दोस्तो अमर आज मै अपने जीवन की एक दुःख भरी कहानी लिख रहा हु |
इस बात को लेकर मै बहुत उदास रहता हु पर क्या करू किससे शेयर करू आज दिल
किया की आपलोगों से बताऊ सो कहानी लिख कर भेज रहा हु | मैं एक मुल्टीनेशनल
कंपनी मे जॉब करता हु | तनख्वाह काफ़ी अच्छी है और रही बात मेरे लंड की तो
यह तो पुरे ७’ का है बैंगलोर मे रहता हु ये बात उस वक़्त की है जब मैं जॉब
ढूढ़ रहा था काफ़ी संघर्ष भरा जीवन था तो जॉब के लिए मैं हैदराबाद गया था एक
सॉफ्टवेर सी मे सॅलरी तो कम थी पर जॉब चाहिए था मेरे साथ एक लड़की भी जॉब
कर रही थी जिसका नाम आम्रपाली था सुंदर सुशील और बहुत प्यारी मैं तो दिल ही
दिल मे उससे प्यार कर बैठा था | सच्चा प्यार हम एक ही अपार्टमेंट मे रहते
थे उसके साथ उसकी मम्मी रहती थी उसके पिताजी का देहांत हो गया था उस के
मामा उनका ध्यान रखते थे. एक दिन हम साथ ही घर आ रहे थे तो उसने उसके बारे
मे बताया जो काफ़ी दुःख भरी कहानी थी ये सुनकर मेरे तो आखो मे पानी आ गया
मैने उसे सहानीभूत मे कहा मैं तुम्हारे साथ हू तो वो मेरे गले लगकर रोने
लगी मुझे आज भी वो दिन याद है दूसरे दिन मैने उसे मेसेज किया जिसमे मैने
उसे आइ लव यू कहा था उसने वो मेसेज पढ़ कर मुझे कहा मैं भी तुमसे प्यार
करने लग गई हू पर मामा ने मेरी शादी तय कर दी है ये सुनकर मैं बड़ा नर्वस
हो गया ”यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं | और 3 दिन जॉब से
छुट्टी ले कर घर पर ही था 3 दिन बाद वो शाम को जॉब से सीधे मेरे रूम आई |
आम्रपाली – तुम जॉब क्यू नही आए नाथ
मैं बस मूड नही हो रहा था
आम्रपाली- क्यू
मै – मैं तुमसे सच्चा प्यार कर ताहु बस खुद को कंट्रोल करने की कोशिस कर रहा हू
आम्रपाली – अमर मैं भी तुम्हे चाहती हू पर क्या करे जीवन मे सभी
बाते मनचा ही नही होती ना हम अच्छे दोस्त बनके रहेंगे है ना उसकी आखोमे
आँसू थे मैने उसके आँसू पूछे वो मेरे गले लग गए मैं बही काफ़ी सेनटी हो
गया और उसे कस के पकड़ लिया वो भी मुझे कस के दबा रही थी उसकी आख बंद थी मैने धीरे से उसका चेहरा हाथो मे लिया नज़ाने कैसे मैने उसके
होंठो पे अपने होठ रख दिए वो एकदम से कापने लगी पर आख बंद करे ही
मेरे चुंबन का साथ दे रही थी 15 मिनट डीप किस करने बाद हम अलग हुए तो वो
जाने लगी मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया
आम्रपाली – अमर मुझे जाना चाहये
मै – मैं जॉब छोड़ के जा ना चाहता हू
आम्रपाली -नही अमर ऐसा ना करो मैने उसे पीछे से पकड़ लिया अपनी
बाहोमे जाकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा अमर ये ग़लत है मैं कुछ
बोले बिना एक हाथ से उसके बूब्स को धीरे धरे दबाने लगा और गर्दन पर किस
करते | रहा कभी उसके कान के नीचे कभी पीठ पे तो कभी गर्दन पे अब वो भी
सिसकिया ले रही थी सीईए बस अमर रुक जाओ मैने फिरसे उसे अपनी ऑर घुमाया और
डीप किस करने लगा वो भी अब मेरा साथ दे रही थी मेरे बालो मे ज़ोर ज़ोर से
हाथ घुमा रही थी मैं पूरा उत्तेजित हो गया था और धीरे धीरे मैने उसके कपड़े
निकाल दिए वो शर्माके दीवार पर चिपक गई मैं भी अपने कपड़े उतार कर पीछेसे
उसे चिपक गया मेरा तना हुआ लंड उसकी गंद”यह कहानी आप मस्ताराम डॉट नेट पर
पढ़ रहे हैं | को स्पर्श कर रहा था मे उसकी पीठ को सहला रहा था उसे गोद मे
उठा कर मैं सीधा बेड पे गया इस बीच किस जारी था कभी उसके बूब्स भी चूस रहा
था बेड पे लेटने के बाद मैं सीधा उसकी चूत पर टूट पड़ा और खूब मस्ती मे उसे
चूसने लगा वो भी मेरा सर ज़ोर ज़ोर से चूत पर दबा रही थी 15 मिनट चूसने के
बाद उसने मेरा मुँह ज़ोर्से दबाया और आइ लव यू अमर बोलते हुए झाड़ गई मैने
उसे लंड चूसनेको कहा तो उसने मना किया मैने सीधा उसकी चूत पर लंड रखकर
धक्का दिया पर लंड फिसल गया मैने उसके गंद के नीचे तकिया लगाया तो उसकी चूत
का पोर्षन थोड़ा उपर आया फिर मैने धीरे से लंड को चूत पर टीका कर धक्का
लगाया तो लंड चूत को चीरते हुए अंदर जाने लगा वो चिल्ला पड़ी नाता प्लीज़
एयाया बाहर निकालो पर मैं बिना सुने आगे बढ़ता गया वो मुझे पीछे लोटने की
कोशिश कर रही थी पर मैं अंदर घुसे जा रहा था मेरे लंड पे उसकी चूत का खून
साफ दिख रहा था | मैं उसे रफ़्तार से चोदे जा रहा था अमर ईईइ ल्ल उूउउ मई
पूरे जोश मे चोद रहा था करीब आधा घंटा चोदने के बाद मैं ख़तम होने वाला था
तो मे उछल उछल के चोदने लगा उसने मुझे कस कर पकड़ लिया एक ज़ोर का धक्का दे
के आइ लव यू आम्रपाली मैने पूरा वीर्य उसकी चूत मे छोड़ दिया मेरा काफ़ी
सारा माल उसकी चुत मे था और काफ़ी बिस्तर पे कुछ देर हम शांत पड़े रहे वो
मेरे बालों को सहला रही थी नंगे पड़े हुए करीब 20 मिनट बाद मैने उसे फिर से
चोदा बाद मे वो घर जाने लगी तो ठीक से चल नही पा रही थी मैने”यह कहानी आप
मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं
उसे कहा तुम ठीक तो हो वो सिर्फ़ मुस्कुराते हुए चली गई उसके बाद
मैं भी जॉब छोड़ के बैंगलोर आ गया हू पर आज भी उसको मिस कर ता हू रूम
पार्टनर से पता चला कि उसकी शादी हो चुकी है पर मुझ पर आज भी आम्रपाली का
नशा सवार है | अब उसकी इतनी याद आती है की क्या बताऊ कुछ खाने पिने का मन
नही करता क्या करू प्लीज आप लोग ही मेरी हेल्प कर सकते है प्लीज अपने सुझाव
मुझे जरुर भेजे |