चूत का तिल दिल को भाया

HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम रोहन है मैं लुधियाना का रहने वाला हूं। मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं और यह मेरे कॉलेज का सेकंड ईयर है। मेरे कॉलेज में जितनी भी लड़कियां हैं वह सब मुझ पर फ़िदा रहती हैं क्योंकि मैं दिखने में बहुत ही हैंडसम हूं। मुझे जिम जाने का बहुत शौक है और मैं अपने शौक को काफी समय से पूरा कर रहा हूं इसलिए मेरी अच्छी बॉडी भी बन चुकी है। मेरे क्लास में सब लड़के मुझे कहते हैं कि तुम्हारी बॉडी बहुत अच्छी है और हमें भी तुम्हारे जैसी बॉडी बनानी है उसके लिए हमें क्या करना होगा। मैं उन्हें कहता हूं कि तुम इसके लिए जमकर कसरत करो और जिम जाया करो लेकिन सारे लड़के एक जैसे हैं और वह बहुत आलसी हैं। मैं पढ़ने में भी पहले से अच्छा हूं और मेरी हमेशा ही फर्स्ट डिविजन आती है इसलिए टीचर मुझे बहुत पसंद करते हैं।

एक बार हमारे कॉलेज से घूमने के लिए जाने वाले थे हमारे टीचर ने हमसे पूछा कि कौन-कौन घूमना चाहता है वह पैसे जमा कर सकता है। लगभग सारे बच्चों ने घूमने के लिए पैसे जमा कर दिए क्योंकि काफी समय से सब लोग कहीं घूमने नहीं गए थे। हम लोग मुंबई जाने वाले थे और मुंबई के एक कॉलेज में हम लोग रुकने वाले थे। मैं तो बहुत ही खुश था क्योंकि मैंने मुंबई को सिर्फ टीवी में देखा था और टीवी में देख कर ही मैं खुश हो जाता था और अब मैं हकीकत में मुंबई जाने वाला था। मैंने जब यह बात अपने मम्मी पापा को बताई तो वह कहने लगे बेटा तुम अपना ध्यान रखना। मेरे मम्मी पापा मुझे अब भी छोटा बच्चा समझते हैं और वह मेरा बहुत ध्यान रखते हैं। मैंने उन्हें कहा कि आप लोग बिल्कुल निश्चिंत रहिए मेरे साथ और भी बच्चे होंगे। मेरे घर पर मेरे दोस्त आए तो मेरी मम्मी उन्हें भी कहने लगी कि तुम रोहन का ध्यान रखना। मैंने अपनी मम्मी से कहा कि मम्मी आप यह किस प्रकार की बात कर रहे हैं। मैं अब कोई छोटा बच्चा तो नहीं हूं मैं अपना ध्यान खुद ही रख सकता हूं।

मेरे परिवार वाले अभी मुझे छोटा बच्चा समझते हैं और शायद उनका मेरे लिए चिंता करना लाजमी भी है क्योंकि मेरे माता-पिता की कोई भी संतान नहीं हो रही थी और जब काफी समय के बाद मेरा जन्म हुआ तो उसके बाद से वह लोग मेरी बहुत चिंता करते हैं। हम लोग मुंबई जाने के लिए तैयार थे। हम लोग ट्रेन में बैठ गए। जब हम लोग ट्रेन में बैठे तो हमारे साथ हमारे टीचर भी थे। हमारे कॉलेज के जितने भी प्रोफेसर हैं वह सब मुझे बहुत अच्छा मानते हैं इसलिए वह मुझे बार-बार कह रहे थे कि तुम सारे बच्चों का ख्याल रखना और यदि कोई भी दिक्कत हो तो हमें बता देना। हमारे साथ हमारे कॉलेज के 4 टीचर आए हुए थे। उनमें से दो सर थे और दो मैडम। मेरी शालिनी मैडम के साथ बहुत बनती थी और मैं उनके साथ बहुत ही खुल कर बात करता था। मैं अपनी सीट में बैठा हुआ था मैं जब टॉयलेट करने के लिए गया तो मैंने देखा शालिनी मैडम भी हमारी सीट से आगे वाली सीट पर बैठी हुई थी।  उसके बाद मैं उनके साथ ही बैठ गया और उनसे बात करने लगा। मैंने शालिनी मैडम से कहा कि मैडम आप कैसी हैं। मैडम मुझसे बहुत ही मजाक किया करती थी वह मुझे कहने लगी है आओ रोहन यहीं बैठ जाओ। मैं वहीं बैठ गया और हम लोग मैडम के साथ खूब जमकर मस्ती कर रहे थे। मैंने शालिनी मैडम से कहा कि हम लोग अंताक्षरी खेलते हैं। वह मुझे कहने लगे कि ठीक है हम लोग अंताक्षरी खेलते हैं। वहां पर और भी बच्चे थे हम सब लोग मिलकर अंताक्षरी खेलने लगे और सब लोग बड़े ही मस्त हो गए। सफर धीरे धीरे कटता जा रहा था और रास्ते में हमे बहुत सारी नई नई चीजे दिखाई दे रही थी। मुझे ट्रेन में सफर करना वैसे भी बहुत अच्छा लगता है और मैं जब ट्रेन में सफर करता हूं तो बहुत खुश हो जाता हूं। मैंने शालिनी मैडम से पूछा क्या आप इससे पहले भी मुंबई गई है। वह मुझे कहने लगे कि हां मैं कई बार मुंबई जा चुकी हूं। मेरे भैया वहां जॉब करते थे इसलिए मैं उनसे मिलने वहां जाती थी। हमारे क्लास के और बच्चे भी मैडम के साथ बात कर रहे थे और वह सब लोग शालिनी मैडम को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि वह बहुत ही अच्छी हैं और बहुत सपोर्टिव भी हैं इसीलिए सारे बच्चे उनकी बहुत ही रिस्पेक्ट करते हैं। मैंने शालिनी मैडम से कहा कि आपको सारे बच्चे बहुत पसंद करते हैं और सब लोग कहते हैं कि शालिनी मैडम का स्वभाव बहुत ही अच्छा है। जब मैंने मैडम से यह बात कही तो वह बहुत खुश हो गई और कहने लगी तुम भी मुझे चने के झाड़ पर चढ़ा रहे हो। फालतू में मेरी तारीफ क्यों कर रहे हो। मैंने मैडम से कहा कि मैडम आप ही हमेशा इस तरीके की बात करते हैं मैं सही कह रहा हूं आपको सब लोग बहुत अच्छा मानते हैं।

वह मुझे कहने लगी मुझे तो आज तक कभी ऐसा नहीं लगा कि सब लोग मुझे पसंद करते हैं। मैंने उन्हें कहा नहीं मैडम आपको सब लोग बहुत पसंद करते हैं। शायद उस दिन उनका मूड मेरे साथ सेक्स करने का था इसलिए वह मुझसे ऐसी बातें कर रही थी। मैं भी उनसे बात कर के बहुत खुश हो रहा था। उन्होंने मुझे अपनी बड़ी आंखों से इशारा किया। मैं दरवाजे के पास चला गया वह भी मेरे पीछे आ गई। हम दोनों खड़े होकर बात करने लगे। मैं उनके स्तनों को देख रहा था। उन्होंने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ते हुए कहा अब हम लोग प्यार करते हैं। मुझे बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि मैं शालिनी मैडम के बदन को कभी भी छू पाऊंगा। जब मैंने उनके बदन को हाथ लगाया तो मेरा लंड खड़ा हो गया। मेरा लंड हिलोरे मारने लगा। मैंने वहीं पर शालिनी मैडम को किस कर दिया। जब मैं उनके नर्म होठों को किस कर रहा था मेरे अंदर की इच्छा भी जाग जाती और मुझे बहुत ही मजा आता।

मैं उन्हें काफी देर तक किस करता रहा। जब शालिनी मैडम के अंदर से सेक्स की भावना जागने लगी तो वह मुझे कहने लगी आओ बाथरूम के अंदर चले। वह मेरा हाथ पकड़ते हुए मुझे बाथरूम के अंदर ले गई। जब मैं बाथरूम में गया तो उन्होंने अपने सारे कपड़े खोल दिए। मेरी सबसे पहले नजर उनकी चूत के तिल पर पड़ी। जब मैंने उनकी चूत के तिल को देखा तो मेरे अंदर से गर्मी निकलने लगी। जब मैंने उनकी चूत पर जीभ लगाई तो मेरे अंदर से जोश पैदा होने लगा। मैं उनकी चूत को इतनी देर तक चाटता रहा वह मुझसे बहुत खुश हो गई वह मुझे कहने लगी रोहन तुमने तो आज मेरी इच्छा पूरी कर दी। अब मैं तुम्हें चिकनी चूत के मजे देती हूं। उन्होंने जब मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उन्होंने काफी देर तक मेरे लंड को चूसा जिससे कि मेरे लंड ने पानी बाहर छोड़ दिया वह मेरे लंड को अपने गले तक ले रही थी और अच्छे से सकिंग कर रही थी। मैंने आज तक कभी नहीं सोचा था। मेरे अंदर से भी आग बाहर निकलने लगी थी। मैं उन्हें चोदने के लिए उत्सुक हो गया। जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर लगाया तो मेरा लंड पूरा चिकना हो गया था और उनकी चूत से इतनी तेजी से पानी बाहर निकल रहा था मेरे अंदर से बहुत जोश पैदा होने लगा। मैंने सीधा ही उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। मैंने अपने लंड को उनकी योनि में डाला तो वह मुझसे कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मुझे अपनी चूत में लेकर बहुत मजा आ रहा है। मैंने शालिनी मैडम से कहा मैडम आपकी चूत का तिल मुझे अपनी तरफ खींच रहा है। मैंने उनकी चूतडो को पकडा हुआ था। मै बहुत तेजी से प्रहार कर रहा था। मैडम मुझे कहने लगी इस तिल से तो मैंने कई लोगों को दीवाना बना दिया है। तुम्हें देख कर आज मुझे ना जाने क्या हुआ। तुमसे भी मैं अपनी चूत मरवाने के लिए उतावली हो गई। मैंने भी पूरी गर्मजोशी से मैडम को चोदना शुरू कर दिया। मेरे अंदर ना जाने इतना जोश कहां से पैदा हो गया। मैंने बड़ी तेज गति से झटके देना शुरू कर दिया। जितनी तेज गति में ट्रेन चल रही थी मै उस से भी तेज गति से उन्हें चोद रहा था। उनकी चूतडे मुझसे टकरा रही और उनसे आवाज आ रही थी। उनकी योनि और मेरे लंड से जो गर्मी पैदा हो रही थी उसको मैं 10 मिनट तक झेल पाया। जब मेरा वीर्य उनकी योनि मे गिरा तो मुझे मजा आ गया। हम दोनों बाहर आकर बैठ गए और मुंबई में भी हमने जमकर सेक्स किया।