पड़ोस में आई पड़ोसन को बड़े अच्छे से चोदा

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मेरा नाम रंजीत है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है और मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूं। मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं और मेरा एक छोटा लड़का भी है, मेरी पत्नी ही उसकी देखभाल करती है। मेरी पत्नी का नाम उर्मिला है और हम लोगों की शादी के बाद से ही हम लोगों का बच्चा नहीं हो रहा था परंतु काफी समय बाद जब हमारा बच्चा हुआ तो मेरे माता-पिता बहुत खुश हुए क्योंकि उन्हें सब लोग बहुत ताने मार रहे थे। मेरे माता-पिता आप बहुत खुश हैं और वह मेरे बच्चे के साथ ही खेलते रहते हैं। मैं भी एक कंपनी में नौकरी करता हूं, मैं सुबह के वक्त चला जाता हूं और शाम को ही मेरा घर लौटना होता है। कभी कबार मेरे दोस्त मुझे मिल जाते हैं और उनके साथ ही मैं समय बिता लिया करता हूं। जब भी मेरे पुराने दोस्त मुझे मिलते हैं तो मैं उनके साथ बैठकर अपने पुराने दिन याद कर लिया करता हूं। हम लोग बात करते हैं कि अब तो हमारी जिंदगी सिर्फ काम के बीच में ही इसका रह गई है और हम अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पाते है।

मैं भी अपनी पत्नी को बिल्कुल समय नहीं दे पाता था और उर्मिला हमेशा ही मुझे कहती कि आप मुझे बिल्कुल भी समय नहीं दे पाते हैं। थोड़ा बहुत समय आप हमारे लिए भी निकाल लिया कीजिए। मैं उसे कहता कि अभी यदि मैंने मेहनत नहीं की तो बाद में हमारे लिए ही यह दिक्कत वाली बात हो जाएगी इसीलिए मैं बहुत ज्यादा मेहनत करता हूं और मैं कभी-कभी ओवरटाइम भी काम कर लिया करता था। एक दिन मैं छुट्टी के दिन घर पर ही था, उस दिन हमारे पड़ोस में एक महिला रहने के लिए आई। वह शादीशुदा थी लेकिन वह अकेले ही रहती थी। मैंने जब अपनी पत्नी से पूछा तो वह कहने लगी कि वह शादीशुदा है परंतु वह अपने पति के साथ नहीं रहती, वह दोनों अलग रहते हैं। मेरी पत्नी कहने लगी कि मैंने हीं उन्हें हो घर दिलवाया है। मैंने अपनी पत्नी से पूछा कि क्या तुम उन्हें पहचानती हो, वह कहने लगी कि नहीं मैं उन्हें नहीं पहचानती लेकिन जब मैं बाहर दुकान से कुछ सामान ले रही थी तो उस वक्त वह दुकान वाले से पूछ रही थी कि यहां कॉलोनी में कोई घर खाली है, तो मैंने ही उन्हें बताया कि हमारे सामने ही एक घर खाली है यदि आप उनसे बात करें तो शायद वह लोग आपको घर दे दे।

उर्मिला कहने लगी कि वह बहुत ही अच्छी महिला है और उनका नाम रंजना है। उन्होंने अपना सामान शिफ्ट कर लिया था और मेरी पत्नी भी मुझे कहने लगी कि हम लोग भी उनकी मदद कर देते हैं। जब हम लोग उनके घर पर गए तो हम लोगों ने उनकी थोड़ा बहुत मदद की। मेरी पत्नी ने मेरा परिचय  रंजना से करवाया, वह हमें कहने लगी कि आप लोगों ने मेरी बहुत मदद की है, नहीं तो मैं यह सामान अच्छे से रख ही नहीं पाती। वह कहने लगी कि मैं आप लोगों के लिए चाय बनाती हूं, जब रंजना ने हमारे लिए चाय बनाई तो उसके बाद हम लोग साथ में ही बैठे हुए थे लेकिन मैंने उसके बारे में ज्यादा नहीं पूछा। मेरी पत्नी ही रंजना से बात कर रही थी और मुझे सिर्फ उन्होंने इतना बताया कि मैं किसी कंपनी में जॉब करती हूं और मैंने इससे ज्यादा उनसे बिल्कुल भी बात नहीं की। थोड़ी देर बाद हम लोग भी अपने घर आ गए, अगले दिन वह अपने ऑफिस जा रही थी और मैं भी अपने ऑफिस जा रहा था तब तक रास्ते में मुझे रंजना मिल गयी और रंजना ने मुझसे बात की वह कहने लगी कि क्या आप अपने ऑफिस जा रहे हैं, मैंने उन्हें कहा कि हां मैं अपने ऑफिस जा रहा हूं। उन्होंने मुझे पूछा कि आप का ऑफिस कौन सी जगह है, मैंने उन्हें बताया कि मेरा ऑफिस हमारे घर से कुछ दूरी पर ही है। वह मुझे कहने लगी कि यदि आप मुझे मेरे ऑफिस तक छोड़ दे तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी, मैंने उन्हें कहा, नहीं इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है, मैं आपको आपके ऑफिस छोड़ देता हूं क्योंकि उन्हें रास्ते का अच्छे से पता नहीं था इसलिए मैंने उन्हें उनके ऑफिस छोड़ दिया। रंजना ने मुझसे मेरा फोन नंबर भी ले लिया था और कहने लगी, जब मैं शाम को ऑफिस से आऊंगी तो मैं आपको फोन कर दूंगी। मैंने उन्हें कहा ठीक है जब आप ऑफिस से निकले तो आप मुझे फोन कर दीजिएगा।

