sex kahani हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अंजली है और मेरी उम्र 18 साल है |
मैं आज एक कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रही हूँ | ये कहानी 1 साल
पहले की है | मैं जो आज कहानी पेश करने जा रही हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची
कहानी है और मेरी पहली चुदाई | दोस्तों मैं सेक्स के बारे में इस चुदाई के
बाद जान पाई हूँ और मैं इससे पहले बहुत ही भोली लड़की थी | मेरी उम्र तो तब
18 साल हो गयी थी पर मैं 10 साल की भोली लड़की थी | मुझे सेक्स चुदाई के
बारे में कुछ भी नही पता था और मुझे तो ये भी नही पता था की कोई लंड नाम की
भी चीज होती है जो बहुत मज़ा देता हैं | पर मेरी दीदी के देवर ने मुझे ये
सब सिखा दिया और अब मुझे अपनी चूत में लंड लेने में बहुत मज़ा आता है | मैं
अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय देना चाहूंगी | मैं रहने वाली
कोलकाता से हूँ | मैं बचपन से ही बहुत सुन्दर लड़की थी और जब मेरी उम्र बढती
गयी तो उम्र के साथ मेरा जिस्म भी भरता गया | जब मेरी उम्र 18 साल हुई थी
मैं उस टाइम बहुत ज्यादा सुन्दर लगने लगी थी और मेरा फिगर बहुत सेक्सी हो
गया था | उस टाइम मेरी चढ़ती जवानी थी और मेरी बूब्स काफी उभर गए थे जो ऊपर
की और निकल आये थे | मेरी गांड भी बहुत मस्त हो गयी थी और मुझे सब लोग घुर
घुर कर देखा करते थे | मैं उस टाइम ये सब नही समझती थी की लोग मुझे इतना
क्यूँ देखते हैं | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करती हूँ और साथ में बताती
हुई चलती हूँ |
एक बार की बात है जब मैं अपने कमरे में लेती थी और मुझे उस दिन प्यास लगी
और मैं पानी पीकर वापस लेटने के लिए आ रही थी | दोस्तों तभी मुझे पापा के
रूम से मम्मी की चीखने की आवाज आई और उसके बाद वो अहह अहह अहह..हाँ हाँ हाँ
हाँ… हाँ उई हाँ उई हाँ उई हाँ उई……. की आवाजे आती हुई सुनाई दी | मैं
पहले तो खड़ी होकर सोचने लगी ये कैसे आवाजे आ रही है | फिर मेरा मन हुआ की
देखती हूँ तो मैंने पहले तो दरवाजा खटखटाने जा रही थी पर मुझे खिड़की खोली
दिखी तो मैं खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गयी और देखने लगी | मैंने देख की
पापा मम्मी की पेसब करने वाली जगह में अपनी जीभ को घुसा कर चाट रहे थे और
मम्मी ऊ ऊ ऊ ऊ… हाँ हाँ हाँ…. उई उई हाँ हाँ उई उई…. अहह अहह अहह… की आवाजे
कर रही थी | मैंने सोचा की जाकर मम्मी से पूछो की पापा क्या कर रहे हैं |
फिर मैं थोड़ी देर बाद जाने के लिए चली तभी देखा की मेरे पापा अपने कपडे
निकालने लगे | जब पापा कपडे निकालने लगे तो मैं पापा को देखने लगी और कुछ
ही देर में पापा ने कपडे निकाल दिए और एक लोहे जैसी चीख को हाथ में पकड कर
हिलाते हुए मम्मी की तरफ बढे | मैं पापा के उस चीख को हाथ में पकड कर आगे
पीछे करती हुई मुंह में रख लिया और चूसने लगी | दोस्तों मैं ये सब देख कर
बहुत हेरान थी और उस टाइम यही सोच रही थी की ये क्या कर रहे हैं | फिर कुछ
देर बाद पापा ने मम्मी की पेसब करने की जगह में लोहे जैसी चीख घुसा दी |
मम्मी की उस छोटी सी जगह में वो बड़ा और मोटी चीज जैसे घुसी तो मम्मी के
मुंह से जोरदार चीख निकल गयी |
मैं ये सब कुछ देर तक देखने के बाद अपने रूम में चली गयी और उस रात यही सब
सोचती रही | मैं अब रोज ही पापा के उस लोहे जैसे चीज के बारे में सोचती थी
