advertisement
advertisement
Office Hindi XXX Kahani - किस्सा ए दफ्तरी चुदाई- 4
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

लेडी पियोन की बेटी का इंटरव्यू.. 

ऑफिस हिंदी XXX कहानी में पढ़ें कि मेरी लेडी पियोन अपनी जवान बेटी को जॉब पर रखवाने के लिए ऑफिस में लेकर आयी. उसे देख मेरा लंड पैन्ट फाड़ने को हो गया.

दिनांक 4 फरवरी 2021 को प्रकाशित मेरी कहानी
किस्सा-ए-दफ्तरी चुदाई-3
के अंत में मैंने आपसे वायदा किया था कि इस कहानी से जुड़े दो पात्रों की चुदाई का क़िस्सा भी मैं आपसे शेयर करूँगा.

तो प्रस्तुत है मेरी उसी ऑफिस हिंदी XXX कहानी का अगला भाग:

यामिना को उसके घर के पास छोड़ने के बाद मैं अपने रूम पर आ गया और उसकी बेटी फ़लक की चुदाई की कल्पना करते हुए रात को सो गया.

उसके बाद लगभग 4-5 दिनों तक मैं ऑफिस में बैठा ही नहीं और बाहर के कामों में बिजी रहा.
थोड़ी देर के लिए आता था और बिना किसी से मिले कागजों पर साइन करके निकल जाता था.

लिली ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं उसे अवॉयड करता रहा.
तो लिली परेशान रहने लगी.

बाहर के कामों से फ्री होने के बाद एक रोज़ मैं ऑफिस गया तो यामिना मुझे पानी देने मेरे कमरे में आई.

यामिना ने उस दिन स्कर्ट पहनी थी जिसमें से उसके मोटे घुटने और गोरे पाँव दिखाई दे रहे थे.

जैसे ही यामिना मेरे पास आई मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ फिराते हुए आगे से उसकी स्कर्ट के अंदर से उसकी उभरी हुई चूत को दबा दिया.

यामिना- आई … सर, ये तो अगले दिन से ही तड़प रही है, आप पता नहीं कहाँ बिजी हो गए?

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मुझे पानी निकाले काफी दिन हो गए थे. मैंने तुरन्त पैंट की जिप खोली और उसका हाथ पकड़कर अपने खड़े लौड़े पर रख दिया.
यामिना- सर, कोई आ जायेगा?
मैं- मुझे कैमरे में सब दिखाई दे रहा है.

यामिना ने जल्दी से मेरे लण्ड को दो तीन बार फैंटा और बोली- सर, बस, मैं बाहर जा रही हूँ, आज फ़लक ने अपनी जॉब की एप्पलीकेशन देने आना है.

मैं फ़लक का नाम सुनते ही रोमाँचित हो उठा और पूछा- क्या तुमने उससे बात की थी?
यामिना- जी, उसको मैंने जाते ही बता दिया था, फ़लक बहुत खुश थी.

मैं- तुमने उसे सबकुछ अच्छे से समझा दिया न?
यामिना- मैंने उसे समझा दिया है कि यदि आप उससे खुश हुए तो नौकरी पक्की होगी, अब आगे आप देख लेना, मैं तो उसकी माँ हूँ, इतना ही कह सकती थी.

सवा ग्यारह बजे यामिना फ़लक को लेकर अंदर आई.
जैसे ही वे दोनों मेरे रूम में दाखिल हुई, रूम फ़लक के पर्फ्यूम और हुश्न से महक उठा. मेरी आँखें फटी की फटी रह गई.

फ़लक की जवानी कपड़ों में से फट कर बाहर झाँक रही थी.
कद थोड़ा छोटा, लगभग 5.2 इंच, रंग दूध जैसा गोरा, मोटी आंखें, चूचे इतने बड़े कि पेट के ऊपर टॉप की छतरी बनी हुई थी.

नीचे फ़लक ने बहुत ही टाइट जीन्स पहन रखी थी जिसमें उसके कसे हुए पट और ट्रॉएंगल में से उभर कर बाहर दिखाई देते चूत के मोटे भगोष्ठ और बाहर को निकली गोल सुन्दर कसी हुई गांड ने ग़जब ढा रखा था.

अंदर आते ही फ़लक ने मुझे गुड मॉर्निंग की और हाथ मिलाने के लिए अपनी सुन्दर नाजुक उँगलियों वाली हथेली मेरी ओर कर दी.

जैसे ही मैंने फ़लक की नाजुक हथेली को अपने हाथ में लिया मुझे लगा जैसे मेरे हाथ में कोई ग़ुलाब का फूल आ गया.
मेरा लौड़ा मेरी पैंट को फाड़ने लगा था.

