मामी आई मस्त मस्त चूत लेकर

HOT Free XXX Hindi Kahani

हैलो दोस्तों मेरा नाम इन्द्रजीत पांडे है और मैं अवधपुरी का रहने वाला हूँ | मेरे घर में मैं हूँ मेरे मम्मी पापा और एक छोटी बहन है | मेरी उम्र 26 साल है और लुक्स में बहुत अच्छा हूँ और मेरा सपना है कि एक दिन मैं बॉलीवुड में हीरो बनूँ | मुझे पता नहीं मुझमें ऐसा क्या है कि लड़कियाँ कम और आंटियाँ मुझसे ज्यादा आकर्षित होती है | बचपन में मेरे घर के पास की एक आंटी मुझे अपने घर ले जाती थी और मुझे नंगा कर दिया करती थी और मुझे अपने ऊपर लेटा के सो जाया करती थी | तब मुझे इन सब के बारे में पता नहीं था लेकिन आज जब मुझे याद आता है तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है | अभी कुछ दिन पहले ही मैं अपनी एक बहुत दूर की रिश्तेदार को चोद के आया हूँ मतलब इनती दूर की रिश्तेदार की मुझे पता ही नहीं कि वो थी कौन | खैर मज़ा बहुत आया था तो अब मैं आपको ज्यादा न तरसाते हुए सीधा अपनी कहानी को आरंभ करता हूँ |

अभी कुछ दिन पहले मैं अपने एक रिश्तेदार के यहाँ शादी में गया था वो मम्मी पापा ज़बरदस्ती ले गए थे | वहां मुझे बहुत से लोग मिले लेकिन मुझे पता था कि मम्मी पापा मुझे इसलिए मिलवा रहे है ताकि मैं लोगों से मिलूं और वो मेरे लिए कहीं रिश्ते की बात कर सकें | खैर वो अपना काम कर रहे थे और मैं अपना जो था, अच्छी अच्छी लड़कियाँ ढूँढना और उनपे ट्राई मारना | वैसे ज्यादा लड़कियाँ थी नहीं लेकिन कुछ दूसरी थी जो मुझे अच्छी तो लगीं लेकिन मुझसे बड़ी थी इसलिए मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया मगर मुझे क्या पता था कि वो मुझपे दे रही है | मैं अन्दर बैठा हुआ था और मेरी मामी भी वहीँ बैठी हुई थी और उनके साथ बैठी थी उनकी कोई रिश्तेदार वो मामी को दीदी बोल रही थी | फिर मामी मुझसे मज़ाक करने लगी और जो उनके साथ बैठी थी उन्होंने भी कुछ कुछ बोला | तो मैं भी उनको मामी बोलकर उनसे मस्ती मज़ाक करने लगा | वो शादीशुदा थीं और उनकी एक बेटी भी थी लगभग 5-6 साल की | फिर जब भी वो मुझे मिलती कुछ न कुछ मस्ती मज़ाक में मुझसे बोल ही देती और मैं भी उसका जवाब मज़ाक में ही देता | अगले दिन हल्दी खेली जा रही थी और बचने के लिए बाहर ही बैठा था लेकिन मुझे किसी ने कुछ ज़रूरी काम बोला और मुझे अन्दर जाना पड़ा | मैं अन्दर गया और बस जैसे ही थोडा सा नादर पहुँचा वो मेरे सामने आके खड़ी हो गई और कहा अब तो हल्दी लगवानी ही पड़ेगी कोई बहाना नहीं चलेगा |

अब मैं भाग भी नहीं सकता था इसलिए मैंने कहा ठीक है मामी लगा लो और उन्होंने ने मेरे पूरे चेहरे पे हल्दी लगाई और फिर मेरी शर्ट पर भी लगाने लगी तो मैंने कहा नहीं उसपे नहीं और मैंने शर्ट उतार दी और फिर तो उन्होंने मेरे सीने पर लगते हुए नीचे जाने लगी | वो हल्दी लगते हुए मेरे पेट के नीचे तक पहुँच गई थी और फिर मैं पीछे हट गया | तो उन्होंने कहा रुक कहाँ भागता है और मैं वहां से भाग गया | थोड़ी देर बाद मैंने मौका देखा और हल्दी लेके मामी को लगाने के लिए गया मैंने उनका हाँथ ज़ोर से पकड़ा और उनके चेहरे पे हल्दी लगाने लगा | ऐसे ही करते करते मेरे हाँथ उनके दूध पर गया और उनके दूध दब गए | जैसे ही उनके दूध दबे तो मुझे थोडा अजीब सा लगा लेकिन मामी अभी भी मस्ती में थी इसलिए मुझे लगा उन्होंने ध्यान नहीं दिया और फिर से उनसे खेलने लग गया | उसके बाद मैंने उनकी कमर पर भी हल्दी लगाई और उनके मज़े लिए लेकिन कुछ गलत दिमाग में नहीं आया | उसी दिन शाम को मैं ऊपर अकेला बैठा चाय पी रहा था तभी मामी मेरे पास आके बैठी और बातें करने लगी | मैंने कहा मामी आपको तो हल्दी का रंग चढ़ा ही नहीं, तो मामी ने कहा चढ़ा न, तो मैंने कहा कहाँ चढ़ा ? तो मामी ने साड़ी हटा के अपनी कमर दिखाई और कहा यहाँ चढ़ा है | उनके पेट और कमर पे हल्दी का पीलापन था, मैं एक पल के लिए वहीँ ठहर गया और उनकी कमर देखता रहा | फिर मैंने कहा मेरे भी इसी जगह हल्दी का पीलापन है, तो मामी ने कहा दिखाओ और मैंने अपनी शर्ट उठाकर दिखाई तो मेरे थोडा नीचे रंग चढ़ा था | तो मैंने मामी ने मेरे पेट पे हाँथ लगाकर कहा अच्छा और मेरी पैंट नीचे करने लगी | तो मैंने कहा क्या कर रही हो मामी, तो मामी ने कहा अरे मुझे देखना है, तो मैंने थोडा नीचे तक फैला है पैंट उतार के दिखाऊं क्या ? तो मामी ने कहा दिखाओ न |

