advertisement
advertisement
दीवाली पर पत्नी बदल कर चुदाई मचाई
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरी कहानी पढ़ने वाले सभी लोगों को मेरा नमस्कार | मैं हूँ करन और मैं आज आपको बड़े शहरों में रहने के फायदे बताने जा रहा हूँ | मैं एक बड़ी सोसाइटी में रहता हूँ और हमारा कम लोगों के साथ ही उठना बैठना होता है लेकिन सब अच्छे लोग होते है | हम मुंबई के रहने वाले हैं और यहाँ के लोग तो बहुत ही खुले विचारों वाले होते है | हम लोग पहले अलाहबाद में रहते थे लेकिन वहां के लोग मुंबई वालों की तरह नहीं थे |

मैं पहले जहाँ रहता था वहां पर अगर कोई किसी की बीवी को सैक्सी बोल दो तो लडाई हो जाती थी और मुंबई में अगर आप किसी की पत्नी को सैक्सी बोलो तो वो खुश हो जाती है | मुझे मुंबई आके ऐसा लग रहा था जैसे की मैं विदेश आ गया हूँ और यहाँ का माहौल बिलकुल ही अलग है | मेरी नौकी मुंबई में लगी और मैं यहाँ पर अपनी पत्नी को लेकर रहने आ गया | कुछ दिन तक मैं एक किराए के घर में रहा फिर मैंने एक फ्लैट ले लिया और वहां रहने आ गया | मेरी शादी को एक साल ही हुआ था और हमारे बच्चे नहीं थे और मेरी पत्नी का नाम है रूपा | वो बहुत ही सुन्दर है और बहुत अच्छी भी |

जहाँ हमारा घर है वहां पर सामने एक शर्मा परिवार रहता है उनकी शादी को दो साल हो चुके है और उनकी एक छोटी सी बेटी है | हम दोनों परिवार में बहुत अच्छी बनती है और हर त्यौहार साथ मिलकर बनते है | कुछ महीने पहले होली थी और हम सब मिलकर होली खेल रहे थे तो भाभी ने पीछे से आकर मुझे रंग लगा दिया | तो मैंने भी उनकी ऊपर बालटी भर के पानी डाल दिया | भाभी पूरी तरह से भीग गई और उनके कपडे उनके बदन से चिपक गए | बहनचोद क्या फिगर था भाभी का ? मेरे मुंह में पानी आने लगा था | फिर मैं मौका देख देख कर भाभी के गालों पर रंग लगा रहा था और उनके मुलायम गालों को छू रहा था |

अगर यही मैं अलाहबाद में होता और ये करता तो रंगों की होली खून की होली में बदल जाती | लेकिन खुशकिस्मती से मैं मुंबई में था और इसका फायदा उठा रहा था | अब मेरे मन में भाभी के लिए गंदे गंदे ख़यालात आने लगे थे और मैं भाभी के साथ पलंग तोड़ चुदाई मचाना चाहता था | ऐसे ही करते करते अक्टूबर का महीना आ गया और दीवाली आने वाली थी | तो एक दिन भाभी मेरे घर पर आई और मैं घर पर अकेला था तो भाभी ने कहा थोड़ी सी शक्कर चाहिए थी और रूपा कहाँ है ? तो मैंने कहा वो थोडा काम से गई है | फिर भाभी अन्दर आकर बैठ गई और बात करने लगी |

भाभी ने मुझसे पूछा अभी तक बछा क्यों नहीं किया तुम दोनों ने ? कोई प्रॉब्लम है क्या ? तो मैंने कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है | तो भाभी ने बहुत दबी आवाज़ में कहा मेरे से ही करवा लो | फिर भाभी उठी और चली गई | कुछ दिन बाद दीवाली थी और उस दिन सब मेरे घर में बैठे थे और खाना हमारे ही यहाँ था | अब पटाखे कोई फोड़ने का मन किसी का नहीं था क्योंकि सब बडप्पन दिखा रहे थे | तो हमने पत्ते खेलने का मन बनाया और खेलने बैठ गए | मेरी पत्नी और भाभी को पत्ते खेलना नहीं आता था इसलिए इसलिए वो दोनों हमारे साथ बैठ कर खेल का मज़ा ले रही थी |

तभी शर्मा जी ने बाज़ी चली और पत्ते दिखाने को कहा और मैंने दिखाए और मैं हार गया | मैंने 4-5 बाज़ियाँ खेली लेकिन मैं हारता गया और मेरे पास लगाने के लिए पैसा नहीं बचा | तो मैंने कहा अब बस मेरे पास लगाने के लिए कुछ नहीं है तो भाभी ने कहा है तो इतनी सुन्दर पत्नी | तो मैंने कहा भाभी नहीं अगर मैं हार गया तो यहाँ महाभारत शुरू हो जाएगी | तो भाभी ने कहा कोई बात नहीं अगर तुम रूपा को हारते हो तो मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगा | तो मैंने शर्मा जी की तरफ देखा तो उन्होंने अपना सिर हिला दिया और फिर मैंने रूपा की ओर देखा तो उसने भी अपना सिर हिला दिया |

