बहन के बदले की भावना

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हैल्लो दोस्तों, आज में जो कहानी आप सभी पढ़ने वालों के लिए लेकर आया हूँ यह मेरी अपनी एक सच्ची घटना है जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटी और इस घटना के बाद मेरे साथ साथ मेरी बहन का जीवन और उसके जीने का तरीका बिल्कुल ही बदल गया. हम दोनों के अंदर बहुत ज्यादा बदलाव आ गया और हमारा व्यहवार एकदम बदल गया था. उस घटना को में आज तक नहीं भुला सका, इसलिए आज आप सभी को लिखकर सुना रहा हूँ यह मेरे बदले की भवना के ऊपर आधारित है मुझे पता नहीं यह सब आपको कैसा लगे प्लीज मुझे जरुर बताए.

दोस्तों में अपने घर में सबसे छोटा हूँ और मेरी उम्र 17 है और मेरे परिवार में मेरी मम्मी पापा के अलावा मेरी बड़ी बहन जिसका नाम दिव्या है उसकी उम्र 20 साल वो बहुत सुंदर गोरी होने के साथ साथ मस्त सेक्सी भी लगती है उसकी लम्बाई 5.5 है और उसके बूब्स का आकार 32-30-34 है और मेरा एक भाई है जो उसकी शादी होने के बाद अब हम सभी से अलग रहता है. दोस्तों में शुरू से ही बिल्कुल सीधा था और किसी से कुछ भी नहीं कहता था और इस बात की वजह से बचपन से ही मुझे बहुत परेशान किया जाता था. मेरे दोनों भाई बहन मुझे हमेशा किसी भी बात के लिए डांट खिलाते और वो मेरा मज़ाक भी हमेशा बहुत उड़ाते थे और में मन ही मन में ना जाने क्या क्या बातें सोचता रहता था. मेरे मन में बहुत गलत गलत बातें वो विचार आते थे.

अब कॉलेज में आने के बाद भी मुझे भोंदू कहा जाता और मेरी बहन मुझे घर में बहुत परेशान किया करती थी, माँ को शिकायत करने पर वो मुझसे कहती थी कि तुम्हारा तो यह हमेशा का काम है और मेरी बहन के 20 जन्मदिन की पार्टी पर उसके दोस्तों के सामने उसने मेरा बहुत मज़ाक उड़ाया जिसकी वजह से में बहुत दुखी हुआ, लेकिन उस बात से किसी को कुछ भी फर्क नहीं पड़ा बस मेरे आलावा.

अब में अपने खोए हुए धेर्य को पाने की बहुत कोशिश किया करता था, लेकिन उन सभी का व्यहवार मेरे प्रति ऐसा ही हो गया था और अब किसी तरह में अपनी पढ़ाई और अपने भविष्य पर ध्यान रखता और धीरे धीरे बातों से मैंने अपनी बहन की वॉट लगाना सीख लिया था और इस पर वो भड़ककर मेरे खिलाफ लोगों से कुछ भी बातें बनाकर बकचोदी करने लगी थी. कभी मेरी कही बात पर कोई तीसरा मज़ाक बनाता जो वहाँ पहले कभी नहीं होता था और कभी उसके दोस्त और भाई मिलकर मेरी बजाते.

अब मेरे मन में बदले की भावनाए आनी ही थी, क्योंकि उनमे मेरे लिए कोई दया के भाव नहीं दिखते थे और उन्होंने परिवार में होते हुए भी मुझे दूसरो जैसे रिश्ते रखे. एक दिन दिव्या के कॉलेज में प्रोग्राम था और में और भाई भी वहां पर गये थे वहाँ जाकर मैंने विचार किया कि दिव्या का यह स्वभाव और भी कई लोगों के प्रति वैसा ही खराब हर किसी का मज़ाक उड़ाने वाला था और उन लोगों में दोस्ती की बजाए सिर्फ़ राजनीती चलती थी और वहाँ सब बिखर गए, भाई अपने दोस्तों के साथ, में अपने और दिव्या अपने दोस्तों के साथ थी. फिर में कुछ देर चले उस डांस प्रोग्राम के बाद अब चल रहे गाने से बोर हो गया था और अब में बाहर आकर पीछे के जाकर अपने मोबाइल पर इंटरनेट चलाने लगा था. तभी मैंने देखा कि दिव्या वहाँ से लॅडीस टॉयलेट के लिए निकली और मुझे वहां पर देखकर भी उसने बिल्कुल अनदेखा कर दिया था, लेकिन मैंने कुछ देर बाद देखा कि दो लड़के पीछे के रास्ते से छुपते हुए आ गए और फिर उन्हे मैंने दिव्या के पीछे उसी टॉयलेट में घुसते हुए देखा.

