पलंग तोड़ चुदाई का मज़ा

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तुम लोग सिर्फ़ छोड़ने का चान्स ढूनडते रहो , एक ना एक दिन ज़रूर मिलेगा. आख़िर कब तक मास्टरबेशन करोगे? आपकी कहानिया पढ़ पढ़ के मेरा लंड तो खुशी से डोलने लगता है. मे भी बहुत दीनो से किसी को छोड़ने का चान्स ढुंड रहा था और मुझे चान्स मिल गया… आस्स के इन्सेस्ट स्टोरीस(ब्रदर_सिस्टर) पढ़ के तो मेरी हालत बहुत खराब होती थी. दो महीने पहले की बात है.


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ई आम 30 साल ओल्ड और अलोन.मे एक मिड्ल क्लास फॅमिली से हू और मे पहले सृिनगर मे रहता था. बाद मे पापा की ट्रान्स्फर होने की बेजाह से मे जम्मू मे आ गया फॅमिली के साथ .मेरे अंकल जानीपूरे मे रहते थे .

वाहा पे रहने के लिए रूम नही मिल रही थी , इसलिए अंकल ने हमे उनका घर कुछ दीनो तक शेयर करके रहने को बोला और हम सब वाहा पे रहने लगे. मेरे अंकल की फॅमिली मे 4 मेंबर थे अंकल , आंटी और देयर टू डॉटर्स लीना और गौरी .लीना मेरे एज की थी और गौरी हुंसे दो साल बड़ी थी.दोनो भी बहने और आंटी बहुत सेक्सी थी.मे हमेशा उनको याद करके मूठ माराता हू .आंटी का प़ड़ार बहुत बार ब्लाउस के नीचे आता त , उसके बूब्स देखते ही मेरा लंड टाइट होता था .मेरी दोनो बहने बहो फ्री नेचर की थी, इसलिए हम बहुत बार एक दूसरे को टली देते थे,हाथ मे हाथ देते थे , लेकिन उनको क्या पता के मेरे लंड मे खुजली होती थी..उनके स्पर्श की वजह से मे बहुत बार हिलता था.

गौरी (मेरी बड़ी कौसीने-उसके बूब्स डेवालेपिंग थे ) हमेशा पढ़ाई कराती थी.मे बहुत बार उसके पास जाके देखता रहता की हू क्या पढ़ रही .वो जब कभी लिखने को ज़ुक्टि तो मे चोरी से उसके निपल देखता था.ऐसा कुछ दीनो तक चलता रहा. हम सब एक ही बाथरूम शेयर करते थे और मे हमेशा सुबह लाते उठता था.एक दिन मे मेरी मम्मी-पापा से पहले नहाने चला गया .तो मैने देखा की बाथरूम मे कई कपड़े रखे थे.और अचानक मे कुछ ढूँडने लगा और थोड़ी ही देर मे मुझे मेरा खजाना मिल गया. वाहा पे मेरी आंटी और दोनो सिस्टर्स की पॅंटीस थी.मे थोड़ी देर देखता ही रह गया.फिर मैं एक पेंटी उठा ली और उठाते ही उसमे से दूर से ही एक अजीब सेक्सी स्ट्रॉंग स्मेल आ रहा था.

वो पेंटी शायद मेरी बड़ी बहें की थी , उसपे बहुत दाग थे और हू सेंटर मे गीली थी (इट वाज़ मिक्स्चर ऑफहेयरस्वेट , यूरिन और पुसी जूसज़). धीरे धीरे मेरा लंड टाइट होने लगा था. मैं उस पेंटी को सूंघने लगा ,मी गोद क्या स्मेल था उसका. फिर मे पागलों की तरह उसे ज़ोर ज़ोर से मूह पे रगड़ने लगा.फिर मैने तीनो पेंटी उठा ली और उसे ग भरके सूंघने लगा , चातने लगा , मूह पे ,लंड पे रगड़ने लगा.मी गोद , ई वाज़ इन हेवेन.फिर मैने तीनो पेंटी एक साथ मेरे मूह मे रख दी और ज़ोर ज़ोर से चबा रहा था , तीनो पॅंटीस मे से डर्टी जूसज़ मैने पे ली –इट वाज़ वेरी वेरी टेस्टी , ऐसा लग रहा था की हू पर्मनेंट मूह मे रहे.मई मास्टरबेशन करके बाहर निकालने से पहले हू पॅंटीस मेरे हाथ पे रग़ाद ली और दिन भर मेरा हाथ सूँघके मैने बहुत मूठ मारी. दोस्तो लड़की की गीली(उसे की हुई) पेंटी का स्मेल हर आदमी ने अपने लाइफ मे कम से कम एक बार तो भी लेना चाहिए , फिर पता चलेगा लड़की की पेंटी क्या चीज़ होती है. उसके बाद मे हर दिन ऐसा कराता था.कभी कभी तो मुझे बहुत ही डर्टी पेंटी मिलती थी.

