संध्या भाभी के साथ मजे

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हेल्लो दोस्तों, मैं आज आप के सामने अपनी जिंदगी का सच ले कर आया हूं, यह सच मैंने कभी किसी को नहीं बताया, आज बता रहा हूं क्योंकि मैंने सुना है कि दिल की बात बताने से दिल हल्का हो जाता है. यह सच बहुत खूबसूरत है दोस्तों अब मैं अपनी देसी कहानी पर आता हूं.

पहले मैं अपने बारे में आपको बता देता हूं. मेरा नाम कमल है मेरी हाइट ५ फुट ४ इंच है, मेरा रंग सावला है. मैंने अपनी स्टडी में डिप्लोमा किया और मेरे भैया ने मुझे  शहर में नौकरी करने के लिए अपने पास बुला लिया है. भैया ने मुझे एक प्राइवेट कंपनी में सेट कर दिया और वह खुद एक फैक्ट्री में अच्छी पोस्ट पर थे. अब मैं शहर में भैया के घर पर रहने लग गया. मेरे भैया भाभी ने मुझे अपने घर में बहुत प्यार से रखा.

भैया भाभी अब मेरी शादी की बात करने लग गए थे. लड़की भाभी ने देखी थी, वह हिमाचल साइड की थी उसका नाम सोनिया था. जब भाभी उस का जिकर करती तो मेरे दिमाग में हलचल सी होने लगती, मैं सोचने लग जाता था कि मैं की में उसे कैसे अपने नीचे ले कर फिर से उसके बूब्स को दबाऊंगा और कैसे उसके होंठ को चूस लूंगा.

मेरे दिल में बहुत तरह के ख्याल आते थे कयी बार तो दिल करता था कि अपनी भाभी कोमल को चोद डालू यह साला कौन सा सेक्स की रानी से कम है.

दोस्तों में अपनी भाभी के बारे में तो बताना भूल ही गया, मेरी भाभी का नाम संध्या था, वह सेक्स देवी थी. भाभी का फिगर ३४-३०-३६ था, क्या कमाल का फिगर था. भाभी का फिगर देखकर तो कई बार मेरी नियत पलट जाती थी. वह बहुत ठुमक ठुमक कर चलती थी अपने मोटे मोटे बूब्स को हीलाकर चलती थी, यह देख कर मेरा दिमाग खराब हो जाता था.

कुछ टाइम पहले मेरे घर के पास एक आंटी आई थी उसने मुझे अपनी चक्कर में फंसाया और मुझ से अपनी चुदाई करवाई और फिर वह वहां से चली गई, तब उसने जाते जाते मुझे चुदाई का चस्का लगवा दिया, उस दिन से मैं मुठ मारता हूं क्योंकि उसके बाद मुझे चूत नहीं मिली थी.

अब मुझे भाभी से सेक्सी बातें करने में मजा आने लग गया और भाभी जी मुझसे सेक्सी बातें बड़े मजे से करती थी ज्यादा तर वह सोनिया की बात करती और मुझे उस के नाम से छेड़ती थी.

कई बार मुझे भाभी की बातों और हरकतों से ऐसा लगता कि शायद भाभी मुझे पटाना चाहती है क्योंकि जब से मेरी शादी पक्की हुई है तब से भाभी घर में काफी बड़े गले का ब्लाउज पहनने लग गई है, जिसमें से उनके पूरे बूब्स के दर्शन होते थे और वह ऐसी दिखाती थी जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं हो, उनके रूप को देखकर मेरा लंड  खड़ा हो जाता था. अब तो यह हाल था की दीदी के जिस्म का हर हिस्सा मुझे चोदने के लिए कहता था.

पर मुझे समझ नहीं आता था कि मैं अभी यह जान बूझ कर कर रही है क्या वह सच में मुझसे चुदना चाहती है, यह सब मेरी समझ से बाहर था.

अब मैं भाभी के मज़े लेने के लिए उनसे बार बार पूछता था.

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मैं बोला भाभी सुहागरात कैसी होती है उसमें क्या होता है? मुझे बताओ ना.

भाभी ने कहा तुम थोड़ा सब्र करो कमल जी टाइम आने पर सब पता चल जाएगा.

मैं हर बार भाभी को अपने साथ खोलने की कोशिश करता पर भाभी मुझे हर बार ऐसे ही टाल देती थी थोड़ा सब्र करो थोड़ा सब्र करो.

