जब बुर मिले तब लंड खिले

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हैलो दोस्तों मेरा नाम कुनाल जाधव है और मैं कर्नाटक में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा हूँ | वैसे मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ और कॉलेज आने से पहले मैं वहीँ रहता था | आपको इन सब बातों से कोई मतलब नहीं है मुझे ये पता है, तो मैं सीधे मुद्दे की बात शुरू करता हूँ | दोस्तों मैं बनना तो नहीं चाहता थालेकिन फिर भी बन गया एक बहनचोद | गाँव में मेरी एक मौसी रहती है और मैं उनके यहाँ अक्सर जाया करता था छुट्टियों में, लेकिन जब स्कूल ख़त्म हो गए थे और मुझे कॉलेज में जाने के लिए अहि बहुत दिन थे, तो पापा ने कहा जाओ मौसी के यहाँ घूम आओ और मैं चला गया | उस समय मौसी के यहाँ कोई और भी आया हुआ था, तो मैंने मौसी से पूछा मौसी ये कौन है ? तो मौसी ने एक लम्बा चौड़ा रिश्ता बता दिया और वो सुनने के बाद मैंने मौसी से पूछा अच्छा ठीक है तो मैं इनको क्या बुलाऊं ? तो मौसी ने सोचा और कहा तुम इनको बुआ बुला लेना | तो अब मुझे मिली थी अपनी एक नई लेटेस्ट बुआ और बुआ की एक लेटेस्ट टॉप क्वालिटी बेटी भी थी और उसका नाम था दिव्या | बुआ लोग इंदौर के रहने वाले थे और मुझे इंदौर का कल्चर बहुत अच्छे से पता था इसलिए मुझे लगा दिव्या भी थोड़ी चालू किस्म की होगी लेकिन वो तो सिंपल सी थी |

वहां मेरे दो छोटे भाई भी थे लेकिन साले छोटे तो बिलकुल नहीं थे, दोनों की स्कूल में गर्लफ्रेंड थी और मैं यहाँ नल्ला घूम रहा था | अब दिव्या की मम्मी को मैं बुआ बोलता था इसलिए वो मेरी बहन लगी इसलिए मैं उसके बारे में कुछ गलत नहीं सोचता था और उससे हमेशा बहन जैसा व्यव्हार करता था मतलब मस्ती मजाक वाला | एक दिन मैं दिव्या और मेरे दोनों भाई ट्रुथ एंड डेयर खेल रहे थे तो दिव्या के ऊपर आया और उसने डेयर चुना, तो छोटे भाई ने कहा दीदी कुनाल भईया को किस करो | तो बिना किसी हिचक के मुझे किस करने लगी लेकिन मैं पीछे हट गया, तो छोटे भाई ने कहा अरे भईया गाल पे किस करना है, तो मैंने फिर अपना सर घुमाया और उसने मेरे गाल पे किस कर दिया | फिर थोड़ी देर बाद मेरे ऊपर बोतल आ गई और अब मुझे उसको किस करने को कहा गया और मैंने नहीं और कुछ बोलो | तो दिव्या ने खुद कहा अरे कर दो न कितना शरमाते हो, तो मैंने कहा अरे नहीं यार रहने दो | तो उसने कहा क्यों नहीं कर सकते एक किस ही तो करना है गाल पे, मैं फिर भी शांत बैठा रहा | तो दिव्या ने कहा कि क्या कोई गर्लफ्रेंड है ? तो मेरा छोटा भाई बोल उठा भईया की कोई गर्लफ्रेंड नहीं है औत बन भी सकती | मैं सोच रहा था कि इसका जवाब क्या दूँ उतने में दिव्या ने मुझे फिर से किस कर दिया और कहा चलो हो गया डेयर, अब किस वो करे या मैं करूँ एक ही बात है | मैं अभी भी अनजान था कि लड़की मेरे बारे में क्या सोच रही है ? लेकिन मेरे छोटे भाई तो बहुत तेज़ थे इसलिए वो दोनों समझ गए |

उस दिन जब शाम को मैं छत पर बैठा था तो दोनों भाई आये और कहा भाई चाय पीली, तो मैंने कहा नहीं अभी नहीं | तो एक ने कहा हमने तो पी ली और एक बात, दिव्या दीदी अच्छी चाय बनाती है | तो मैं नीचे गया और किसी से नहीं पूछा और जाके सीधा दिव्या के पास गया और कहा दिव्या सुनो चाय बना देना मेरे लिए | तो उसने मुझे चाय बना के दी और मैं ऊपर जाके चाय पीने लगा | चाय बहुत मस्त बनी थी तो मैंने भईयों से कहा अबे अच्छी तो बनाती है चाय, तो दोनों ने एक एक सिप पी और ह्म्म्म करने लगे | फिर उन्होंने बताया भईया ऐसा है दिव्या दीदी आपको पसंद करने लगी है तो दूसरा बोल पड़ा पसंद नहीं प्यार करने लगी है | मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा क्यूंकि दोनों मज़ाक तो करते ही रहते थे | फिर एक ने कहा जब मैंने सुबह चाय बनाई थी तो ऐसे ही बना दी थी और जब भईया ने कहा तो उसमें कितना कुछ डाला है ताकि चाय अच्छी लगे, इसका मतलब समझते हो भईया | मैंने कहा भाग जाओ कमीनों वरना पिट जाओगे और फिर दोनों भाग गए | मैंने दोनों की बातों पे ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन रात को उनकी बात सच हो गई | मैं छत पे बैठा था तभी वो भी छत पर आई और कहा कि मौसी ने ये तेल भेजा है सिर पर लगा लो | मेरे साथ मेरे भाई भी बैठे थे तो एक ने कहा अरे दीदी भईया नहीं लगायेंगे आप ही लगा दो | तो वो लगाने लगी और फिर उसने कहा अरे मेरी गोद में सिर रख लो | मैंने उसकी गोद में सिर रख लिया और फिर मेरे दोनों भाई भी वहां से चले गए |

