आज भी याद आती है

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मेरा नाम दीपिका है मैं राजस्थान के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं मेरी शादी को पांच वर्ष हो चुके हैं लेकिन इन पांच वर्षों में मैं कभी भी अपने दिल से रंजीत के ख्याल को नहीं निकाल पाई, रंजीत मेरा बॉयफ्रेंड था लेकिन उससे मेरी शादी नहीं हो पाई मेरे पिताजी ने अपनी इज्जत की खातिर मेरी शादी कहीं और ही करवा दी, मैं इस रिश्ते से खुश तो नहीं हूं लेकिन अब मैं भी मजबूर हूं और अब तो मैं कुछ भी नहीं कर सकती। घर पर रहकर मैं सिर्फ इसी बारे में सोचती हूं कि रंजीत और मेरे बीच में कितना ज्यादा प्यार  था रंजीत मेरा बहुत ही ख्याल रखता था, हम दोनों की मुलाकात गांव में ही हुई थी रंजीत की मौसी हमारे गांव में रहती है इसलिए वह हमारे गांव में आया हुआ था रंजीत की मौसेरी बहन मेरी बहुत अच्छी सहेली है इस वजह से मैं रंजीत की मौसी के घर पर अक्सर जय करती थी उसी बीच हम दोनों की मुलाकात हुई।

पहले तो मुझे रंजीत कुछ ठीक नहीं लगा इसलिए मैंने उससे कोई भी संपर्क नहीं रखा लेकिन जब अगली बार मेरी रंजीत से मुलाकात हुई तो रंजीत मेरे ऊपर पूरी तरीके से फिदा हो गया और वह कहने लगा मुझे तो तुम्हारे साथ ही अपना जीवन बिताना है, रंजीत ने मुझे अपने दिल की बात कह दी मुझे उस वक्त कुछ भी ठीक नहीं लगा क्योंकि रंजीत एक राजपूत परिवार से था और मैं एक ब्राह्मण परिवार से इसी वजह से मैंने रंजीत को मना कर दिया और कहा की जब हम दोनों एक दूसरे के साथ जीवन बिता ही नहीं पाएंगे तो इस बारे में सोच कर शायद हम दोनों अपना ही समय बरबाद करेंगे मैंने रंजीत को काफी समझाया लेकिन रंजीत तो जैसे यह ठान कर बैठा हुआ था कि वह मुझसे शादी कर के ही मानेगा। मेरी उम्र 19 वर्ष की थी और शायद मेरी समझ भी उतनी नहीं थी मुझे रंजीत के साथ समय बिताना अच्छा लगता हम दोनों देर तक मेरे घर के लैंडलाइन फोन पर बात किया करते थे हमारे घर पर अब भी लैंडलाइन फोन है रंजीत मुझे उसी पर फोन किया करता था और मैं रंजीत से फोन पर ही बात किया करती, हम दोनों एक दूसरे के बिना अब रह नहीं पा रहे थे इसलिए मैंने भी रंजीत के साथ अपने जीवन को बिताने की ठान ली थी।

