मेरे आशिक ने ही मुझे रंडी बना दिया और कइयों ने चुदवा दिया

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आज मैं आपको अपनी सेक्सी कहानी सुना रही हूँ. मैं चित्रकूट की रहने वाली हूँ. मैं एक बदचलन औरत थी. किसी भी खूबसूरत मर्द को देखकर मैं फिसल जाती थी. और उससे चुदवा लेती थी.


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मेरे पति ने मुझे काई बार आवारागर्दी करते हुए पकड़ा था. ‘पलक ! सुधर जा, वरना मैंने तुझे घर से निकाल दूँगा’ मेरा मर्द बार बार कहता था. पर मैं अपनी आदतों से बाज नही आई. मैंने करीब करीब अपने मोहल्ले के हर मर्द से चुदवाया था. एक दिन हद हो गयी. मेरा मर्द अपने काम पर गया हुआ था. मैं एक गैर मर्द से चुदवा रही थी की इतने में मेरा मर्द आ गया. मेरी चोरी पकड़ी गयी. मेरे पति ने मुझे रंगे हाथों गैर मर्द से चुदवाते पकड़ लिया था. फिर उस दिन उसने मुझे घर से बाहर निकाल दिया.

मेरा कई यार थे. सर्वेश, योगेश, ननके, रामबाबू, जफर, शेख. काई लोगों से मैं चुदवा चुकी थी. पर योगेश मेरा सबसे खास यार था. जब मेरे पति ने मुझको घर से बाहर निकाल दिया तो मैं बस स्टॉप आ गयी. मेरा पास ना पैसे थे, ना कोई फोन था जिससे मैं अपनी माँ को फोन कर सकूं. मैं अपने यारों के बारे में सोचने लगी. अंत में मैंने फैसला किया की योगेश के घर चलना चाहिए. ये सोचकर मैं योगेश के घर पहुच गयी. उसका घर बहुत छोटा सा था. उसकी बीबी ने दरवाजा खोला.

मुझे योगेश जी से मिलना है ! मैंने कहा

वो मुझे अंदर ले गयी. कुछ ही देर में उसे पता चला की मेरा उसके पति योगेश से नाजायज चुदाई का रिश्ता है. ये जानकर उसकी पत्नी योगेश से झगड़ने लगी. पर उसके लाख विरोध करने पर ही योगेश ने मुझे रहने के लिए के कमरा दे दिया. योगेश की पत्नी सुनन्दा जल भून के राख हुई जा रही थी. मैं उसकी सौत थी और उसके घर में ही रह रही थी. पर योगेश ने उसे किसी तरह संभाल रखा था. जब रात के १२ बजे तो योगेश मेरे पास आया.

पलक !! अरी ओ पलक!! दरवाजा खोल  वो बोला

अपने यार की आवाज मैंने एक बार में पहचान ली. मैंने दरवाजा खोला तो योगेश ने मुझे सीने से लगा लिया. मैं उससे गले लग के फुट फुट के रोने लगी.

पलक !! रो मत! मुझे पूरी बात बता! मैंने कहा

मैं एक मर्द से चुदवा रही थी की मेरा मर्द घर लौट आया और उसने मुझे उस गैर मर्द से चुदते देख लिया और हमेशा हमेशा के लिए घर से बाहर निकाल लिया. अब मैं कहाँ जाऊं. मेरा इस शहर में और कोई नही है ’ मैंने कहा.

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तुमको चिंता करने की कोई बात नही. तुम यही रह सकती हो. मैं तुमसे आज भी प्यार करता हूँ. मैं तुमसे शादी करूँगा. तुम यही रहो. मैं तुमको रखूँगा! योगेश बोला सुनन्दा का बुरा हाल था. पर इससे योगेश पर कोई असर नही था. योगेश की पत्नी बहुत बवाल करती रही पर मेरे पुराने यार योगेश ने २ दिन बाद पास के मंदिर में जाकर मुझसे प्रेम विवाह कर लिया. आज हमारी सुहागरात थी. मैं कमरे में थी और शादी का जोड़ा पहने हुई थी. अपनी सौत को देख देख कर योगेश की पत्नी का बुरा हाल था. रात हो गयी. योगेश ने सफ़ेद कुरता पजामा पहन रखा था. मै बहुत खुश हुई. आज हमारी सुहागरात थी. योगेश मेरे पास आकर बैठ गया. मैं अपने पुराने मर्द से खूब चुदी थी, पर आज योगेश से शादी करके मैं बिल्कुल फ्रेश दुल्हन लग रही थी.

