चुदाई का उद्घाटन

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहज़ाद है और मेरी गर्लफ्रेंड पूजा एक राजपूत फैमिली से बिलोंग करती है और उसका फिगर बहुत मस्त है. में पूजा से नये साल की पार्टी में मिला था, जहाँ वो अपनी फ्रेंड्स के साथ आई थी. उससे मेरा परिचय मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने करवाया था, जिसके लिए मैंने अपने दोस्त से रिक्वेस्ट की थी कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से कहकर मेरी भी दोस्ती किसी लड़की से करवा दे, इसके लिए मैंने उनका न्यू ईयर पार्टी का खर्चा भी उठाया था.

फिर मेरी दोस्ती हुई तो हमने आपस में अपने घर का पता वगेरह लिया, तब मुझे पता चला कि वो मेरे मकान के पीछे वाली गली में ही रहती है. अब में बहुत खुश हुआ और उस दिन हम लोगों ने साथ में खूब डांस किया.

फिर पार्टी खत्म होने पर उसने मुझसे स्पेशली बाय किया और फिर हम दूसरे दिन उसके कॉलेज के पास वाली रेस्टोरेंट में मिलने का वादा करके अपने घर आ गये.

दूसरे दिन हमने रेस्टोरेंट में काफ़ी वक़्त एक साथ बिताया और अगले दिन मिलने का वादा करके अपने-अपने घर चले गये. अब उन दिनों मेरी तो हालत ही खराब थी, क्योंकि पूजा काफ़ी सुंदर थी जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं है, वो 20 साल की गोरी, अच्छे फिगर 34-28-35 वाली, 5 फुट 4 इंच हाईट वाली, एकदम नॉटी लड़की है. अब हमारे बीच में ऐसे ही बातचीत होती रहती थी.

एक दिन में अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था कि मेरे मकान के पिछवाड़े की तरफ थोड़ी ऊँची दीवार करीब 5 फुट की है. जिसके कारण एक दूसरे की छत वाले नज़र नहीं आते है. फिर किसी की पतंग कटकर आई तो मैंने दीवार पर चढ़कर पतंग को पकड़ लिया.

फिर मेरी नजर पीछे के मकान की छत पर गयी, तो में अचरज़ से देखता ही रह गया, वहाँ पूजा भी थी. फिर में जानबूझ कर उनकी पतंगे काटने लगा, तब पहले तो उसके भैया ने कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, लेकिन में नहीं माना.

फिर पूजा ने दीवार से ऊपर देखकर कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, हमें उड़ाने दो. फिर जब मेने पीछे देखा तो वह छुप गयी और फिर वापस से आकर पतंग माँग ली. फिर उसने पतंग अपने भैया को उड़ाने के लिए दे दी और वापस आकर मुझसे बातें करने लगी.

तब मुझे पता चला कि उसका रूम भी ऊपर ही है, मैंने उससे अभी तक ग़लत बातें नहीं की थी, लेकिन मेरे मन में ये बात थी कि किसी भी तरह में उसको चोद लूँ, लेकिन डरता था कि वो बुरा नहीं मान जाए और हमारी दोस्ती ना टूट जाए, जो में नहीं चाहता था. अब तक मैंने बस उसका हाथ ही पकड़ा था और बात आगे बढ़ाने की कोशिश में था.

फिर हम अगले दिन मिले, तब मैंने उसको दूसरे रेस्टोरेंट में चलने के लिए कहा, तो वो भी तैयार हो गयी और मेरी बाइक पर बैठ गई. अब जब हम बाइक पर जा रहे थे, तब उसके बूब्स बार-बार मेरी बैक साईड को छू रहे थे, जिससे मुझको अलग सा मज़ा आने लगा था. फिर हम रेस्टोरेंट में जाकर बातें करने लगे और में धीरे धीरे उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा, उसके हाथ बहुत सॉफ्ट थे. अब में उत्तेजित होने लगा था, फिर जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो में टेबल के नीचे से उसके पैरो को दबाने लगा.

अब उसने अपनी आँखे नीचे कर ली थी. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और मुस्कुराने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी तरफ देखो, तब उसके देखते ही मैंने उसको आँख मार दी. फिर उसने फिर से अपनी आँखे नीची कर ली और कहा कि ऐसा मत करो, मुझे शर्म आती है. तब मैंने कहा कि में तुम्हारा दोस्त हूँ कोई और नहीं और ये मेरा हक है और फिर मैंने उसको किस कर दिया. अब टेबल के नीचे मेरे दोनों घुटनों के बीच में उसके दोनों घुटने थे.

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अब में मन ही मन सोच रहा था कि इसने हाँ कर दी है और अब ये मुझसे चुदवा लेगी. फिर उसने चलने के लिए कहा तो मैंने कहा कि आज रात को मिले, तब उसने कहा कि ठीक है आज रात को 11 बजे बाद और फिर हम अपने-अपने घर चले गये. अब मुझे दिन काटना भारी पड़ गया और में रात का इंतज़ार करने लगा. फिर जेसे ही शाम हुई, तो में छत पर पहुँच गया और उसका इंतज़ार करने लगा, लेकिन वो 11 बजे नहीं आई.

