प्रेरणा से मुझे मिली प्रेरणा

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हैलो दोस्तों, में आपका प्यारा दोस्त राज एक बार फिर से हाजिर हूँ आपके सामने अपनी नई प्रस्तुति लेकर. दोस्तों मेरा मानना है कि जिंदगी में जो भी करने का मन हो एक बार तो ज़रूर करना चाहिए, वो चाहे सोचने में कितना भी गंदा क्यों ना लगे, क्योंकि हर चीज़ का असली मज़ा उसे खुद करके ही पता चलता है, खैर अब आपको ज़्यादा बोर ना हुए में अपनी इस कहानी पर आता हूँ. मुझे एक लेडिस का मैल मिला और वो मुझसे सेक्स करना चाहती थी. फिर उससे मैंने पहले मैल के ज़रिए बात बढ़ाई.

फिर कुछ दिनों में मुझे लगने लगा कि उसके विचार मुझसे बहुत मिलते हैं, उसकी शादी को दो साल हो चुके थे, लेकिन उसके पास अभी तक अपना कोई बच्चा नहीं था और होगा भी कैसे, क्योंकि उसके पति का लंड तो ठीक ठाक था, लेकिन उसका वीर्य बहुत कम निकलता था. उसका नाम प्रेरणा है और उसकी उम्र 27 साल थी और सेक्स का तज़ुर्बा उसने अपनी शादी से पहले ही बहुत बार कर लिया था और अब हम रोज चेट करने लगे, क्योंकि उसका पति हर रोज घर पर रात को आठ बजे के बाद ही आता था.

कुछ दिन और बीते तो उसने मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दिया और वो जब भी फ्री होती तो मुझे मिस कॉल मारती या कॉल करती. दोस्तों जब मैंने पहली बार फोन पर उसकी आवाज़ सुनी तो मेरा मन बावरा होने लगा और लंड का तो बुरा हाल हो गया. फिर वो मुझसे बोली कि उसकी चूत भी मेरी बातों से गीली हो जाती है, जिसे वो फिर से उंगली डलकर शांत करती है और अब मुझे उससे मिलने का बहुत मन होने लगा. हम एक दिन फोन पर बातें कर रहे थे तो तभी उसने मुझे बताया.

प्रेरणा : यार राज, मैंने अपनी चूत की सील तो 12वीं क्लास में ही तुड़वा ली थी, मेरी क्लास का एक लड़का था और वो एक बार मुझे अपने घर पर चोदने के लिए ले गया और मुझे ब्लू फिल्म दिखाकर गरम करने के बाद जब उसने कपड़े उतारे तो मेरा मूड बदल गया, क्योंकि उसका लंड चार इंच का था.

में : फिर क्या हुआ जानेमन?

प्रेरणा : वो मुझसे बोला कि वो मुझे चोदकर बहुत मज़े देगा और मुझे भी ब्लूफिल्म के साईज़ का लंड देखकर बहुत डर लगता है. खून निकलने और दर्द होने के बाद हमने 69 शुरू किया तो वो पांच मिनट में ही मेरे मुहं में झड़ गया और मुझे उसका वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा, लेकिन में सोच रही थी कि ब्लू फिल्म वालों की तरह सबका वीर्य बहुत सारा निकलता होगा, खैर अब वो मेरी चूत चाटने लगा और उसने अपनी एक उंगली उसमे डाल दी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.

में : हाँ जानेमन आज तो तुम मेरे लंड का बहुत बुरा हाल करके छोड़ोगी.

प्रेरणा : अरे यार पहले पूरी बात तो सुन लो.

में : हाँ ठीक है चलो आगे बताओ क्या हुआ?

प्रेरणा : में पूरी नंगी होकर बेड पर उसे अब अपनी चूत चटवा रही थी और सेक्स की गर्मी मेरे दिमाग़ में चढ़ चुकी थी, मेरे मुहं से उह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकलने लगी और अब तक उसका लंड भी दोबारा तनकर खड़ा हो गया तो वो तभी मुझसे बोला कि चूत में डाल दूं क्या? तो मुझे उसकी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आया.

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में : लेकिन ऐसा क्यों?

प्रेरणा : अबे यार इसमें भी कोई पूछने की कोई बात थी, क्या एक नंगी तड़पती हुई लड़की से यह बात पूछना चाहिए? और फिर वो अपना लंड डालने लगा तो उसका सुपाड़ा अंदर तक चला गया, लेकिन अब भी उससे मेरी सील नहीं टूट रही थी तो मैंने खुद अपने बचे हुए कपड़े उतारकर उसकी मदद करनी चाही, लेकिन फिर भी उससे सील नहीं टूटी और अब हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद पसीने में नहा चुके थे. फिर वो मुझसे बोला कि पहले में बियर की बॉटल पर एक कॉंडम चढ़ाकर तुम्हारी सील तोड़ देता हूँ तो जिससे रास्ता बन जाएगा.

