मौसी की लड़की जमकर चुदाई

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मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और मैं रोज इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ हूँ और मजे मारता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं दिल्ली में इस समय रह रहा हूँ।
मैं एक सेक्स एडिक्ट हूँ, ये बात सिर्फ मेरी मौसी की लड़की सोनिया जानती थी। वैसे तो मैं यू पी के सुल्तानपुर जिले का रहने वाला हूँ, पर अभी मैं दिल्ली में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी कर रहा हूँ। मुझे लड़कियों को मार मार कर और उसको बेड से बेल्ट से बाँध बांधकर चोदना और गांड मारना बहुत पसंद है। पर इस राज के बारे में कम लोग ही जानते है। मेरी इसी आदत के कारण मेरी ३ गर्लफ्रेंड मुझे छोड़ गयी। जब मैंने उनको बेड से नहाथ पैर बांधकर चोदा तो वो मुझसे डरने लगी और मुझे छोडकर चली गयी। मैंने ये सारी बाते अपनी मौसी की लड़की सोनिया को बताई थी। वो मुझे ‘ठरकी अंग्रेज” कहकर बुलाती थी, क्यूंकि इस तरह की चुदाई कोई हिन्दुस्तानी तो करता नही है।
न्यू फ्रेंड्स कालोनी वाले घर पर मेरी मौसी की लड़की सोनिया कुछ दिनों के लिए आई थी। उसका ssc का कोई पेपर था, दिल्ली में और कोई जान पहचान का था नही इसलिए सोनिया मेरे पास आ गयी थी। मैं उसको २ ३ बार चोद चुका था। उसकी गांड भी मार चुका था। सोनिया अच्छी तरह से जानती थी की अगर मैं उसको लेकर भाग जाऊ तो वो सारी जिन्दगी मेरा लम्बा ९ इंच का लंड खाएगी और सारी उम्र ऐश करेगी। पर सबसे दिक्कत की बात थी की मेरी मौसी ने ही मुझे पढाया लिखाया था, अगर मैं उनकी लड़की को लेकर ही भाग जाता तो पूरी बिरादरी में मेरी थू थू हो जाती और फिर मैं कहीं बैठने लायक नही रहता। इसलिए जब भी सोनिया मुझे मिलती थी मैं चुपके चुपके उसको चोद लेता था। जब उसने मुझे फोन करके बताया की वो दिल्ली आ रही है तो उसकी रसीली चूत की तस्वीर मेरे दिमाग में फिर से घूम गयी। ओह्ह्ह्हह्ह..उसकी चूत की खुबसू मेरी नाक में अपने आप आने लगी। शाम को ८ बजे मेरी मौसी की लडकी सोनिया आ गयी। अगले दिन उसका पेपर भी हो गया। वो ४ दिन मेरे घर पर ही रुकने वाली थी। ये सुबह का समय था। आज संडे था, इसलिए आज छुट्टी थी। रोज की तरह आज मैं जरा भी जल्दी में नही था।
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“तो कैसा रहा तुम्हारा पेपर ??” मैंने सोनिया से पूछा
“अच्छा रहा..सायद पास हो जाऊं!!” वो मुस्कुराकर बोली
मैं उसके जिस्म को उपर से नीचे तक देखने लगा। कुछ ही देर में मैंने उसको बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठ पीने लगा। वो जान गयी थी की आज इतने साल बाद मैं उसको फिर से चोदूंगा। उसकी चूत मारना मेरे लिए कोई नई बात नही थी। सोनिया ने बड़ा हल्का सा बैंगनी रंग का टॉप पहन रखा था। उसकी जींस में उसकी मस्त गोल मटोल गांड मुझे साफ़ साफ़ दिख रही थी। मेरे हाथ उसके दूध पर अपने आप आ गया। मैं उसे काउच में ले आया और उससे प्यार करने लगा। उफ्फ्फफ्फ्फ़..कितनी मस्त चुदाई की थी उसकी २ साल पहले जब मौसी ने मुझे सोनिया के जन्मदिन पर सुल्तानपुर बुलाया था। छत पर ले जाकर उसकी मस्त चूत मारी थी मैंने। सिर्फ मम्मी मम्मी ही चिल्ला रही थी सोनिया पुरे समय। फिर उसकी गांड भी मजे लेकर मैंने मारी थी। उसकी गांड से तो खून निकल आया था।
जैसे ही मैंने सोनिया को बाहों में भरा पुरानी यादें फिर से ताज़ी हो गयी।
“भाई..क्यों तुम मुझको चोदोगे???’ उसने सर हिलाकर पूछा

