बीवी के होते हुए भी मैंने एक कुंवारी लड़की चोदा

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हैल्लो दोस्तों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार | मैं इस चुदाई की कहानी का नियमित पाठक हूँ तो सोचा कि आज मैं भी अपने बारे में लिखूं । मेरा नाम धनुष कुमार है और  मैं दिल्ली में रहता हूँ और मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में ऊँचे पोस्ट पर काम करता हूँ । मेरी उम्र 28 साल है और मैं शादीशुदा हूँ | मेरी बीवी और मेरा बेटा दोनों मुझसे दूर रहते हैं क्यूंकि मैं अकेले एक फ्लैट में रहता हूँ जो मुझे कंपनी ने दिया है | मेरी बीवी का नाम सुभास्नी है और वो दिखने में सुन्दर है और हमारी शादी को 3 साल हो चुके हैं और मेरा बेटा सूरज अभी बहुत छोटा है इसीलिए उसे मम्मी की ज्यादा जरुरत है |

 

मेरी दोस्ती तो कई लड़कियों से हुई लेकिन ज्यादा कुछ नहीं हो पाया । एक लड़की मेरी ही कंपनी में एक इंजिनियर थी  उसका नाम मांडवी था और शायद वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी | वो मेरा बहुत ध्यान रखती थी जिससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी और शायद वो भी मुझे चाहने लगी थी लेकिन पहले तो मेरी उस पर ऐसी कोई नज़र नहीं थी लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे ही मेरा आकर्षण भी उसकी तरफ बढ़ता चला गया क्योंकि मैं भी अकेला ही रहता था । फिर एक दिन मुझे पता चला कि दो दिन बाद कंपनी की होली के त्यौहार की छुट्टी है और कंपनी में पार्टी है तो मैंने सोचा कि हो सकता है इस दिन का कुछ फायदा मुझे मिल जाये और वो दिन आ ही गया । कंपनी की पार्टी रात को देर से ख़त्म हुई और  मैं कंपनी से गाड़ी निकल ही रहा था कि पीछे से आवाज़ आई । मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मांडवी मेरे पीछे थी। मेरे तो जैसे दिल की मुराद ही पूरी हो गई । वो मेरे पास आई और पूछा कि कहाँ जा रहे हो ? मैंने कहा रूम पर जा रहा हूँ । वो मुस्कुराई और कहा कि मुझे नहीं लेकर चलोगे ? मैंने कहा कि अरे ये भी कोई बोलने वाली बात है | मुझे तो लगा कि जैसे मेरी हर मुराद पूरी हो गई । मैं उसे लेकर जैसे ही कंपनी से निकला और वो मुझे देख कर हंसने लगी । मैं उसका इशारा समझ गया । मैंने उससे पूछा तुम कहाँ जाओगी ? तो उसने कहा कि मेरी एक सहेली यहाँ पास में ही रहती है मैं वहाँ चली जाऊँगी । तो मैंने कहा अगर तुम बुरा ना मानो तो मेरे साथ चल सकती हो और  मैं भी अकेला ही रहता हूँ और मेरे साथ रुक सकती हो जिससे तुम्हें सुबह आने में भी परेशानी नहीं होगी । उसने कहा आपको परेशानी नहीं होनी चाहिए, मुझे कोई परेशानी नहीं है । तो मैंने कहा कि मुझे कोई परेशानी नहीं है  तुम मेरे साथ रुक सकती हो ।

 

इतने पर कह सकते हैं कि वो भी सेक्स चाहती थी और शायद मैं भी चाहता था और थोड़ी ही देर में हम मेरे फ्लैट पर पहुँच गए । वहां पहुंच कर हम अंदर गए और  मैंने उसको चाय-कॉफ़ी के लिए पूछा तो उसने मना कर दिया और हमने खाना तो खा ही लिया था । अब ड्रेस बदल कर मैंने उसे ड्रेस बदलने के लिए अपना लोअर और टीशर्ट दे दिया । वो जैसे ही ड्रेस बदल कर बाहर निकली तो मैं उसको देखता ही रह गया । वो उन कपड़ों में क्या क़यामत लग रही थी | वो बाल झटक कर बैठ गई । मुझ पर तो जैसे उसका नशा सा छाने लगा । मैं बस उसे देखता ही जा रहा था । उसने मुझे कहा ऐसे क्या देख रहे हो ? मैंने कहा आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो । जैसे कोई परी आसमान से धरती पर अभी अभी उतरी हो | मेरा ऐसा कहते ही वो शरमाने लगी और कहने लगी आप मजाक कर रहे हो | मैंने कहा कि नहीं मांडवी आज तुम सच में बहुत सुन्दर लग रही हो और आज तुम्हें प्यार करने को दिल कर रहा है | वो गुस्सा होने लगी और कहने लगी मैं जा रही हूँ । मैं तो आपको बहुत सीधा और अच्छा समझती थी । लेकिन आपने मेरा दिल तोड़ दिया । वो जैसे ही कपड़े उठाने के लिए आगे बढ़ी मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और अपनी बाँहों में भर लिया ।

 

