माँ मेरे गुंडे दोस्त से गांड मरवा रही थी

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स्टोरी मेरी मम्मी और मोहल्ले के एक बड़े गुंडे की हे. मेरी माँ का नाम नीलू हे और उसका फिगर 42 38 44 हे और उसकी हाईट 5 फिट 5 इंच हे. माँ की एज 44 साल हे. दोस्तों ये कहानी आज से 10 साल पहले की हे मुझे दारु पीने की बहुत आदत सी हो गई थी. तो मेरा दोस्त एक दिन मुझे एक आदमी के पास ले गया. उसने कहा अगर इस से दोस्ती करोगे तो तो तुझे डेली शराब पिला देगा. मैंने भी कहा ठीक हे. जैसे ही मैंने उसे देखा मैं हैरान हो गया. वो हमारे मोहल्ले का सब से बड़ा गुंडा था.

उसका नाम अप्पू यादव हे और वो 6 फिट लम्बा और चौड़े बदन वाला हट्टा कट्टा आदमी हे. वो हमेशा गाली देता रहा था. उसकी उम्र 32 साल के करीब होगी. मेरे दोस्त ने मेरा इंट्रो उस से करवाया और मैं अप्पू के ग्रुप में शामील हो गया. यहाँ मुझे सच में बहुत दारु पिने को मिलता था. ए दिन अप्पू ने मुझे बुलाया और कहा साले मैं तुझे इतनी शराब पिलाता हूँ और तूने कभी मुझे खाना भी नहीं खिलाया. मैंने तुरंत कहा अप्पू भाई आप को जब खाना हो हुक्म कर देना. मैंने तो इसलिए नहीं पूछा की आप का वक्त बड़ा कीमती हे. वो बोला चल आज शाम को तेरे घर पर खाते हे. मैंने कहा ठीक हे अप्पू भाई.

मैं घर पर आया और माँ को बताया की अप्पू यादव खाने के लिए आएगा. मोम ने कहा बेटा तू उस से बच के रहना उसके लिए गुनाह करना बड़ी बात नहीं हे. मैं नहीं चाहती की तू कही फंस जाए. मैंने कहा मम्मी ऐसी कोई बात नहीं हे वो दिल के बड़े अच्छे हे. माँ ने कहा ठीक हे. रात को  माँ ने अच्छी अच्छी डिशेस बनाई. रात के कुछ 9 बजे मेरे घर की घंटी बजी. माँ ने नाईटी पहनी हुई थी. उस नाइटी का रंग ब्लेक था जिसके अन्दर वो बड़ी सेक्सी लग रही थी.. बदन का एक एक उभार और कर्व साफ़ दिख रहा था जैसे. माँ ने दरवाजा खोला तो अप्पू उसे देखता ही रह गया. वो माँ को घूरते हुए देखता ही रहा!

जब मैं वहां गया तो मैंने मोम को और उसे इंट्रोड्यूस करवाया. उसने माँ को बोला, मैं अप्पू यादव हूँ.

माँ ने भी कहा मैं नीलू.

अप्पू ने कहा, नीलू जी आप तो बड़ी सुन्दर हे और लगता ही नहीं हे की इतना बड़ा बेटा भी हे आप का!

ये सुन के माँ मुस्कुराने लगी. कुछ देर बातें करने के बाद मम्मी ने खाना लगाया टेबल पर. मैंने देखा की जब माँ खाने को परोसने के लिए निचे झुकती थी तो विजय उसकी क्लेवेज में देख के होंहो के उपर जबान को फेर लेता था. मम्मी के बड़े बूब्स डेक के उसके मुहं में पानी आ रहा था. एक पल के लिए मैंने सोचा की उसे बोल दूँ. पर गुंडे को भला कैसे बोलू. और शायद मम्मी को पता था की वो उसके बूब्स में घुर रहा हे. फिर भी वो जानबूझ के टेबल पर झुकती ही जा रही थी. खाते हुए भी वो मम्मी को ही देख रहा था जब मम्मी उसे देखती तो वो हंस देता था. माँ भी शर्मा के निचे देख लेती थी. साला वो दोनों फुल फ़्लर्ट कर रहे थे. और फिर खाने के बाद अप्पू बोला, चलो मैं निकलता हु, आज तो खाने में बड़ा मजा आया.

माँ ने थेंक यु कहा.

तो वो बोला, प्यार से बनाए हुए खाने में मजा ही कुछ और हे.

