विधवा ताई की प्यासी चूत की चुदाई

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इस Xxx ताई सेक्स कहानी में मैं आपको बता रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी ताई की तेल मालिश की और इसी के साथ जीवन में पहली बार यौन सुख का आनन्द लिया.

दोस्तो,
मेरा नाम प्रणय है. मैं एक आईटी कंपनी में कार्यरत हूँ. मेरी उम्र 29 साल है.

मैं अपने स्कूल के समय से ही हॉट सेक्स स्टोरीज पिक्चर्स डॉट कॉम का निमियत पाठक रहा हूँ.
मैंने अपनी कहानी लिखने की कई बार कोशिश की पर समय के अभाव में कभी लिख नहीं पाया.

आज मैं आपको अपनी जिंदगी का पहला अनुभव इस इस Xxx Tai Sex Kahani में बताने जा रहा हूँ, आशा है आप मेरे प्रयास को सराहेंगे और त्रुटियों को नजरअंदाज करेंगे.

कॉलेज के समय से अभी तक मेरे साथ कुछ रोमांचक घटनाएं घटी हैं, जिन्हें मैं आपके साथ साझा चाहता हूँ.
आशा है आपको मेरी ये कोशिश और अंदाज़ पसंद आएगा और आपसे मुझे प्रोत्साहन भी मिलेगा ताकि मैं भविष्य में अपनी कहानियां आप तक पहुंचाता रहूँ.

बात उन दिनों की है, जब मैं कॉलेज मैं पढ़ता था, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.

हम लोग गांव में रहते थे.
हमारे पड़ोस में मेरे ताऊ जी का मकान था, जिसमें वे ताई और बच्चों के साथ रहते थे.

उनके बच्चे भी मेरे हमउम्र थे और हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था.

मेरे ताई जी की उम्र उस समय 42-44 साल की रही होगी, बदन सामान्य महिलाओं की तरह पुष्ट था.
वे शरीर से गदराई महिला थीं और उनके शरीर में काफी कसावट थी.

उनका शरीर हल्का सांवला था, उनके स्तन काफी बड़े और गोल-मटोल थे व उनके नितम्ब काफी चौड़े.

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जब वे साड़ी पहन कर चलती थीं तो उनकी कमर के पीछे से रीढ़ से होते हुए एक छोटी सी नहर उनके कूल्हों की बीच को जाती थी.
और जब भी वह बैठ कर काम करती थीं, तो उनको ब्लाउज के स्तनों का ऊपरी हिस्सा किसी ताजे सेब की तरह झलकता था.

उनके स्तन काफी बड़े थे.
यह मुझे उनकी सूखती हुई ब्रा के लेबल से भी पता चल जाता था कि ताई के दूध 36 इंच के हैं.

मैं हमेशा सोचा करता था कि मैं शादी उनकी जैसी ही किसी महिला से करूँगा.

रात को भी मैं अक्सर उनके बारे में ही सोचा करता था कि काश मैं उनके स्तनों से दूध पी पाता और उनके साथ अकेले कपड़े उतार कर काम क्रीड़ा कर पाता.
यह सोच-सोच कर मेरा लिंग उत्तेजित हो जाता.

जब हमारा स्कूल पूरा होने को था, तभी ताऊजी की असमय मृत्यु हो गयी और ताई विधवा हो गईं.

उन्होंने किसी तरह अपने को संभाला और अपने बच्चों के सहारे रहने लगीं.
वैसे तो ताई जी को किसी बात की कमी नहीं थी, ताऊ जी अपने पीछे काफी धन-दौलत जमीन-जायदाद छोड़ गए थे.

पर शरीर की जरूरत तो हर किसी की होती है.
हाय ताई जी का भरा पूरा जिस्म कितना तड़पता होगा प्यार पाने को … ये सोच कर मुझे अच्छा नहीं लगता था.

जब भी वे बाहर जातीं या किसी बाहर के पुरुष से बातें करतीं या मिलतीं, तो मुझे मन ही मन पीड़ा होती.
पर मैं कर भी क्या सकता था सिवाए इसके कि उनके बारे में कल्पना कर लूँ या उन्हें सिर्फ चोरी से देख लूँ.

कॉलेज के दिनों में मेरी आदत रात में देर से सोने की और देर रात फ़ोन चलाने की थी.