दिल के एक कोने में आवाज़ उठी कि में उन्हे अभी जाकर पीट दूँ और अपने दोस्तों को भी फोन कर दूँ, लेकिन जिंदगी का एक सबक मैंने ऐसी दुनिया से दूर रहकर भी सीखा था कि जो तुम्हारे साथ ढंग से व्यहार ना करे उसके साथ अच्छाई करके तुम खुद से ही बुरा करोगे और वो भी बुरा ही करेगा, क्योंकि अब वो जमाना गया जब तुम्हे काँटा देने वाले को फूल देने की बात हुआ करती थी, लेकिन वो मेरी बहन थी इसलिए में पास की खिड़की से अंदर की तरफ झांकने लगा कि तब तक में कुछ सोच ना लूँ. अब अंदर झाकते ही मुझे दिखा कि एक लड़के ने उसका मुँह बंद करके उसको पीछे से पकड़ रखा था और दूसरे ने टॉयलेट का दरवाजा बंद करके उससे कहा कि तू हमेशा बहुत उछलती है साली तू अपने छोटे से फ्रेंड सर्कल के साथ मुझे हिजड़ा कहकर बदनाम करने चली थी और तू अपने आप को सबसे स्मार्ट समझती है, तुम लोग बहुत समझदार बनते हो, आज में तुझे असली दुनिया दिखाता हूँ.

दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनकर मेरे अंदर भी मन में बदले की भावना आ गई और मुझे कुछ ही पल में वो सारा सब कुछ याद आ गया जो भी दिव्या ने मेरे साथ हमेशा किया था और में नहीं जानता था कि मुझे उस घटना को कैसे लेना चाहिए? लेकिन में आज उसकी उस चुदाई को यादगार बनाना चाहता था इसलिए मैंने अपना मोबाइल निकाला और यह बात सोचते हुए कि उसकी पहले भी मदद करके मुझे उसकी तरफ से खिल्ली ही उड़ी और आज उसको इन सबका सबक मिलना ही चाहिए और यह बात सोचकर में उसका वीडियो बनाने लगा.

फिर उनके आपस के संबोधन से मुझे पता चला कि जो लड़का मुँह पकड़े पीछे खड़ा था वो अमन था और आगे वाला अमित. अब अमित ने अपनी बात पूरी करते हुए दिव्या के पैर पकड़े और उसको ज़मीन पर खींचते हुए उसकी जींस का बटन खोलकर चेन को भी खोलने लगा और दिव्या उऊन उऊन करके छटपटा रही थी और फिर उसने अपने एक पैर को छुड़ाते हुए अमित को एक जोरदार लात दे मारी और अब वो अमन का हाथ काटने की कोशिश करती रही. फिर मैंने देखा कि उसका चेहरा अब डर की वजह से एकदम लाल पड़ गया था और वो बहुत घबराई हुई अपनी जिंदगी की पहली असली लड़ाई लड़ रही थी.

अब अमन ने अपनी पकड़ को पहले से ज्यादा मजबूत कर दी और अमित ने खुद को सम्भालकर उसकी जींस को निकालकर खीचते हुए पूरी उतार दी और वो उसकी गोरी तड़पती हुई जांघों पर हाथ फेरते हुए हंसने लगे और बोले अब तू बदनाम होगी और अगर तूने खुद किसी को बाहर जाकर बताया तो भी मेरे पापा के नेताओं और जज से बहुत अच्छी जान पहचान है इसलिए वो मुझे बचा लेंगे, तेरा बाप क्या है बस एक कंपनी का मैनेजर और अगर तूने किसी को नहीं बताया तो में कॉलेज में फैला दूँगा कि तुझे चोदा है और अब अमन ने उसकी और अमित के हाथ उसकी जाँघो पर रखकर एक फोटो अपने मोबाइल में क़ैद कर ली और वो दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और वो दिव्या से कहने लगे कि आराम से दे दे और वैसे भी इस वाले टॉयलेट में कोई भी नहीं आता जो तुझे बचाएगा.