तो मैंने कहा अरे रहने तो दो, तो मामी ने कहा दिखाओ और फिर वो खुद मेरी पैंट खोलने लगी, तो मैंने कहा ठीक है दिखाता हूँ | फिर मैंने पैंट खोली और चड्डी थोड़ी सी नीचे की, तो मामी ने पकड़ के नीचे खींच दी और मेरा लंड दिख गया | मेंव अपनी चड्डी ऊपर करते हुए कहा क्या मामी आप भी, तो मामी ने कहा कितना छोटा है | तो मैंने कहा बड़ा भी होता है, तो उन्होंने कहा अच्छा करके दिखाओ | तो मैंने कहा ऐसे नहीं होता, तो मामी ने मेरी पैंट के ऊपर से लंड पकड़ के कहा मैं करूँ क्या ? मैं समझ गया तो मैंने कहा ठीक है रात में मिलना | हम दोनों रात के एक बाजे तक जागे और फिर छत पहुँच गए | छत पर लाइट लगी थी लेकिन ऊपर कोई सोता नहीं था इसलिए इससे अच्छी जगह और मौका हमें नहीं मिल सकता था | मामी पहले ही छत पर पहुँच गई थी और कुर्सी पर बैठी हुई थी, मैं पहुँचा तो मामी मेरी तरफ देखा और थोडा रिलैक्स होके बैठ गई | मैं उनके पास गया और उनके बाजू में कुर्सी रखकर बैठ गया | मैंने मामी के हाँथ को सहलाते हुए ऊपर गया और बाल की एक लट को उनके कान के पीछे कर दिया और उनकी गर्दन पे हाँथ रख दिया | मामी ने मेरे हाँथ को चूमा और अपने दांतों से अपने होंठ दबाने लगी | मैं मन में सोच रहा था कितनी हवस भरी है इनमें चलो आज पूरी कर ही देते है इच्छा | फिर मैंने अपनी पैंट खोली और लंड बाहर निकाला और तब मेरा लंड थोडा खड़ा हुआ था लेकिन पूरा नहीं | तो मामी ने मेरा लंड पकड़ा और धीरे धीरे हिलाने लगी और मैंने उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा | थोड़ी देर में ही मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और फिर मामी नीचे घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड चाटते हुए चूसने लगी |

मैं बैठ के मामी को देखता रहा अपना लंड चूसते हुए और एहसास भी करता रहा | थोड़ी देर तक मामी मेरा लंड बहुत मज़े लेके चूसती रही जैसे कोई लंड बहुत समय बाद मिला हो | फिर मैंने मामी को रोका और उनका खड़ा किया और खड़े होकर उनकी गर्दन पे किस करने लगा | फिर मैंने उनकी साड़ी हटाई और फिर उनके दूध के किस करने लगा | फिर मैंने उनका ब्लाउज खोला और उसका ब्रा उठा दिया और उनके दूध को पकड़ के चूसने लगा | मैं दूध चूसता रहा और उसमें से थोडा बहुत दूध भी निकला तो वो मैं पी गया और उनके निप्पल भी चूसता रहा | फिर मैंने उनको वहीँ एक दीवाल के ऊपर बैठ दिया और उनकी साड़ी उठा दी | मैंने हाँथ डालकर पैंटी उतारने की कोशिश की लेकिन उन्होंने पैंटी पहनी ही नहीं थी | तो मैंने साड़ी उठा कर उनको पकड़ा दी और फिर उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरा सिर अपनी चूत में दबाते हुए अहह हहह ह्ह्ह अह्ह्ह्ह हहह ह्ह्ह अहाहह अहह अहह य्ह्ह्ह य्ह्ह्ह य्य्ह्हह यहह अह्ह्ह करती रही | फिर मैं खड़ा हुआ और उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उनको चोदने लगा | थोड़ी देर उनको चोदने के बाद मेरा माल झड़ गया और मैंने माल वहीँ नीचे गिरा दिया |

माल गिरने के बाद वो फिर से मेरा लंड चूसने लग गई और फिर थोड़ी देर तक चूसती रही और चूसकर फिर से खड़ा कर दिया | खड़ा होने के बाद मैंने फिर से उनकी चूत में लंड डाला लेकिन इस बार मैंने उनको झुकाके खड़ा कर दिया था और पीछे से उनकी चूत मार रहा था और वो अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआआ आआअ आआ हहह अहह अह्ह्ह य्ह्ह्ह यहह अह्ह्ह करती रही | मैं बहुत देर तक उनको इसी तरह चोदता रहा और फिर मेरा माल फिर से झड़ने को हुआ तो उन्होंने कहा अन्दर ही गिराना, तो मैंने भी माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया और फिर लंड बाहर निकाल के फिर से उनको चूसा दिया | फिर हमने कपड़े पहने और नीचे सोने चले गए | उसके बाद मैंने दो बार और उनको चोदा और फिर हम अपने अपने घर आ गए |