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कजन बहन को नंगा पड़े देखा
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 मेरा नाम सारिका है और मैं इंदौर में रहती हूं कॉलेज के बाद से मैं घर पर ही हूं क्योंकि मेरे माता-पिता ने मुझे कभी आगे जॉब करनी ही नहीं दी वह हमेशा कहते हैं कि तुम अब नौकरी कर के क्या करोगी तुम कुछ समय बाद दूसरे घर में चली जाओगी और तुम्हारी शादी हो जाएगी। मैं हमेशा ही सोचती हूं कि मेरे मम्मी पापा की मानसिकता कैसी है यदि वह चाहते तो मुझे कहते कि बेटा तुम अपने हिसाब से जी सकती हो उन्होंने मुझे कभी जीने की आजादी ही नहीं दी हमेशा ही मुझ पर दबाव बनाए रखा वह बचपन से ही मुझे कहते रहे कि तुम्हें तो शादी कर के दूसरे घर में चले जाना है।

मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी और मैं हमेशा ही फर्स्ट डिविजन से पास हुई लेकिन मेरे मम्मी पापा की मानसिकता ऐसी थी कि उन्हें कुछ भी फर्क नहीं पड़ता था उन्होंने मेरे दोनों भाइयों को पूरी छूट दी हुई थी और वह लोग अपने मनमर्जी की जिंदगी जीते थे मेरे बड़े भैया तो हमेशा ही घर बहुत देरी से लौटा करते हैं मुझे भी कई बार लगता कि मुझे ऐसी आजादी क्यों नहीं मिल पाई, कॉलेज के बाद तो मेरा घर पर ही समय बिता और मेरा मेरी सहेलियों से भी संपर्क टूट चुका था मुझे नहीं पता था कि यह सब कब तक चलेगा मैं घर पर परेशान हो जाया करती थी मैं सिर्फ अपनी मम्मी के साथ शाम के वक्त सब्जी लेने के लिए मार्केट जाया करती थी क्योंकि सब्जी बाजार हमारे यहां से थोड़ा दूरी पर है इसलिए हम लोग शाम के वक्त सब्जी लेने के लिए जाया करते थे। मेरी मम्मी मुझे हमेशा यह बात कहते रहते की तुम अब सारा काम सीख लो कुछ ही समय बाद तुम्हें लड़के वाले देखने के लिए आने वाले हैं, मुझे लगता कि जैसे मैंने अपनी जिंदगी आज तक जी ही नहीं है और अपनी मर्जी से मैं कुछ भी नहीं कर पाई हूं परंतु मैं किसी को यह बात कह भी नहीं सकती थी क्योंकि मेरे पास ऐसा कोई भी नहीं था जिससे मैं अपने दिल की बात शेयर कर पाती, मेरे मम्मी पापा ने तो मुझ पर हमेशा ही दबाव बनाए रखा था और वह तो यही चाहते थे कि मैं सिर्फ और सिर्फ घर पर ही रहा करूं बाकी इससे ज्यादा उन्होंने कभी मेरे बारे में सोचा भी नहीं। मेरी उम्र 26 वर्ष की हो चुकी है और पिछले दो वर्षों से मैं घर पर ही हूं एक दिन मुझे मेरी कजिन का फोन आया वह मेरी मामा की लड़की है उसका नाम कंचन है वह मुझे कहने लगी और सारिका तुम आजकल क्या कर रही हो?