अब दिव्या ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और अमित ने उसकी पेंटी को उतारकर उसकी घने बालों वाली चूत को एक पप्पी दी और अपनी जीभ से उसकी चूत को थोड़ा सा टटोला और उसके बाद उसके टॉप को ऊपर उसके कंधे तक उठाकर उसकी ब्रा को खींचकर तोड़ दिया और अब वो उसके बूब्स को चाटने लगा.

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अमन ने अब तक अपना रुमाल उसके मुहं पर कसकर बाँध दिया और उसके बाद उसको नीचे लेटाकर उसके दोनों हाथों को दोनों तरफ करके अपने जूतों से दबा दिए, जिसकी वजह से वो दर्द से करहा उठी. अब अमित ने उसके बूब्स को चूसते हुए अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर रख दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाते हुए अब वो अपने लंड को अंदर धकेलने लगा था, जिसकी वजह से दिव्या उस दर्द से तिलमिला उठी और अब अमित बिना रुके अपने लंड को दिव्या की चूत में डालने लगा और अब उस जबरदस्ती की वजह से उसकी चूत से थोड़ा सा खून भी निकल गया.

इस पर अमन बोला लो इसने तो आज तक सेक्स भी नहीं किया और यह बड़ी होशियार मॉडर्न बनती थी, लेकिन अमित अब बिना रुके लगातार धक्के देकर उसको चोदने लगा था और वो उसके दर्द से खुश होते हुए बड़े तेज तेज झटके देने लगा था. वो इससे पहले कि कुछ हो उसको जल्दी से चोद देना चाहता था और उसने रोती हुई दिव्या के बूब्स पर काटना शुरू कर दिया और गर्दन को दबाते हुए अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

अब दिव्या कुछ देर बाद एकदम निढाल हो गयी और वो उसको तब भी अपनी तरफ से धक्के देता रहा, लेकिन अमन के कहने पर उसने दिव्या का गला अब छोड़ दिया था और कुछ देर में उसके लंड ने वीर्य की धारा को दिव्या की चूत में छोड़ और उसके बाद वो कुछ दो चार धक्के देने के बाद अपना लंड दिव्या की चूत से बाहर बाहर निकालकर उसको साफ करके वो अब पीछे की साइड में आकर बैठ गया और वो थकी हुई दिव्या के हाथ अपने हाथों से ही दबाए बैठा रहा और अमन ने बिना देर किए अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर सीधा उसकी चूत में धकेल दिया और अब वो जोश में आकर दिव्या को बहुत बेरहमी से झटके देने लगा था.

उसके झटके बहुत तेज थे क्योंकि इससे पहले चली चुदाई को देखकर बहुत गरम हो चुका था और इसलिए वो जल्द ही झड़ गया. उसने भी अपना वीर्य दिव्या की चूत में ही निकाल दिया था जो अब उसकी पहले से भरी हुई चूत से बहकर बाहर आने लगा था और फिर उसने लंड को दिव्या की चूत से बाहर निकालकर अपने रुमाल को भी उसके मुहं से हटा लिया था. फिर उसके बाद दिव्या की पेंटी को उठाकर उसके मुँह पर फेंका और वो दोनों झट से दरवाजा खोलकर बाहर भाग गए. अब दिव्या वहाँ ज़मीन पर अपनी नंगी चूत से निकली खून की बूंदे और उन दोनों के लंड से निकले वीर्य के साथ उस दर्द से एकदम निढाल होकर पड़ी हुई थी. उस चुदाई ने उसके पूरे बदन को ठंडा बेजान कर दिया था. तभी मैंने अपने मोबाईल का कैमरा बंद किया और अंदर जाकर उसको देखा कि वो अब बेहोश हो चुकी थी.