मैंने उन दोनों को बैठने के लिए कहा तो यामिना कहने लगी- सर, आप फ़लक से बातें करें, मुझे बाहर कुछ काम है.

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

मुझे यामिना की ये बात पसन्द आई और उसके जाते ही मैंने अपना एक हाथ पैंट में उभरे लण्ड पर रख लिया.

फ़लक- सर, ये मेरी जॉब के लिए एप्लीकेशन है.

मैं एप्लीकेशन देखने लगा और उससे औपचारिक बातें करने लगा.

मैंने फ़लक को एक कागज और पेन दिया और कहा- मैं कुछ बोलूँगा, वह आप लिखती जाओ.
फ़लक लिखने में कुछ परेशान दिखने लगी.

मैंने कहा- मैं आपका नॉलेज टेस्ट ले रहा हूँ.

और मैंने उसे 8-10 अंग्रेजी के सेन्टेंस और 10-12 स्पेलिंग लिखने को बोला.

यह सब लिखवाने के बाद उससे पेपर लिया और लाल पेन ले कर गलतियों पर गोल दायरा लगा दिया.

गलतियाँ इतनी ज्यादा थीं कि फ़लक का रोने जैसा मुंह हो गया.
तभी यामिना भी पास आ कर खड़ी हो गयी.

मैंने फ़लक का पेपर यामिना की ओर बढ़ाते हुए कहा- मैडम फ़लक को तो कुछ भी नहीं आता है, थ्योरी के पेपर में तो ये बुरी तरह से फेल हो गई है. अब इसे कैसे नौकरी दूँ?

दोनों माँ बेटी एक दूसरे को देखने लगी.

advertisement
Free Hot Sex Kahani

मैंने फ़लक को कुछ और हिंदी-अंग्रेजी में लिखवा कर देखा.
यामिना मेरी तरफ देखती रही.

मैंने दोबारा से उसके पेपर पर लाल पेन से बहुत सारी गलतियाँ निकाल दीं.

अब मैंने फ़लक से कहा- सॉरी फ़लक यह नहीं हो सकता, आप तो पढ़ाई लिखाई में बिल्कुल ही पुअर हो.
मैंने यामिना को बाहर जाने को बोला, वह चली गई.

फ़लक कहने लगी- सर, प्लीज मुझे नौकरी की बहुत सख्त जरूरत है और यह मेरा और मेरी मम्मी का सपना है कि मैं आपकी कम्पनी की रेड यूनिफार्म पहनूँ, प्लीज मुझे किसी भी तरह से नौकरी दे दीजिए.

मैंने कहा- देखो फ़लक, थ्योरी में तो तुम बुरी तरह से फेल हो गई हो, हाँ अगर प्रैक्टिकल में पास हो गई तो देखते हैं.
फ़लक पूछने लगी- सर, प्रैक्टिकल कैसे होगा?

मैंने कहा- वह सब मैं तुम्हारी मम्मी को बता दूँगा. तुम्हें मेरे गेस्ट हाउस के रूम में आना होगा और वहाँ कंपनी की यूनिफॉर्म वैगरह पहनकर मुझे दिखानी होगी, कुछ चाल ढाल, नाज नखरे दिखाने होंगे जिससे मुझे अंदाजा लग सके कि तुम मार्केटिंग आदि के लायक हो या नहीं?

यह कहते हुए मैं फ़लक के बड़े बड़े मम्मों को ललचाई नजरों से देख रहा था.
एक जवान लड़की इस तरह की ललचाई नजरों को अच्छी तरह पहचान जाती है.

फ़लक को कुछ आशा बंधी और मेरे कहने का इशारा समझ कर मुस्कुराने लगी.
मैंने फ़लक को जाने के लिए बोल दिया.

जाते हुए फ़लक ने फिर हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे किया तो मैने उसके हाथ को पकड़ा और एक उंगली से उसकी हथेली में खारिश कर दी.

मुझे नहीं पता फ़लक उस इशारे को कितना समझ पाई लेकिन वह मेरे उस इशारे से खुश हो गई थी.

advertisement
कामुकता सेक्स स्टोरीज

फ़लक उठ कर चली गई और मेरे दिल में उठ रहे तूफान को अपनी मुस्कुराहट देकर और बढ़ा गई.

यामिना आई और मेरी ओर आशा भरी नजरों से देखने लगी.
मैंने अपनी गर्दन ‘न’ में हिलाते हुए यामिना को बताया कि फ़लक पढ़ाई-लिखाई में तो बिल्कुल जीरो है बाकी मैं उसे कुछ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देकर तैयार करने की कोशिश करूंगा, शायद बात बन जाये.

यामिना कुछ देर सोचती रही फिर बोली- साहब, इसे यह जॉब नहीं मिली तो मेरी समस्या और बढ़ जाएगी.
मैं- ऐसी क्या बात है?

