दुनिया बहुत छोटी है

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मैं अपने दोस्त निखिल के साथ पहली बार उसके घर पर गया था निखिल और मेरी दोस्ती ऑफिस में हुई, हम दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ती गई, मैं निखिल के घर पहली बार ही गया था, मैं जब निखिल के घर पर गया तो मैं उसके पापा मम्मी और उसके बड़े भैया से मिला जब मैं उनके घर पहली बार गया तो मुझे उसके माता-पिता और उसके बड़े भैया से मिलकर बहुत अच्छा लगा वह लोग बहुत ही व्यवहारिक और बड़े अच्छे हैं। मैंने निखिल से कहा तुम्हारे परिवार वाले तो बहुत अच्छे हैं, वह कहने लगा यह सब मेरे पिताजी की वजह से ही है वह बहुत ही समझदार व्यक्ति हैं और उन्हीं की वजह से हमारे घर का माहौल हमेशा सही रहता है। जब निखिल और मैं आपस में बात कर रहे थे तो उस वक्त उसकी चाची भी उनके घर पर आ गई, निखिल ने मुझे अपनी चाची से मिलवाया उसकी चाची की उम्र ज्यादा नहीं थी उसकी चाची की उम्र यही कोई 35 वर्ष के आसपास की थी, निखिल ने जब मुझे उनसे मिलाया तो निखिल कहने लगा यह मेरी चाची है और यह हमारे पड़ोस में ही रहती हैं, पहले वह लोग साथ में ही रहते थे लेकिन कुछ समय से वह लोग अलग रहने के लिए चले गए।

निखिल ने मुझे बताया कि मेरे चाचा एक दिन मेरे पिताजी से कहा कि अब हम लोग अलग रहना चाहते हैं इसीलिए मेरे चाचा ने हमारे पड़ोस में ही घर बना लिया उसके लिए मेरे पिताजी ने उन्हें पैसे भी दिए थे क्योंकि वहां पर हमारा खाली प्लाट था तो उन्होंने वहां पर घर बना लिया, मैंने निखिल से पूछा लेकिन तुम्हारे चाचा जी कहां है? वह कहने लगा चाचा जी तो ग्वालियर में काम करते हैं वह वहां सरकारी विभाग में है और चाची भी एक स्कूल में पढ़ाती है लेकिन निखिल की चाची को देख कर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह मेरी तरफ बड़े ध्यान से देख रही हैं मैं उनके चेहरे की तरफ देख रहा था उनके चेहरे पर एक अलग ही प्रकार की चमक थी, मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि वह मुझसे कुछ कहना चाहती है लेकिन उस वक्त निखिल हमारे साथ बैठा था इसलिए हम लोगों की उस दिन ज्यादा बात नहीं हो पाई और उसके बाद मैं निखिल के घर से अपने घर चला गया, मैं जब अपने घर आया तो मेरी मम्मी कहने लगी बेटा तुम्हें मेरे साथ अगले हफ्ते मेरी सहेली के घर जाना है, मैंने उनसे कहा मम्मी आप खुद ही चले जाइए, मेरी मम्मी कहने लगी बेटा मैं अकेले कैसे जाऊं मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है और तुम्हारे पापा कह रहे हैं उन्हें किसी काम से कहीं बाहर जाना है तो तुम ही मेरे साथ उनके घर चलना, मैंने कहा ठीक है मम्मी मैं आपके साथ अगले हफ्ते आ जाऊंगा।

अब मैं अपने ऑफिस जाने लगा अगले हफ्ते मेरी मम्मी के साथ मैं उनकी सहेली के घर चला गया जब मैं उनके घर पर गया तो मैं उनके घर पहली बार ही गया था मैं उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता था, मेरी मम्मी ने जब मुझे अपनी सहेली से मिलाया तो वह मुझसे पूछने लगी बेटा तुम क्या करते हो? मैंने उन्हें अपनी कंपनी के बारे में बताया और उन्हें बताया कि मैं वहां पर क्या काम करता हूं। वह कहने लगी यह तो बहुत अच्छी बात है, मै उनके सोफे पर बैठा हुआ था और मैं बहुत बोर हो रहा था हम लोगों को आए हुए 15 मिनट ही हुए थे तभी बाहर से कोई गेट में बैल बजा रहा था वह आंटी उठ कर गई तो कुछ देर बाद जब मैंने देखा वह तो निखिल की चाची हैं, जब उन्होंने मुझे देखा तो वह मुझे देखते ही पहचान गए और मुझे कहने लगी तुम तो निखिल के दोस्तों हो और तुम कुछ दिनों पहले हमारे घर पर भी आए थे, मैंने उनसे कहा हां मैं कुछ दिनों पहले आपके घर पर भी आया था। मेरी मम्मी की सहेली कहने लगे क्या तुम लोग एक दूसरे को पहचानते हो? मैंने उनसे कहा हां मैं अपने दोस्त निखिल के घर गया था, उसके बाद जब उन्होंने मुझे बताया कि यह मेरी बेटी है तो मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ उस दिन मुझे उनका नाम पता चला उनका नाम सुहानी है वह मुझसे कहने लगी जब मैं तुम्हें देख रही थी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैंने तुम्हें कहीं देखा है, मैंने उनसे कहा लेकिन मैं आपसे उस दिन पहली बार ही मिला था, वह कहने लगी मैंने तुम्हें आंटी के साथ एक बार देखा था लेकिन उस दिन हमारी बात नहीं हो पाई थी।

