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कॉलेज कॉल गर्ल के साथ होटल सेक्स
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HOT Free XXX Hindi Kahani

मेरा नाम राकेश है मैं पंजाब के जालंधर शहर में रहता हूं। मुझे मेरे दोस्तों का फोन आया बोलने लगे बहुत दिन हो गया कहीं घूमने गए नहीं कहीं घूमने चलते हैं। मेरा पंजाब में डेयरी का व्यवसाय है मैंने कहा ठीक है कहीं घूम आते हैं। काम से फुर्सत मिलती है नहीं। तो हम लोगों ने दो दोस्तों को और फोन किया उनसे पूछा कहां चलना है। किसी ने बोला शिमला चलता है किसी ने बोला नैनीताल कोई  माउंट आबू लास्ट में सबकी सहमति गोवा की बनी और हम लोगों ने ट्रैवल एजेंट से प्लेन की टिकट बुक करवा ली। फिर हम लोग घूमने निकल पड़े हमारी फ्लाइट अमृतसर से थी जो सुबह की थी।

हम चारों दोस्त वहां पहुंच चुके थे। फ्लाइट में बैठ गए। फ्लाइट में बैठते ही हमारे आसपास एयर होस्टेस आ गई और पूछने लगी सर क्या लेंगे  हमारी बहुत आओ भगत हो रही थी। एयर होस्टेस  की गांड और चूची देख कर मजा आ रहा था ।हम चारों ने ब्रेकफास्ट किया और दोपहर के 12:00 बजे गोवा एयरपोर्ट पर पहुंच गए। वहां से होटल वालों ने हमारे लिए कार भिजवा रखी थी। हम चारों ने अपना सामान कार में रखा और होटल के लिए निकल पड़े। होटल पहुंचते ही रिसेप्शन में एक माल लड़की बैठी हुई थी। उसने मैं बड़े प्यार और इज्जत से पूछा सर जर्नी कैसी रही। हमेशा एक दोस्त बड़ा मजाकिया है।  उसने कहा जर्नी तो अच्छी रही पर साथ में आप होती तो और ज्यादा अच्छी हो सकती थी। लड़की ने भी हंसकर जवाब दिया व्हाई नॉट सर। और फिर मैं अपने रूम में चले गए।

हमें दो रूम ले रखे थे। दोनों रूम अच्छे थे। हमने दिन का खाना खाया और घूमने निकल पड़े। हमें रिसेप्शन पर चाबी दी। और बीयर दारू लेकर बीच पर निकल पड़े। बीच में दारू पीने का अलग ही मजा है। दोस्तों के साथ बड़े समय बाद ऐसा टाइम आया था। जब कहीं घूमने निकले थे। फिर वही आपस में बातें चलती रही पूछते रहे क्या चल रहा है  जीवन में सब बोलने लगे ठीक चल रहा है। इतने में वहां से दो रशियन बिकनी में निकली देखने में पटाखा लग रही थी दोनों की दोनों। हम ने इशारों-इशारों में उन्हें कहा चलोगे हमारे साथ उन्होंने मना कर दिया शायद कहीं बुकिंग थी उनकी।

हम उन्हें देखकर हमारा भी मन चूत लेने का होने लगा। इतने में एक आदमी हमें दूर से देख रहा था और वह हमारे पास आया और बोलने लगा कुछ माल चाहिए क्या। हमने कहा क्या सामान वह बोलने लगा जैसा बोलोगे वैसा मिल जाएगा। हमने कहा कौन-कौन सा माल है तुम्हारे पास। उसने कहा रशियन जापानीज इंडियन अमेरिकन जहां की  बोलो सब मिल जाइए। इतने में मेरे दोस्त ने कहा अरे रहने दो जाओ तुम यहां से उसने कहां सब इंजॉय करने आए हो एंजॉय करो। कितने में दूसरे दोस्त ने बोला इंडियन मिल जाएगी। पर चाहिए कम उम्र की उसने कहा 17 साल से लेकर जितने  तक की चाहिए मिल जाएगी। हमने कहा चल कल भेज देना अपना नंबर दे दे।उससे हमने कुछ गांजा लिया और चले गए। इतना मैं हूं एक दोस्त ने  रिसेप्शन पर बैठी लड़की को सेट कर लिया। रात को उसे कमरे में लेकर आ गया।