मैंने कंचन से कहा आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई, वह कहने लगी कि बस सोचा कि आज तुम्हें फोन कर लूं क्योंकि मेरे पास तो समय होता ही नहीं है तुम्हें यह बात अच्छे से मालूम है, मैंने उसे कहा हां डॉक्टर साहिबा तुम्हारे पास कहां समय होगा तुम तो बहुत बिजी रहती हो। कंचल दरअसल पेशे से डॉक्टर है और वह दिल्ली में पोस्टेड है दिल्ली में ही मेरे मामाजी लोग रहते हैं, कंचन मुझे कहने लगी सारिका तुम आजकल क्या कर रही हो? मैंने उसे कहा बस क्या कर सकती हूं घर पर ही हूं। कंचन मुझसे दो-तीन वर्ष ही बड़ी है लेकिन मेरे मामा ने उसे हमेशा ही पूरी आजादी दी और वह डॉक्टर बनना चाहती थी तो मेरे मामा ने भी उसका पूरा सपोर्ट किया और आखिरकार वह डॉक्टर बन गई,  कुछ समय से वह दिल्ली में ही काम कर रही है जब उसने मुझे बताया कि मैं इंदौर आ रही हूं और इंदौर के एक हॉस्पिटल में अब मैं जॉब करने वाली हूं तो मैं बहुत खुश हो गई मैंने सोचा चलो कम से कम किसी से तो मैं अपने दिल की बात कह सकती हूं कंचन और मेरे बीच बहुत अच्छी बनती है लेकिन वह अपनी नौकरी की वजह से शायद बिजी रहती है इसलिए मुझसे उसकी बात कम हो पाती है परंतु वह मुझे बहुत अच्छे से समझती है मैं जब भी उससे मिला करती हूं तो वह मुझे हमेशा ही समझाती है और कहती है कि तुम अपने ऊपर हमेशा भरोसा रखा करो। मैं कंचन के इंदौर आने से बहुत खुश थी मैंने जब मम्मी को यह बात बताई तो मम्मी भी कहने लगी चलो कंचन के साथ कुछ समय बिताने का मौका तो मिलेगा। कंचन भी कुछ दिनों बाद इंदौर आ गई और उस दिन मेरे मामा भी आए हुए थे मेरे मामा को मैं काफी समय बाद मिली थी लेकिन कंचन से मिलकर मैं बहुत खुश हो गई और हम दोनों रूम में चले गए वहां पर हम दोनों बात करने लगे, मैंने कम से कहा कंचना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि कितने समय बाद मैं किसी से मिल रही हूं और तुमसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा।

मैंने उसे कहा मैं घर पर ही रहती हूं और मेरा कहीं जाना नहीं हो पाता है चलो कम से कम तुम्हारे साथ तो अब मुझे कहीं जाने का मौका मिलेगा, कंचन मुझे कहने लगी कि हां क्यों नहीं बस मैं कुछ दिन बाद हॉस्पिटल में जॉइनिंग कर लूं उसके बाद तो जिस दिन मेरी छुट्टी होगी उस दिन मैं तुम्हारे साथ चलूंगी। मैं बहुत खुश थी मेरे मामा हमारे घर पर ही रुके उसके बाद मामाजी दिल्ली वापस लौट गए कंचन ने भी अस्पताल जॉइन कर लिया था और उसके बाद जब उसकी छुट्टी होती तो हम दोनों को समय मिल जाता है मैं कंचन से अपने दिल की बात शेयर किया करती थी कि यार वाकई में मैं तो परेशान हो चुकी हूं घर में ऐसा लगता है कि जैसे कोई आजादी ही नहीं है मैंने तो यह भी सोच लिया है कि मेरी शादी हो जाएगी और उसके बाद मैं शायद कुछ कर ही नहीं पाऊंगी मामा जी ने तुम्हारे लिए कितना कुछ किया है उन्होंने तुम्हें पूरी आजादी दी और तुम भी एक डॉक्टर बन गई मैं जब भी तुम्हें देखती हूं तो मैं सोचती हूं कि शायद मैं भी तुम्हारी तरह ही होती लेकिन मेरे मम्मी पापा की जिद की वजह से शायद मैं यह सब नहीं कर पाई, कंचन कहने लगी कोई बात नहीं सब कुछ अच्छा ही होगा तुम फिकर मत किया करो मैंने उसे कहा अब कब अच्छा होगा पिछले दो वर्षों से मैं घर पर ही हूं और कॉलेज खत्म होने के बाद से मैं घर पर परेशान हो गयी हूं।