योगेश मेरे होंठो को चूमने लगा. धीरे धीरे उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. उसकी बीबी सुनन्दा बाहर तरह तरह का शोर मचाती रही, पर इससे मेरे पुराने यार योगेश पर कोई असर नही पड़ा था. मुझे याद है की मेरे पुराने यार में योगेश की था जो मुझे कसके चोदता खाता था. उसकी चुदाई में मैं माँ माँ चिल्लाने लग जाती थी. यही सोचकर मैं उसके पास आई थी. अब योगेश और मैं पति पत्नी बन चुके थे. आज सुहागरात पर योगेश मेरे होंठ पीने लगा. मैं भी उसके होंठ पीने लगी. धीरे धीरे उसने मेरे ब्लौस खोल दिए. मेरी ब्रा भी उसने निकाल दी. योगेश मेरे दूध पीने लगा. मैं भी मस्त हो गयी. उधर योगेश की बीबी सुनन्दा कोहराम मचाये हुई थी. पर योगेश बेफिक्र था. वो मजे से मेरे दूध पी रहा था.

मेरे पहले पति ने मेरे दूध खूब पिए थे, पर आज भी मेरे चुच्चे मस्त मस्त गोल गोल थे. मेरा नया पति योगेश मजे से मेरे दूध पी रहा था. फिर धीरे धीरे उसने मेरा शादी का जोड़ा निकाल दिया. मेरी पैंटी भी निकाल दी. योगेश बड़े ही रंगीन और रंगीले मिजाज का आदमी थी. उसने हमारी सुहागरात के लिए पुरे कमरे को अच्छे से सजाया था. पुरे कमरे में उसने तरह तरह के रंगों वालो दिल के आकार के गुब्बारे लगा रखे थे. बेड को उसने गुलाब के फूलों से सजा दिजा था. मैं अपने नए पति के साथ सुहागरात मना रही थी. योगेश के सामने अब मैं पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. उसने मेरी दोनों छातियों को खूब दांत से चबाचबा कर पिया. मुझे बड़ी मौज आई.

फिर उसने अपना लौड़ा लिया और मेरे दोनों मस्त मस्त गोल गोल दूध के बीच के रख दिया. दोनों मम्मों को उसके आपस में जोर से दबा लिया और अपने बड़े से लौड़े से वो मेरी दोनों छातियों को चोदने लगा. मैं सुख सागर में डूब गयी. मेरे पुराने पति ने मुझे इस तरह कभी नही चोदा था. योगेश मेरे गोरे गोरे मखमली पेट पर बैठ गया और मेरे चुच्चे चोदने लगा. मुझे बड़ा आनंद आ रहा था. ऐसा सुख मुझे कभी प्राप्त नही हुआ था. करीब आधे घंटे तक मेरा नया पति योगेश मेरी दोनों छातियों को चोदता रहा. उसके बाद वो मेरे मखमली गोरे गोरे उजले पेट को चूमने लगा. फिर उसने मेरी नाभि चूम ली. अब मेरा नया पति योगेश मेरी चूत पर आ गया. मेरी चूत बड़ी मस्त थी. योगेश ने अपनी दोनों उँगलियों से मेरे भोसड़े को खोला तो हंस पड़ा

पलक!! तेरे पति ने तो तेरी चूत फाड़ के रख दी है!! वो हस्ते हुए बोला

हाँ, वो हरामी मुझे हर रात लेता था. मुझे पेल पेल के उसने मेरी बुर में बुरादा भर दिया’ मैंने कहा

कोई नही !! तुम जैसी भी हो मुझे पसंद हो. तुम्हारी चूत इतनी फटी हुई है फिर मैं तुमको अपनी दूसरी बीबी का दर्जा दूँगा’ योगेश बोला

वो मजे से मेरी चूत पीने लगा. अपनी खुदरी जीभ से मेरा नया पति योगेश मेरे भोसड़े को पी रहा था. मैं मचल रही थी. मुझको तो जैसे जन्नत मिल रही थी. योगेश ने अपने दोनों अंगूठे से मेरा भोसड़े की एक एक कलि खोल दी थी और मेरी बुर को वो खा रहा था. मैं आनंद के सुख सागर में डूब गयी थी. बड़ी देर तक योगेश मेरा भोसड़ा पीता रहा. मैं खूब मजे लिए. फिर उसने अपने सब कपड़े निकाल दिए और बड़े से लौड़े को उनसे मेरे भोसड़े पर रख दिया और मुझे चोदने लगा. मेरी पुरानी शादी ४ साल चली. अब मेरा नया पति योगेश मेरी बुर का सेवन कर रहा था. योगेश का लौड़ा मेरे पुराने पति के लौड़े से बड़ा था और साइज में दोगुना था. मैं किसी कबूतरी के तरह अपने दोनों पैरों को हवा में उठा रखा था. क्यूंकि औरत चाहे अमरीका की हो या हिंदुस्तान थी, जब लौड़ा खाती है तो दोनों पैर हवा में जरुर उपर उठा लेती है.