हम चारों ने मिलकर उस लड़की के साथ ड्रिंक की फिर वह दोस्त उसे कमरे में ले गया और उसकी चुदाई की। हम तीनों को जुगाड़ कुछ हुआ नहीं था। हमने उस दल्ले को फोन किया। उस मादरचोद ने उस रात फोन उठाया नहीं। हम तीनों अपना लौड़ा पकड़ कर सो गए। हमारे दोस्त की रात तो अच्छी रही सुबह आकर बताने लगा उसकी टाइट टाइट बुर मारी। कैसे और उसको लंड को चूसा। इतने मेंउस दलाल का फोन आ गया। बोला साहब रात को ज्यादा पी ली थी तो फोन देखा नहीं हमने उसे गाली दी जब काम था तब तूने फोन उठाया नहीं अब रहने दे। उसने गिड़गिड़ाते हुए कहां काम बोलो काम हो जाएगा। हमने उसे कहा कोई माल दिला दे। साहब होटल का नाम बताओ मैं वहां भिजवाता हूं।

थोड़े टाइम बाद करीबन 1 घंटे बाद वहां पर एक 20 साल की लड़की आई। और बोलने लगी क्या आप ही राकेश हैं मैंने कहा हां मैं राकेश हूं। उसने कहा मुझे बैटरी ने भेजा है। हम समझ गए उस दलाल ने भेजा है। जैसा कि उस दलाल से हमारी बात हो चुकी थी 15000 में हमने उसे ₹15000 दिए। लड़की बहुत खूबसूरत थी। कॉलेज की ड्रेस में आई थी। मेरा तो देखते ही खड़ा हो गया और मेरे दोस्तों का भी। हम लोगों ने होटल से दारू ऑर्डर करवाई। मेरे उसी दोस्त ने रिसेप्शन पर फोन करा। जिसने वो रिसेप्शनिस्ट फंसा ली थी। और उसने कमरे में दारू भिजवाई। रिसेप्शनिस्ट भी कमरे में आई वह समझ गई थी इन्होंने इस लड़की को चोदने के लिए बुलाया है। दोस्त रिसेप्शनिस्ट को दूसरे कमरे में ले गया और वहां उसको बजाने लगा। हम लोगों ने दारू शुरू करें और उस लड़की को भी पिलाई। मैंने उस लड़की का नाम पूछा उसने कहा डेलनाज दूसरे ने पूछा डेलनाज करती क्या हो।

एंजॉय करती हूं अपनी लाइफ को यह सुनकर और मजा आ गया। फिर सबको धीरे-धीरे नशा होने लगा था। फिर सबके अंदर का मर्द जागने लगा था। और देखते ही देखते डेलनाज ने अपने सारे कपड़े निकाल दिया। और वह नाचने लगी गाना चल रहा था चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी।हम सबने अपने कपड़े निकाल दिया। हम भी मदहोश होकर नाचने लगे। नाचते-नाचते किसी ने डेलनाज के होठों को किस करना शुरू कर दिया। किसी ने उसकी चुचियों को दबाना शुरु कर दिया मैंने उसकी बुर और गांड को चाटना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे डेलनाज को और मस्ती आने लगी। उसका पानी भी गिरने लगा। उसके पानी को मैं चाटने लगा लेकिन वह खत्म ही नहीं हो रहा था। मैं भी चाटता रहा। फिर हमने बारी बारी से उसके मुंह में अपना लंड दीया। ऐसा प्रतीत होता था जैसे कोई पोर्न मूवी चल रही हो। सब नशे में मस्त थे।

