हूँ, मेरी उम्र 24 वर्ष है, मेरी हाइट 5 फुट 10 इंच की है, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं दिल्ली से एम.बी.ए. कर रहा हूँ।
कहानी उस समय की है, जब मैं एम.बी.ए. के सेकेंड सेमेस्टर में था और मैं समर इंटर्नशिप के लिए गुड़गांव की एक कंपनी में सिलेक्ट हो गया था। मेरी इंटर्नशिप अप्रैल 2013 से स्टार्ट थी.. जो की’ दो महीने की थी और मेरी इंटर्नशिप कंपनी के एच.आर. डिपार्टमेंट में थी।
दोस्तो, आप तो जानते ही होंगे कि एच. आर. डिपार्टमेंट में ज़्यादातर फीमेल्स वर्क करती हैं।
ये कहानी मेरे और मेरी मेंटर तनीशा (बदला हुआ नाम) के बीच की है, उनकी उम्र 25 साल के करीब होगी और वो देखने में बहुत ही सेक्सी लगती थी।
मेरी इंटर्नशिप का पहला दिन था, मैं अपनी मैम से मिला.. जो मेरी मेंटर थी।
मैंने अपना परिचय दिया.. उन्होंने भी अपना इंट्रो दिया और बताया- मैं यहाँ पर सीनियर एच.आर. हूँ।
वो मेरा पहला दिन था तो मैम ने मुझे सिस्टम में कुछ पढ़ने के लिए दे दिया। मेरा पूरा दिन पढ़ते-पढ़ते ही निकल गया। जैसे ही शाम के छह बजे.. मैम ने मुझे जाने के लिए कह दिया।
कुछ दिन बीतने के बाद एक दिन मेम ने मुझे अपने पास बुलाया और उन्होंने मुझसे दिए हुए वर्क के बारे में पूछा- वर्क हो गया?
तो मैंने कहा- हाँ मेम हो गया।
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फिर वो अपने सिस्टम में कोई काम करने लगीं.. मैं वहीं पर खड़ा रहा। अचानक मेम ने अपने सिस्टम पर काम करते-करते मुझसे पूछा- अविनाश तुम्हारी उम्र कितनी है?
मैंने कहा- मेम 22..
तो उन्होंने कहा- ओके..
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं मेम.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
उन्होंने कहा- ओके..
फिर उन्होंने मुझे कुछ वर्क करने को दे दिया, मैं अपनी सीट पर चला गया। मैं बहुत सीधा सा लड़का था.. तो मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया।
जब मैं घर वापस आया तो मैंने सोचा कि मेम ने मुझसे ये क्यों पूछा। मेम के मन में कोई तो बात है.. कल जाकर देखता हूँ.. मेम क्या कहती हैं।
अगले दिन उन्होंने मुझे सुबह-सुबह से वर्क करने को दे दिया। मैं अपना वर्क करता रहा। लंच के टाइम पर सभी लोग लंच करने चले गए। मैं लंच करने हमेशा देर से जाता था, लेकिन मैंने देखा कि आज मेरी मेम भी लंच करने नहीं गई हैं।
तभी अचानक उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया.. मैं उनके पास गया।
मैंने कहा- यस मेम?
उन्होंने मुझसे पूछा- सारा वर्क हो गया?
मैंने कहा- यस मेम हो गया।
फिर उन्होंने मुझसे पूछा- तुम कहाँ रहते हो?
मैंने कहा- मैं साउथ दिल्ली में रहता हूँ।
फिर उन्होंने पूछा- अकेले रहते हो या अपनी फैमिली के साथ रहते हो?
मैंने कहा- मेम मैं अकेले ही रहता हूँ।
वो कुछ देर तक शांत रहीं.. फिर उन्होंने कहा- अविनाश तुम एक काम कर सकते हो?
मैंने कहा- यस मेम..?
उन्होंने कहा- मंडे को मेरी एक इंपॉर्टेंट मीटिंग है.. तो मुझे कुछ फाइल्स रेडी करनी हैं।
मैंने कहा- ऑफ़ कोर्स मेम..
उन्होंने कहा- उसके लिए तुम्हें शाम में मेरे घर आना पड़ेगा।
मैंने कहा- लेकिन मेम, मैं यहीं से शाम की छह बजे निकलता हूँ.. तो मैं कैसे..?
उन्होंने मुझसे कहा- तुम अभी अपने घर चले जाओ और शाम को साथ बजे आ जाना.. मैं तुम्हें लेने हुडा सिटी सेंटर आ जाऊँगी और अपनी नाइट ड्रेस भी ले आना।
मैंने कहा- ओके मेम!
मैं चला गया।
शाम को ठीक साथ बजे मैं हुडा सिटी पर पहुँच गया और मैंने मेम को फोन किया, तो उन्होंने कहा- बाहर आओ.. एक काले कलर की स्कोडा खड़ी होगी.. वहीं आ जाओ।
मैं गया तो देखा कि वहाँ गाड़ी खड़ी थी। मैं गया और कार का आगे का डोर खोला और बैठ गया।
मैंने कहा- गुड ईव्निंग मेम..
‘गुड ईव्निंग टू..’
फिर हम वहाँ से चल दिए तो मेम एमजी रोड की तरफ जा रही थीं। मेरे मन में भी बहुत कुछ चल रहा था। कुछ देर बाद हम दोनों एमजीएफ मेट्रॉपोलिशियन माल पहुँच गए। मेम ने गाड़ी पार्क की और मुझे डाइरेक्ट टॉप फ्लोर पर ले गईं, जहाँ पीवीआर था।
मेम ने दो मूवी के टिकट लिए और फिर हम मूवी देखने चले गए। मूवी देखकर हमने वहीं हल्दीराम में खाना खाया और मेम के घर को निकल पड़े।
घर पहुँचते पहुँचते साढ़े ग्यारह हो चुके थे। जैसे ही मैं मेम के फ्लैट में एंटर हुआ तो देखा कि क्या आलीशान फ्लैट था, जो की बारहवीं मंज़िल पर था।
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मेम ने तुरंत एसी चालू कर दिया और मुझे अपने कमरे में ले गईं।
उन्होंने कहा- तुम बैठो.. मैं ज़रा नहा कर आती हूँ।
वो नहाने चली गईं, अब मेरे मन में कुछ अलग तरह के ख़याल आने लगे थे।
कुछ देर बाद अन्दर से आवाज़ आई ‘अविनाश जरा टॉवेल देना..’
मैं उन्हें टॉवेल देने गया तो मैंने देखा कि वो पूरी नंगी खड़ी थीं और मुस्करा रही थीं।
मैंने टॉवेल दी और बाहर आ गया। अब मेरे अन्दर भी एक वासना की आग जलने लगी थी। जब वो बाहर आईं तो क्या सेक्सी लग रही थीं और उन्होंने एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहन रखी थी। मैं मन ही मन उत्तेजित हो रहा था।
थोड़ी देर में मेम बाहर आ गईं और फिर हम दोनों कमरे में आ गए।
जैसे ही हम कमरे में आए.. उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा.. मैंने उनको अपनी बाँहों में ले लिया।
वाह.. क्या अलग सा सुकून था यारो.. मैंने उनको उठाया और धीरे से बिस्तर पर लिटा कर उन्हें चूमने लगा।
अब मेरे हाथ धीरे-धीरे उनके शरीर के सारे अंगों को छूने लगे, उनके शरीर से एक अलग ही किस्म की कंपन मुझे महसूस हुई।
मुझे कुछ समझ में तो आया.. पर मैंने सर झटक दिया।