अब एक दिन भैया कुछ दिनों के लिए ऑफिस के काम से बाहर चले गए मैं और भाभी घर में अकेले थे मैंने सारा दिन उन से सेक्स भरी बातें कर रहे थे जिस से मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में पता नहीं क्या चल रहा था? मैं सोचने लग गया कि भाभी को कैसे चोदू? कैसे अपना लंड उसकी चूत में उतार दूं? मुझे कुछ और नहीं सूज रहा था भाभी की चूत के सिवाय.

मेरा लक्ष्य सिर्फ भाभी की चूत मारना था, मैं पागल सा हो गया और चुप के से भाभी के कमरे की तरफ चला गया.

हमेशा की तरह भाभी के कमरे का दरवाजा खुला था और अंदर एक छोटी सी लाइट जल रही थी, उस की लाइट में वह थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. भाभी ने पेटीकोट और एक काफी खुला सा टॉप डाला हुआ था, पेटिकोट काफी ऊपर चढ़ा हुआ था. शायद भाभी को गर्मी लग रही थी. मेरे कमरे के अंदर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी पर जैसे तैसे मैंने हिम्मत करी और अंदर चला गया. अभी मैं अंदर गया ही था की भाभी ने करवट ले ली, मेरी सांस रुक गई. मेरी धड़कन तेज हो गई और लंड बैठ गया जो एक पल पहले पजामा फाड़ रहा था.

कुछ पल बाद सब नॉर्मल हो गया, मैं भाभी के पास गया. मुझे उन की गोरी गोरी जांघ दिख रही थी, यह देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, उन के बूब्स जो टॉप से बाहर आ रहे थे वह भी बड़े मस्त लग रहे थे. मेरे हाथ भाभी की जांघ पर चले गए.

भाभी की जांघ गोरी और चिकनी थी, अब मैं जांघ की मालिश करने लग गया, तभी भाभी के मुंह से आह निकली और वह दूसरी तरफ करवट लेकर सो गई. पेटीकोट और ऊपर थोड़ा उठ गया. मेने झुक कर देखा तो भाभी की गुलाबी और चिकनी चूत के दर्शन होने लग गए, मैं उनकी चूत को घूर घूर कर देख रहा था.

तभी भाभी नींद से जाग गई और मुझे भाभी की आवाज आई और मेरी गांड फट गई.

भाभी ने कहा अरे कमल यहां तुम क्या कर रहे हो?

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मैंने कहा नहीं कुछ नहीं भाभी चु..  चु.. मेरा मतलब यहां को कीड़ा था मैं वह हटा रहा था.

भाभी ने कहा चल आया बैठ मेरे बेटे कोई काम था क्या?

मैंने कहा नहीं भाभी वैसे ही, मुझे कोई काम नहीं है.

भाभी ने कहा देख मुझे तो बहुत नींद आ रही है, मैं सो रही हूं. आज मेरे पास ही सोजा अपने भैया की जगह मेरे पास सो जा, और भी बात करनी है तो कर ले.

भाभी अब अपने पैर फैलाकर लेट गई और मुझसे बोली अब उठ कर लाइट बंद कर दो और सो जा.

मैंने लाइट बंद कर दी और भाभी के पास आकर लेट गया मुझे नींद नही आ रही थी, इतनी खूबसूरत बला मेरे साथ जो लेटी थी. मैं भाभी को हल्के हल्के अंधेरे में देख रहा था, मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था मैंने कुछ देर अपने आप पर कंट्रोल रखा.

फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ? मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया. भाभी मेरे अचानक हमले से घबरा गई और वह बहुत चालाक औरत थी, वह मेरे इरादों को समझ चुकी थी.

भाभी ने कहा यह तुम क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी भाभी हूं. पागल मत बनो, रुक जाओ.

मैंने कहा प्लीज भाभी मुझे मत मत रोको, मैं आप से बहुत प्यार करता हूं. मेरी धड़कन बहुत तेज चल रही थी. मैंने भाभी के बूब्स पकड़ कर दबा दिए.

भाभी ने कहा चल हट मुझे छोड़ दे वरना तेरे लिए अच्छा नहीं होगा.

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पर मैं अपने होश में नहीं था. मैंने भाभी को खींच कर अपनी तरफ पलट लिया. अब मैं भाभी के ऊपर था. मैंने भाभी का पेटीकोट ऊपर कर दिया और जल्दी से अपना लंड निकाल कर भाभी की चूत पर रख दिया. भाभी से लिपट गया और अपनी गांड से झटके मारने लग गया. लंड चूत में नहीं जा रहा था, वह बाहर ही इधर उधर लग रहा था.

मैंने कोशिश जारी रखी और मैं कामयाब हो गया, मेरा लंड  भाभी की चूत में घुस गया था, तभी भाभी ने झटके से मेरा लंड बाहर निकाल दिया और मेरे मुंह पर एक चांटा जड़ दिया.