ऐसा लग रहा था काश ऐसा हर रोज हो जो मैं डेयरी में हर रोज मरवाता हूं। उसके बाद उसने कहा मेरी ऐसी चुदाई करो। जैसे मेरा कजिन रोज करता है। हमने कहा हमारे जैसा नहीं कर पाएगा चिंता मत करो। फिर हम तीनों ने उसे उठाया और बिस्तर पर ले गए। एकने उसके मुंह में दे रखा था। एक उसके निप्पल को  चूस रहा था। और मैं उस के पानी को अभी तक चाट रहा था जो कि और तेज होने लगा था। जैसे नल फट गया हो। और उसका पानी रुक ही ना रहा हो। और मैंने जैसे ही उसकी  गरमा गरम लाल बुर मैं अपना लोड़ा डाला। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। यह क्या डाल दिया मैंने कहा यह पंजाब का जोर है अभी तो और बचा है। मैं जैसे जैसे उसकी छोटी सी बुर मैं डालता गया। उसके आंसू निकल पड़े। क्योंकि वह कच्ची कली थी। उसने ऐसी हथियार देखे नहीं थे। आप मेरा पूरा अंदर तक जा चुका था।

वह उछल पड़ी और बाहर निकाल लिया। उसका नशा उतर चुका था। उसने उसके बाद दो पैक लगाएं। पैक लगाने के बाद हमने फिर दोबारा शुरू किया। इस बार भी लंड अंदर डालते हैं उसके घोड़े खुल पड़े। पर इस बार हमें से दबोच कर रखा था वह कच्ची कली इस बार निकल नहीं पाई। उसके बाद तो जो धक्के मैंने लगाए ऐसा लगा जैसे  17 साल पहले मैंने अपनी बुआ को पेला था। वैसे ही संकरी छोटी सी चूत है डेलनाज की। 20 मिनट करीबन हो गए थे। करते करते हैं दोनों दोस्त बोलने लगे हमें भी तो मजे लेने दे इस छोटी संकरी बुर के। कहां ठीक है मित्रों 2 मिनट रुक जा इतने में तुम इसके मुंह में दो रंजीत बोला अरे बहुत देर से ही तो कर रहे हैं। अब कुछ नया करने दे  रंजीत ने उसे उसे उल्टा कर दिया और मुझे कहा इसको अपने ऊपर लेटा मैंने उसको अपने ऊपर से लिटा दिया। अब डेलनाज मेरे ऊपर से थी पर मुझे अभी उतना ही मजा आ रहा था। इतने में रंजीत ने अपने लंड पर थूक लगाया और डेलनाज की गांड में डालने लगा। डेलनाज दर्द करहाने लगी। और उसके आंसू मेरे ऊपर टपकने लगे मैंने तीसरे दोस्त से कहा इसको पैक पिला अभी लाया भाई।

उसने डेलनाज को पैक पिलाया। अब तो जैसे डेलनाज की जान में जान आई हो। और डेलनाज चिल्लाने लगी और डालो। इतने में रंजीत ने अपना हथियार अंजाम तक पहुंचा दिया। उसके बाद जो जो रंजीत ने धक्के तेज किए। वैसे वैसे डेलनाज की चिल्लाहट बढ़ती चली गई। मैंने भी धक्के तेज कर दिए। इतने में बगल के रूम से सुमित भी निकल कर आ गया। और उसके साथ वह रिसेप्शनिस्ट भी जैसे ही उन्होंने रंजीत मुझे और डेलनाज को देखा। तो उस रिसेप्शनिस्ट का भी मन होने लगा। उसने हमारे तीसरे दोस्त जो लंड पकड़ कर खड़ा था। सुमित रिसेप्शनिस्ट और वह दोस्त उन दोनों ने रिसेप्शनिस्ट के भी वही हाल किए जो रंजीत और मैंने डेलनाज के किए थे। उसके बाद हम लोग पंजाब लौट आए।

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