और ये भी सोचती की वो मम्मी की छोटी जगह में कैसे घुस गया था | अब मेरे मन
में इच्छा थी की मैं किसी और क पास ये देखूं और पता करूँ की क्या हैं |
उसके कुछ दिन की बात है जब मेरे घर मेरी दीदी का देवर आया था | उस दिन वो
मुझे बहुत घुर घुर कर देख रहा था और मैं ये सोच रही थी की इसके पास ही देख
लेती हूँ की वो क्या चीख थी | फिर उसके दुसरे दिन की बात है जब मम्मी
नाश्ता तैयार कर रही थी और मेरे पापा अपने रूम में सो रहे थे | दीदी का
देवर छत वाले रूम में सो रहा था | मेरी दीदी के देवर का नाम विनय है | मैं
छत पर गयी तो मैंने देखा की वो चादर ओढ़ कर सोया है | मैं गयी और उसकी चादर
को हटा दिया तो मैंने देखा की वो अंडरवियर और बनियान में लेटा था | मैंने
उसकी अंडरवियर को हटा दिया तो मैंने देख की उसके पास भी वहीँ चीख है पर
उसका तो बहुत छोटा है | तब मेरे मन में हाथ लगा कर देखने की इच्छा हुई और
मैंने जब हाथ लगाया तो मुझे बहुत सॉफ्ट लगा | मैं उसके उस चीख को मम्मी की
तरह हाथ में पकड कर हिलाने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गयी | वो मुझे ऐसे करते
देकर बोला या क्या कर रही हो तो मैंने कहा की मैं देख रही थी की ये क्या
है |
विनय – तुम्हे नही पता ये क्या हैं |
मैं – हाँ मुझे नही पता ये कहा मैंने कुछ दिन पहले पापा के इस चीज को मम्मी को खेलते हुए देखी थी |
विनय – अंजली इसे लंड कहते हैं और ये बहुत मज़ा देता है |
मैं – वो कैसे ?
विनय – जब तुम इसको अपनी चूत में लोगी तो बहुत मज़ा आएगा |
दोस्तों मैंने उस टाइम चूत से पेसाब करने के सिवा और कोई काम नही किया था |
फिर मैंने उससे कहा की तुम्हरा इतना छोटा और सॉफ्ट है पापा के तो लोहे की
तरह था | वो बोला की रात में तुम्हे इसके बारे में बताऊंगा और मैं विनय
नीचे चले गए | फिर उस रात को मैंने लंड के बारे में जानने के लिए उसके पास
गयी | वो बैठा था और मैं जाकर उससे बोली बताओ तो वो अपने कपडे निकाल कर
मुझे लंड से खेलने को कहा और मैं वैसे ही करने लगी जैसे मम्मी को करते देखा
था | मैं जब उसके लंड को हाथ में पकड कर हिलने लगी तो मेरे हाथ के स्पर्स
से उसका लंड पापा के लंड की तरह खड़ा हो गया | मैं ये देख कर बहुत खुश हुई
और उसके लंड से खेलने लगी | तब उसने मेरी होठो को अपने मुंह में रख लिया और
चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने लगा तो मेरे जिस्म के एक अजीब सा झटका
लगा और मैं भी उसकी होठो को चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने के साथ मेरे
बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | जब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा तो
मुझे बहुत मज़ा आने लगा था | वो मेरे साथ कुछ देर ऐसा करने के बाद मेरे कपडे
निकाल कर मुझे नंगा कर दिया | वो मुझे बिना कपड़ो के देख कर बहुत खुश हुआ
और मेरे दोनों बूब्स को हाथ में पकड कर मसलते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा
| जब मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूस रहा था तो मेरी सांसे अपने आप तेज
हो गयी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मेरी चूत में
ऊँगली घुसा दी | दोस्तों जैसे ही उसने मेरी चूत में ऊँगली घुसाई तो मेरे
मुंह से मम्मी वाली आवाजे निकल गयी | तब मुझे समझ आ गया की मम्मी इसलिए ये
आवाजे कर रही थी |