कंचन मुझसे कहने लगी तो क्या तुमने कोई लड़का अपने लिए पसंद किया है, मैंने उसे कहां मुझे घर से बाहर जाने का मौका ही नहीं मिल पाता तो मैं लड़का कहां से पसंद करूं लेकिन कंचन ने भी मुझे कुछ नहीं बताया और उस दिन हम दोनों घर वापस लौट आए कुछ समय बाद कंचन ने अपने लिए एक घर ले लिया मम्मी और पापा तो चाहते थे कि कंचन हमारे साथ ही रहे लेकिन कंचन को फ्रीडम चाहिए थी इसलिए उसने एक घर किराए पर ले लिया, शायद यह मेरे लिए भी अच्छा होगा कम से कम कंचन को मिलने के बहाने मैं कुछ देर अपनी जिंदगी तो जी सकती थी इसलिए मैं जब भी कंचन को मिलने के लिए जाती तो मैं उसके फ्लैट पर ही आराम से बैठी रहती और अपने दोस्तों से जी भर कर फोन पर बातें किया करती कंचना और मैं भी खूब मस्ती किया करते उसे वैसे तो समय नहीं मिल पाता था लेकिन जब भी उसे समय मिलता तो वह मेरे साथ बहुत ही मस्ती किया करती और कहती तुम्हारे चेहरे पर तुम्हारी मुस्कान देख कर अच्छा लगता है यदि तुम दुखी रहती हो तो मुझे भी अच्छा नहीं लगता। कंचन मुझे बचपन से ही बहुत अच्छा मानती हैं और मैं भी कंचन की बहुत रिस्पेक्ट करती हूं हालांकि वह मेरी बहन है लेकिन वह मुझे अच्छी तरीके से समझती है और मैं भी उसको बहुत ही अच्छे तरीके से समझती हूं कि वह हमेशा मेरा अच्छा ही चाहती है। एक दिन में कंचन से मिलने जाती हूं वह किसी से फोन पर बात कर रही थी। उसे शायद यह पता नहीं चला कि मैं घर आ चुकी हूं क्योंकि उसने दरवाजा खुला रखा था मैंने जैसे ही उसके बेडरूम के दरवाजे से देखा तो वह नंगी लेटी हुई थी और अपनी चूत में उसने डिल्डो डाला था वह किसी से फोन पर बात कर रही थी।

मैं यह देखकर उत्तेजीत हो गई मैं अपनी चूत में उंगली करने लगी। जैसे ही कंचन ने मुझे देखा तो कंचन मुझे कहने लगी तुम वहां क्या कर रही हो। उसने मुझे अंदर बुलाया हम दोनों एक दूसरे के बदन को चाटने लगे और महसूस करने लगे। उसने मेरी चूत को बड़े अच्छे से चाटा कुछ देर बाद वह जिस लड़के से फोन पर बात कर रही थी वह भी घर पर आ गया उसका नाम हर्षित है। हर्षित ने जैसे ही हम दोनों के बदन को पूरी तरीके से चाटा तो मुझे मजे आने लगे। वह मेरी चूत के मजे ले रहा था मुझे नहीं पता था कि कंचन लैसबियन है वह मेरी चूत को बड़े अच्छे से चाट रही थी। जैसे ही हर्षित ने अपने लंड को मेरी योनि में डाला तो मुझे दर्द महसूस होने लगा मैं चिल्लाने लगी उसने मेरी सील तोड़ दी थी उसके साथ मुझे अपनी चूत मरवाकर बढ़ा ही मजा आ रहा था। उसने मेरे साथ काफी देर तक संभोग किया मेरी चूत का बुरा हाल हो चुका था।

जब उसने कंचन को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मैं देख रही थी मैं बिस्तर पर लेटी हुई थी वह रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी वह अपने मुंह से मेरे स्तनो को चूस रही थी, उसे भी बहुत दर्द हो रहा था। हर्षित ने अपने वीर्य को कंचन के ऊपर गिरा दिया कंचन ने उसके वीर्य को अपने पूरे शरीर पर फैला लिया। उसके बाद हम तीनों साथ में बैठ गए मैंने कंचन से कहा कंचना तुम तो बहुत ही ज्यादा सेक्स की भूखी हो। कंचन कहने लगी यह मेरा बॉयफ्रेंड हर्षित है मैं कभी भी इसे किसी दूसरे के साथ सेक्स करने से नहीं रोकती तुम्हे भी तो आज  हर्षित के साथ सेक्स करने में मजा आया होगा। मैंने उसे कहा हां मुझे भी बहुत अच्छा लगा, मैंने कंचन से कहा तुम तो लैसबियन हो वह कहने लगी हां मुझे तो लड़कियों के साथ भी सेक्स करने में मजा आता है। उसके बाद में कंचन के पास आने लगी कंचन और मैं जब एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेते तो हम दोनो को मजा आता।

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