इस बीच मैं अक्सर देर रात आंगन में घूमा करता और बाहर ही अंधेरे नीम के पेड़ के पास खुले में मूत्र विसर्जन करता, हमारे आंगन के सामने ताई की कमरे की खिड़की थी.
अंधेरे में देख कर लगता कि शायद वे भी नहीं सो पा रही हैं और बाहर झांक रही हैं.

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ताई जी के बच्चे उनकी बात नहीं सुनते थे, न ही कोई सेवा करते थे.
वे ज्यादा समय या तो पढ़ाई के लिए बाहर रहते थे या दोस्तों के साथ घूमने फिरने में बिताते थे.

ताई काफी चिंता करने लगी थीं और वजन बढ़ने के कारण उन्हें पैरों और कमर में दर्द रहने लगा था.
एक दिन मौका पाकर उन्होंने मुझसे अकेले में पूछा कि क्या मैं रात में उनके पैरों की मालिश कर दूंगा!

मेरे मन में घंटी बजने लगी और मैंने मासूमियत से हामी भर दी.

अगली रात मैं उनके कमरे में गया.
वे बिस्तर पर लेटी टीवी पर कोई धारवाहिक देख रही थीं.

मेरे आने पर उन्होंने पूछा- खाना खा लिया?
तो मैंने हां में जबाब दिया.

घर के सारे लोग सो चुके थे.

उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी.
अपने सिरहाने से तेल की दो शीशियां मुझे देती हुई वे पेट के बल लेट गईं और बोलीं- थोड़ा जोर लगा कर मालिश करना, काफी दर्द है.

मैं शीशी पकड़ कर उनके पास आकर घुटनों के बल बैठ गया.
मैंने नारियल का तेल किनारे रख दिया और मालिश वाला तेल ले लिया.

फिर वह तेल अपनी हथेलियों में लगा कर उनके तलवों में मलने लगा.

उन्होंने हाथों से खुद अपनी अपनी मैक्सी घुटनों तक उठा ली थी.
अब मेरे हाथ उनके घुटनों तक जाकर ऊपर नीचे घिस घिस कर मालिश करने लगे.

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उनके पैर काफी मांसल और नर्म थे, जिनमें मेरी उंगलियों से लाल निशान पड़ जा रहे थे.

वह एकटक सर नीचे करके पड़ी थीं और मैं सोच रहा था कि काश वे अपनी मैक्सी थोड़ा ऊपर को कर लेतीं तो मुझे उनकी कोमल जांघें देखने को मिल जातीं.

सामने उनके नितंबों के रूप में दो सुंदर पहाड़ मैक्सी से झांक रहे थे.
मेरी नजरें उन पर थम सी गयी थीं और मेरी उंगलियां उनके पैरों में गड़ी जा रही थीं.

वह मुझे शाबाशी देने लगीं.
तभी अचानक से हवा चली और बारिश शुरू हो गई.

बिजली भी चली गयी और टीवी भी ऑफ हो गया.
उनके कहने पर मैंने दराज से मोमबत्ती निकाल कर जला दी.

मैं- ताई जी मालिश हो गयी, क्या अब मैं जाऊं?
ताई- अभी कहां बेटा, पैर का ऊपर वाला हिस्सा तो रह ही गया … थोड़ा ऊपर भी कर दो!

मैं- ठीक है आप लेट जाइए, मैं कर देता हूँ. वैसे भी बाहर काफी तेज़ बारिश हो रही है, जाते जाते भीग जाऊंगा.
ताई- कोई बात नहीं, अगर देर हो जाए, तो तुम यहीं सो जाना.

ऐसा कह कर उन्होंने मैक्सी कूल्हों तक खींच ली.
मोमबत्ती की रोशनी में उनके केले के तने के समान सुडौल जांघें काफी मांसल और चिकनी लग रही थीं.

मैं उनके पैरों के बीच आकर घुटनों के बल बैठ गया.
उन्होंने मेरे बैठने को जगह बनाने के लिए अपनी दोनों टांगें थोड़ी खोल दी थीं.

मैं धीरे धीरे उनकी जांघों में तेल घिसने लगा.
हाय … मन तो किया कि इन केले के तने जैसी जांघों को चूम लूँ, पर मुझे डर भी था कि कहीं ताई कुछ कह न दें.

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ताई की बैगनी रंग की पैंटी उनकी जांघों के बीच कुछ छुपाई हुई थी.
मन में ख्याल आया कि उनकी पैंटी को हाथों से फाड़ दूँ और अपना सर उनके कूल्हों के बीच में गड़ा दूँ.

