मेरी बैचलर पार्टी बनी मेरी सुहागरात

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फ्रेंड्स, मेरा नाम अंकुश है और मेरी शादी अभी कुछ महीनो पहले ही हुई है |

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मेरी शादी मे, मेरे पुरे परिवार ने और मेरे सारे दोस्तों ने खूब मस्ती की थी और शादी की सारी रस्मो का मज़ा लिया | जब हम रस्मो की बात करते है, तो एक ऐसी रस्म है जो पारिवारिक तो नहीं है, लेकिन दोस्तों के लिए काफी मायने रखती है और वो है बैचलर पार्टी | मेरे कॉलेज के दोस्तों और ऑफिस के दोस्तों ने मेरी शादी की तारीख नजदीक आते ही, चिल्लाना शुरू कर दिया; कि तू बैचलर पार्टी कब दे रहा है? क्या सीन है? शादी से ४-५ दिन पहले, मैने बैचलर पार्टी का नक्की किया | मेरे एक दोस्त सुरेश ने मेरी मद्दत की | आमतौर पर, होस्ट को कुछ नहीं करना होता, सब कुछ होटल वाले ही करते है; आपको तो बस अपनी इच्छाए बतानी होती है | सुरेश मुझे एक शहर के बाहर रेसोर्ट मे ले गया और वहा पर हमने दारु और लड़कियों के नाच गाने के प्रोग्राम को पक्का कर दिया | सुरेश ने होटल वाले से ३-४ लड्किया चोदने की भी डिमांड रखी, ताकि आखरी मौके पर कोई पंगा ना हो और लड्किया ना-नुकर ना करे; क्योकि, हमारी लिस्ट मे कुछ सीनीयर लोग भी शामिल थे |होटल वाले ने सब कुछ पक्का करके, हमें कुछ लड़कियों के फोटो दिखाये | उनमें से हमने ४-५ लड्किया को पसंद किया हो सबका अलग-अलग समय होटल वाले को बता दिया | सुरेश ने अपने लिए और मेरे लिए दो मस्त लड्किया पसंद की थी और उनको रेसोर्ट के किसी अकेले कोने वाले कमरे मे सीधे बुलवाया था, ताकि बाद मे दारु के नशे मे कोई पंगा मोल ना ले | मेल पर और फ़ोन पर और सब से मिलके मैने सबको पार्टी का बुलावा से दिया और ऑफिस से जल्दी चला गया | सुरेश और मै, वहा जल्दी पहुच गये और हमने सारा इंतजाम देख लिया | कुछ लोगो के लिए, हमने कमरे बुक किये थे; उनके आने का समय हो गया था, हमने उनके लिए लड्किया बिलकुल शुरू से लगाई थी, ताकि वो उन को व्यस्त रख सके | कुल मिलकर सुरेश ने बैचलर पार्टी का इंतजाम बड़ा जोरदार किया था |शाम को सब लोग आ चुके थे और सब मस्ती मे नाच और गा रहे थे, तभी होटल वाले ने मेरे लिए अपनी तरफ से कुछ विदेशी डांसर भेजी और बोला, हमारी तरफ से आपकी शादी के लिए एक तोहफा है | बड़ी मस्त डांसर्स थी, वो दोनों | सबने बड़ा मज़ा किया और काफी मस्ती की | मैने काफी पी ली थी और मैने सुरेश को पीने नहीं दी थी, ताकि वो सब को संभाल सके | पार्टी खत्म होने के बाद, सुरेश ने सबसे विदा ली और सबको गेट तक छोड़कर कर आया | मै ज्यादा दारु पीने की वजह से अच्छा महसूस नहीं कर रहा था, तो सीधे ही रूम मे चला गया | सुरेश ने मेरी तरफ से सबसे माफ़ी मांगी और सबसे विदा ली | फिर, सुरेश और मै अपने-अपने कमरों मे आ गये | मैने अपने लिए एक विदेशी सुन्दरी को पसंद किया था और उसका नाम जुली था |   मेरे जाने के कुछ देर बाद, सुरेश ने मेनेजर को फ़ोन करके जुली को मेरे रूम मे आने को बोल दिया | जुली मास्टर चाबी से दरवाजा खोलकर अन्दर आ गयी | बड़ी