फिर वो जाते हुए माँ से बोला, आप को कुछ भी काम हो तो मेरा नम्बर ले लेना इस से.

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उस दिन के बाद से वो अक्सर हमारे घर आने लगा. कभी कभी मैं घर पर नहीं होता था तब भी वो हमारे घर पर आता था. और साला आजकल बड़ा खुश भी रहने लगा था वो. एक दिन की बात हे पुलिस वाले आये थे अप्पू के घर पर. उसने मुझे अपना मोबाइल दे दिया और वो पुलिस के साथ अन्दर चला गया कमरे में. उसके व्हाटसएप्प पर किसी के मेसेज आ रहे थे. और जब मैंने पहला मेसेज खोला तो मेरी आँखे खुली रह गई. मेरी माँ ही उसे मेसेज कर रही थी. मेरा माथा घूम गया. फिर मैंने निचे स्क्रोल किया तो देखा तो वो दोनों बहुत बहुत बात करते थे, रात के 2-3 बजे के भी मेसेजिस थे. कुछ मेसेज में माँ ने अपने ब्रा और पेंटी वाले पिक्स भी भेजे हुए थे. और किस वगेरह के स्माइली तो सब मेसेज में थे. अप्पू भी मेरी माँ को लंड के फोटो भेजता था. साले का लंड नाग जैसा काला और मोटा था.

मैं तो ये सब देखकर पागल हो रहा था. मुझे पता चला आखिर ये मेरे घर इतना क्यूँ जाता था. वो मेरे पीछे मेरी माँ को चोद रहा था.

एक दिन मैंने सोचा कक मैं भी तो देखूं की ये लोग क्या करते हे. और उस दिन ही माँ का मोबाइल मेरे हाथ में आ गया. उसके अन्दर अप्पू का मेसेज था की तेरे बेटे को 11 बजे कहीं भेज दूंगा और फिर मैं अपनी रानी के पास आऊंगा! माँ ने लिखा था, जल्दी आना मेरी जान. और सच में दुसरे दिन सुबह सुबह अप्पू का कॉल आया. उसने कहा की एक काम कर पड़ोस के गाँव के एक बन्दे से पैसे लाने हे तू चला जा. मैंने कहा ठीक हे भाई. लेकिन मैं गया नहीं और मोहल्ले में एक बंध घर के अंदर छिप गया. वो घर मेरे घर के ठीक सामने था. ठीक 11 बजे अप्पू की बाइक की आवाज आई. उसने पार्क मेरे घर के सामने नहीं लेकिन सामने की साइड किया. फिर वो दरवाजे को हलके से नोक कर के पीछे मुड़ा. उसने देखा की कोई नहीं एख रहा. वो चुपके से घर में घुस गया. मैं चुपके से किचन के रस्ते से घर में घुसा. वहाँ की विंडो मैंने पहले खोल के रखी थी.

मैंने देखा की मेरी माँ ब्लेक पेटीकोट और ब्लाउस में थी और उसके पुरे बूब्स जैसे बहार आने को बेताब से थे.

अप्पू ने कहा, नीलू डार्लिंग मेरी जान मेरी रानी, तू मेरी रखेल हे. तुझे चोदने में जितना मज़ा हे उतना किसी में नहीं. और उसने ये कह के अपना शर्ट खोला. मम्मी ने कहा चलो पहले मेरी काम में मदद कर दो. वो बोला क्या करना हे? माँ ने कहा मुझे ऊपर से सामन उतारना हे तुम मुझे पकड़ो और मैं उतार लेती हूँ. मों टेबल के ऊपर चढ़ी और अप्पू ने पीछे से उसे पकड़ लिया. माँ सामान उतार कर अप्पू को दे रही थी और वो निचे रख रहा था.

मैंने देखा की अप्पू धीरे धीरे अपने हाथ को मम्मी के लेग्स पर ले आया और उसे दबाने लगा. माँ ने कहा, अप्पू अभी मस्ती नहीं पहले काम मेरे राजा. अप्पू ने कहा, साली छिनाल तेरे कुल्हे इतने बड़े हे की कंट्रोल नहीं होता हे और हाथ अपने आप चल जाते हे. और फिर उसने अपने होंठो से माँ की गांड पर चुम्मा दे दिया. माँ बोली, तुम नहीं मानोगे ये मुझे पता ही था. माँ निचे उतर गई. और वो बोली, चलो जो करना हे कर लो.