वो मुझसे छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी । मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए । उसने इसका अबकी बार कोई विरोध नहीं किया । लगभग दस मिनट तक मैं उसके होठों का रसपान करता रहा और  वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी । उसने अपने हाथों की पकड़ मुझ पर बढ़ा दी थी । मैं अब समझ चुका था कि देर करना ठीक नहीं है  लोहा गर्म है और चोट मारना ठीक है और मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया । वो मुझे नशीली नज़रों से देख रही थी । मैं भी बिस्तर पर लेट गया और उसे अपने साथ लेटा लिया और उसके चूचों को छेड़ने लगा । उसकी आँखें बंद होने लगी थी और वो अजीब सी आवाजें निकाल रही थी- सी सी सी सी आह आह आह हा हा हा माँ मैं मर जाऊँगी । फिर मैंने उसके कपड़े निकालने शुरु कर दिए । पहले उसकी टीशर्ट उतार दी और उस पर अपना कब्जा कर लिया । फिर धीरे धीरे से उसको सीधा किया और तब मैं उसके सेक्सी अंगो को छू रहा था । उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे कहा आज तक मैं कुंवारी हूँ और मैंने कभी चुदाई नहीं की है | मुझे आज तक किसी ने छुआ तक नहीं है । आज मैं अपने आप को आप को सौंप रही हूँ क्योंकि मैं आपको प्यार करती हूँ । मैंने कहा प्यार तो मैं भी तुम्हें करता हूँ इसलिए आज तुम्हारे साथ हूँ लेकिन जैसे तुम्हें पता है मैं शादी शुदा हूँ और  मैं सिर्फ तुमसे प्यार कर सकता हूँ  और  तुम्हें अपनी जिन्दगी में कोई जगह नहीं दे सकता |  तुम सिर्फ मेरे दिल में रहती हो । उसने कहा कि मुझे पता है मैं आपकी जीवन साथी नहीं बन सकती इसलिए आज मैं अपने आप को आपके हवाले कर रही हूँ | अगर जिन्दगी मैं कहीं दुबारा मिले तो हम एक दूसरे को नहीं भूलेंगे । फिर मैंने उसकी चूत को छुआ तो  उसकी चूत से पानी निकल रहा था । मैं उसको और गर्म करना चाहता था । फिर धीरे धीरे उसका लोअर भी उतार दिया और मैं उसकी चूत को सहला रहा था । उसके मुंह से अजीब सी सिसकारी निकली और उसने कहा मुझे और मत तड़पाओ । फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरु कर दिए ।

 

मैंने भी देर न करते हुए अपने सारे कपड़े उतरवा दिए और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया । एक बार तो उसको देखते ही डर गई फिर वो बच्चों की तरह उससे खेलने लग गई । वो उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी । थोड़ी देर तक वो ऐसे ही चूसती रही |  फिर उसने अचानक कहा बस बहुत हो गया अब और सहन नहीं होता | मैंने उसे सीधा करके लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और हल्का सा अंदर डालने की कोशिश किया । जैसे ही थोड़ा सा अन्दर गया और उसके मुँह से चीख निकल गई । फिर मैंने उसे चूमना शुरु कर दिया । जैसे ही मुझे लगा कि उसका दर्द कुछ कम हुआ तो  मैंने एक झटका और लगा दिया और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे । तब मुझे एहसास हुआ कि वो सच में आज तक कुंवारी है । मैं उसे धीरे से सहला रहा था । फिर मैंने थोड़ी देर में एक और जोर का झटका लगा दिया और लंड अन्दर तक चला गया । जैसे ही लंड पूरा अन्दर गया । वो रोने लगी और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे । फिर मैं थोड़ी देर तक रुका ताकि उसका दर्द कम हो जाये और ऐसा ही हुआ । थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगा और वो भी चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी और जोर से चोदो और जोर से | फिर न जाने कब मौका मिले | इसलिए मैं आज जी भर के चुदना चाहती हूँ । मैं उसे जोर जोर से चोद रहा था और  पूरे कमरे में फच फच की आवाज़ आ रही थी । दस मिनट बाद वो झड़ने वाली थी उसने कहा मैं तो गई और एक दम से ढीली पड़ गई । मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था और पंद्रह मिनट बाद भी मैं झड़ने लगा था । मैंने कहा क्या करूँ? कहाँ छोड़ूँ ? उसने कहा अंदर ही छोड़ दो जिससे मेरी चूत को शांति मिल जाये । मैंने अंदर ही सारा माल निकाल दिया | फिर मैंने उसे रात में उसे पांच बार चोदा और  फिर हम थोड़ी देर सो गए और जैसे ही सुबह उठे तो उसने कहा आज कंपनी जाने का दिल नहीं कर रहा । मैंने कहा ठीक है हम  छुट्टी ले लेते हैं और मैंने और उसने ऑफिस में फ़ोन कर दिया  फिर नहा धोकर खाना खाया और फिर दिन और रात में चुदाई में लगे रहे ।

दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी । फिर उसकी अन्य सहेलियों को मैंने कैसे चोदा यह मैं अगले भाग में लिखूंगा और अभी आप सब दोस्तों की मेल का इंतज़ार करूँगा । मुझे आप सबके मेल्स का इंतज़ार रहेगा ।