अब मैंने रूपा को बाज़ी पर लगा दिया और जैसा की चला आ रहा था शर्मा जी फिर जीत गए | अब शर्मा जी ने रूपा का हाँथ पकड़ा और अपने ओर खींच लिया तो मुझे अजीब सा लगा लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा | फिर भाभी उठी और मेरे पास आकर बैठ गई और कहने लगी जैसा की मैंने कहा मैं तुम्हारे पास आ जाउंगी | फिर मेरे मन में शैतानी जागी और मैंने कहा एक बाज़ी और हो जाये और होगा ये अगर तुम जीते तो तुम रूपा के साथ कुछ भी कर सकते हो और अगर मैं जीता तो मैं भाभी के कुछ भी कर सकता हूँ |

पत्ते बांटे और इस बार मैं जीत गया और मैंने भाभी से कहा भाभी तुम मेरी हुई तो शर्मा जी ने कहा एक और बाज़ी अगर मैं जीता तो रूपा पे मेरा हक़ हो जायेगा | तो मैंने वो भी खेल ली और मैं हार गया और अब दोनों एक दुसरे की पत्नियों पर हक़ जमा चुके थे और इंतज़ार था बस चिंगारी का | तो मैंने भाभी की आँखों में आँखें डाल के देखने लगा और हम दोनों एक दुसरे को एक टक देखने लगे | फिर मेरी एकदम से रूपा पर नज़र पड़ी तो शर्मा जे ने उसका हाँथ पकड़ा था और वो शर्मा रही थी और शर्मा जी उसको किस करने की कोशिश कर रहे थे |

मुझे कुछ सा लगा तो मैं जैसे ही उठने को हुआ तो भाभी ने मेरा मुंह पकड़ के अपनी तरफ घुमा लिया और कहा वहां क्या देख रहे हो ? वो जो कर रहे है उनको करने दो हम अपना करते हैं | तो मैंने कहा क्या ? तो भाभी ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए लेकिन मेरा मुंह बंद था और आँखें खुली रह गई | फिर मैंने सोचा दुनिया जाये भाड में और मैंने भाभी को किस करने में साथ देना शुरू कर दिया | मैं भाभी का नीचे वाला होंठ बार बार दन्त से दबा कर खींच रहा था और वो मेरा ऊपर वाला होंठ खींच रही थी | जैसे ही मैंने भाभी की कमर पर अपना हाँथ रखा तो भाभी उठ कर मुझे किस करने लगी |

हमने लगभग 10 मिनिट तक चूमा चाटी की और फिर मैंने भाभी की साड़ी हटा दी और ब्लाउज के ऊपर से दूध दबाने लगा | फिर भाभी ने अपना ब्लाउज खोला और ब्रा भी खोलकर मेरे सिर को अपने दूध से चिपका लिया और मैं भाभी के दूध चूसने में व्यस्त हो गया | मैं भाभी के दूध चूसे जा रहा था तभी मेरी नज़र रूपा पर पड़ी तो शर्मा जी उसकी चूत चाट रहे थे तो मैंने सोचा चलो मज़े करने दो | और फिर मैंने दूध चूसने पे ध्यान लगाया | फिर मैंने भाभी से कहा कि अपने कपडे उतार दो |

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

तो भाभी उठी और अपने कपडे उतार दिए बस पैंटी छोड़ दी तो मैंने पैंटी को पकड़ा और धीरे धीर नीचे करते हुए पूरी उतार दी | भाभी की चूत बहुत चिकनी थी तो मैंने उसमें थोड़ी देर तक उसमें ऊँगली की और फिर मैंने अपने कपडे उतार दिए और भाभी ने मेरे लंड को हाँथ में लेकर शर्मा जी को आवाज़ लगाई और कहा देखो ये होता है लंड और फिर मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से चूसने लगीं |  जैसे भाभी मेरा लंड चूस रही थी वैसा कभी रूपा ने नहीं चूसा था और मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था |

फिर मैं भाभी को लेकर अपने बेडरूम में चला गया और उनको बिस्तर पर लिटा दिया और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया | जैसे ही मेरा लंड अन्दर गया मुझे जन्नत नसीब हो गई और मैंने भाभी को चोदना शुरू कर दिया | भाभी आह्ह्हह्ह ह्ह्हूऊह्ह्ह्ह ह्ह्हाह्हाह आहाहहाह करे जा रही थी और मैं भाभी को चोदने में लगा हुआ था | मैंने भाभी को कहा भाभी चूत थोड़ी ढीली हो गई है तो भाभी ने गांड में डाल दो | तो मैंने फिर भाभी की गांड के छेद में थोडा सा थूक लगाया और अपना लंड अन्दर डालने लगा |

जैसे ही मेरा लंड अन्दर घुसा तो भाभी चद्दर को कसकर पकड़ने लगी और फिर मैंने भाभी की गांड मारना शुरू कर दी और मारता रहा | थोड़ी देर बाद मैंने कहा भाभी निकलने वाला है तो भाभी ने कहा अन्दर ही गिरा दो तो मैंने भाभी की गांड में ही सारा माल झड़ा दिया और उनके ऊपर लेट गया | अब हमारे परिवार के बीच में रिश्ता और भी गहरा हो गया और अब जब भी कुछ होता था तो हम दोनों एक दूसरे के घर आ जाते थे और एक दुसरे की पत्नियों को चोद लिया करते थे | तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी और हो तो आप भी कोई बड़ी जगह पर जाके रहे बहुत मज़ा आता है |

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement