मै, मेरी भाभी और मेरा बॉयफ्रेंड

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जब मेघा भाभी ने हमारे घर पर अपना पहला कदम ही रखा था तो मुझे लगता था कि वह घर को अपना मान लेंगे क्योंकि भैया मुझसे बड़े हैं और मैं अभी कॉलेज में ही थी। मेरा नाम सोनल है और मेरे बड़े भैया का नाम रोहित है, मेरी भाभी मेघा जो कि दिखने में बेहद खूबसूरत और सुंदर है। वह इतनी ज्यादा सुंदर थी कि जब उन्होंने हमारे घर पर अपना पहला ही कदम रखा था तो सब लोग उनकी सुंदरता की बड़ी तारीफ किया करते थे और हमेशा कहते कि मेघा दिखने में बेहद खूबसूरत है। जब भाभी श्रृंगार कर के घर से बाहर निकलती तो आस पड़ोस की महिलाओं में जलन की भावना पैदा हो गई इसी वजह से वह लोग मेघा भाभी को बिल्कुल भी अच्छी नहीं मानते थे।

 मेघा भाभी कि सुंदरता उनके आड़े आ रही थी। सब कुछ तो ठीक चल ही रहा था और भैया का भी प्रमोशन अभी कुछ समय पहले ही हुआ था उनके प्रमोशन को हुए कुछ ही समय हुआ था। उन्होंने अपने दोस्तों के लिए घर में छोटी सी पार्टी भी रखी थी लेकिन उस पार्टी के दौरान मुझे जो नजारा देखने को मिला उससे मैं बिल्कुल चकित रह गई। भैया और मेघा भाभी के बीच में बिल्कुल भी बातचीत नहीं हो रही थी वह दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर रहे थे मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी क्योंकि मैं रोहित भैया से सिर्फ काम की ही बातें किया करती थी। वह मुझसे उम्र में 5 बरस बड़े हैं मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं और उनसे ज्यादा कुछ बातें नहीं करती। मेरी चिंता का कारण तो यही था कि रोहित भैया और मेघा भाभी आपस में बात नहीं कर रहे हैं इसके पीछे की वजह मैं जानना चाहती थी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि रोहित भैया और मेघा भाभी के बीच में दूरियां हो इसी के चलते मैंने रोहित भैया से बात की। मैंने रोहित भैया से पूछा भैया क्या आप और मेघा भाभी आपस में बात नहीं कर रहे हैं तो रोहित भैया कहने लगे नहीं सोनल ऐसी तो कोई बात नहीं है। मैंने दोबारा भैया से इस बारे में नहीं पूछा क्योंकि मुझे भैया से पूछने में अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए मैंने भैया से दोबारा यह सवाल नहीं पूछा। जब मैंने मेघा भाभी से भी इस बारे में बात करने की कोशिश की तो वह भी मेरे सवालो से बचती हुई नज़र आई। वह कहने लगी सोनल ऐसा कुछ नहीं है शायद तुम्हे ऐसा लगा होगा हम दोनों तो आपस में बात कर रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि हम दोनों के बीच में कोई ऐसी दूरी है।

यह दूरी भैया और भाभी के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी भैया की शादी को ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन भैया ना जाने क्यों गुमसुम से रहने लगे थे और मुझे भी चिंता सताने लगी थी। रात के वक्त मुझे भी नींद नहीं आती मैं अपने कमरे में सोने की कोशिश करती लेकिन मेरी आंखों से नींद गायब थी नींद ना जाने कहां मेरी आंखों से दूर हो चुकी थी। मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था कि भाभी और भैया के बीच में बातचीत नहीं है क्योंकि मैं बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि भैया और भाभी एक दूसरे से अलग हो या उनके बीच में ऐसी भी कोई बात हो जिससे कि उन दोनों के बीच के रिश्ते में कोई दरार पड़ जाए। मैंने इस बारे में जानने के लिए रोहित भैया और मेघा भाभी के कमरे के दरवाजे पर चोरी छुपे सुनने की कोशिश की कि आखिर दोनों क्या बात करते हैं। उस दिन मुझे जो पता चला उससे मैं पूरी तरीके से हैरान रह गई, मेघा भाभी का किसी लड़के के साथ में प्रेम संबंध चल रहा था और यह बात रोहित भैया को पता चल चुकी थी जिससे कि वह बहुत नाराज थे इसी बात से उन दोनों के बीच में दूरियां बढ़ती जा रही थी। मुझे अब यह बात तो पता चल चुकी थी कि आखिरकार उन दोनों के बीच में ऐसा क्या हुआ है जिससे उन दोनों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है। उसी के चलते मैंने मेघा भाभी को समझाने का प्रयास किया और उन्हें एक दिन अपने साथ मॉल में घुमाने के लिए ले गई। जब हम दोनों मॉल में गए तो भाभी उस दिन बेहद सुंदर लग रही थी और उनके होटो के ऊपर जो तिल है वह उनकी सुंदरता में चार चांद लगा देता लेकिन भैया और भाभी की दूरियां तो बढ़ चुकी थी और उनके रिश्ते में दरार आ चुकी थी।

उनकी इस दूरी को दूर करने का मैंने प्रयास किया मैने मेघा भाभी को समझाने की कोशिश की। मेघा भाभी कहने लगी उस दिन मेरे फोन पर मेरे एक पुराने दोस्त का फोन आया और रोहित ने मेरी बातें सुन ली उसके बाद से वह मुझ पर शक कर रहे हैं मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे इस रिश्ते को बचाऊं। भाभी भी बहुत परेशान थी लेकिन मुझे यह समझ नहीं आया कि इसमें रोहित भैया की गलती है या फिर मेघा भाभी की इसमे गलती हैं। दोनों के रिलेशन में दूरियां पैदा होने लगी थी और इसी दौरान मेरी भी जॉब बेंगलुरु में लग गयी पहले मैं सोचने लगी कि मैं बेंगलुरु नहीं जाऊंगी लेकिन जब मुझे रोहित भैया ने कहा कि सोनल तुम बेंगलुरु चली जाओ तुम्हारा वहां पर बहुत अच्छा फ्यूचर है तुम अपने भविष्य को क्यों बर्बाद कर रही हो। उनके कहने से मैं बेंगलुरु चली गई और वहां पर मैं जॉब करने लगी लेकिन मुझे घर की काफी चिंता सताती रहती थी और मैं भैया और भाभी के बारे में हमेशा अपनी मां से पूछा करती। उन्हें भी इस बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था लेकिन जैसा मैंने सोचा था बिल्कुल वैसा ही हुआ भाभी अब भैया से दूर जा चुकी थी और उन दोनों के बीच डिवोर्स तक की नौबत आ चुकी थी। मैंने भैया और भाभी से बात की और उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन दोनों के मन में शक का बीज पैदा हो चुका था और वह एक दूसरे से अलग होना चाहते थे। मैं अपनी जॉब में इतनी व्यस्त हो चुकी थी कि मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था और मैं सोच रही थी कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर पुणे हो आऊं लेकिन वहां जाने तक का मुझे समय नहीं मिल पाया और मैं पुणे ना जा सकी।