फिर जब में निराश होकर 11:30 बजे नीचे आने ही वाला था, कि वो आई और मुझसे सॉरी बोला और फिर उसने बताया कि वो डिनर में लेट हो गई, इसलिए लेट हो गई. फिर हम देर रात तक बातें करते रहे और फिर मैंने उसको एक पैक गिफ्ट दिया, जिसमें मैंने उसके लिए ब्लेक कलर की पेंटी और ब्रा पैक कराई थी. फिर मैंने उससे पूछा कि मेरा बर्थ-डे 20 अगस्त को है, बता क्या गिफ्ट दोगी? तब उसने कहा कि जिस चीज़ की आपको ज़रूरत हो बता दो. मैंने कहा कि वादा रहा जिसकी मुझे ज़रूरत है दोगी, तो उसने कहा कि प्रोमिस. तब मैंने कहा कि ठीक है, में बाद में बताऊंगा और फिर में उसको किस करके वापस नीचे आ गया.

फिर हम रोज रात को छत पर मिलने लगे. अब हम आपस में किस करते, तो में कभी-कभी किसी बहाने से उसके बूब्स को दबा देता था. फिर 20 अगस्त की रात को में पहले से अपना लंड झड़ाकर ऊपर छत पर गया था, तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी. फिर मैंने उसे ज़बरदस्त किस किया, तब उसने भी मुझको लाल गुलाब दिया और साथ में एक शानदार किस भी दी और बोली कि बताओ आपको बर्थ-डे गिफ्ट में क्या चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे पूजा चाहिए. तब उसने कहा कि बस वो तो पहले से ही आपकी है.

हम दोनों ने थोड़ी देर तक बातें की और उसने बताया कि कल उसके घरवाले गाँव जाएगें, क्योंकि उसके दादा जी की तबीयत खराब है. फिर मैंने कहा कि तो कल में तुम्हारे घर आ जाऊं, तो उसने कहा कि क्यों नहीं? और बताया कि वो फोन कर देगी.

फिर दूसरे दिन मुझे उसका करीब 12 बजे फोन आया और मुझे अपने घर बुलाया. फिर जब में उसके घर गया, तो उसने लोंग स्कर्ट और रेड टॉप पहन रखा था. अब उसकी स्कर्ट में से मुझे उसकी पेंटी साफ़- साफ़ नज़र आ रही थी, अब में मन ही मन बैचेन हो गया था. फिर उसने मुझसे कॉफी के लिए पूछा और फिर वो कॉफी बनाने किचन में चली गयी.

तब तक मैंने उनका ड्राइंग रूम देखा, उसमें उनके पूर्वजों की पेंटिंग्स लगी हुई थी. फिर जब में किचन में गया, तो उसका पिछवाडा मेरी तरफ था. अब मुझको उसकी पेंटी साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी, जिसको देखकर मेरा लंड कड़क हो गया और बार-बार पूजा को चोदने की ज़िद करने लगा था. अब में उसको संभाल नहीं पा रहा था और बड़ी मुश्किल से उसको काबू करने की कोशिश कर रहा था.

मैंने पूजा के करीब जाकर उसके कान में कहा कि पूजा आई लव यू. अब मेरा लंड पूजा के हिप्स पर टच करने लगा, तब वो और ज्यादा कड़क हो गया. अब में पूजा के बालों में अपना हाथ फैरने लगा था और उसे किस करने लगा था. फिर में उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा और फिर मैंने उसके कान को अपने दातों से हल्का सा काटा, तो पूजा ने इन बातों का हल्का सा विरोध किया, लेकिन धीरे-धीरे वो भी मस्ती करने लगी थी.

फिर पूजा ने मुझसे कहा कि लो आपको में अपना घर दिखाती हूँ. तब मैंने कहा कि पहले अपना रूम दिखा दो, जिसका मुझे पहले से पता था कि ऊपर है. फिर उसने अंदर से गेट अच्छी तरह से बंद कर दिया और वापस आने लगी, तो मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और उसके रूम में ले गया. अब में उसको किस पर किस कर रहा था और अब वो भी उत्तेजित तो हो ही चुकी थी.

फिर मैंने कहा कि पूजा तुम मेरे गिफ्ट को पहनकर दिखाओ, तो उसने पहले तो मना कर दिया, लेकिन फिर मैंने ज़िद की तो वो मान गयी और बाथरूम में जाकर अपने पहले वाले अंडरगार्मेंट्स को उतारकर मेरे वाले गिफ्ट को पहनकर आई. फिर मैंने कहा कि यह सही तरीके से आए नहीं है. फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर में उसके ऊपर लेट गया और अब उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी और अब वो मेरे किस का मज़ा लेने लगी थी.

फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया, तो में उसको देखता ही रह गया, उसके बूब्स वाउ ब्लेक ब्रा में गजब ढा रहे थे. फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी और पूजा के बगल में लेटते हुए कहा कि पूजा आई वॉंट फुक यू, यही मेरा बर्थ डे गिफ्ट है मुझे इसी की ज़रूरत है. फिर मैंने उसकी बॉडी पर किस की बौछार कर दी और अब उसके मुँह से सस्स्स्स्सस्स्स्स्सस्स आह्ह की आवाज़ आने लगी थी. फिर में उसकी नाभि पर किस करता हुआ नीचे गया और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और उसकी स्कर्ट को ऊँचा उठा दिया तो मुझे मेरा खजाना पेंटी के नीचे से बहुत ही पास नज़र आया, जिसे में खोना नहीं चाहता था. अब मेरा 8 इंच का लंड पूजा की चूत से मिलने के लिए बहुत उतावला हो रहा था.

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फिर में उसकी पेंटी को नीचे खींचने लगा, तब पूजा ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को छुपाने का असफल प्रयास किया, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था.

फिर मैंने उसके हाथ हटाकर उसकी शेव्ड छोटी सी चूत को देखा, तब मेरी हालत पागल जैसी हो गयी. अब वो पूरी तरह से गीली थी और मेरे लंड का स्वाद चखने को तैयार थी. फिर मैंने उसकी चूत को किस किया और अपना लंड उस पर फैरकर पूजा के ऊपर लेट गया और पूजा से कहा कि पूजा क्या बात है? तुम नाराज़ हो क्या? तो उसने कोई जवाब नहीं दिया.

तब मैंने कहा कि पूजा मुझे अपना गिफ्ट खुश होकर दो तो में लूँगा, नहीं तो रहने दो (ये मैंने उससे ऐसे ही कहा था में पूजा को बिना चोदे वापस आने वाला नहीं था) फिर मैंने उससे कहा कि शादी के बाद तो वैसे भी होगा, तो फिर आज क्यों नहीं? अपनी आँखे खोलो और प्यार से अपना गिफ्ट दो. फिर पूजा ने कहा कि मुझको शर्म आती है, तो मैंने कहा कि इसमें शर्म की क्या बात है और पूजा को किस करने लगा और उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा.

फिर उसने अपनी मदहोश आँखे खोली और में उसकी जांघो पर अपना हाथ फैरने लगा, तो वो उूउऊ आआआआहस्स्स्स्स की आवाज़े निकालने लगी. फिर में मौका देखकर उसकी टांगो के बीच में आ गया और अपने लंड का टॉप उसकी चूत के मुँह पर सेट करके उस पर फैरने लगा. फिर मैंने पूजा से पूछा कि पूजा तैयार हो तो डाल दूँ, तब उसने कुछ नहीं कहा और हम्मम्मम्मम की आवाज़ निकाली. अब मेरा लंड पूजा की फ्रेश चूत को देखकर दीवाना होकर घुसने के लिए पूरा तैयार था.

फिर मैंने अपने लंड के टोपे को पूजा की चूत पर रखकर हल्का सा दबाव डाला तो पूजा चिल्ला उठी मुम्म्मममममय्यययययी, लेकिन तब तक मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर जा चुका था. फिर मैंने कहा कि पूजा प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो, अब ज्यादा दर्द नहीं होगा. तो उसने कहा कि नहीं-नहीं शहज़ाद प्लीज बाहर निकालो, मेरे बस की नहीं है, अब में और सहन नहीं कर सकती हूँ.

फिर मैंने कहा कि पूजा प्लीज अब नहीं होगा ना, जितना होना था वो तो हो गया प्लीज और अपना लंड उसकी चूत में अंदर ही अंदर घुमाने लगा, तो उसका भी दर्द कम हुआ और उसको भी धीरे-धीरे मज़ा आने लगा. फिर मैंने हल्का सा दबाव बनाया और अपने लंड को करीब 6 इंच अंदर डाल दिया. अब इससे पहले पूजा चिल्लाती कि मैंने पहले से ही पूजा के होंठो को अपने मुँह में लेकर दबा लिया था. अब वो ह्म्‍म्म्म की आवाज़ का अलावा कुछ नहीं बोल पा रही थी और अब वो दर्द के मारे कांप रही थी.

फिर मैंने ये मौका नहीं छोड़ना चाहा और अपना पूरा लंड पूजा की चूत में घुसा दिया. अब वो रोने लगी थी और फिर में धीरे-धीरे उसको सहलाता रहा और फिर जब उसको मजा आने लगा, तो मेंने अपना लंड हल्का-हल्का ऊपर नीचे करने लगा. फिर धीरे-धीरे मुझे लगने लगा कि में ज़्यादा नहीं रुक सकता हूँ तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब पूजा भी हल्का-हल्का मेरा साथ देने लगी थी, अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था.

फिर करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया और फिर उस दिन मैंने पूजा को करीब 3-4 बार चोदा और अपना बर्थ-डे गिफ्ट लिया. फिर उसके बाद अभी तक पूजा ने मेरे साथ दुबारा सेक्स नहीं किया है, अब आगे का इंतज़ार है कि कब पूजा दुबारा से मुझसे चुदवाती है.