में : और फिर क्या हुआ?

प्रेरणा : तभी अचानक से उसका बड़ा भाई जो शादीशुदा था तो वो वहाँ पर आ गया, उसके पास घर की एक दूसरी चाबी थी तो वो कभी कभी अपने माता पिता से मिलने आता था, मेरे बॉयफ्रेंड की तो उन्हें देखते ही हवा निकल गई और वो उसके पैरों में लेटकर रोने लगा और कहने लगा कि भैया प्लीज मम्मी, पापा नहीं थे, इसलिए ग़लती हो गई, में फिर कभी ऐसा नहीं करूँगा. फिर उसका भाई बोला कि जा बाहर वाले रूम में और तू मेरा वहीं पर बैठकर इंतजार कर, तुझसे में बाद में बात करूँगा पहले इससे तो बात कर लूं. फिर मेरा बॉयफ्रेंड अपनी जीन्स उठाकर बाहर भाग गया और में अभी तक बेड शीट में लिपटी हुई परेशान थी, लेकिन तभी मेरी नज़र बड़े भाई की पेंट पर पड़ी तो मुझे वहाँ आशा का बड़ा सा तिनका नज़र आया.

में : हाँ फिर क्या हुआ जान?

प्रेरणा : यार मेरी तो अभी भी वो सब याद करके हालत बहुत खराब हो रही है, अभी क्या हम एक बार मुठ मार ले क्या?

में : नहीं पहले तुम यह कहानी तो पूरी कर दो.

प्रेरणा : ठीक है एक मिनट रूको पहले में अपने सारे कपड़े उतार देती हूँ और नंगी लेटकर आगे की कहानी बताउंगी और तुम भी अपने उतार लो.

में : मेरा तो कब से मेरे हाथ को गरम कर रहा है जानेमन, में अब अपनी टी-शर्ट भी उतार देता हूँ.

प्रेरणा : हाँ अब ठीक है अगली बार हम वीडियो चेट करेंगे, क्योंकि तब तक मेरा वेबकेम आने वाला है.

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में : वाह फिर तो मज़ा ही आ जाएगा.

प्रेरणा : अब आगे सुनो.

में : ठीक है सुनाओ.

प्रेरणा : मेरे दिमाग़ में उस टाईम ब्लू फिल्म वाले लंड के अलावा कुछ नहीं चल रहा था, लेकिन मैंने नाटक करते हुए उनसे कहा कि भैया मुझे जाने दो, में आपके छोटे भाई की गर्लफ्रेंड हूँ और अगर आप कहेंगे तो हम फिर से ऐसा कभी नहीं करेंगे.

फिर वो मुझसे बोले कि में अभी तुम्हारे माता, पिता को फोन करके बताता हूँ कि तुम मेरे छोटे भाई को बिगाड़ रही हो और उन्होंने मेरे सेलफोन से मेरे पापा का मोबाईल नंबर निकाल लिया, मुझे अब बहुत डर लग रहा था और यही वक़्त था कुछ कर गुजरने का. फिर मैंने अपनी बेड शीट हटाई और उनकी पेंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया तो वो लगभग आधा खड़ा हुआ था तो में उससे बोली कि अब क्यों नाटक कर रहे हो भैया सेलफोन छोड़ो और मेरे बूब्स को दबाओ और आज हम दोनों का काम बन जाएगा.

दोस्तों वो बहुत समझदार था और उसने अपने होंठ मेरे होंठो पर टिका दिए और चूसना शुरू कर दिया. मैंने भी अपनी बाहें उनकी कमर में डालकर अपनी जीभ को उनके मुहं में सरका दिया और अब हमारा एक बार फिर से खेल शुरू हो चुका था और तीन मिनट तक लगातार किस करने के बाद मैंने उनकी आँखों में आखें डालकर देखा और उनके कपड़ों की और इशारा किया तो उन्होंने बाहर से अपने छोटे भाई को बुलाया और मार्केट जाने को कहा और वो भी अब सब चक्कर समझ चुका था और वो बोला कि अरे बड़े भैया आपको अगर इसे चोदना ही है तो मुझसे ऐसे क्यों शरमा रहे हो? आप मजे करो और जब इसको कोई ऐतराज़ नहीं है तो आप तो मेरे भाई हो.

अब उसका बड़ा भाई मेरी तरफ देखने लगा तो में उससे बोली कि मुझे अब कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन में चाहती हूँ कि जब बड़ा मुझे चोदे तो छोटा सामने बैठकर मेरी चुदाई को देखे और यह खेल सीखे और इस बात पर वो दोनों भाई मुस्कुराने लगे और अब बड़े भाई ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और छोटा पीछे सोफे पर बैठ गया. फिर बड़ा भाई बोला कि वाह साले इतनी जबरदस्त आईटम तूने पटाई है, क्या गोरे टाईट बूब्स है इस साली के.