सिर में तेल लगते हुए उसने कहा तुम्हें मैं कैसी लगती हूँ ? तो मैंने कहा बहुत अच्छी | तब मेरी आँखें बंद थी और मेरा सिर उसकी गोद में था तभी उसने मुझे किस कर दिया होंठों पे और मेरी गांड फट गई | मैंने कहा तुम तो मेरी बहन हो न, तो उसने कहा नहीं हूँ मैं तो तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ | मैंने सोचने लग गया, तो उसने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया और अब तो मेरा भी मूड बन गया और मैंने भी उसको पकड़ और किस करने लग गया | तभी नीचे से मौसी की आवाज़ आई और वो नीचे चली गई | अगले दिन मुझे बहुत अच्छा मौका मिला मौसी बुआ और बाकी लोगों को मंदिर जाना था और मुझे दिव्या और मेरे छोटे भईयों को घर पे रुकने के लिए कहा गया था | अब इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी कि घर पर कोई नहीं और मैं और दिव्या अकेले, हाँ छोटे भाई थे लेकिन वो तो वही करते न जो मैं बोलता इसलिए मैंने उनको नीचे बैठा दिया और कहा अगर कोई आये तो मुझे फ़ोन लगा देना | उस वक़्त दिव्या ऊपर वाली बाथरूम में नहा रही थी, तो मैंने ऊपर गया और दरवाज़ा खटखटा के कहा मुझे भी नहाना है | तो उसने कहा आती हूँ बस, तो मैंने कहा तुम्हारे साथ उसने कहा अच्छा और दरवाज़े की कुंडी खोल दी | मैं अन्दर गया तो उसने सिर्फ टॉवल लपेटी हुई थी, तो मैंने उसकी टॉवल खोल दी और टॉवल नीचे गिर गई और अब वो मेरे सामने बिलकुल नंगे बदन खड़ी थी | मैंने पहली बार किसी को ऐसे देखा था इसलिए मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था |

मैंने उसको कमर से पकड़ के गले लगा लिया और उसकी गांड दबाने लगा | उसके बाद हम दोनों किस करने लगे और फिर वो मेरे कपड़े उतारने लग गई | फिर उसने मुझे भी पूरा नंगा किया और फिर मेरा लंड हिला हिला के चूसने लगी | उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और मैं खड़े होकर अहह अहह अह्ह्ह अहह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह करता रहा | फिर मैंने उसको उठाया और उसके दूध चूसे और फिर उसको दीवाल से टिकाया और उसकी एक टांग पकड़कर उठा लिया और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा | मैं उसकी चूत पर लंड रगड़ ही रहा था कि उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में डाल लिया | फिर मैं उसको चोदने लगा और वो अहह अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआअ अहह हहह य्ह्ह्ह य्ह्ह्ह य्ह्ह्ह यह्ह्ह्ह य्ह्ह्ह यहाह्ह्ह अह्ह्ह अहह करती रही | उसको चोदते हुए मैं उसको किस भी कर रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी | उसके बाद मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उसको घुमा के झुकाकर खड़ा कर दिया | उसने दीवाल पर हाँथ रख लिए और फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाला और उसको चोदने लगा | थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसको ज़ोर ज़ोर के शॉट मार कर चोदने लगा और वो अहह अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआअ अहह हहह य्ह्ह्ह य्ह्ह्ह य्ह्ह्ह यह्ह्ह्ह य्ह्ह्ह यहाह्ह्ह अह्ह्ह अहह करती रही | मैं उसको उसी तरह थोड़ी देर तक चोदता रहा और फिर मेरा मुट्ठ निकला तो मैंने लंड बाहर निकाला और उसने मेरा लंड हिलाकर वहीँ नीचे गिरा दिया | फिर हम दोनों ने नहाया और फिर बाहर आकर कमरे में पलंग पर लेट गए |

थोड़ी देर तक हम लेते रहे और फिर मेरा फिर से उसको चोदने का मन हो गया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड डालकर उसको चोदने लगा | उसको चोदने के बाद मैंने उसके ऊपर ही मुट्ठ गिरा दिया और कपड़े पहन के नीचे चला गया | उसके बाद तो मैं एक हफ्ते तक वहां रहा और रोज़ उसको चोदता था कभी दिन में दो बार तो कभी दिन में तीन बार, उसके बाद मैं वापस आ गया | देखो किस्मत हम दोनों को फिर कब मिलने का मौका देती है |