थप्पड़ इतना जबरदस्त था कि मेरी आंखों में आंसू आने लग गए, मैं वहीं रोने लग गया, भाभी ने लाइट जला दी मुझे रोता देखकर शायद उन्हें मुझ पर दया आ गई थी

भाभी ने कहा यह तू क्या कर रहा था? तो भला कोई ऐसा करता है अपनी भाभी के साथ. यह तूने कहां से सीखा है?

भाभी ने मुझे प्यार से डांट दिया और मुझे रोते हुए देखने लग गई.

मैंने कहा भाभी मुझे माफ कर देना, पता नहीं मुझे क्या हो गया था? मेरे मन में पाप आ गया था,. मुझे पता है यह गलत है हो सके तो मुझे माफ़ कर देना, और यह कहकर मैं अपने कमरे में भाग गया.

मेरी धड़कन बहुत तेज चल रही थी, मुझे अपने आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था. यह मैंने क्या कर दिया? अब भैया तो मेरी गांड फाड़ देंगे अगर भाभी ने उन्हें बता दिया तो मुझे अपनी नई नौकरी भी छोड़नी पड़ेगी और बदनामी अलग से.. मेरी गांड फट चुकी थी, मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि भाभी किसी को कुछ नहीं बताये.

तभी भाभी मेरे कमरे में आ गई मुझे रोता देख वह मेरे पास आई मेरे हाथ पकड़ते हुए बोली कमल तू पागल है क्या? तुम मर्द हो और मर्द रोते नहीं समजा, जवानी में तो ऐसी गलतियां होती है, तू टेंशन ना ले सब ठीक हो जाएगा.

यह कहते की भाभी ने मेरा सर अपने सीने से लगा लिया, भाभी ने शायद जान कर मेरा चेहरा अपने बूब्स में दबा लिए और मेरे सर को बालों में अपने हाथ फसाकर  मेरे बालों से खेलने लग गई.

भाभी ने कहा अच्छा कमल यह बता कि मैं तुझे कितनी अच्छी लगती हु?

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मैंने कहा हां भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं और मैं आपको बहुत प्यार करता हूं?

अब मैंने अपनी आंखें खोली तो मेरी आंखों के सामने भाभी बूब्स थे जो कि टॉप मै साफ दिख रहे थे, अब मे अपना चेहरा भाभी के दूध से रगड़ने लग गया, कुछ पल पहले मुझे अपनी हरकत पर बहुत अफसोस था, अब मैं फिर से वही काम करने लग गया था.

भाभी : कमल तुम यह क्या कर रहे हो? तुम नहीं मानोगे ना??

मैं अब ऊपर उठकर देखा तो भाभी की आंखें बंद थी और उनके मुंह से गर्म सांस औउ आह्ह हू उःह्ह ओह हहह आवाजें निकल रही थी. यह सब देख कर मैं उठा और अपने हाथ भाभी के मुंह पर रख कर किस करने लग गया, अब भाभी मेरा साथ दे रही थी.

भाभी ने कहा : अरे पागल कमल तू आराम से नहीं कर सकता था? में तेरी भाभी हूं. तूने मुझे चूत भी लगा दी और वहां से भाग भी आया, २ मिनट रुकता तो सही..

मैंने खुशी से कहा : भाभी आप ही तो मुझे गुस्सा कर रहे थे, पर अब मैं बहुत खुश हूं.

भाभी ने कहा हां में गुस्सा थी पर तुमसे नहीं, तुम्हारे उस जंगली जानवर से. अगर तुम मुझसे प्यार से करते तो तुम्हें भी मजा आता और मुझे भी.

अब में टेंशन फ्री हो चुका था. मैं मन ही मन में खुश था अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था मुझे अब बस भाभी की चूत मिलने ही वाली थी.

मैं भाभी के होंठ चूस रहा था और एक हाथ से उन के बूब्स दबा रहा था, मैं भाभी से बोला भाभी अब आप मुझे जैसा कहोगी मैं वैसा ही करूंगा..

भाभी ने शर्माते हुए कहा कि देवर जी मैं क्या कहूं आपसे? आप मेरे नीचे को प्यार कर लो बस.

