दोस्त की पत्नी की अधूरी ख्वाहिश

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मेरा नाम लखन है मैं भावनगर का रहने वाला हूं, मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं और मेरी शादी को भी 15 वर्ष हो चुके हैं, मैं जितने भी पैसे कमाता हूं वह सब मैं अपने परिवार वालों को दे देता हूं मैं अपने परिवार को कोई भी कमी नहीं होने देना चाहता। मेरा एक दोस्त है उसका नाम राजा है वह पहले मेरे घर के पड़ोस में ही रहता था लेकिन अब वह काफी बड़ा आदमी बन चुका है और अब तो जैसे उसके पैर जमीन पर ही नहीं टिकते लेकिन यह सब ज्यादा समय तक नहीं चल पाया, जब उसके पास पैसे आए तो वह हम लोगों को बड़ी हीन भावना से देखने लगा और सोचने लगा कि मेरे आगे कोई भी नहीं टिक सकता लेकिन उसकी यह बिल्कुल गलतफहमी थी, उसका घमंड बहुत ज्यादा बढ़ गया था हम लोगों ने उसे कई बार समझाने की कोशिश भी की लेकिन वह तो हम से ऐसे बात करता जैसे वह हमें पहचानता ही ना हो लेकिन जब उसका बिजनेस में नुकसान होना शुरू हुआ तो उसकी सारी होशियारी बाहर आ गई, उसके बाद वह घर पर ही पड़ा रहा और वह कहीं घर से भी बाहर नहीं निकलता था। एक दिन उसकी पत्नी का मुझे फोन आया, उनका नाम ममता है, वह मुझे कहने लगे भाई साहब क्या आप हमारे घर पर आ सकते हैं? मैंने उन्हें कहा अभी तो मैं अपने काम पर व्यस्त हूं लेकिन शाम के वक्त मैं आपके घर आ जाऊंगा।

मैं शाम के वक्त उनके घर चला गया, मैं जब शाम को ममता भाभी से मिला तो वह मुझे कहने लगी मेरे पति की स्थिति अब बिल्कुल भी ठीक नहीं है, उनके ऊपर बहुत लोगों का कर्ज हो चुका है मुझे समझ नही आ रहा कि हम लोग इतने पैसे कैसे चुकाएं, मैंने उन्हें कहा देखो ममता भाभी आप पहले जैसा जीवन जी रही थी वैसे ही जीवन जियो, कोई जरूरत नहीं है कि आप फालतू का दिखावा करें यदि राजा का नुकसान हो चुका है तो आप लोगों को दोबारा से हमारे पड़ोस में आ जाना चाहिए और यह घर आप बेच दीजिए, जब आपकी स्थिति ठीक हो जाएगी तो उसके बाद आप अपने हिसाब से सब कुछ देख लीजिएगा। वह मुझे कहने लगी सोच तो मैं भी यही रही थी लेकिन अब वहां आना संभव नहीं है, इतने वर्षों से मुझे भी अब यहां की आदत हो चुकी है।

मैंने उन्हें कहा तो फिर मैं आपकी इसमें कोई भी मदद नहीं कर सकता क्योंकि मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं आपकी मदद कर पाऊँ, वह मुझे कहने लगी मुझे आपसे पैसे से मदद नहीं चाहिए मुझे सिर्फ आपका साथ चाहिए, इस वक्त हमारे साथ कोई भी खड़ा नहीं है और सब लोग हमसे दूर हो चले गए हैं, आप मेरे पति के इतने अच्छे दोस्त हैं तो क्या आप मुसीबत के वक्त में उनका साथ नहीं देंगे, जब मुझसे ममता भाभी ने यह बात कही तो मैंने सोचा चलो मैं राजा का साथ तो दे ही सकता हूं। मैं जब राजा से मिला तो वह उस वक्त बिल्कुल दुबला पतला हो चुका था और उसके शरीर से बदबू भी आ रही थी वह ना जाने कितने दिनों से नहाया नहीं था, मैंने ममता भाभी से कहा राजा की हालत कैसी हो गई है? वह कहने लगी मैं इन्हें कई बार समझाती हूं लेकिन ना जाने इनका दिमाग जैसे अब ठिकाने पर ही ना हो और यह तो कुछ भी करते रहते हैं, मैं इनसे कहती हूं कि आप घर से बाहर मत जाया कीजिए लेकिन यह घर से बाहर चले जाते हैं और उसके बाद यह काफी शराब भी पीते हैं, मैं इनकी वजह से बहुत परेशान हो चुकी हूं मैं नहीं चाहती कि अब आगे और भी समस्याएं हो इसीलिए मैं आपका साथ चाहती हूं, मैंने उन्हें कहा मैं तो पहले से ही आप लोगों के साथ था लेकिन जब राजा के पास पैसे आ गए थे तो उसने ही हमें भुला दिया था हमसे तो वह बिल्कुल भी अच्छा व्यवहार नहीं करता था, हम लोगों ने तो कई बार राजा को समझाने की कोशिश की और कहा इस प्रकार का व्यवहार बिल्कुल भी सही नहीं है लेकिन राजा हमारी बात सुनने को तैयार ही नहीं था। ममता भाभी मुझे कहने लगी भाई साहब देखो यह सब पुरानी बात हो चुकी हैं यदि आप इसे अपने दिल से निकाल दे दो मुझे अच्छा लगेगा और मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि आप राजा को भी एक बार समझाइएगा कि अब वह बिल्कुल भी ऐसी हरकत ना करें जिससे कि हमारे ऊपर कोई तकलीफ आये, मैंने ममता भाभी से कहा ठीक है मैं राजा से भी इस बारे में कुछ दिनों बाद आकर बात करता हूं और यदि आपको पैसे की कोई भी आवश्यकता है तो मैं आपको पैसे भी दे देता हूं, वह कहने लगी नहीं हमें पैसों की आवश्यकता नहीं है, यह कहते हुए मैंने उनसे इजाजत ली और मैं अपने घर चला आया।