वो पॅंटीस जितनी डर्टी थी उतनी ही अच्छी लगती थी. मुझे मेरी बड़ी बहें बहुत सेक्सी लगती थी , हू थी ही ऐसी की कोई भी लड़का उसे छोड़ने की ही सोचता. मेने धीरे धीरे उसे पातने का सोचा और उसी तरह से मैं आक्ट करने लगा.मे ुआके पास जाने की कोशिश कराता था. जब कभी चान्स मिले तो उसके सेन्सेशनल एरीयाज़ पे तोच कराता था . कभी कभी मे उंजने मे उसके बूब्स पर टकराता था. हू भी उसे नेग्लेक्ट कराती थी .और मेरी डेरिंग बढ़ती थी. मे जान बूचकर उसके सामने विदाउट बनियान रहता था और हू भी मेरे चेस्ट को बार बार देखती थी.शायद वो मेरे चेस्ट के बाल देखके एग्ज़ाइट होती थी.मे अपनी चेस्ट पे से हाथ घूमता था , ताकि उसका ध्यान मेरी तरफ जाए .एक बार घर पे कोई नही था ,सिर्फ़ मे और बड़ी बहें थी, तो मैने जान बूच के मेरी जीन्स उसके पढ़ाई के टेबल पे रख दी.

थोड़ी देर मे वाहा टेबल के पास मेरी बहें आ गयी.मे मेरा लंड सहलाने लगा और टाइट होने के बाद जान बूच के सिर्फ़ उंदर्वारे पर ही उसके रूम मे जाके जीन्स ढूँडने का नाटक करने लगा. उस टाइम हू मेरी तरफ देख रही थी , लेकिन मे मेरी जीन्स ढूँडने का नाटक कर रहा था , मे उसकी तरफ जान बूच के देख नही रहा था.वो मेरे उंदर्वारे की तरफ देख रही थी , बाहर से मेरा टाइट लंड सॉफ दिखाई दे रहा था.मे जान बूच के मेरा लंड हाथ लगा के बार बार अड्जस्ट कराता था ताकि हू उत्तेजित हो जाए.बाद मेने मेरी जीन्स लेकर उसके सामने ही पहनी , उस टाइम उसका ध्यान सिर्फ़ मेरी उंदर्वारे पे ही था.मूज़े ऐसा लग रहा था की वो अब बहुत एग्ज़ाइट हो चुकी थी. मे मेरे प्लान मे सक्सेस्फुल हुआ था.उस दिन के बाद हू भी मेरे पास आने की कोशिश करने लगी. और उसे छोड़ने का मौका एक दिन आ ही गया . उस दिन घरपे कोई नही था ,सिर्फ़ मे और गौरी(बड़ी बहें) ही थे .हम दोनो पलंग पे बैठ के टीवी देख रहे थे और गप्पे मार रहे थे .हम बहुत करीब बैठे थे और मैने ऐसे ही हंसते हंसते मेरा हाथ उसके थाइ पे रख दिया .वो कुछ नही बोली .फिर मे ऐसे ही गप्पे माराते माराते उसके थाइ पे से उणजान बनके हाथ धीरे धीरे घुमाने लगा.फिर भी उसने ध्यान नही दिया .थोड़ी देर के बाद वो भी एग्ज़ाइट होने लगी .मैने फिर उसका हाथ मेरे हाथ मे पॅक पकड़ लिया .अब उसे कंट्रोल नही हो रहा था , उसकी आंकोन मे एक नशा आ रहा था .मे उसकी आँखों मे आँखे डालकर बाते कर रहा था .मेरा लंड भी टाइट हो चुका था .उसने अपनी आँखे बाद मे ऑलमोस्ट पूरी बंद कर दी थी .मैने उसके गाल को धीरे से चूमा. फिर मेने पलंग पे ही उसको किस करते करते लेता दिया .

वो पूरी एग्ज़ाइट हो चुकी थी.मैने उसके दोनो हाथ मेरे हाथों मे पकड़े थे और मे उसके उपर लेट कर किस कर रहा था. मे ज़ोर से मेरी चेस्ट उसके बूब्स पे रग़ाद रहा था और हू भी आँखे बंद कर के मुझे रेस्पॉन्स दे रही थी .मेरा लॅंड उसके थाइस मे खेल रहा था .हम पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे . मैं धीरे धीरे नीचे आ रहा था और उसके बूब्स मेरे हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा , वो सिसकारियाँ भर रही थी.फिर मे उसके निपल को चूसने लगा और हू भी मेरे सिर को सहला रही थी.थोड़ी देर के बाद वो मेरे उपर आ गयी और हू मेरे गार्डेन और चेस्ट को चूमने लगी .वो मेरे चेस्ट के बालोंसे पागलों जैसी खेल रही थी , चाट रही थी.उसे शायद मेरे चेस्ट हेर्स जादा पसंद थे .