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यह सुनते ही मेरे जिस्म में जैसे करंट सा फैल गया है, मेरे अंदर चूत देखने की इच्छा बढ़ने लगी. मैं भाभी का पेटीकोट ऊपर किया और मैं देखा चुत एकदम साफ और चिकनी थी, और चूत में से एक मनमोहक खुशबू आ रही थी, और मुझे अपने पास बुला रही थी. मेने देर ना करते हुए चूत को चाटना शुरू कर दिया, चूत का दाना मुंह में लिया और चूसने लग गया, अब मैंने अपनी जुबान चूत में डाल दी और चूत के रस का स्वाद लेने लग गया था, भाभी अब अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत चटवा रही थी और मजे ले रही थी.

भाभी ने अपना पेटिकोट ऊपर खींच कर खोल दिया और मैंने भी अपना पजामा उतार दिया. मैं भाभी की चूत लबालब चाट रहा था और भाभी भी पूरे मजे ले रही थी.

भाभी ने कहा देवर जी अब आप भी अपने केले का टेस्ट मुझे कराओ.

मैं भाभी की बात समजा नहीं और अपने लंड की तरफ देखते हुए बोला, यह केला चाहिए क्या आपको?

भाभी ने अपने मुंह में उंगली डालते हुए सर हीला दिया, मुझे शर्म आने लग गई, मैं यह सब पहली बार कर रहा था.

अब भाभी ने मुझे ऊपर खींच लिया और मैं भाभी के बूब्स पर बैठ गया. मेरी दोनों टांगों के बीच में भाभी का सर था, भाभी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ा और अपने मुंह में डाल दिया, मेरी गांड पर हाथ रख कर धक्के मारने लग गई, जिस से लंड मुह के अंदर जाने लग गया, लंड के ऊपर भाभी के होंठ जुबान और थूक लग रहा था मैं और मेरा लंड स्वर्ग में था.

भाभी मेरा लंड पकड़ कर जोर जोर से चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं अपनी गांड हिला हिला कर उन का मुंह चोद रहा था.

मैंने कहा भाभी आप बहुत प्यारी और सेक्सी हो, मुझे आपकी चूत चोदने दो.

मैं तड़प रहा था चूत मारने के लिए और भाभी भी. भाभी ने अपनी टांगे ऊपर कर ली और अपनी आंखें बंद कर ली, चूत और लंड पहले से इतने गर्म हो चुके थे, जैसे ही मैंने लंड चूत पर रखा तो ऐसा लग रहा था मानो आग लग गई हो.

मैंने जल्दी से लंड चूत में उतार दिया, मेरे लंड को बहुत शांति महसूस हुई. मैं लंड  चूत में ऊपर नीचे करना शुरु कर दिया था, भाभी की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था. कमरे में बड़ी मस्ती का माहौल बन चुका था. भाभी की आवाज के साथ छप छप  की भी आवाज भी गूंज रही थी.

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भाभी ने मुझे पलट लिया, अब भाभी मेरे ऊपर आ गई थी ऊपर आते ही भाभी ने  एक जोरदार शॉट मारा लंड आधा अंदर जा चुका था, भाभी की चीख निकल गई. भाभी ने फिर से दूसरा शॉट मारा. अब लंड पूरा अंदर जा चुका था, मेरे लंड को बहुत मजा आ रहा था.

भाभी : कहां था अभी तक तू कमल? कितना बडा लंड हे तेरा? मेरी तो आज सारी इच्छा पूरी हो गई है.

मैंने कहा भाभी देखो मुझे क्या हो रहा है? और मारो अपनी चूत मेरे लंड पर, रुको मत और मारो और मारो.

भाभी ने कहा सालर बहनचोद, अब तो मे तेरा लंड रोज खाऊंगी, तुझ से जो हो सकता है वह कर लियो. कितना मस्त लंड है तेरा.

भाभी अब पूरी चुदाई के नशे में झूम रही थी, वह पागल सी हो रही थी और जोर जोर से मेरे लंड पर उछल रही थी, अचानक भाभी मुझसे लिपट गई और अपनी चूत का पूरा जोर लगा कर मेरे लंड को लेने लग गई.

वह मुझे किस करने लग गई, उसकी सांस बहुत गर्म होने लग गई. चूत लंड पर जोर जोर से ऊपर नीचे हो रही थी, कुछ ही देर में चूत ने पानी छोड़ दिया और लंड चूत के पानी में नहा रहा था, भाभी अब मेरे ऊपर बेशुध हो कर लेट गई.

भाभी की चूत का पानी गर्म था, इसलिए मैंने भी ७-१० जटके मारे और अपना पानी भी भाभी की चूत में निकाल दिया, चूत में से हम दोनों का पानी निकल रहा था.

में और भाभी आपस में लेटे रहे. कुछ देर बाद भाभी सो गई, मैं उठा और उस के ऊपर चादर दी और मैं सोफे पर जाकर सो गया.