मैंने उस पर थोड़ा सा पानी डाला और उसके बाद उसके एक हाथ को पकड़कर उसकी नब्ज़ और साँसे चेक की तो सब ठीक था उसकी चूत को पानी डालकर मैंने उसकी पेंटी से साफ करके उसको जींस टॉप पहनाकर उसको उठाकर अपने कंधे का सहारा देकर में बाहर ले गया. फिर चलते चलते ही उसको थोड़ा सा होश आ गया और अब वो मुझे दूर धकेलकर बोली कि तू पागल और वो बड़े भाई को फोन मिलाकर बुलाने लगी, बड़े भाई ने उस स्थिति को भांपते ही पीछे की दरवाजे पर कार को मंगाई और फिर हम घर चले गए. फिर चलते समय रास्ते में उसने सभी बातें बड़े भाई को बताई और वो रोने लगी और तभी उसका ध्यान इस बात पर गया कि मैंने उसको सबसे आखरी में कपड़े पहनाए और उसने आँखे झुका ली.

अब भाई के मूझसे पूछने पर मैंने उनको बताया कि इसको मैंने टॉयलेट की तरफ जाते हुए देखा था, लेकिन बहुत देर तक वापस ना आते देख मुझे लगा कुछ हो गया है या चक्कर आ गए है इसलिए में उस तरफ चला गया और वहाँ पर इसको नीचे पड़े देख मैंने सोचा कि इसको इस हालत में कोई देख ना ले और में इसको बाहर निकाल लाया. फिर इस बात पर उन दोनों को में थोड़ा सा समझदार लगा और वो यह बात सोचने लगे कि इस बदनामी से अब हम कैसे बचे? फिर दिव्या घर पर पहुंचते ही सो गई और भाई अपने तीन विश्वसनीय दोस्तों और मेरे साथ ऊन दोनों को ढूँढने निकल गए. में भी अब दिव्या को उसकी ग़लतियों को समझने का वक़्त देना चाहता था.

तभी भाई को पता चला कि अमित एक इंडस्ट्रियलिस्ट का बेटा था. उसके दोस्तों ने उन्हे शहर के बाहर एक बीयर बार में पीते हुए देख लिया और उनकी कार का पेट्रोल निकाल लिया जिसकी वजह से लौटते वक़्त उनकी गाड़ी बीच रास्ते में बंद हो गई. वहां से रात को उन दोनों को कार में लिफ्ट देकर बैठाकर दूर एक बिल्कुल सुनसान जगह पर ले गए. उसके बाद उन दोनों को बहुत जमकर पीटकर उनको बोले कि अब अगर हम तुम्हे आज मार भी दे तो तुम्हारे बाप भी नहीं पता कर सकते कि यह सब किसने किया? फिर मैंने दोनों के पास ही में पड़े मोबाइल उठा लिए और वो फोटो खत्म करके देखा उन्होंने अब तक किसी को मैसेज या वो फोटो नहीं दिए थे. फिर हमारी इस पिटाई और धमकी पर वो रो पड़े और हमसे माफी माँगने लगे.

इस पर मैंने कहा कि माफी कुछ नहीं होती इन दोनों ने एक ऐसी हरकत की है इसलिए यह छूटने के बाद कॉलेज में यह बात सभी जगह जरुर फ़ैलाएँगे और यह कहते हुए में उनसे बोला कि थोड़ी सी बदनामी लायक बात तो इनके साथ भी होनी चाहिए जिससे यह भी किसी को अपना दर्द यह चेहरा बता ना सके. फिर मेरी इस बात पर भैया के एक दोस्त और में एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुराने लगे और अब वो अमन को नंगा करके उसकी जाँघो पर हाथ फेरने लगा. तो मैंने भी भाई की परवाह किए बगैर अमन को अपना लंड चुसवाना शुरू कर दिया. हम दोनों ने उन्हे पूरा नंगा करते हुए उनकी छाती को चूसते हुए उन्हे स्मूच दिया तब भाई कार में बैठ गए और मैंने लंड थोड़ा अंदर डालकर झटके दिए और वो हमारा दोस्त तो तबीयत से अमन की गांड में अपना लंड डालकर धक्के मार रहा था.