 रोहित भैया और मेघा भाभी के बीच में दीवार पैदा हो चुकी थी लेकिन मेरे रिश्ते की शुरुआत हो चुकी थी। मेरी मुलाकात बेंगलुरु में आदित्य से हुई आदित्य और मेरी मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के माध्यम से हुई और हम दोनों की अच्छी दोस्ती होने लगी। हम दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे हालांकि आदित्य आईटी कंपनी में मैनेजर था और मेरा उससे काम बिल्कुल अलग था लेकिन उसके बावजूद भी हम दोनों अपने ऑफिस से फ्री होने के बाद एक दूसरे से मुलाकात करते थे। जब हम दोनों एक दूसरे से मुलाकात करते तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता और एक दूसरे से हम लोग घंटो तक फोन पर भी बातें किया करते थे। रोहित भैया और मेघा भाभी के बीच की दूरियां तो बढ़ चुकी थी लेकिन मेरे और आदित्य की नजदीकी अब बहुत ज्यादा होने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे के बिना अब रह भी नहीं सकते थे और हम दोनों ने एक दूसरे से अपने दिल की बात कह दी और एक दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लिया। मैंने और आदित्य ने साथ में रहने का फैसला कर लिया था मेरी भाभी मेघा भी भैया से नाराज थी। मैं आदित्य को अपने साथ अपने घर ले आई जब आदित्य मेरे परिवार वालों से मिला तो उसे बहुत अच्छा लगा। वह कहने लगा तुम्हारी परिवार में सब लोग कितने अच्छे हैं तुम्हारी भाभी तो बहुत ज्यादा सुंदर है लेकिन उसे इस बारे में मालूम नहीं था कि भाभी और  भैया के बीच बिल्कुल नहीं बनती। रात के वक्त आदित्य और मैं साथ में बैठ कर बात कर रहे थे लेकिन ना जाना ऐसा क्या हुआ कि हम दोनों ही अपनी जवानी पर काबू ना कर सके। आदित्य ने जैसे ही मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया तो मैं उत्तेजित होने लगी और पूरी तरीके से मेरा शरीर गर्म होने लगा।

 आदित्य ने मेरे होठों का रसपान काफी देर तक किया हम दोनों एक ही रूम में थे। उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए तो वह मुझे कहने लगा सोनल तुम्हारे बदन का हर हिस्सा कितना लाजवाब है मैं देख कर खुश हो गया हूं। यह कहते ही उसने मेरी योनि को चाटना शुरू किया हुआ काफी देर तक वह मेरी योनि और रसमान करता रहा। जब मैंने उसे कहा तुम मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दो तो उसने कहा थोड़ी देर तो रुक लेकिन मुझसे बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। आदित्य ने धक्का देते हुए अपने मोटे लंड को मैंने योनि के अंदर घुसाया और मेरी सील टूट चुकी थी मेरी योनि से खून का बहाव तेजी से होने लगा मेरी योनि से इतना ज्यादा खून निकलने लगा कि मेरे मुंह से सिर्फ तेज चीख निकल रही थी। मेरी आवाज इतनी ज्यादा तेज आने लगी तो भाभी यह सुनकर रूम मे आ गई। मेघा भाभी ने हम दोनों को नग्न अवस्था में देखा तो वह कहने लगी तुम यह क्या कर रहे हो। उन्होंने मेरी तरफ देखा आदित्य ने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया लेकिन वह आदित्य के लंड को देखकर उसे मुंह मे लेने को तैयार हो गई।

उन्होंने आदित्य के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और उसे बहुत अच्छे से चूसतती रही जिससे कि उनके बदन से गर्मी बाहर निकलने लगी। उन्होंने अपने कपड़े खोलकर उतार दिए मैंने जब उनके स्तनों को देखा तो मै उनके स्तनों को चूसने लगी। उनके स्तनों से मैंने खून निकाल कर रख दिया मेरा मन ही नहीं भर रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे उनके स्तनों को चूसते रहूं मेरा भाभी के प्रति कुछ ज्यादा ही लगाव था। जब आदित्य ने उन्हें घोडी बनाकर चोदना शुरू किया तो वह आदित्य का पूरा साथ देती मेघा भाभी ने मेरी योनि को भी अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा। आदित्य मेघा भाभी की चूत मारे जा रहा था और मैं उत्तेजित हो चुकी थी। जब आदित्य ने मेघा भाभी की योनि में वीर्य को गिराया तो आदित्य ने मेरे दोनों पैरों को खोलते हुए चोदना शुरू किया और काफी देर तक वह मेरी चूत मारता रहा। मेरी इच्छा भर गई हम तीनों ही खुश हो गए उसके बाद मुझे भाभी के साथ अंतरंग संबंध बनाने में मजा आने लगा।