मैं और रंजीत एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे लेकिन मुझे नहीं पता था कि रंजीत और मुझे मेरे पिताजी पकड़ लेंगे, मैं रंजीत से फोन पर बात कर रही थी तभी मेरे पिताजी भी पीछे से आ गए और शायद उन्होंने मेरे और रंजीत के बीच हुई बात को सुन लिया था उन्होंने उस वक्त मुझे कुछ भी नहीं कहा शाम के वक्त जब हम सब लोग साथ में बैठकर खाना खा रहे थे तो मेरे पिताजी मुझे कहने लगे लगता है दीपिका अब तुम बड़ी हो चुकी हो, मैंने पापा से कहा आप ऐसी बात क्यों कर रहे हैं, वह कहने लगे बेटा अब तुम समझ जाओ यदि तुम अभी नहीं समझी तो मुझे मजबूरी में तुम्हारी शादी कहीं और करवानी पड़ेगी और मैं नहीं चाहता कि मैं इतनी जल्दी तुम्हारी शादी कहीं और करवा दूं। मैं तो पूरी तरीके से डर गई थी मुझे कुछ भी समझ नहीं आया जब मुझे मेरे पापा ने कहा कि यह आखिरी मौका है यदि आज के बाद कभी भी मुझे तुमने शिकायत का मौका दिया तो मैं तुम्हारी उसी दिन किसी और से शादी करवा दूंगा और वैसे भी अब मैंने तुम्हारे लिए लड़का ढूंढना शुरू कर दिया है क्योंकि मुझे लगता है कि अब तुम बड़ी हो चुकी हो, मैंने अपने पापा से कहा कि पापा अभी तो मेरा स्कूल पूरा हुआ है और अभी मैंने कॉलेज में जाना शुरू किया है और आप अभी से मेरे ऊपर शादी का दबाव बनाने लगे हैं। मेरे पापा बहुत ज्यादा गुस्से में हो गए मेरी मम्मी ने मुझे चुप कराया और कहने लगी कि तुम अपने पापा से जबान लड़ाने लगी हो, पापा चुपचाप खाना खाकर अपने कमरे में चले गए और मैं अपने बरामदे में बैठी रही मुझे उस रात नींद ही नहीं आई मैं सिर्फ रंजीत के बारे में सोचती रही, मुझे बहुत बुरा लग रहा था और उस रात मेरी रंजीत से बात ही नहीं हो पाई मैं रात भर सिर्फ रंजीत के बारे में ही सोचती रही, अगले दिन सुबह मेरी मुलाकात रंजीत से कॉलेज के गेट में हुई रंजीत मुझे कहने लगा तुम आज मुझसे बात क्यों नहीं कर रही हो, मैंने उससे कहा मुझे अब तुमसे कोई भी बात नहीं करनी और ना ही मुझे तुमसे कोई मतलब है।

रंजीत मुझे कहने लगा आज तुम्हारे व्यवहार में इतना ज्यादा परिवर्तन कैसे आ गया, मैंने उसे कहा देखो रंजीत अब तुम मुझे भूल जाओ मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से मेरे पापा का नाम बदनाम हो या फिर उन्हें कोई कुछ गलत कहे तुम अब मुझे भुला दो यही हम दोनों के लिए बेहतर होगा, रंजीत मुझसे कहने लगा लेकिन यह कैसे हो सकता है मैं तुम्हें कभी नहीं भुला सकता और यदि मैं तुम्हें भुला दूंगा तो मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता। वह मुझे बहुत कुछ बातें कहने लगा लेकिन मैंने उससे बात ही नहीं की और मैं चुपचाप उस वक्त बस में बैठकर वहां से चली गई, रंजीत ने मेरे घर पर फोन किया लेकिन मैंने उसका फोन भी नहीं उठाया वह कुछ दिन बाद अपनी मौसी के घर पर आ गया मैं उसकी मौसी के घर पर गई हुई थी तो वह मुझे कहने लगा दीपिका मुझे तुमसे जरुरी बात करनी है। रंजीत और मेरी उस दिन काफी देर तक बात हुई रंजीत ने मुझे अपनी बातों में पूरी तरीके से अपने साथ भागने के लिए मजबूर कर दिया और हम दोनों घर से भागने की तैयारी करने लगे, मेरे अंदर हिम्मत तो नहीं थी लेकिन रंजीत ने मुझे कहा कि अब हम दोनों घर से भाग चलते हैं, मैं भी रंजीत की बातों में आ गई उस वक्त मेरी उम्र ज्यादा नहीं थी इसलिए रंजीत ने मुझे अपनी बातों से पूरी तरीके से प्रभावित कर लिया और हम दोनों ने पंजाब जाने की सोची क्योंकि पंजाब में रंजीत के कोई चाचा जी रहते हैं रंजीत ने मेरी उनसे फोन पर भी बात करवा दी थी, उन्होंने कहा कि यदि तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो तो तुम दोनों एक दूसरे से शादी कर सकते हो क्योंकि तुम दोनों बलिक हो चुके हो।

मेरी उम्र उस वक्त 19 वर्ष की थी और रंजीत की उम्र 24 वर्ष की थी हम दोनों एक दूसरे के साथ पूरा समय बिताना चाहते थे, मैंने अपना सामान पैक कर लिया और हम लोगों ने उस रात एक साथ जाने की सोची रंजीत मुझे लेने के लिए मेरे घर के बाहर आया हुआ था हम दोनों उस रात घर से भाग गए मुझे नहीं पता था कि अब आगे क्या होने वाला है लेकिन मैंने यह कदम उठा ही लिया था तो रंजीत ने भी मेरा पूरा साथ दिया और हम दोनों वहां से पंजाब चले गए, जब हम लोग पंजाब पहुंचे तो रंजीत के चाचा ने हम दोनों को कहा कि तुम दोनों अब आराम से रहो तुम दोनों को कोई भी परेशानी नहीं होगी, मुझे कुछ दिनों तक तो बहुत डर लगा और मुझे अपने घर की भी याद आने लगी मैंने जब रंजीत को बताया कि मुझे अपने घर की याद आ रही है तो वह कहने लगा कोई बात नहीं कुछ दिनों बाद हम लोग शादी कर लेंगे और मैंने यहां पर नौकरी के लिए भी देखना शुरू कर दिया है, रंजीत ने नौकरी देखनी भी शुरू कर दी थी लेकिन उसे नौकरी नहीं मिल रही थी, रंजीत के चाचा जी एक अच्छी कंपनी में नौकरी करते थे। रंजीत और मैं ज्यादातर वक्त घर पर ही रहते एक दिन रंजीत और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों के बीच में कभी भी कुछ हुआ नहीं था उस दिन ना जाने मेरे अंदर ऐसी क्या फीलिंग आई मैंने रंजीत को किस कर दिया। रंजीत भी मेरे पीछे दौड़ते हुए आया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया जब रंजीत ने मुझे अपनी बाहों में लिया तो मैंने उसे कहा मुझे छोड़ दो। वह कहने लगा इतनी आसानी से भला मैं तुम्हें कैसे छोड़ सकता हूं उसने भी मेरे होठों को किस करना शुरू कर दिया। मेरे अंदर जोश और बढ़ता चला गया उसने जब अपने हाथों को मेरे स्तनों पर रखना शुरू किया तो मैं पूरी तरीके से मचलने लगी और जैसे ही उसने मेरी कोमल चूत को सहलाना शुरू किया तो मैं मचलने लगी। उसने मेरे सलवार को खोल दिया मैंने काली रंग की पैंटी पहनी हुई थी।

जब उसने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मेरे अंदर गर्मी पैदा होने लगी मैं पूरी तरीके से मचलने लगी। मै इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था रंजीत ने जब अपने लंड को मेरी योनि पर लगाया तो मैं उसे कहने लगी यह सब मत करो यह सब ठीक नहीं है लेकिन उसने अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया। उसकी इच्छा तो पूरी हो चुकी थी लेकिन मेरी सील पैक चूत से खून निकल चुका था और मुझे बहुत दर्द होने लगा। वह मुझे कहने लगा तुम घबराओ मत तुम्हे थोड़ी देर में मजा आने लगेगा। रंजीत जैसे जैसे अपने धक्को में तेजी लाता वैसे ही मेरे अंदर भी गर्मी बढ जाती और मुझे भी अच्छा लगने लगता। हम दोनों एक साथ ज्यादा देर तक संभोग नहीं कर पाए और जैसे ही रंजीत ने अपने वीर्य को मेरी चूत के अंदर गिराया तो मैं रंजीत की हो गई लेकिन मुझे नहीं पता था कि कुछ समय बाद ही मेरे पिताजी हमें ढूंढ लेंगे। जब मेरे पापा ने हम दोनों को ढूंढ लिया तो उन्होंने रंजीत की बहुत पिटाई की क्योंकि मेरे पापा की अच्छी जान पहचान है। उन्होंने रंजीत से कहा यदि तुम अपना आगे का जीवन जीना चाहते हो तो तुम दीपिका को भूल जाओ रंजीत को भी डर था। मेरे पापा मुझे घर ले आए और यह बात मेरे पापा ने किसी को भी पता नहीं चलने देगी। उन्होंने कुछ समय बाद ही मेरी शादी करवा दी मेरी शादी को 5 साल हो चुके हैं अब भी रंजीत मेरे जीवन में नहीं है लेकिन मेरे शरीर पर सबसे पहला हक रंजीत का है क्योंकि उसी ने मेरे शरीर को छुआ था मैंने उसे अपनी मर्जी से अपने शरीर को सौंपा था लेकिन अब रंजीत ना जाने कहां दूर जा चुका है। इतने वर्षों में ना तो उसने कभी मुझसे संपर्क किया और ना ही मैं कभी उससे मिल पाई उसकी याद आज भी मेरे दिल में है।