देसी आंटी की बच्चे की चाह…!

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हेल्लो दोस्तों, संदीप का प्यार भरा नमस्कार, कैसे है आप लोग…? क्या किसीने अलग तरीके से चूत मारी आजकल में, तो कमेन्ट में क्यों नहीं भेज देते हम उसकी कहानी आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे…! खेर, आज मैं आपको एक मस्त चुदासी और गर्म इंडियन देसी आंटी जमीला की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जमीला आंटी मेरे मकान के सामने ही रहती थी, उसका पति इक़बाल एक बड़ी कंपनीमें काम करता था, वह अक्सर काम के सिलसिले में बाहर जाता था | वैसे जमीला आंटी की उम्र खास थी नहीं, मुश्किल से 27 की होगी पर उसका उभरा बदन और गांड की मस्ती भले भले लंड खडें कर देती थी, मोहल्ले के जवान तो जवान बूढ़े भी जब वह गुजरती तो उसके गांड की मटकी चुपके से देख लेते थे | जमीला आंटी मेरे मकान के निचे रहेती मेरी चाची शांति की दोस्त बन गई और वह कभी कभी शांति आंटी के साथ हमारे यहाँ भी आती थी | इसी आने जाने में मेरी और उसकी अच्छी पटने लगी और वह कभी कभी मुझे काम के लिए आवाज देने लगी |

देसी आंटी की दुविधा और मेरे चोदन का मौका

एक दिन मैं जुम्मन अंकल के दुकान पर बेठा अंगूर खा रहा था, तभी मैंने देखा की यह देसी आंटी अपने बरामदे पर खड़ी बाल सूका रही थी, उसने पिली नाईटी डाली थी, उसके बड़े चुंचे और गोल गांड मस्त लग रहे थे | मैं उसी को देख रहा था और उसने भी तभी मेरी तरफ देखा, हमारी नजरे मिली और मुझे लगा की कही देसी आंटी बुरा ना मान ले…! में नजर हटाने ही वाला था की उसने मुझे इशारा किया घर आने के लिए | में भाग कर उसके वहा गया, उसने मुझे पचास का नोट दिया और कहा प्रेगा न्यूज़ (पेग्नंसी चेक करने की किट) तो ला दे संदीप | मैंने उसे किट लाके दे दी, उसने मुझे फ्रिज से कोला की बोतल निकाल के दी और मैं वही सोफे पर बैठा कोला पिने लगा, जमीला आंटी बाथरूम में गई और जब वह एक मिनिट के बाद बहार आई तो उसका चहेरा उदास था | मैं खड़ा हुआ और देसी आंटी के पास गया और मैंने उसे पूछा, “आंटी जी, क्या हुआ…?” जमीला आंटी बोली, “कुछ नहीं संदीप, तू नहीं समझेगा…!” मैंने कहा “मैं बच्चा थोड़ी हूँ के नहीं समझुगा आप बताइए तो |”…मेरे इतना कहते ही आंटीने मुझे निचे से उपर पूरा देखा और उसकी आँखों में चमक सी आ गई…! उसने मुझे सोफे पर बैठाया और बोली, “मुझे बच्चा नहीं हो रहा है, तेरे अंकल काम के चक्कर में सही काम नहीं कर पा रहे है शायद, मुझे ताने नहीं सुनने है, इसलिए मैं उदास थी |” अभी मैं कुछ और बोलू इसके पहेले मैंने देखा की देसी आंटी मेरी आँखों से आँखे मिला रही थी और बिच बिच में उसकी नजर मेरे लंड की तरफ जा रही थी | मैंने कहा, “आंटी आपके हाथ में थोड़ी है, अंकल से कहो प्रयत्न करने के लिए”