में उस समय पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई अंगड़ाई ले रही थी और एक हाथ से अपनी चूत को ऊपर से ही सहला रही थी. तभी बड़े भाई ने अपना अंडरवियर निकाला और में देखते ही डर गई, क्योंकि उसका लंड तो करीब 7 इंच से भी बड़ा था और अब उसका लंड देखकर मेरा जोश कुछ ठंडा हुआ और गांड फटने लगी, लेकिन मैंने मन ही मन फ़ैसला कर लिया था कि चाहे जो हो जाए आज तो मुझे अपनी चूत को फड़वाना ही है.

उसने अपना लंड मेरे पास आकर मेरे हाथ में दे दिया, वो बहुत गरम था और मेरे हाथ में आते ही वो ठुमके लगाने लगा और उसका गुलाबी कलर का सुपाड़ा देखकर मेरी तो लार ही टपकने लगी और मैंने खींचकर उसे मुहं में ले लिया, मेरा मन तो कर रहा था कि में उसे पूरा खा जाऊँ, लेकिन आधा ही अंदर लेने पर मुझे खाँसी उठने लगी, उसके कूल्हों को अपने हाथों से अपनी और खींचा और उसके आंड सहलाए और उसे मज़ा आने लगा. तभी उसने मुझे बताया कि उसकी बीवी कभी भी ओरल सेक्स नहीं करती और आज वो पहली बार अपना लंड किसी लड़की को चुसवा रहा था, उसने मेरे मुहं में धीरे से धक्के लगाने शुरू किये और उधर उसका भाई यानी मेरा बॉयफ्रेंड भी सोफे पर बैठकर पूरा नंगा होकर अपना लंड हिला रहा था.

में : जान मेरा तो आज बिना हिलाए ही निकल जाएगा, शायद तुम्हारी इतनी हॉट कहानी सुनकर.

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प्रेरणा : बस थोडा कंट्रोल करो यार वैसे अब मेरी चूत भी चुदने के लिए बैचेन हो रही है.

में : क्यों तो फिर आ जाओ ना मुझसे चुदने?

प्रेरणा : हाँ यह सब तुम्हारे साथ भी एक दिन जरुर होगा डार्लिंग, तुम थोड़ा सब्र रखो, क्योंकि सब्र का रस बहुत मीठा होता है.

में : ठीक है चलो अब आगे बताओ कि फिर क्या हुआ?

प्रेरणा : फिर क्या उसने मेरे चूत का कबाड़खाना बना दिया?

में : अरे यार थोड़ा अच्छी तरह विस्तार में बताओ.

प्रेरणा : ठीक है और अब उसका लंड चूसते चूसते मेरे गले में दर्द होने लगा था, अब मेरी चूसने की स्पीड कम हुई तो वो सब कुछ समझ गया और उसने अपने छोटे भाई को बुलाकर उसके कान में कुछ कहा तो छोटा भाई ऐसे ही पूरा नंगा किचन में गया और घी का डब्बा उठा लाया और अपनी एक ऊँगली से थोड़ा घी निकालकर छोटे भाई ने मेरी चूत पर लगाया और बड़े भाई ने थोड़ा घी अपने लंड पर लगाया और मेरे पैरों को फैलाया और में तो ना जाने कब से इन सबके लिए तरस रही थी और अब उस खुशी में मेरी आँखें बंद हो गई और जैसे ही उसके लंड के सुपाड़े ने मेरी चूत को पहली बार छुआ तो मेरे पूरे जिस्म में 420 वॉल्ट का करंट दौड़ गया. उसने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द सा हुआ. फिर वो मुझसे बोला कि तुम्हे अगर लगे कि अब तुमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा तो तुम मुझे वहीं रुकने का इशारा कर देना. फिर मैंने कहा कि भैया में रुकने के लिए अगर तुम्हारे हाथ पैर भी पकड़ लूँ तो भी आप आज बिल्कुल भी मत रुकना, जब तक आपका पूरा लंड ना चला जाए, आज मुझे इस चूत की हर गहराई तक आपका लंड महसूस करना है.

फिर मेरी यह बात सुनकर उसे जोश आ गया और उसने एक ही झटके में आधा लंड अंदर डाल दिया, मेरे आंसू बाहर निकल आए और इससे पहले कि में चिल्लाती छोटी भाई ने मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर करीब तीस सेकेंड रुकने के बाद मैंने बड़े भाई को आगे बढ़ने का इशारा किया और छोटे भाई का लंड चूसने लगी, बड़े भाई ने अब दो धक्कों में अपना लंड मेरे गर्भाशय तक पहुंचा दिया और मुझे ऐसा लग रहा था कि में अभी बेहोश हो जाउंगी, लेकिन में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि चूत चुदवाने वाली में इस दुनियाँ की पहली लड़की नहीं हूँ तो इसलिए में हिम्मत करके चुपचाप पड़ी रही.