थोड़ी देर में वो कार्यक्रम खत्म करके हम उन्हे वहीं पर छोड़ आए. अब कार में बैठकर वापस अपने घर पर आते समय मेरे भाई ने मुझे उस बेवकूफी के लिए शाबाशी देते हुए कहा कि वो अब हमें मरवा सकते है, लेकिन बाकि सभी ने मेरा साथ देते हुए कहा कि उनको तो हम वैसे भी छोड़ देते तब भी वो हमें मरवाते. अब कम से कम वो यह बातें कहीं फ़ैलाएँगे तो नहीं और किसी को अपने साथ हुए इस काम को बताने में हिचकिचाएंगे. अपने बाप को भी वो नहीं बता सकते, लेकिन हम सभी यह बात सोचकर थोड़ा सा परेशान भी थे कि वो अपने बाप को यह बात कहेंगे या नहीं, लेकिन थोड़े दिनों में सब शांत हो गया और वो शरम की वजह से किसी से कुछ भी नहीं बोले. फिर जब दिव्या को पता चला कि मैंने उनके साथ ऐसा काम किया तब वो मेरी तरफ बहुत झुक गई, लेकिन उसे उनसे छीने हुए मोबाइल में अपनी कोई भी फोटो नहीं मिली तो उसको अब मुझ पर शक होने लगा था.

फिर एक दिन जब घर पर कोई भी नहीं था तो उसने मुझसे पूछा कि अमन ने उसके मोबाइल से बहुत सारी एक फोटो खींची थी, लेकिन उसके मोबाईल में वो एक भी नहीं थी, ऐसा कैसे हो सकता है? तब मैंने बताया मैंने उसका वो कैमरे वाला मोबाइल देखकर शक किया था, इसलिए इसमें वो वीडियो और सब कुछ मैंने खुद उड़ा दिया. फिर मेरी इस बात पर उसने थोड़ी राहत की साँस ली, लेकिन तब में बोला कि आख़िर और कोई मेरी बहन की वीडियो बनाए यह सब में कैसे सहन करता? मेरी इस बात पर उसने मुझे एक ज़ोर का थप्पड़ मारा और अब वो मुझे बहुत गुस्से से मुझे देखने लगी, तो मैंने उससे कहा कि तुम भी तो यही चाहती थी कि कोई भी तुमसे एक बार जीत कर तो दिखाए और हर किसी को नीचा दिखाने का मतलब और क्या होता? अब वो मेरी बातें सुनकर एकदम चकित हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे वो वीडियो दे दो.

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फिर मैंने उससे कहा कि इस बात से क्या फ़र्क पड़ता है में किसी को वो सब दिखाने वाला नहीं हूँ बस तुम्हे बेबस लाचर चुदते हुए कभी कभी में देख लूँगा और तुम भाई को भी बता दो भले तब में इसको इंटरनेट पर डाल दूँगा घर के सभी लोग इंटरनेट पर डालने से वो मुझे उतनी ही बुरी तरह से मारेंगे, लेकिन उससे तुम्हारा क्या होगा? तुम तो फेमस हो जाओगी तुम्हारा क्लिप सबके मोबाइल में होगा.

अब वो मेरी पूरी बातें सुनकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी aur इन घटनाओं से वो पहले से ही बहुत घबराई हुई थी. अब मैंने उसको चुप करवाते हुए कहा कि तुम एक बार मुझसे चुपचाप चुद जाओ तो में तुम्हारा वो वीडियो तुम्हारे सामने खत्म करा दूँगा और वैसे भी तुम एक बार उन दोनों से चुद तो चुकी ही हो फिर बदनाम क्यों होना चाहती हो? वो अब बिल्कुल चुप हो गई और थोड़ा सोचकर उसने अपने आँसू साफ करते हुए वो मुझसे बोली कि तुम तो मेरे साथ वो सब करने के बाद भी मुझे हमेशा ब्लॅकमेल करोगे. तो मैंने उसको कहा कि नहीं में यह सब कुछ मिटा दूँगा. मेरा तुमसे यह पक्का वादा रहा, दोस्तों उस पल मुझे ऐसा लग रहा था कि वो उस वीडियो के लिए अब कुछ भी कर सकती है और उसी समय मैंने उसे होंठो पर चूम लिया और एक लंबा स्मूच लेकर उसके होंठ अपने दाँतों में दबा लिए उस दर्द की वजह से वो करहा उठी और वो मुझे थप्पड़ मारने लगी.