मेरी मम्मी कहने लगी सुहानी को तो मैं बचपन से देखती आ रही हू हम लोग उनके घर पर एक घंटा रुके और जब हम लोग घर वापस आए तो मेरी मम्मी कहने लगी बेटा कभी तुम निखिल को भी हमारे घर पर ले आओ, मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी मैं निखिल को किसी दिन घर पर ले आऊंगा, मैंने जब ऑफिस में यह बात निखिल को बताई तो निखिल कहने लगा आकाश देखो दुनिया कितनी छोटी है सब लोग एक दूसरे से परिचित निकल ही जाते हैं, मैंने उससे कहा हां निखिल तुम बिल्कुल सही कह रहे हो उसके बाद तो निखिल का भी मेरे घर पर आना जाना लगा रहा और मैं भी निखिल के साथ उसके घर पर चला जाया करता था। मैं भी सुहानी से उसके बाद मिलता रहा लेकिन मुझे नहीं पता था कि एक दिन हम दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन जाएगा। मैं एक दिन निखिल के घर पर चला गया मैं जब उसके घर गया तो उस दिन वह कहीं गया हुआ था मैंने सोचा मैं सुहानी से मिल लेता हूं। मैं जब सुहानी से मिला तो उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा मैं वहीं पर बैठ गया। हम दोनों बैठ कर बातें कर रहे थे तभी ना जाने बीच में कहां से हम दोनों की सेक्स को लेकर बातें शुरू हो गई। हम दोनों एक दूसरे के आगोश मे आने को बेताब हो गए मैंने भी सुहानी को अपनी बाहों में ले लिया।

मैंने उसे अपनी बांहों में लिया तो जैसे उसे मुझसे कोई भी आपत्ति नहीं थी। वह मुझे कहने लगी आकाश तुम यह मत करो लेकिन वह सिर्फ यह मुझे और भी ज्याद उकसाने के लिए कह रही थी मैंने भी सुहानी के गुलाबी होठों को अपने होठों में लिया तो उसके होठों को मुझे अपने होठों से छोडने का मन कर ही नहीं रहा था मैं उसके होठों का जमकर मजा ले रहा था। जब हम दोनों के अंदर गर्मी ज्यादा होने लगी तो मैंने सुहानी से कहा मुझे अब तुमसे सेक्स करना है। उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा मैंने भी धीरे से उसके कपड़े उतारते हुए उसे अपने सामने नंगा कर दिया। जब मैंने उसके बड़े स्तन और उसकी बड़ी गांड को देखा तो मैं सिर्फ उन्हें निहारता ही रहा मैंने जब अपने हाथों से उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो मेरे अंदर और भी ज्यादा जोश बढ़ने लगा मैंने सुहानी से कहा अब मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया मेरा लंड उसकी चूत में तो चला गया मुझे उसे धक्के मारने में मजा आने लगा तो मेरा उसे छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था मैं लगातार तेज गति से धक्के मार रहा था। मुझे इतना ज्यादा मजा आने लगा कि मेरा वीर्य ना जाने कब सुहानी की चूत में ही जा गिरा उसके बाद वह पूरे जोश में आ चुकी थी।

जब उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया तो मेरे लंड से वीर्य की बदबू आ रही थी उसने मेरे लंड को अपने मुंह में ले कर सकिंग करना शुरू कर दिया वह बड़ी ही तेजी से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी जब मेरा लंड दोबारा से तन कर खड़ा हो गया तो उसने मुझे अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की, जब मैंने दोबारा से उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उसकी चूत से मैंने उस दिन खून निकाल दिया। सुहानी मुझे कहने लगी तुम्हारे लंड ने तो मेरी योनि को पूरी तरीके से छिल कर रख दिया है। मैंने उसे कहा मेरा लंड भी तो तुम्हारी इस चिकनी योनि के मजे लेकर अपने आप को बहुत ही खुश महसूस कर रहा है। वह मुझे कहने लगी मेरी तो तुम पर पहले से ही नजर थी जब उसने यह बात मुझसे कही तो मैं उसकी सेक्स की भूख को समझ चुका था और उस दिन के बाद तो जैसे वह हर रोज मुझे अपनी नंगी तस्वीर भेजने लगी और मुझे अपने पास सेक्स करने के लिए हमेशा बुलाती रहती। मुझे भी उसके पास जाना अच्छा लगने लगा था लेकिन यह बात निखिल को मैंने कभी नहीं बताई और ना ही मैं उसे कभी इस बारे में कुछ बताना चाहता था।