मस्त और कामुक सुन्दरी लग रही थी वो; कपडे तो उसने केवल नाम के लिए ही पहने थे और वो भी, केवल एक डोरी से ही बंधे थे | जुली ने दरवाजा बंद किया और आकर मेरे पास बिस्तर पर बैठ गयी | जुली ने मुझे देखा कि , मै पहले से ही काफी टुन्न हु; तो उसने सिर्फ अपने लिए जाम बनाया और मेरे होटो से लगाकर पी लिया | कुछ जाम पीने के बाद, उसकी आँखे नशीली होने लगी और उसने पीछे अपना हाथ बढाकर डोरी खोल दी | एक ही बार मे, उसके पुरे कपडे उतर कर जमीन पर गिर गये और वो पूरी नंगी हो गयी | फिर, वो मेरे पास आयी और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और मेरी शर्ट और पेंट उतारकर मुझे नंगा कर दिया और मेरे ऊपर आकर बैठ गयी |उसने अपने होठ मेरे होठो पर रख दिये और उसको मस्ती मे चूमने लगी | मेरे लंड ने खड़ा होना शुरू कर दिया | ऐसा नहीं था, कि मै पहली बार सेक्स कर रहा था; लेकिन, जुली का चूमने का अंदाज़ बड़ा मस्त था | उसका शरीर, मखमल की तरह चिकना और गोरा था | मेरे हाथ उसपर से फिसल रहे थे और मै उसको अपने आलिंगन मे लेने की कोशिश कर रहा था | उसने मुझे बिस्तर पर धक्का मार दिया और अपने चूचो को मेरे मुह मे फसा दिया | मैने उसके गुलाबी निप्पल को मस्ती मे चूस रहा था और उसकी गांड मस्ती मे ऊपर-नीचे हो रही थी और उसकी चूत मेरे लंड से लगातार टकरा रही थी | सब कुछ एक सपने जैसा हो रहा था और मुझे लग रहा था, कि कोई अप्सरा मेरे साथ कामक्रीड़ा करके मेरे शरीर की प्यास को बुझ रही है | जुली मुझे कुछ करने ही नहीं दे रही थी; फिर, वो नीचे की तरफ गयी और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर उससे खेलने लगी और उसको अपने मुह से बड़े ही कामुक अंदाज़ से चूसने लगी | मुझे ये यकीन हो गया था, कि जुली से बढ़िया कोई सेक्स पार्टनर नहीं ही सकता; क्योकि, एक बीवी ये सब नहीं कर पाती |मेरी गांड मस्ती मे हिल रही थी और मेरे मुह से कामुक आवाज़े निकल रही थी | फिर, जुली मेरे ऊपर आ गयी और उसने अपने चूत को मेरे लंड के ऊपर रखकर नीचे धक्का मार दिया | जुली मेरे ऊपर लेटी हुई थी और अपनी गांड हिलाकर, मेरे लंड को चोद रही थी | मुझे मज़ा आ रहा था, क्योकि, मैने कभी इस पोज मे सेक्स नहीं किया था | वो अपनी चूत को मेरे ऊपर लेटकर अपनी गांड को ऊपर नीचे करकर चुदवा रही थी और उसके होठ मेरे होठो से जुड़ें हुए थे | सब कुछ बड़ा ही मजेदार था | कुछ ही देर मे, जुली की गांड तेज चलने लगी और मैने अपने लंड के चारो ओर कुछ गीला-गीला महसूस किया | जुली झड़ चुकी, लेकिन मै अभी बाकी था, तो जुली ने मेरा लंड, अपनी चूत से बाहर निकाला और अपने मुह मे लेकर उसे चूसने लगी | कुछ ही देर मे, मेरा सारा पानी जुली के मुह पर गिर गया और मै बिस्तर पर गिरकर निढाल हो गया | जुली भी मेरे पास लेट गयी |

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जुली सुबह तक मेरे साथ थी और उसने मुझे कई तरह के पोज मे ४-५ चोदा | मुझे बड़ा मज़ा आया | सुबह मैने जुली को मोटी टिप दी और बिल का पेमेंट करके घर वापस आ गया | मेरी बैचलर पार्टी सबसे मस्त थी और मुझे हमेशा ही याद रहेगी |