उसको अपनी बाहों में तड़पते हुए देख मैंने माफ़ करने को कहा और अब उसकी जींस को घुटनों तक उतारकर में अब उसकी गोरी मुलायम जाँघो पर अपने एक हाथ को फेरते हुए उसको स्मूच करने लगा और उसी के साथ साथ में उसके टॉप और ब्रा को भी अब तुरंत उतारकर उसके बूब्स को ज़ोर से मसलने दबाने लगा था. तो इस पर वो मुझसे कहने लगी कि थोड़ा आराम से कर अमित ने इन्हे बहुत ज़ोर से काटा था इसलिए मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

अब मैंने उसके लटकते हुए एक बूब्स को अपने मुँह में भरकर दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ से निचोड़ डाला और वो उस दर्द से करहा उठी और अब मैंने उसको सोफे पर लेटाते हुए उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से जमकर चूसा और फिर उसकी दोनों जाँघो पर अपने होंठो और जीभ से में उसको चाटने लगा. मैंने उसको सम्भलने का मौका दिए बिना उसकी पेंटी को फाड़ दिया और फिर उसकी चूत में पास ही में पड़ी मोटी लंबी मोमबत्ती को डाल दिया उस दर्द की वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी और उस मोमबत्ती को अपनी चूत से बाहर निकालकर वो अपने रूम में भागने लगी थी.

अब मैंने झट से उसके हाथ को पकड़ लिया वो ज़मीन पर गिर पड़ी में उसको हाथों से पकड़ते हुए ड्राइंग रूम से नंगी ही अपने रूम लेकर बेड पर लाकर पटक दिया. वो बुरी तरह से डर चुकी थी और रो भी रही थी. अब मैंने अपने कपड़े उतारे और उसके हाथ पलंग से बाँध दिए में उसकी छाती पर चड़कर उसके बूब्स को लंड के दोनों और दबाकर उनके बीच की जगह में रगड़ने लगा.

थोड़ी ही देर में मेरा वीर्य निकल गया और तब मैंने अपनी अंगुली से अपना वीर्य उसके मुँह में डाल दिया और वो बोली तुम्हे देखकर तो लगता है कि तुम मुझसे आज कोई बदला ले रहे हो. फिर मैंने उसके मुँह में अपने लंड को डालते हुए उससे कहा कि तुम्हे अगर वो वीडियो चाहिए तो तुम मूझे पूरा पूरा मज़ा दो और अब उसने थोड़ी सी आनाकानी करते हुए मेरे लंड को अब चुपचाप चूसना शुरू कर दिया था.

में अब भी उसकी छाती पर बैठा हुआ था और वो मेरा लंड चूस रही थी और बहुत देर तक लंड को चूसने के बाद मैंने उसकी दोनों जांघे फैलाई और उसके बाद अपनी उँगलियों को में उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा जिसकी वजह से वो गरम होने लगी और बहुत देर तक अपनी ऊँगली को रगड़ने के बाद वो अब झड़ने को तैयार ही थी कि तभी मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत से बाहर निकाल दी जिसकी वजह से वो अब एकदम तिलमिला उठी, उसको कुछ भी समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करें? मैंने कुछ सेकेंड्स रुके रहने के बाद उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और थोड़े झटको के बाद वो झड़कर एकदम ठंडी हो गई उसकी चूत से रस बहकर बाहर निकलने लगा था. यह उसका पहली बार झड़ना था और मेरा लंड उसके पानी में नहा चुका था.

अब मैंने अपनी तरफ से उसको झटके देना तेज कर दिया और थोड़े टाइम बाद में उसके नीचे लेट गया और पीछे से उसकी चूत को धक्के देकर चोदने लगा था. फिर कुछ समय बाद मैंने उसमे अपने वीर्य की पिचकारी दाग दी और वो मेरे ऊपर अपने बंद हाथों से लेती हुई बोली मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया, क्या तुम्हे आया? मैंने जवाब देने की जगह उसको पास में पड़े मोबाइल में वीडियो दिखाते हुए बोला लोग हर बात को अन्धरुनी बात समझते है अपने आप को लोगों से अलग दिखाते है और फिर उन्ही से उम्मीद भी रखते है, तुम्हे तुम्हारे उस बलत्कार के बाद उसके बारे में सोचकर कैसा लगता है?

दिव्या बोली कि में बहुत चकित रहती हूँ क्यों तुम मुझसे यह सब बातें क्यों पूछ रहे हो? मैंने उसके सामने वो वीडियो खत्म किया और उसके हाथ खोले. दोस्तों जो भी हुआ सब कुछ ठीक हुआ अब हम दोनों का ही स्वभाव बिल्कुल बदल चुका था और हम दोनों एक दूसरे के साथ हमेशा बहुत खुश रहने लगे थे.