जब मैं अपनी पत्नी के साथ बैठा हुआ था तो मैंने उसे राजा के बारे में बताया, मेरी पत्नी ने जब यह बात सुनी तो वह बड़ी ही चौक गई और कहने लगी भाई साहब तो अब बिल्कुल हमारे घर आना ही छोड़ चुके हैं और पहले तो वह कितने प्रेम से रहते थे, मैंने उसे कहा अब तो वह कहीं का भी नहीं रह गया है और उसकी स्थिति बिल्कुल ही खराब हो चुकी है, यह बात मैंने अपनी पत्नी से कहीं तो वह कहने लगी आप उनके लिए कुछ करते क्यों नहीं है? मैंने अपनी पत्नी से कहा मैं उनके घर आज गया था मैंने उन्हें कहा भी था कि यदि आपको पैसों की आवश्यकता है तो आप मुझे कह दीजिए लेकिन ममता भाभी ने पैसे लेने से मना कर दिया। मैं कुछ दिनों बाद दोबारा राजा के घर चला गया उस दिन राजा घर पर दिखाई नहीं दे रहा था। मैंने ममता भाभी से पूछा राजा कहां है? वह कहने लगी उनका तो कुछ अता पता ही नहीं है, वह 2 दिन से घर नहीं लौटे हैं। मैंने उन्हें कहा क्या आपने उसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की? वह कहने लगी मैंने उन्हें कितना समझा लिया लेकिन वह उल्टा मुझे हर बात के लिए दोषी ठहरा देते हैं इसलिए मुझे भी अब उनसे ज्यादा कोई लेना देना नहीं है।

जब उनके मुंह से मैने यह बात सुनी तो मुझे लगा अब तो राजा की जिंदगी पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी है। मैंने उन्हें कुछ पैसे दिया और कहा यह पैसे आप रख लीजिए वह पहले मना कर रही थी लेकिन जब मैंने वह पैसे उनके हाथ पर रखे तो उन्होंने वह पैसे मुझसे ले लिए, जब उनके नरम हाथों पर मेरा हाथ लगा तो वह मुझे कहने लगी भाई साहब मेरी इच्छा काफी से अधूरी रह गई है क्या आप मेरी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। मैंने उन्हें कहा आपकी कौन सी इच्छा अधूरी रह गई है। वह कहने लगी इतने दिनों से मैंने सेक्स नहीं किया है यदि आप मेरे साथ संभोग करेंगे तो मैं खुश हो जाऊंगी  काफी दिनों से मेरी योनि की खुजली किसी ने मिटाई भी नहीं है, मैं अपने आपको बहुत अधूरा महसूस कर रही हूं। मैंने उनके बदन को सहलाना शुरू कर दिया उनके पूरे कपड़े उतार दिए जब मैंने उनके कपड़े उतारे तो उनका नंगा बदन देखकर मेरा लंड हिलोरे मारने लगा मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया। मैंने ममता भाभी से कहा आप मेरे लंड को सकिंग कीजिए उन्होंने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा। जब मेर लंड ने पानी छोड दिया तो मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जब मेरा लंड उनकी योनि के अंदर बाहर होता तो वह अपने मुंह से गर्म सांसे लेने लगी और उनके मुंह से सिसकियां मेरे कानों तक जाने लगी। मैंने भी उनके दोनों पैरों को आपस में मिलाते हुए उनकी चूतड़ों पर बड़ी तेज प्रहार करना शुरू किया। जब मैं उनके चूतड़ों पर प्रहार करता तो उनकी चूत पूरी गिली हो गई, मैंने जब उनके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो उनकी योनि से जैसे पानी का सागर बाहर की तरफ आने लगा हो। मैं उनके चूतड़ों पर लगातार तेज प्रहार कर रहा था। वह मुझे कहने लगे भाई साहब आप लंड तो ऐसा लग रहा है जैसे कि कोई डंडा मेरी चूत में जा रहा हो, आपका लंड तो बड़ा ही मोटा और तगड़ा है मुझे उसे अपनी चूत में लेने मे बहुत मजा आ रहा है। जब हम दोनों की इच्छाएं पूरी होने लगी तो मेरा भी वीर्य बाहर की तरफ आने लगा। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उनके बड़े स्तनों पर अपने सफेद वीर्य को गिरा दिया, जिससे वह काफी खुश हो गई और मुझे कहने लगी आज आपने मेरी ख्वाहिशों को पूरा कर दिया।