“हाँ…पर इस बार कुछ अलग तरह से!!” मैंने कहा
मैं बड़ी देर तक उसके गाल और होठ चूमता रहा। मेरा लंड मेरी मौसी की जवान चुदने लायक लड़की को देखकर आज फिर से खड़ा हो गया था। सोनिया मेरा हाथ छुडाकर अंदर फ्रिज से बिअर की २ बोतल लाने गयी थी, पर गलती से वो मेरे डार्क रूम में पहुच गयी थी। इसी रूम में मैंने एक ऐसा बेड और मेज, कुर्सियां बनवा रखी थी, जिसपर चमड़े के पट्टे लगे हुए थे। मैंने इसी कमरे में अपनी ३ गर्लफ्रेंड्स को मेज से बाँध बांधकर चोदा था। आज वो डार्क रूम सोनिया ने देख लिया। इस कमरे में तरह तरह के सामान थे, जैसे लड़कियों के चूतड़ पर मारने वाली छपकी, हथकड़ियाँ, मोटी मोटी रस्सियाँ और तरह तरह के डिलडो और अनेक वाईब्रेटर।
“ओह्ह..तो यहाँ तुम लड़कियों को बाँध बांधकर उनकी चुदाई करते हो!” सोनिया बोली
“सही कहा.. और आज मैं चाहता हूँ की मैं वो सब तुम्हारे साथ करू!!” मैंने कहा

“मैंने ऐसा क्यों करुँगी???” सोनिया बोली

“.क्यूंकि इसमें बहुत मजा मिलता है!! और तुम गर्मा गर्म चुदाई का मजा लेना चाहती हो!!” मैंने कहा
बड़ी मुस्किल से सोनिया इस बॉनडेज चुदाई के लिए तैयार हुई। मैंने उसको पूरी तरह से नंगा कर दिया। उसके ३४” के दूध अपने पूरे गौरव के साथ तने हुए थे। निपल्स तो मुझे बहुत नशीली लग रही थी। उसकी चूत की झाटे अच्छी तरह से साफ़ थी। मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मैंने अपनी मौसी की लड़की सोनिया को लेकर अपने घर के डार्क रूम में चला गया। मैं सारी बत्तियां बंद कर दी, सिर्फ लाल बत्तियां जला दी। मेरा लौड़ा भी सोनिया की बुर चोदने को बड़ा बेचैन था। लाल रौशनी में सोनिया का सफ़ेद गोरा जिस्म भी लाल लाल नजर आ रहा था। इतना ही नही मेरा बदन और मोटा लौड़ा भी लाल लाल नजर आ रहा था। मैंने सोनिया के दोनों हाथो को पीछे कर दिया और हथकड़ी लगा दी। मैंने एक बड़ी सी ढाई फुट ऊँची मेज पर बैठ गया और मैंने एक प्लास्टिक की छपकी ले ली।
“आ मेरा लौड़ा चूस सोनिया!!” मैंने उसे इस तरह से आदेश दिया जैसे वो मेरी सेक्स गुलाम हो। मैंने उसके बालों में लगा रबरबैंड खोल दिया और उनके नंगे और चिकने कंधों पर बाल बिखेर दिए। सोनिया इस समय २२ साल की थी और चोदने लायक बहुत मस्त माल थी। मैं मेज पर टेक लगाकर खड़ा हो गया। सोनिया के दोनों हाथ पीछे थे और उनमे हथकड़ी लगी हुई थी। वो किसी चुदासी सेक्स गुलाम कुतिया की तरह कमरे के फर्श पर अपने सफ़ेद घुटनों के बल बैठ गयी और मेरा लौड़ा चूसने लगी। मैं बिलकुल एक शैतान और राक्षस बन गया था। मैंने अपनी मौसी की लड़की सोनिया को कंधे से पकड़ लिया और अपने ९” लम्बे लंड को उसके चेहरे पर पीटने लगा।