शाम को जब वह ऑफिस से निकले तो उन्होंने मुझे फोन कर दिया और वह मेरे ऑफिस के पास आ गई। मैं उन्हें अपने साथ घर ले आया और अब यह सिलसिला लगातार चलता रहा। वह मेरे साथ ऑफिस जाती थी और शाम को मैं उन्हें ऑफिस से घर लेकर आता था। कभी कबार मेरी पत्नी और मैं भी उनके घर चले जाते थे। अब रंजना से हमारा बहुत अच्छा परिचय हो गया था। इस वजह से हम लोग उनके घर पर आते जाते रहते थे और उन्हें भी कभी कोई आवश्यकता होती तो वह हमारे घर पर आ जाती थी। मुझे उनका व्यवहार बहुत ही अच्छा लगता था। वह बहुत ही शालीनता से बात करती थी और जिस प्रकार से वह बात करती थी वह मुझे बहुत अच्छा लगता था। मेरी पत्नी भी उनकी बहुत तारीफ करती थी। वह कहती थी कि उनका नेचर वाकई में बहुत अच्छा है लेकिन ना जाने क्यों वह अपने पति के साथ नहीं रहती। मैंने उर्मिला से कहा कि हो सकता है उनकी आपसी बात होगी इस बारे में हम लोग उनसे ना ही पूछे तो ज्यादा उचित रहेगा। रंजना हमेशा ही मेरे साथ ऑफिस आती थी और एक दिन जब हम लोग ऑफिस से लौट रहे थे तो उसने पतली सी सलवार पहनी हुई थी और वह लाल रंग की थी।

मुझे उसकी सलवार देखकर बहुत ही सेक्स चढ रहा था और मैंने रंजना से कहा कि क्या आज मैं आपके घर पर आ सकता हूं वह कहने लगी हां ठीक है तुम मेरे साथ मेरे घर पर चल लेना। जब मैं उनके घर पर गया तो वह अपने कपड़े बदलने लगे मैंने उन्हें पीछे से कसकर पकड़ लिया। मैंने इतनी तेजी से रंजना को पकडा कि उनकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी मैंने तुरंत ही उनके कपड़े उतार दिए। मैं उनके होठों को चूसने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उनके होठो को चूस रहा था। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और अच्छे से सकिंग किया। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी काफी देर तक उन्होंने ऐसे ही मेरे लंड को चूसा। उसके बाद मैंने उनको लेटा दिया और उनके स्तनों को मैं चूसने लगा। मैंने काफी देर तक उनके स्तनों का रसपान किया और मैंने उनककी सलवार को फाडते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया रंजना को अच्छा महसूस होने लगा। मैं अपने लंड को उनकी योनि के अंदर करता तो मुझे मजा आता। काफी देर तक ऐसा करने के बाद मैने उन्हें घोडी बना दिया और मैंने अपने लंड को उनकी योनि में डाल दिया। उन्हें बहुत अच्छा लगने लगा जब मेरा लंड उनकी योनि में गया और रंजना मेरा पूरा साथ देने लगी। मैंने उन्हें बड़ी तेज तेज धक्के दिए वह मुझे कहने लगी कि आज तुमने काफी समय बाद किसी ने मेरी इच्छा पूरी कर दी है और मैं बहुत खुश हूं। मैंने उन्हें बड़ी तेज तेज धक्के मारे और काफी देर तक मैं उन्हें ऐसे ही चोदता रहा मेरा माल जल्दी ही उनकी चूत मे गिर गया।  मैंने अपने लंड को हिलाते हुए दोबारा से उन्हें घोड़ी बना दिया और जब मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो बहुत चिल्लाने लगी और मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैंने बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू किए और अब वह भी मुझसे अपनी चूतडो को मिला रही थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी। वह कहने लगी कि तुम मुझे बहुत अच्छे से चोदे जा रहे हो मुझे मजा आ रहा है। वह अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी और मैं भी उतनी तेजी से झटके देते जाता। जब वह झडने वाली थी तो उसने अपनी योनि को टाइट कर लिया। उसके बाद में उन्हें बड़ी तेज झटके देते रहा लेकिन मैं ज्यादा समय तक उनकी गर्मी को झेल नहीं पाया और जैसे ही मेरा माल गिरा तो मैंने उनकी योनि से लंड को बाहर निकाल लिया। उसके बाद हम दोनों  साथ में बैठकर बात कर रहे थे वह मेरे साथ सेक्स कर के बहुत खुश थी और मुझे भी उनके साथ सेक्स करने में बहुत मजा आया। मै उसके बाद घर चला गया लेकिन हम लोग जब भी ऑफिस से आते तो वह मुझे हमेशा ही कहती कि तुम मेरी इच्छा आज पूरी कर दो।