ठीक इसी तरह आज अपनी सुहागरात पर मैंने भी अपने दोनों पैर हवा में उठाये हुए थे. योगेश मुझे धचाक धचाक पेल रहा था. उसके ताबड़तोड़ धक्कों से पूरा बेड चर चर की आवाज कर रहा था. मैं योगेश के समक्ष नन्गी थी. मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था. वो मुझे पेल रहा था. मैं उससे पेलवा रही थी. वो मुझे चोद रहा था. मैं चुदवा रही थी. योगेश की पहली औरत सुनन्दा मारे गुस्से के घर के बर्तन उठा उठा के पटक रही थी. हम दोनों अपनी चुदाई में मस्त थे. हम दोनों जिंदगी का मजा उठा रहें थे. आधे घंटे तक योगेश ने मुझे चोदा और फिर अपना गरम गरम माल मेरे भोसड़े में ही छोड़ दीया. फिर वो मेरी बुर पीने लगा. योगेश ने अपनी ३ ऊँगली मेरी योनी में डाल दी, और जोर जोर से मेरी चूत वो मथने लगा. मेरी बुर में कम्पन होने लगा. लगा जैसे ना जाने क्या हो जायेगा.

योगेश जोर जोर से मेरी चूत अपनी ३ उँगलियों से मथ रहा था. मुझे बड़ी तेज मेरे भोसड़े में सनसनी हो रही थी. मुझे बहुत मजा मिल रहा था. इसके साथ ही बड़ी जोर की उत्तेजना भी हो रही थी. मेरी कमर, दोनों पुट्ठे और मेरा पिछवाड़ा ओय्गेश के ऊँगली चोदन से काँप रहा था. मेरी कमर खुद ब खुद नाच रही थी. योगेश बड़ी उत्तेजना ने मेरी बुर अपनी उँगलियों से मथ रहा था. मैं जन्नत के मजे ले रही थी. मेरी बुर से पनीली फच फच की आवाज आ रही थी और पुरे कमरे में गूंज रही थी. उधर बाहर योगेश की पहली बीबी सुनन्दा मुझे तरह तरह से कोस रही थी और तरह तरह की गालियाँ दे रही थी. पर हम चुदाई में अंधे हो चुके योगेश और मुझपर कोई असर नही था. तभी अचानक योगेश बिजली की रफ्तार से मेरी बुर को मथने लगा. मैं कांपने लगी. वो मथता रहा, फिर बड़ी देर बाद मेरी बुर से गरम गरम सफ़ेद रंग की क्रीम निकली. वो मेरी चूत का पानी था.

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योगेश ने तुरंत अपना मुँह मेरे भोसड़े पर लगा दिया और मेरी चूत से निकले मीठे गरम पानी को वो पी गया. मैं आनंद सागर में डूब गयी. फिर योगेश मेरे पेट पर बैठ गया और मेरे मुँह में अपना लौड़ा उसने डाल दिया.

पलक !! चल मेरा लौड़ा चूस!! वो बोला

मैं अपने पति की आज्ञा तुरंत मान गयी. मैंने तुरंत उसका लौड़ा चूसना शुरू कर दिया. मेरा पहला पति बिल्कुल लल्लू टाइप का था. वो कभी भी मुझसे लंड नही चुसवाता था. पर मेरा नया पति को लंड चुसवाना बहुत पसंद था. मैं बड़ी शिद्दत से अपने पति योगेश का लौड़ा चूसने लगी. मैं हपर हपर करके उसका लौड़ा अपने मुँह में गले की गहराई तक लेकर चूसने लगी. मैं उसकी दोनों गोलियों को भी मुँह में लेकर चूस रही थी. मेरे नए पति योगेश का लौड़ा खूब मोटा और खूब लम्बा था. मैं मजे से वो चूस रही थी. मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ योगेश के लौड़े पर फिसल रहें थे. उसका सुपाड़ा बहुत बड़ा, बहुत गुलाबी और बहुत सुंदर तक. बड़ी देर तक मैं योगेश का लंड चुस्ती रही.

पलक!! चल कुतिया बन!! योगेश बोला

अपनी सुहागरात पर मैं अपने नए पति का आदेश तुरंत मान गयी. मैं तुरंत कुतिया बन गयी. मेरा पुराना मर्द चुदाई में बहुत पीछे था. वो हफ्ते में सिर्फ २ बार ही मुझे लेता था. पर अब सब ठीक था. योगेश मुझे रोज चोदेगा और मेरी चूत की आग और गर्मी को शांत कर देगा. मैं जानती थी. जब मैं कुतिया बनी तो योगेश को मैं बहुत सुंदर लगी. वो मेरे पीछे आ गया. खरबूजे की तरह मेरे सफ़ेद गोल गोल चूतडों को वो हर जगह चूमने लगा. सच में मेरे चूतड़ बहुत आकर्षक थे. बिल्कुल लाल लाल खुर्बुजे की तरह थे. योगेश ललचा गया. उसने झुक पर मेरे चूतडों पर किस कर दिया. उसके बाद योगेश ने मेरी गाड़ पी और फिर गांड मारी.