फिर थोड़ी देर बाद में थोड़ा थोड़ा ठीक होने लगी थी और फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए तो वो मेरे बूब्स को मेरी चुदाई करते हुए दबाने लगा और छोटे वाला भाई मेरे मुहं को चोद रहा था और मुझे भी अब बहुत मजा आने लगा था और में भी नीचे से पूरा लंड अंदर लेने के लिए अपनी चूतड़ को हिलाने लगी थी और यह सब देखकर उसने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और 15 मिनट तक चुदने के बाद में झड़ गई. फिर मैंने अपने दोनों पैरों को उसकी कमर पर कस दिया था, लेकिन वो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर छोटा वाला भाई बोला कि मेरी जान आज पहली झड़ी है मुबारक़ हो. फिर में बोली कि हाँ लंड से तो में आज पहली ही बार झड़ी हूँ, लेकिन भैया अब प्लीज इसे बाहर निकाल लो, बड़े भैया बोले कि मेरा तो अभी हुआ ही नहीं साली में ऐसे कैसे बाहर निकाल लूँ? फिर में उनसे बोली कि भैया आप मेरे मुहं में अपना लंड डाल दो और झड़ जाओ.

फिर छोटा भाई बोला कि फिर में क्या करूँगा? मैंने उससे कहा कि देखो तुम्हारा लंड अभी थोड़ा छोटा है तो तुम एक काम करो मेरी गांड मार लो जो अभी तक वर्जिन है और इससे तुम्हे भी मेरी वर्जिनीटी तोड़ने का सुख मिल जाएगा, उसको मेरा यह विचार बहुत अच्छा लगा तो उसने मुझे डॉगी स्टाईल की पोज़िशन में करके थोड़ा थूक अपने लंड पर लगाकर धीरे से मेरी गांड में सरकाया और उधर बड़े भैया ने अपने लंड के ऊपर से मेरी चूत का खून बेडशीट से साफ किया और मेरे मुहं में ले आए, उसमें से मुझे मेरी चूत की जानी पहचानी खुशबू आ रही थी, जो में हर रोज अपनी ऊँगली पर से लेती थी और उधर छोटे वाले भाई ने मेरे कूल्हों को पकड़कर एक ही झटके के साथ गांड में अपना लंड डाल दिया और जब उसने धक्के लगाने शुरू किए तो एक अजीब सा मज़ा आने लगा था, में बड़े भैया का लंड चूसने लगी.

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करीब दस मिनट बाद हम दोनों ही झड़ने को तैयार हो गये तो मैंने नीचे बैठकर उन दोनों का माल मुहं में ले लिया, सबसे पहले बड़े का और उसके बाद में अपने बॉयफ्रेंड का. उन दोनों ने एक एक करके फिर से मेरी आगे पीछे से चुदाई की. फिर बड़े भैया ने अपनी कार से मुझे अपने घर के पास छोड़ दिया. मुझसे दो दिन तक ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, क्योंकि मुझे चलने में बहुत दर्द होता और मुझे अच्छी तरह से पता था कि मेरी क्लास की चुदक्कड़ लड़कियाँ मेरी चाल को देखकर मुझसे सब कबूल करवा लेंगी.

में : चलो अच्छा हुआ एक ही दिन गांड और चूत की सील टूटी, क्योंकि अब तुम्हे दो तारीख याद नहीं रखनी पड़ेगी.

प्रेरणा : हाँ, लेकिन यह बहुत हद तक सच भी है यार और अभी तुम्हारा लंड कैसा है?

में : तुम्हारी चूत में गरम बारिश करने को तड़प रहा है.

प्रेरणा : हाँ आ जाओ. तुम्हे किसने रोका है और में हमेशा से तुम्हारी हूँ.

में : हाँ, लेकिन वास्तव में ऐसा कब होगा प्रेरणा?

प्रेरणा : बहुत जल्द डार्लिंग, क्योंकि जब से तुम्हारे मुहं से मैंने तुम्हारे लंड के जलवे सुने हैं और जैसे तुम अपनी माँ, बहन और दोस्त की बहन को चोदते हो, में तो कब से तुमसे चुदवाना चाह रही हूँ और आज ऐसा फ़ोन सेक्स करें कि पड़ोसियों तक की गांड जल जाए. दोस्तों फिर हम दोनों ने जबरदस्त फोन सेक्स किया और बहुत मज़े किए.