बेटे ने चोदा

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प्रणाम पाठको, मेरा नाम संगीता है और मैं दिल्ली कि रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं एक विधवा औरत हूँ | मेरा एक बेटा है जिसका नाम प्रवीण है और वो स्कूल में पढ़ाई करता है | मेरे पति और मेरे सास ससुर का एक्सीडेंट में देहांत हो चूका है | मैं दिखने में अभी जवान हूँ और मैं भले ही एक बच्चे कि माँ जरुर हूँ लेकिन अब मैं खुद को किसी मॉडर्न लड़की से कम नहीं मानती | मेरा रंग दूध जैसा गोरा है और मेरा फिगर 32-36-38 है | मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है और मेरा जिस्म एक दम भरा हुआ है | फिगर से आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि मैं दिखने में कैसी हूँ | मेरा हुस्न देख कर सभी अपने लंड मसलने लगते हैं | मुझे मेरे मोहल्ले के कई जवान से ले कर बुड्ढे तक चोदने के सपने देखते हैं | लेकिन मैं किसी को भी भाव नहीं देती हूँ | चलिए अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय नहीं लेते हुए अपनी कहानी शुरू करती हूँ | मेरे पति और सास ससुर के जाने के बाद घर और मेरे बेटे की जिम्मेदारी सब मेरे ऊपर आ गई थी |

मैं कुछ दिन तो समझ ही नहीं पाई कि अब क्या करूँ ? मैं बहुत असमंजस में पड़ गई अब क्या होगा मेरा क्यूंकि मेरे घरवालो ने भी मेरा साथ देन बंद कर दिया | मेरे घर वालो को लगता था कि मैं मांगलिक हूँ इस वजह से ये सब हुआ | खैर, मेरे पति बैंक में जॉब करते थे लेकिन आप लोग खुद जानते हैं कि सरकारी काम और टट्टे हमेशा लटकते रहते हैं | मुझे बहुत दिक्कत हुई बैंक में जॉब पाने में | जब मुझे जॉब मिली तब मेरा बेटा महज दो साल का था | अब दो साल के बच्चे को मैं अकेले तो घर पर नहीं छोड़ सकती थी | घर में नौकरानी रखने का भी डर रहता था कि कहीं वो बच्चा न चुरा ले या कोई और सामान या पैसा न चुरा ले | मैं बैंक में काम भी करती और अपने बच्चे का ख्याल भी रखती | जैसे तैसे मैंने अपने बच्चे को पाल कर बड़ा किया | जब मेरा बेटा दसवी क्लास में गया तब वो खुद समझदार बन चूका था और सही गलत का फैसला कर सकता था | मैंने सोचा कि चलो अब तो बड़ा हो गया है तो थोडा संभाल लेगा घर | मैं उसे प्राइवेट पढ़ाई करवा रही थी | मैं सुबह दस बजे बैंक जाती और साड़े पांच बजे घर आ जाती |

ऐसा करते करते मुझे मुझे एक साल हो गया | अब मेरा बेटा 11वी कक्षा में पंहुच गया था | एक दिन की बात है सन्डे का दिन था | मैंने सोचा कि चलो कपड़े धो लेती हूँ | मैंने प्रवीण से कहा प्रवीण अपने सारे कपडे ला कर दे अंडरवियर भी देना | उसने कहा ठीक है मम्मी | मैंने जब कपडे धो रही थी तो मैंने उसकी अंडरवियर को जैसे ही उठाया तो उसमे मुझे कुछ चिकना चिकना सा लगा | मैं समझ गई कि अब वो बड़ा हो रहा है तो उसमे कुछ शारीरक विकास हो रहे हैं | ये सब तो नेचुरल है | मैं जानती थी कि अब ये बड़ा हो रहा है तो इसके भी कुछ इच्छा होगी | मन होता होगा सब कुछ करने का तो एक दिन मैंने उसे अपने पा बुलाया और उससे पुछा कि क्यूँ सारा दिन घर में ही रहता है बाहर जा कर दोस्तों के साथ क्यूँ नहीं खेलता या रहता | घर में रहेगा तो तुझे बाहर की दुनिया में क्या चल रहा है तुझे ये कैसे पता चलेगा | अब वो जबसे बाहर जाने लगा तो थोडा उसके चेहरे में एक अलग ही रौनक आने लगी थी | अब उसके अन्दर बड़प्पन आने लगी थी | अब मैं उस पे ज्यादा ध्यान नहीं देती थी | एक दिन की बात है सन्डे का ही दिन था |

प्रवीण सुबह 12 बजे घर से निकला था और शाम को 5 बज गए तब भी वो नहीं आया | मुझे उसकी चिंता होने लगी | मैं उसके दोस्तों के पास जा कर पूछ रही थी पर किसी को भी नहीं मालूम था | अब मुझे बहुत घुस्सा आ रहा था खुद पर कि यार मैंने ये क्या कर दी | मैंने क्यूँ इसको जाने को कहा और ये पता नहीं कहाँ चला गया | रात के 9 बज रहे होंगे तब दरवाजे पर खटखट हुई | मैं जैसे ही दरवाजे पर पंहुची तो देखा कि प्रवीण एक दम नशे में आया था | मुझे उसके ऊपर गुस्सा आया तो मैंने सबसे पहले दो थप्पड़ मार दिए | दांग तो मैं तब रह गई जब उसने जवाब में कहा अरे रंडी तू मुझे मत मार बल्कि मुझे तेरी चूत मार लेने दे | ये सुन कर मेरे पैरो तले जमीन खिसक गई | मैंने उसे घसीटी कर ऊपर ले जाने लगी तो वो मेरे दूध को दबाने लगा | तो मुझे और ज्यादा गुस्सा आया | मैंने उसे बहुत मारा और एक कमरे में बंद कर के रोते हुए अपने कमरे में सोने चले गई | अगली सुबह जब हुई तो मैं सोचने लगी कि इसको अब मैं कैसे समझाऊं | अगर ज्यादा गुस्सा करुँगी तो कहीं ये गलत कदम न उठा ले | फिर मैंने सोचा कि अब जो भी हो इससे इसकी इच्छा पूछ कर पूरी करुँगी | मैंने दरवाजा खोला उसके रूम का और अन्दर गई |

मैंने उसे उठाया और उससे पुछा कि कल रात तू पि कर क्यूँ आया था ? शायद उसको तब भी नशा था तो उसने मुझसे डायरेक्ट बोल दिया कि मैं तुझे चोदना चाहता हूँ | उस समय मैंने गुस्सा नहीं किया और पुछा क्यूँ तुझे अपनी माँ और गर्लफ्रेंड में फर्क नहीं पता क्या ? उसने कहा तू मुझे बहुत मस्त लगती है | मैं तुझे चोदना चाहता हूँ मुझे एक बार चोद लेने दो | मैंने मन में सोचा कि एक बार इसकी इच्छा पूरी कर ही देती हूँ | मैं खड़े हो कर अपने गाउन को उतार दी और बस ब्रा पेंटी में उसके सामने थी | वो मुझे देख कर बहुत जोश में आ गया और उसने चादर हटाया तो उसका 8 इंच लम्बा लंड मेरी आँखों के सामने था | मैं उसके लंड को देख कर पागल हो गई क्यूंकि इतना बड़ा लंड तो इसके पापा का भी नहीं था | मैंने उसके होंठ से अपने होंठ को जोड़ ली | मुझे शराब कि बदबू आ रही थी पर मैंने इग्नोर कर दिया | मैं उसके होंठ को जोर जोर से चूसने लगी | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगा | हम दोनों ने लगभग 10 मिनट तक किस किये और फिर मैंने अपनी ब्रा को उतार दिया | अब वो मेरे मम्मों को चूसना चालू कर दिया और मेरे मुंह से आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह कि सिस्कारियां निकलें लगी |

वो मेरे दोनों मम्मों को जोर जोर से मसलते हुए चूस रहा था और मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए उसके बदन को सहला रही थी | उसके बाद मैंने अपनी पेंटी भी उतार दी तो उसने मेरी दोनों टांगो को खोल कर अपनी जीभ से चाटने लगा तो मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए उसके मुंह को अपनी चूत पर दबाने लगी | वो मेरी चूत को चाटते हुए चूत के अन्दर ऊँगली दाल कर चोद रहा था और मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | उसके बाद मैंने उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर हिलाने लगी और फिर जीभ से चाटने लगी तो उसके मुंह से भी आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह कि सिस्कारियां निकलने लगी | मैं उसके लंड को अपने मुंह में अन्दर तक ले कर चूसने लगी तो वो आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए मेरे मुंह कि चुदाई करने लगा |

उसके लंड का स्वाद थोडा नमकीन था | उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत में डाल दिया और चोदने लगा और मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | वो जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा और मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए अपने मम्मों को मसलने लगी | फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से आ कर चोदने लगा और मैं आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह आहा उन उमह आहा ऊंह न्न्म्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में साथ दे रही थी | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद उसने अपना माल मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ दिया | अब मेरा बेटा मुझे रोज चोदता है और मेंह उसके सामने नंगी ही रहती हूँ |