यामिना- क्या बताऊँ, सर, अब आपसे क्या छिपाना है, इसकी उम्र ही ऐसी है, यह हर वक्त मोबाइल में गंदी फिल्में देखती रहती है, कल जब यह अपने कमरे में बैठी मोबाइल देख रही थी तो एक हाथ से अपनी जाँघों के बीच के हिस्से को धीरे धीरे सहला रही थी, एक रात को इसकी तरह तरह की सेक्सी आवाजें आ रहीं थीं, मैंने उठकर देखा तो यह अपने गाउन में हाथ डालकर उंगली से लगी हुई थी. अब मैं सोचती हूँ कि मैं तो ऑफिस आ जाती हूँ तो पीछे से कभी किसी सड़कछाप लड़के से फ्री फ़ोकट में कुछ करवा न बैठे?

यामिना की बात सुनकर मेरी तो खुशी का ठिकाना न रहा.
मुझे फ़लक की चूत इतनी पास लगने लगी कि दिल किया कि उसके पास जाऊं और गिरा कर चोद दूँ.

मैंने कहा- ठीक है. तुम उसे मेरे पास इतवार को सुबह 11.00 बजे गेस्ट हाउस के रूम में भेज देना.
यामिना कहने लगी- ठीक है, सर मैं उसे इतवार को 11:00 बजे आप के पास छोड़ जाऊंगी.

यह कह कर यामिना चली गई लेकिन मुझे फ़लक की सेक्सी बातें बता कर गर्म कर गई.

मैं फ़लक की मनःस्थिति समझ गया था और इस बात से आश्वस्त हो गया कि थ्योरी में फ़लक फेल होने के कारण मेरा लंड लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं करेगी.

मेरे लौड़े की बैचैनी बढ़ गई थी. मैं बहुत देर से चेयर पर बैठा लौड़े को बाहर किये अपने हाथ से ऊपर नीचे कर रहा था.

उसी वक्त यामिना मेरे रूम में एक पेपर देने आ गई.
मैंने यामिना को पकड़ लिया और स्कर्ट ऊपर करके लण्ड पर बैठने को कहा.

फ्री इरॉटिक सेक्स स्टोरीज
advertisement

यामिना- सर, कोई आ जायेगा?
मैंने कहा- कोई नहीं आएगा, एक बार अंदर लो.

चेयर को थोड़ा पीछे किया मैंने और यामिना का हाथ पकड़ कर उसे पीछे मोड़ा और स्कर्ट उठा कर, थोड़ा उसकी पैंटी को साइड में करके, लण्ड को चूत में डाल कर अपने ऊपर बैठा लिया.

लण्ड अन्दर तो फंस गया लेकिन यामिना की टाँगें जमीन पर न लगने से उसे ऊपर नीचे होने में परेशानी हो रही थी और वह मेरे ऊपर बैठकर चेयर में धंस गई.

मैंने उसे उठने को बोला और खड़े होकर उसको टेबल पर उल्टा करके पैंटी के नीचे से लौड़े को चूत में ठोक दिया.
यामिना लैपटॉप की स्क्रीन पर देखती रही, मैं अन्दर शॉट मारने लगा.

यामिना को मजा आने लगा.

पैंटी की किनारी बीच में अड़ रही थी, मैंने पैंटी को नीचे टाँगों तक खींच कर बाहर निकाल दिया और यामिना की चुदाई शुरू कर दी.

यामिना हाँफने लगी और बोली- सर, जल्दी करो.

मैंने यामिना की जांघों में हाथ डाला और उन्हें थोड़ा उठाकर चूत में शॉट मारने लगा.
20-25 शॉट के बाद मैंने वीर्य की पिचकारियों से यामिना की चूत को भर दिया और शान्त हो गया.

तब मैंने यामिना को सीधा किया तो वीर्य नीचे तक बहने लगा.
लैपटॉप की स्क्रीन पर बाहर सब चुपचाप बैठे अपना-अपना काम करते दिखाई दे रहे थे.

यामिना ने अपनी पैंटी उठाई और उससे अपनी चूत और टाँगें साफ की, गीली पैंटी को मेरी दराज में डाला और चुपके से बाहर निकल गई.
इस चुदाई में हमने 5 मिनट भी नहीं लगाए.

देसी चुदाई की कहानियाँ
advertisement

अभी फ़लक और यामिना की चुदाई की कहानी को थोड़ा यहीं पर विराम देता हूँ.

ऑफिस हिंदी XXX कहानी का मज़ा लेने के लिए धन्यवाद.
आपका राजेश्वर राज
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.

ऑफिस हिंदी XXX कहानी का अगला भाग: किस्सा ए दफ्तरी चुदाई- 5

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement