कमसिन लड़की की चूत मारकर एक अद्भुत फिलिंग आई

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मेरा नाम आकाश है मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 25 वर्ष है। मैं बचपन से ही गांव में ही रहा हूं, हमारी आजीविका सिर्फ खेती से ही चलती है इसलिए हम लोग खेती पर ही पूर्ण रूप से निर्भर है। मेरे पिताजी किसान है, मैंने भी उनके साथ बचपन से ही खेतो में काम किया है, मैं बचपन से ही अपने स्कूल से आने के बाद उनके साथ खेतों में चला जाता था  और उनके साथ काम किया करता था। एक दिन जब मैं खेतों में काम कर रहा था तो मेरा पैर एक गड्ढे में फस गया, उस वक्त वहां पर कोई भी नहीं था, मुझे उस दिन लगा कि शायद आज तो मेरी जान ही चली जाएगी लेकिन हमारे गांव के एक चाचा खेतों से गुजर रहे थे उन्होंने जब मुझे देखा तो वह मेरी तरफ़ बड़ी तेजी से दौड़ कर आये, उन्होंने मेरे पैर को खेत के गड्ढे से बाहर निकाला।

उस दिन मैं अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूं कि चाचा ने मेरा पैर  गड्ढे से बाहर निकाल लिया नहीं तो उस दिन मेरे साथ कोई बड़ा हादसा हो जाता। जब यह बात मेरे माता-पिता को पता चली तो उसके बाद से वह लोग मेरा बहुत ध्यान रखते है लेकिन अब मैं बड़ा हो चुका हूं इसलिए अब मैं ही खेती-बाड़ी का सारा काम संभालता हूं और अपने माता पिता को कभी भी कोई तकलीफ नहीं होने देता। एक बार मैं शाम के वक्त घर पर बैठा हुआ था तो मेरी मां चूल्हे पर खाना बना रही थी और मैं पिताजी के साथ बैठा हुआ था, मेरी मां कहने लगी बेटा अब खेती से तो गुजारा हो नहीं पाता लेकिन जो भी थोड़ा बहुत होता है वह हम अपने लिए ही इस्तेमाल कर लेते हैं और थोड़ा बहुत हम बेच देते हैं लेकिन तुम्हारा भी आगे का भविष्य है और यदि तुम ऐसे ही खेती करते रहे तो शायद तुम भी हमारी तरह ही हमेशा पैसों की तंगी से गुजरोगे इसीलिए क्यों ना तुम कहीं नौकरी करने के लिए चले जाओ क्योकि अभी हम लोग खेती का काम भी कर सकते हैं। मैंने अपनी मां से कहा आप लोग ऐसी बातें क्यों कर रहे हैं मैं तो खेती का काम कर सकता हूं और आप का भी पूरा साथ देता हूं, मैं आप लोगों को छोड़कर कहीं भी नहीं जाना चाहता लेकिन मेरी मां मुझसे कहने लगी बेटा तुम्हारा भविष्य का सवाल है हम लोगों ने तो अपना जीवन काट लिया है परंतु तुम्हारे बारे में सोच कर मुझे बहुत चिंता होती है।

मेरे पिताजी भी मुझे समझाने लगे और कहने लगे गांव के और भी लड़के हैं वह सब लोग भी नौकरी के लिए शहर चले गए हैं तुम भी चले जाओ हम लोग यहां का काम संभाल लेंगे। जब मेरे पिता ने मुझसे यह बात कही तो मुझे भी लगा कि वाकई में वह लोग काफी परेशान है और मुझे चले कहीं चले ही जाना चाहिए इसलिए मैंने जाने का निर्णय कर लिया और मैंने सोचा कि क्यों ना मैं अब किसी बड़े शहर का रुख कर लूँ। मुझे तो वैसे ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी क्योंकि मैं ज्यादातर अपने गांव में ही रहा था और मैंने गांव का जीवन ही देखा था लेकिन जब मैं शहर जाने की तैयारी में था तो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे कहां जाना चाहिए, मेरे गांव का ही एक दोस्त है वह बेंगलुरु के बारे में मुझसे बहुत बातें करता रहता था क्योंकि वह बेंगलुरु में ही रहता है परंतु मुझे नहीं पता कि वह वहां पर क्या करता है। मैंने भी बेंगलुरु जाने का निर्णय ले लिया था, जब मैं बेंगलुरु पहुंच गया तो मैं वहां का माहौल देख कर थोड़ा अजीब सा महसूस कर रहा था क्योंकि वहां पर सब लोग अपने आप में ही व्यस्त हो रखे थे और मैं कुछ समझ भी नहीं पा रहा था कि मुझे कहां जाना है, मेरे हाथ में एक बैग था और मैं उसे लेकर स्टेशन से बाहर गया तो मैंने वहीं पास में एक पान वाले से पूछा कि भैया यहां पर कोई काम मिलेगा क्या, वह मुझे कहने लगा तुम कहां से आए हो, मैंने उसे बताया मैं हरियाणा का रहने वाला हूं। उस दिन तो मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैंने सही आदमी से पूछ लिया, उसने मुझे एक जगह पर काम भी दिलवा दिया। उसी पान वाले के परिचय में कोई व्यक्ति थे मैं उनके पास ही काम करने लगा, उनकी बहुत बड़ी मोबाइल की दुकान है, मैंने वहीं पर काफी समय तक काम किया। जब मैं शहर के रंग में रंगने लगा तो मैंने सोचा कि मुझे कुछ और करना चाहिए इतने से तो मेरा गुजारा नहीं चलने वाला, मैंने वहां से नौकरी छोड़ दी और उसके बाद मैं एक कपड़ों के शोरूम में लग गया, वहां पर मुझे थोड़ा ज्यादा तनख्वाह मिलती थी।

वहां पर भी मेरी अच्छी जान पहचान होने लगी थी और जितने भी कस्टमर आते थे मैं उनके साथ बहुत ही अच्छे से बात करता, जिससे कि वह लोग दुकान में ज्यादा आने जाने लगे थे। मेरे मालिक भी मुझसे खुश होते थे तो वह मुझे टिप दे दिया करते, उन्होंने मेरी तनख्वाह भी बढ़ा दी थी क्योंकि मेरी वजह से उनकी दुकान का काम भी अच्छा चलता। मेरी दुकान के मालिक और मेरे बीच में बड़े ही अच्छे संबंध थे, हम दोनों ही एक दूसरे से बड़े खुल कर बात करते हैं, जब भी कोई उनके फोन या कोई कस्टमर आते तो वह मुझे कहते कि आकाश तुम इन्हें देख लो। मैं ही उन कस्टमर को देखा करता हूं और उनका मुझ पर पूरा भरोसा भी था। मैं एक दिन दुकान में बैठा हुआ था, उस दिन ज्यादा भीड़ नहीं थी। मेरे दुकान के मालिक ने मुझे कहा मेरे पास आज कल एक लड़की बड़े फोन कर रही है और वह दिखने में तो बड़ी माल है लेकिन मैं उसके पास नहीं जा पा रहा हूं। मैंने उनसे कहा मुझे उसका नंबर आप दे दो मैं ही उसकी चूत की खुजली मिटा दूंगा वैसे भी मेरा लंड काफी दिनों से चूत का भूखा बैठा है, उन्होंने मुझे नंबर दे दिया। मैं जब रात को घर गया तो मैंने उसे फोन किया, उस से मैंने बड़ी अश्लील बातें की जब हम दोनों पूरे मूड में हो गए तो मैंने उसे कहा क्या कल मैं तुम्हारे पास आ जाऊं।

उसने मुझे कहा ठीक है कल तुम मेरे पास आ जाओ। मैं जब उसके घर गया तो वह 20 वर्ष की एक कमसिन लडकी थी, मैं उसे देखकर बड़ा दंग रह गया  मुझे तो लगा था कि कोई 25, 30 वर्ष की लड़की होगी लेकिन वह तो बड़ी ही माल थी। उसने मुझे जब अपने घर पर बुलाया तो मैंने भी ज्यादा देर नहीं की और उसे अपन बांहो मे भर लिया, मैं उसके होठों का रसपान करने लगा मैंने उसके होठों को इतने बढ़िया तरीके से चूसा की उसके होठों से खून निकल आया। वह सेक्स की इतनी ज्यादा भूखी थी कि उसने मेरे लंड को अपने हाथ में लेते हुए हिलाना शुरू कर दिया, हिलाते हिलाते जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो मैं ज्यादा देर तक अपने आप को नहीं रोक पाया, मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डालने की कोशिश की तो मेरा लंड उसकी चूत में नहीं जा रहा था क्योंकि उसका चूत का छेद बहुत छोटा था लेकिन मैंने जैसे ही अपने लंड को उसकी चूत में प्रवेश करवाया तो वह जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड को बड़ा मोटा है। मैं उसे तेजी से धक्के दे रहा था, मैंने उसका नाम पूछा उसका नाम शगुन  था। मैने उसकी चूत बहुत अच्छे से मारी, मैं जब उसे धक्के मारता तो वह अपने दोनों पैर खोल लेती और मैं उसे बड़े अच्छे से चोद रहा था। मैंने उस दिन उसके साथ 5 मिनट तक संभोग किया, 5 मिनट के अंदर जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो हम दोनों ही एक दूसरे के साथ सेक्स कर के बहुत खुश थे। मैं उसके साथ कुछ देर बैठ गया और उसे पूछने लगा तुम्हारे तो और भी आशिक होंगे। वह कहने लगी हां मेरे और भी आशिक हैं लेकिन तुम्हारे जैसा लंड किसी का भी नहीं है, तुम्हारा लंड पूरे 9 इंच का है, मुझे उसे अपनी चूत में लेकर बड़ा मजा आया। जब उसने यह कहा तो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत एक दफा और मारना चाहता हूं, मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गरमा गरम चूत के अंदर जैसे ही अपने लंड को उतारा तो वह चिल्लाने लगी और मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा। मैंने उसे इतनी देर तक चोदा कि उस दिन उसकी इच्छा बहुत अच्छे तरीके से पूरी हो गई, उसके बाद जब मैं उसे चोद कर घर लौटा तो मेरा लंड सुज कर मोटा हो चुका था लेकिन शगुन को चोदने में जो मजा आया वह एक अद्भुत मजा था।