मेरी उंगलियां अब उनके कूल्हों को छू रही थीं.
मैंने उन्हें बताया कि मैक्सी में तेल लग रहा है.

उन्होंने मैक्सी कमर तक सरका ली.

मैंने कूल्हे छूकर उनसे पूछा कि क्या इनमें भी मालिश करनी है?
तो उन्होंने हामी भरी.

अब मेरे हाथ उनके कूल्हों में मालिश करने लगे.
मैं उनके चौड़े मक्खन से मुलायम कूल्हों को आटे के समान मसलने लगा.

ताई को बहुत समय बाद किसी मर्द ने ऐसे छुआ था तो वे मचलने लगीं.
मैंने देखा कि उनकी पैंटी बीच से काफी गीली हो गयी थी.

मैंने हल्के से उंगली से छूकर देखा, तो उसमें से पानी के साथ कुछ चिपचिपा द्रव्य भी निकल रहा था.

ताई अपने मुँह को तकिये में दबा कर सिसकारियां ले रही थीं.
मैंने अपनी उसी उंगली को सूंघा, उस मादक खुशबू ने मेरे होश उड़ा दिए और मेरा खुद पर नियंत्रण खोता जा रहा था.

चूत का रस चखने पर वह कुछ नमकीन सा स्वाद लगा था.

मेरा लिंग तन कर 7 इंच का हो चुका था. वह मेरे कच्छे में समा ही नहीं पा रहा था.
कमरे में मोमबत्ती का मंद-मंद प्रकाश था तो और कोई देखने वाला भी नहीं था.

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मैंने अपने लिंग को आज़ाद कर दिया.
मन तो किया कि ताई के नितंबों की बीच की घाटी में अपने लिंग को जोर जोर से रगड़ दूँ.

पर तभी ताई ने चादर को जोर से हाथों से भींच लिया और सिसकारियां भरने लगीं.

अब मैं घुटनों के बल थोड़ा झुक गया और उनकी कमर की मालिश करने लगा.
ऐसे में मेरा आज़ाद लोहे की मोटी रॉड के समान लिंग, ताई की योनि में पैंटी के ऊपर से रगड़ने लगा.

ताई की सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
उनका बदन तो गर्माने लगा और वे कंपकंपाने लगीं.

अचानक से वे अपने हाथों से अपनी पैंटी उतारने लगीं.
उनकी इस प्रक्रिया से मैं सकपका कर थोड़ा पीछे को हट गया.

उन्होंने घुटनों तक पैंटी गिरा दी.
मैंने उनके पैरों को मोड़ा और पैंटी उनके पैरों से खींच कर अलग कर दी.

उनकी नज़र बचा कर मैंने उनकी पैंटी को नाक के करीब ले जाकर सूंघी, उसमें एक मदहोश करने वाली कामुक गंध थी.

मैंने उनके मांसल नितंबों को हाथों से चौड़ा किया और अंगूठे से उनकी योनि को रगड़ने लगा.
उनके बदन में सनसनी सी फ़ैल गयी.

अब मैं खुद को रोक न सका और अपने चेहरे को ताई के नितंबों के बीच फंसा कर उनकी योनि को चाटने लगा.

उनके मुँह से तेज़ सिसकारियां फूट पड़ीं.
पर अब मुझे कोई डर-परवाह नहीं बची थी.

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मेरे होंठ उनकी योनि को चूम रहे थे और मेरी नाक उनकी गुदा पर रगड़ रही थी.
मैं अपनी जीभ अन्दर डाल कर उनकी चूत पर कड़क हो चुके भगनासा को अपनी जीभ से लगातार रगड़ता रहा.

वे उत्तेजना में छटपटने लगीं पर मैंने उनके नितंबों को जोर से पकड़ रखा था.

अब वे चरमोत्कर्ष पर पहुंच चुकी थीं, उनकी योनि से एकाएक पानी की एक तेज़ धार फूट पड़ी, जिससे बिस्तर और मैं भीग गया.

मैंने अपनी दो उंगलियां योनि द्वार में डाल दीं और अन्दर बाहर करने लगा.
उनका गुदा द्वार भी उसी लय ताल में सिकुड़ने-फैलने लगा.

गहरे गुलाबी रंग की उनकी योनि के ऊपर हल्का भूरा रंग लिए उनका गुदा द्वार काफी लुभावना लग रहा था, जिसके चारों तरफ गोलाई में सिलवटें पड़ी थीं.
मैंने गुदा द्वार की गोलाई में अपनी जीभ फेरी, तो उन्होंने उसे सिकोड़ लिया.

उन्होंने अपनी मैक्सी खुद से निकाल कर खुद को पूरा आज़ाद कर दिया और मुझसे ब्रा का हुक खोलने का इशारा कर दिया.
मैं उनके नितंबों पर बैठ गया और मेरा लिंग उनके नितम्ब की बीच की दरार के समान्तर आ गया.

लिंग ने उस दरार को जीत लिया था.

मैंने उनका ब्रा हुक खोल दिया और उनकी कोमल-नर्म पीठ के ऊपर लेट गया, अपनी छाती को उनके शरीर पर रगड़ने लगा.
उन्होंने मेरा मोटा लिंग एक झटके में हाथ में पकड़ लिया और अपनी योनि द्वार में लगा दिया.

मैंने एक झटका मारा और लिंग उनकी योनि में आसानी से चला गया क्योंकि वह दो बार मां बन चुकी थीं.
लिंग अन्दर लेते ही उनके मुँह से सांत्वना स्वरूप मादक सिसकारी ऐसे फूट पड़ी, जैसे वर्षों बाद उनको आराम मिला हो. ताई सेक्स का मजा ले रही थी.

मैंने उनके दोनों स्तनों को अपने दोनों हाथों में थाम लिया और जोर जोर से मसलने लगा, अपना मुँह नीचे झुका कर खूब जोर से चूसने लगा.
उन्हें और मज़ा आने लगा. मेरा मुँह उनके एक दूध से भरने लगा.

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मेरा सपना आज पूरा हो गया था.
उन्होंने अपने इन बड़े स्तनों में काफी दूध जमा किया हुआ था, ऐसी कल्पना के साथ मैं उनके दूध चूसने लगा.

साथ ही मैं जोर-जोर से ताई की चुदाई करने लगा.

फिर मुझे लगा कि मेरा रस निकलने वाला है.
पर मुझे ताई की गुदा को भी अपने लिंग से चीरना था.

मैंने उनकी गुदा में अपना मोटा अंगूठा डाल दिया.
वे दर्द से कराह उठीं.

मैं उनकी पीड़ा से बेखबर अभी भी उनकी योनि को भेदे जा रहा था.
इस काम क्रीड़ा में मेरे अंडकोष उनकी योनि द्वार से टकराने लगे और पूरा कमरा फ़क-फ़क की आवाजों से गूंजने लगा.

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मेरे हाथ उनकी चूचियों को मसल रहे थे.
करीब दस मिनट बाद एकाएक तीव्र वेग से मेरा वीर्य बाहर निकल कर उनकी योनि में भरने लगा.

मैंने उन्हें जोर से जकड़ लिया, उनके गर्भाशय के द्वार को चीरते हुए मेरे लिंग ने उसे पूरा अपने वीर्य से भर दिया.

हम दोनों ने साथ में जोर से उत्तेजना वश आवाजें निकालीं और मैं बिस्तर में उनके ऊपर निढाल होकर लेट गया.

लगभग दस मिनट बाद मैंने अपना लिंग योनि से बाहर निकला.
इस Xxx ताई की योनि से वीर्य बाहर रिसने लगा.

मैं उसे उंगली में लेकर उनके होंठों में ले गया और उन्होंने बड़े प्यार से मेरी उंगली चूस ली.

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हम दोनों अब छत पर आ गए, जहां हम दोनों बारिश में नहाये और साथ में स्नानघर में आ गए.
इधर साथ में जाकर मूत्र विसर्जन किया और अपने आप को साफ़ किया.

हमने ये वादा भी किया कि जो हमारे बीच हुआ, वह घर पर किसी को नहीं बताएंगे.

मैं चेहरे पर एक मुस्कान लिए चुपके से अपने घर आकर लेट गया.

सारी रात बारिश होती रही.

अगली सुबह हम ऐसे बर्ताव करने लगे, जैसे हमारे कुछ हुआ ही न हो.

अगर आपको आगे ये जानना है कि ताई के साथ मेरा पहला गुदा मैथुन कैसा रहा … तो मुझे कमेंट्स करके जरूर बताएं.
मेरा पहला सेक्स अनुभव आपको कैसा लगा, मुझे जरूर बताएं.
इस Xxx ताई सेक्स कहानी पर आपके मेल व कमेंट्स का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा.
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