अगले दिन सुबह तक मैं ८ ९ बार चुद चुकी थी. सुबह होने पर योगेश की पहली पत्नी सुनंदा मेरे उपर बहुत क्रुद्ध थी.

‘योगेश!! अगर तूने इस रंडी को यहाँ से नही निकाला तो मैं अपने बच्चों को लेकर यहाँ से चली जाऊँगी और फिर कभी नही नहीं आऊँगी!’ सुनंदा बोली. योगेश कुछ नही बोला. शाम को सुनंदा अच्छी तरह समझ गयी की योगेश में मेरी नई चूत का स्वाद लग चूका है. फिर वो अपने बच्चों को लेकर अपने मायके चली गयी. इस रात को मैं और योगेश घर में अकेले थे. मेरा नया आशिक योगेश बजार से बकरे का गोश और शराब लेकर आया. मैंने उसके लिए मीट बनाया. फिर रात होने पर हम मियां बीबी अकेले हो गये. मैं एक बार फिर से चुदासी हो रही थी. ‘योगेश!! मेरी जान चोद आकर मुझे’ मैंने कहा. मैंने कपड़े निकाल दिए. योगेश के सामने मैं बिलकुल नंगी होकर माधुरी दीक्षित की तरह नाचने लगी. आज मैंने अपने सारे अरमान पुरे कर लिए. मैंने अपने लम्बे लम्बे खुबसूरत बाल खोलकर गोल गोल घूमकर नाच रही थी. मेरी मस्त मस्त चुचियाँ हिल रही थी. मेरा पांव थिरक रहे थे. मेरे कुल्हे मटक रहे थे. मेरी चूत गीली हो रही थी. मेरे ओंठो पर मुस्कान नाच रही थी. आज मैंने अपने नये आशिक को नंगे नंगे ही नाच के दिखाया.

फिर रात के १२ बज गये. मैं योगेश के साथ बिस्तर पर आ गयी. वो मेरी चुचि पीने लगा. मुझे फिर से बड़ा मजा आ रहा था. योगेश हपर हपर करके मेरे दूध पीने लगा. फिर वो मुझे चोदने लगा. दोस्तों अब तो ऐसा लगता था की मैं उससे चुदने के लिए ही बनी हूँ. वो फटा फट मेरी चूत मारने लगा. ‘चोद चोद!! योगेश! मेरे आशिक मुझे अच्छे से सच्चे मन से चोद!’ मैंने कहा. योगेश और जोश में आ गया और जोर जोर से फटर फटर करके मुझे खाने लगा. आज रात बड़ी ख़ास थी. क्यूंकि मैंने उससे कह रखा था की वो सिर्फ मेरी चूत मारने में ध्यान लगाये. वो इतना चोदे की मेरी प्यास पूरी तरह बुझ जाए. इसलिए दोस्तों, योगेश सिर्फ और सिर्फ मेरी चूत मारने में ही दिमाग लगाने लगा. मेरी चूत के सुराग में उसका मोटा लौड़ा अच्छे से कायदे से अंदर तक जा रहा था. मुझे बहुत मजा मिल रहा था. फिर योगेश मेरी चूत पर और जादा मेहनत करने लगा. गचागच मुझे चोदने लगा. मेरी दोनों बड़ी बड़ी छातियाँ हिलने लगी. फिर योगेश झड गया. योगेश की बीबी सुनंदा के जाने के बाद हम दोनों अकेले थे और किसी तरह की कोई पाबंदी नही थी. हमको कोई अब रोकने टोकने वाला भी नही था. योगेश के बच्चों के सामने मुझे चुदवाने में बड़ी शर्म आती थी. बच्चे जानते थे की मैं योगेश की रखैल हूँ.


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‘पलक!! तू बोल तो तेरे लिए २ नए लौड़े का इंतजाम कर दूँ. मेरे २ दोस्त तुझे चोदेंगे. सोच तुझे कितना मजा आएगा. जवानी में ऐश करले वरना एक दिन तो मर ही जाना है!’ योगेश बोला. मैं मान गयी. रात को योगेश अपने २ दोस्तों को लेकर घर आ गया. बारी बारी वो मुझे रात भर चोदते रहे. उसके बाद दोस्तों मैं पूरी तरह से योगेश की रखेल बन गयी. और महीने में ३ बार उसके दोस्तों से भी चुदवाने लगी सिर्फ और सिर्फ मजे के लिए.