अप्पू ने फटाक से माँ को अपनी बाहों में भर लिया और उसे किस करने लगा. माँ अपने इस गुंडे लवर के लिए बड़ी सजी धजी थी. उसकी लिपस्टिक निकल के अप्पू के होंठो पर आ रही थी.

5 मिनिट तक वो एक दुसरे को चुमते रहे. उसके बाद अप्पू ने माँ की ब्लाउज खोल दी. माँ ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए उसके बड़े बूब्स बहार आ गए. माँ के मोटे देसी चुंचे देख के मेरी आँखे खुली की खुली रह गई. अप्पू मेरी माँ के बूब्स को चूस रहा था और उन्हें जोर जोर से दबा रहा था. बिच बिच में वो निपल्स को भी काट रहा था. अचानक अप्पू ने माँ की पेटीकोट का नाडा खोल दिया और माँ उसके सामने पूरी नंगी हो गई. अप्पू माँ को किस कर रहा था और उसकी गांड को अपनी उँगलियों से मसल रहा था. फिर माँ ने उसके पेंट उतार के लंड को अपने हाथ में पकड लिया.

मैंने देखा की उसका लोडा करीब 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा था. मैं तो डर ही गया उसे देख के. उसके बाद मम्मी उसका लंड चूसने लगी. 15 मिनिट माँ ने मस्त ब्लोव्जोब दिया और सांस लेने के लिए भी लंड को मुहं से बहार नहीं निकाला. अप्पू ने अब मम्मी को अपनी गोदी में ले के निचे लिटाया. और फिर माँ की टांगो को खोल के वो उसकी चूत को चाटने लगा.

मम्मी को अपनी चूत चत्वा के बड़ा होर्नी फिल हो रहा था. और वो जोर जोर से आह आह आह्ह्ह मेरे राज्जा ऐसे बोल रही थी..

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कुछ देर तक माँ की चूत को चाटने के बाद उसने अपन लंड चूत में घुसा दिया. और बड़े ही मजे से माँ की चुदाई करने लगा. माभी आहे भर रही थी और उसने अप्पू से बोला, तू बड़ा मस्त चोदता हे रे. अप्पू ने माँ के बूब्स पकड़ के दबाये और वो बोला, तू बहुत बड़ी रंडी इ मेरी जान, साली कुतिया हे. मैं तो तुझे उस दिन ही पहचान गया था जब बेटे के सामने भी अपने चुंचे मुझे दिखा रही थी.

फिर अप्पू ने माँ को अपनी गोदी में उठा लिया और जोर जोर से चोदने लगा.

आधे घंटे तक माँ को चोदने के बाद अप्पू ने कहा, अब मैं तेरी गांड मारूंगा मेरी जान. माँ ने कहा मैने बहुत दिनों से गांड नहीं मरवाई हे प्लीज़ मत करो न दर्द होगा.

अप्पू ने कहा, चुप कर रंडी साली. चल गांड को रेडी कर मेरे लंड के लिए.

माँ ने उसके गालों पर हाथ रख के कहा, मेरी जान गुस्से मत हो न करती हु!

ये कह के माँ घोड़ी बन गई. अप्पू यादव उसके पीछे खड़ा हुआ. फिर निचे झुक के उसने माँ की गांड चाटी. थूंक वाली गांड पर उसने अपना लंड घुसा दिया. माँ की हालत देखनेवाली थी. उसकी सांस अटक गई थी और उसे दर्द भी बहुत हो रहा था. माँ दर्द के मारे चिल्ला रही थी. लेकिन कुछ देर में उसे भी मजा आने लगा. और वो अपनी गांड हिला हिला के लंड को डीप तक लेने लगी.

10 मिनिट तक माँ की गांड मस्त मारने के बाद अप्पू गांड के अन्दर ही झड़ गया. और फिर दोनों एक दुसरे को गले लगा के चिपक के सो गए. फिर अप्पू ने कहा साली तू कितनी बड़ी रंडी हे ना! माँ ने उसके होंठो पर हाथ रख के कहा, मैं तुम्हे प्यार करती हूँ.

अप्पू ने कहा. मुझे या मेरे लम्बे लंड को.

ये सुन के माँ और अप्पू दोनों जोर से हंस पड़े.

मैं माँ की चुदाई को देख के वही रस्ते से निकल गया जहां से आया था. पता नहीं कितनी देर तक माँ को चोदा इस गुंडे ने!