मे उसकी गान्ड को सहला रहा था. फिर मैने उसकी जीन्स उतार दी ,उसने चूमते चूमते ही मुझे उतरने मे मदात की.अब हू सिर्फ़ निकेर मे थी –वोही निकेर जिसे मैने कई बार चाहता था , सूँघा था.मैने भी मेरी पेंट निकल दी. वो मेरे लंड को उंदर्वारे के अप्पर से ही मसले लगी.वो उसकी लंबाई और चौड़ाई माप रही थी.वो उसे उंदर्वारे के अप्पर से ही चूमने लगी. अब मुझे भी बहुत खुजली हो रही थी. मैने उसे मेरे नीचे लेता के सीधा उसके थाइस पे किस करने लगा .उसकी चुत से गजब की सूपर स्ट्रॉंग स्मेल आ रही थी.मे उसे ज़ोर ज़ोर से सूंघ रहा था.उसकी निकेर बहुत गंदी और गीली हो चुकी थी.मे उसकी चुत को निकेर के उपेर से ही चातने लगा . उसके निकेर का डर्टी जूस मे टेस्ट कर रहा था.इट वाज़ वेरी टेस्टी.

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फिर मैने उसकी निकेर निकली और सूँघके बाजू मे फेक दी .अब मे उसकी चुत देख रहा था. उसकी चुत पे तो इतने बाल थे की पूछो मत . उसकी चुत लंबे लंबे और गीले ज़ांतो से एक दम भारी हुई थी .वो बाल देख के मे और एग्ज़ाइट हो गया और उसके ज़ांतो को मुँह मे लेकर चूसने लगा. ज़ांतों के अप्पर का सारा जूस मैने पे लिया. वो भी मेरा सिर उसकी चुत पे दबा रही थी और मोन कर रही थी. फिर मैने अपनी जीभ उसके चुत के गॅप मे डाल दी .अब मे उसकी चुत के अंदर गीला गीला महसूस कर रहा था.उसकी चुत मे से बहुत सारा रस तपाक रहा था.और मे उसे टेस्ट कर के पे रहा था.मेरा मूह पूरा उसकी टेस्टी पुसी जूसज़ से भरा हुआ था.मे अपनी जीभ पूरी तरह से उसके चुत मे डाल दी थी और पागल हो रहा था. थोड़ी देर के बाद उसने मेरा सिर बहुत ही टाइट पकड़के रखा .और उसका शरीर तररने लगा.और उसने अपना चुत का सारा का सारा पानी मेरे मूह मे डाल दिया.

मेने हू सारा का सारा टेस्टी पानी पे लिया. फिर भी हू एग्ज़ाइटेड ही थी. उसने मेरी उंदर्वारे निकल दी और मेरे लंड के साथ खेलने लगी .उसने मेरा लंड मूह मे लिया और अपनी जीभ उसपे घूमने लगी ,ई वाज़ इन हेवेन .शी वाज़ टेस्टिंग माई प्री कम. मेने भी उसका सिर दबके रखा था और मेरा लंड उसके गले को टच कर रहा था अब मुझे कंट्रोल नही हो रहा था . ई वाज़ मोनिंग लीके मद .मेरा लंड पानी छोड़ने के लिए बेठाब हो रहा था ड्यू तोहेयरआक्ट .और बाद मे मैने अपना ढेर सारा लंड का पानी उसके मुहमे गिरा दिया .उसने वो बहुत आसनिसे टेस्ट करते करते पे लिया . उसके बाद भी वो मेरे लंड को चूस रही थी. मेरा लंड फिर टाइट हो गया .वो भी अब मेरा लंड उसके चुत मे लेने के लिए तैयार हो चुकी थी .मैने उसकी चुत मे मेरा लंड डाल दिया और उसका सील टूतने की वजह से थोड़ा सा खून आया था.लेकिन बाद मे हम दोनो मदहोश होके चुदाई करने लगे .मैने ज़ोर ज़ोर से धक्के मार के उसकी


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और मेरी पूरी खुजली मिटा दी. लेकिन ये खुजली मिट ती कहा है उसके बाद हमे कई बार चुदाई की ,और अभी भी करते है खुजली मिटाने के लिए…