स्टूडेंट की जवानी का मजा लूटा

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हैल्लो दोस्तों, यह स्टोरी आज से 1 साल पहले की है, जब में जॉब की तलाश में था, लेकिन मुझको जॉब नहीं मिल रही थी तो मैंने सोचा कि कुछ ना कुछ किया जाना चाहिए तो मैंने कोचिंग करने का सोचा और मुझको एक घर में एक गर्ल की कोचिंग मिल गई थी.

मेरी स्टूडेंट जिसको में कोचिंग पढ़ाता था, उसका नाम किरण था और उसकी उम्र 18 साल थी, वो बहुत ही मस्त थी, वो मिल्की, फेयर कलर, ब्राउन बाल, ब्लू आँखें, पिंक लिप्स और उसका फिगर उस वक्त यही कोई 30-24-28 था. वो काफ़ी समझदार लड़की थी, उसका पढ़ाई के अलवा किसी चीज में इंटरेस्ट था तो वो कंप्यूटर और इंटरनेट था, लेकिन वो इंटरनेट को सिर्फ अपनी पढ़ाई के लिए यूज़ करती थी. चलो अब में अपनी स्टोरी की तरफ आता हूँ. में रोज सुबह उसको 7 से 10 बजे पर पढ़ाने जाता था. यह बात दिसम्बर की है.

फिर जब में उसके घर पहुँचा, तो वो घर पर अकेली थी, उसके मम्मी पापा और उसका भाई एक प्रोग्राम में गये हुए थे. फिर उसने आकर दरवाजा खोला और बोली कि सर अंदर आ जाओ और फिर वो खुद अपना बैग लेने दूसरे रूम में चली गई और फिर जब वो वापस आई तो बोली कि सर मेरा पी.सी काफ़ी दिनों से हैंग हो रहा है, प्लीज जरा मेरा पी.सी ठीक कर दें, मुझको काफ़ी प्रोब्लम होती है, आज घर में भी कोई नहीं है.

में बोला कि किरण कहाँ है तुम्हारा पी.सी? चलो देख लेता हूँ. तो फिर वो मुझको लेकर अपनी स्टडी वाले रूम में ले गई और पी.सी के सामने वाली कुर्सी पर बैठकर पीसी ऑन कर दिया. फिर उसने मेरे लिए एक दूसरी कुर्सी अपनी बराबर में खींच ली और मुझको बैठने को बोला, तो में बैठ गया. उसने उस दिन लाइट ब्लू कलर का सलवार कमीज पहना हुआ था, जो कि काफ़ी सिल्की था और इस वजह से उसका दुप्पटा बार-बार नीचे खिसक रहा था और मुझको उसके बूब्स देखने का मौका मिल रहा था.

फिर जब कई बार उसका दुप्पटा नीचे खिसका तो तब में बोला कि किरण तुम ऐसा करो अपने दुप्पटे को उतारकर रख दो, क्योंकि तुम बार-बार सही करती हो और यह बार-बार गिर जाता है. फिर मैंने बोला कि किरण तुम ऐसा करो अपना दुप्पटा उतारकर रख दो, वैसे भी घर में में और तुम ही तो है. तो उसने कुछ शरमाते हुए अपना दुप्पटा उतारकर टेबल की साईड पर रख दिया और पी.सी का पासवर्ड डालकर पी.सी ऑन कर दिया.

अब में दूसरी वाली कुर्सी पर बैठकर पी.सी देख रहा था. फिर तभी अचानक से मेरी नजर किरण के सीने पर गई तो में देखता ही रह गया. उसके बूब्स बहुत ही टाईट और तने थे और उसकी कमीज काफ़ी टाईट होने की वजह से और भी सेक्सी लग रही थी.

अब मेरी नजर उसके बूब्स पर ही रुक गई थी. फिर तभी अचानक से किरण ने मुझसे मुखातिब होकर बोलना चाहा तो उसने देखा कि में उसके बूब्स की तरफ देख रहा हूँ, तो उसने अचानक से अपना दुप्पटा उठाया और अपने सीने पर रख लिया और अजीब तरह से मेरी तरफ देखकर बोली कि सर प्लीज पी.सी को देखो ना क्या परेशानी है इसके साथ? यह बार-बार हैंग क्यों होता है?

मैंने एकदम से पी.सी पर अपनी नजरे कर ली और माउस हाथ में लेकर चैक करने लगा. अब माउस चलाते हुए मेरी कोहनी उसके बूब्स के साईड पर लग रही थी, जिससे उसके बूब्स साईड से मेरी कोहनी से दब रहे थे और अब में जानबूझकर अपनी कोहनी को उसके बूब्स की साईड पर दबाता जा रहा था. अब ऐसा करने से वो कुछ-कुछ समझ गई थी कि में यह सब जानबूझकर रहा हूँ. फिर वो अपनी कुर्सी को थोड़ी आगे करके बैठ गई.

अब में एक बार फिर से माउस से पी.सी को चैक करने लगा था और अब में आहिस्ता से अपनी कोहनी को थोड़ा करके फिर से उसको टच करने लगा था. फिर वो मुझको पी.सी चैक करती देखती रही और फिर मैंने अपनी कोहनी को उसके बूब्स पर रगड़ना शुरू कर दिया. तो एक बार फिर से उसका दुप्पटा बार-बार नीचे गिरने लगा. तो मैंने बोला कि किरण अपना दुप्पटा उतार दो ना.

तब वो बोली कि सर आप फिर से मुझको देखने लगेंगे, जो मुझको अच्छा नहीं लगता है. तो तब मैंने बोला कि किरण देख ही तो रहा था, तुम वैसे भी आज इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हो. तो वो थोड़ी सी शर्मा गई. फिर में समझ गया कि इसको भी मेरा यह सब करना बुरा नहीं लग रहा है, फीमेल है ना थोड़ी हसरतें तो होगी ही. फिर तब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका दुप्पटा अपने एक हाथ से खुद ही उतारकर साईड में रख दिया, तो वो कुछ नहीं बोली.

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फिर मैंने एक बार फिर से पी.सी को देखना शुरू किया और अपनी कोहनी को उसके बूब्स पर टच करना शुरू कर दिया. अब वो थोड़ी अजीब सा महसूस करने लगी थी. तो तब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघो पर रख दिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी जांघो को अपनी उँगलियों से रब करना शुरू कर दिया था. तो तब वो बोली कि सर प्लीज अपना हाथ यहाँ से हटा लो. तो मैंने पूछा कि क्यों किरण? क्या हुआ?

वो बोली कि पता नहीं आपके हाथ रखने से अजीब सी फिलिंग हो रही है. तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो वो शर्मा गई. तो मेरी थोड़ी और हिम्मत बढ़ी और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया और फिर मैंने अपने हाथ को उसके बूब्स के क़रीब करके प्रेस किया.

वो कुर्सी से उठकर बाहर जाने लगी, तो मैंने उसको पीछे से जाकर पकड़ लिया. अब वो बहुत विरोध कर रही थी और बोली कि सर प्लीज छोड़ दो मुझको. लेकिन मैंने उसको पकड़कर उसकी पीठ के पीछे की साईड पर किस की. तो तब वो बोली कि सर प्लीज यह सब सही नहीं है. तो तब में बोला कि किरण प्लीज तुम बहुत अच्छी लग रही हो, प्लीज घर पर कोई भी नहीं है.

फिर तब वो बोली कि सर प्लीज मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है. फिर मैंने पूछा कि क्यों पहले भी कभी किसी ने तुम्हारे साथ ऐसा करने की कोशिश की है? तो तब वो बोली कि नहीं, लेकिन में ऐसी लड़की नहीं हूँ, प्लीज आप ऐसा ना करे और अब आप जाएँ. फिर मैंने उसको दोनों बाजुओं से पकड़कर उसकी गर्दन पर किसिंग करनी शुरू कर दी. वो अपने आपको मुझसे छुड़ाने की कोशिश करती रही, लेकिन मैंने किसिंग जारी रखी.

अब उसने छुड़ाने की काफ़ी कोशिश की थी, लेकिन मैंने उसको ज़ोर से पकड़े हुए था और उसकी गर्दन पर किसिंग करता जा रहा था और फिर मैंने पीछे से ही उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर दबाना और गर्दन पर किसिंग करना शुरू कर दिया था. अब वो अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और रोने लगी प्लीज सर छोड़ दो मुझको, ऐसा मत करो मेरे साथ, यह सब मत करो, में ऐसी लड़की नहीं हूँ, प्लीज छोड़ दो मुझको, लेकिन अब में तो अपने होश खो बैठा था और उसकी गर्दन को चूस रहा था और उसके बूब्स को दबा रहा था.

फिर मैंने उसकी कमीज और ब्रा के अंदर अपना एक हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और वो चीखती रही प्लीज सर छोड़ दो मुझको, ऐसा मत करो, प्लीज. अब मैंने उसको उसके बूब्स से कसकर पकड़े हुए था.

में अपना एक हाथ उसकी सलवार में ले गया और उसकी मासूम सी चूत को रगड़ने लगा था. फिर थोड़ी देर तक उसकी चूत को रब करने से वो भी मस्त होने लगी और अब उसकी छुड़ाने की कोशिश कम हो गई थी, बल्कि बिल्कुल ख़त्म सी हो गई थी, लेकिन वो रो रही थी.

मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी एक उंगली डालनी की कोशिश की. तो वो चीख पड़ी और बोली कि प्लीज सर ऐसा मत करो. फिर मेरी इस कोशिश में वो डिसचार्ज हो गई, तो मुझको उसकी चूत गीली महसूस हुई, लेकिन मैंने उसको रब करना जारी रखा था.

अब वो आहिस्ता-आहिस्ता ढीली पड़ गई थी और मस्त हो गई थी. फिर मैंने उसकी सलवार को नीचे करनी की कोशिश की, तो उसकी सलवार में इलास्टिक होने की वजह से मुझको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उसकी सलवार नीचे हो गई थी.

मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर रखकर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया. अब वो मस्त होती जा रही थी और मौन करने लगी थी अह्ह्ह प्लीज सर ऐसा मत करो, आपको आपकी माँ की कसम है, छोड़ दो मुझको, आआ, सुउुउउ, हाईईई, प्लीज, नहीं सर छोड़ दो ना, अम्म, आआ, ओह. फिर मैंने उसकी चूत के छेद को थोड़ा सा खोला और अपनी जीभ उसकी चूत के छेद में डाल दी.

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मेरे ऐसा करने से वो और मस्त हो गई और अब उसने आवाजें निकालनी शुरू कर दी थी आहह, बसस्स ना, आह, एम्म्म छोड़ दो, छोड़ दो, प्लीज ना और फिर वो एक बार फिर से मेरे मुँह में ही झड़ गई और में उसकी चूत चाटता रहा और वो आआआ, प्लीज मत करो ना, एमम, आहह, एयाया, बससस्स ना, बसस्सस्स करो, प्लीज सर बोले जा रही थी.

वो सच में बहुत मासूम लड़की थी, वो बहुत जवान थी और फिर में उसकी चूत को चाटता रहा. तो तभी इतमें में उसके घर की डोर बेल बजी, तो मैंने जल्दी से अपनी शर्ट सही की और फिर में वहाँ से भाग आया और फिर उसके बाद में कभी उसके घर नहीं गया.