मेरा लंड अब देसी आंटी की बातें सुन अकड गया था

जमीला आंटी बोली, “शायद उनके बस की बात नहीं है, मुझे कुछ और रास्ता देखना पड़ेगा…!” मेरा लंड बहुत कड़ा हो गया था, आंटी की बातों का मतलब मैं बखूबी समझ रहा था | मैं अभी कुछ और बोलता उसके पहेले तो जमीला आंटी मुझसे लपट गई और उसने रोना चालू कर दिया…वह कह रही थी, “संदीप, मेरी ननंद मुझे बहुत ताने देती है, क्या तूम मेरी मदद कर सकते हो |” मैं अभी हां या ना कहू उसके पहेले तो उसका हाथ मेरे हथियार पर जा पहुंचा और वो कस के मेरे अंडकोष दबाने लगी, मेरा लंड में हलका दर्द हुआ पर मुझे इस दर्द में भी मजा आ रहा था | जमीला आंटी मुझे गले पर किस करने लगी मेरा लंड अब चुदाई मांग रहा था |

देसी आंटी, लंड चूसने की एक्सपर्ट निकली

अब मेरे लिए बोलने का कोई अवकाश बचा ही नहीं था, देसी आंटी जमीला चुदवाने को बहुत बेताब लग रही थी, उसने मेरे पेंट के बक्कल को खोल कर मेरे तोते को बहार निकाल किया और उसके उपर वह प्यार से पुचकारने और हाथ फेरने लगी, उसके प्रत्येक स्पर्श से जैसे की लंड थोडा और लम्बा होता था | मुझ से भी अब रहा नहीं जा रहा था, मैंने भी आंटी की नाईटी खोल दी और उसने ब्रा-पेंटी कुछ पहेना नहीं था अंदर, सो उसके बड़े चुंचे, चिकनी चूत और मटकी जैसी गांड मेरे सामने आ गई | मैंने उसके स्तन मस्त दबाने शरु कर दिए और वह मेरे लंड को हाथ से हिलाने लगी, हिलाते हिलाते अब वह निचे झुकी और पूरा लंड अपने मुहं में लेकर उसका मस्त मुखमैथुन करने लगी | मुझे इस देसी आंटी का मुहं चोदने मै बहुत मजा आ गया | मैंने कुछ मस्त झटके उस के मुहं में ही मार दिए |

ऐसे हुई देसी आंटी की चुदाई…!

आंटी ने लंड चूसने के बाद उसे बहार निकाला. लंड के उपर आंटी का थूंक लगा हुआ था, और मेरी 21 साल की जवानी में मेरा लंद कभी भी इतना उत्तेजित नहीं हुआ था | आंटी अब मेरा हाथ पकड के मुझे अपने बेडरूम में ले गई, जहा पहुँच कर उसने अपनी दोनों टाँगे फेला दी…बिना बाल वाली उसकी योनी बहुत मस्त लग रही थी | मैंने आंटी के पाँव के बिच बैठकर अपना कड़ा लंड आंटीकी चूत के समीप रख दिया, गीली चूत लंड के रिसेप्शन को तैयार ही थी और थोडा झटका मात्र लगने पर मेरा लंड बिना रोकटोक इस चूतके छेद में घुस गया | देसी आंटी जमीला मुझे पकड़ कर खुद भी हिलने लगी और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर बहार होने लगा | मेरे लिए आंटी की चुदाई का यह पहला अवसर था और आंटीने मुझे अच्छी तरह चोदन करवाया | कुछ तिन मिनिट के चोदन में ही मेरा लंड वीर्य फेंकने लगा | सारा वीर्य आंटी अपनी चूत में समाने लगी, उसके बाद आंटी बोली….”अब देखती हूँ की में प्रेग्नंट कैसे नहीं, होती, और अगर इस बार ना भी हुई तो संदीप मुझे और एक बार लंड दे देगा…! है न संदीप…?” मैं वही खड़ा खड़ा अपनी पेंट पहेनते हुए मुस्कुरा रहा था, सच में क्या चुदक्कड़ होती है यह देसी आंटीया….!