विधवा आंटी की जवान चूत

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हैल्लो दोस्तों, आज में आपको मेरी पहली स्टोरी बताने जा रहा हूँ. में दिखने में हैंडसम हूँ और मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में एक कंपनी में जॉब करता हूँ. में एक मकान में किरायेदार था. मेरा खाना मेरे रूम पर ही उनके कोई ना कोई बच्चे दे जाते थे. अब बच्चों का स्कूल गर्मियों के बाद खुल गया था. अब मुझको खुद मॉर्निंग का खाना खाने के लिए उनके डाइनिंग टेबल पर आना पड़ता था और में खाना खाकर चला जाता था. आंटी के पति 4 साल पहले गुजर गये थे, उनके 3 बच्चे थे, 1 लड़की और 2 लड़के. उनका सबसे बड़ा बच्चा 10 साल का होगा, यानि कि आंटी की उम्र ज्यादा नहीं थी, वो यही कोई 30-31 साल की थी, मदमस्त गठीला बदन, कोई भी देखे तो आहें भरने लगे.

एक दिन में खाना खा रहा था और उनके बच्चे स्कूल गये थे और आंटी घर की सफाई कर रही थी, तो गर्मी की वजह से उनके पूरे कपड़े गीले हो गये थे और उन्होंने वाईट कलर का सूट पहन रखा था. अब उनके कपड़े गीले होने की वजह से उनकी ब्रा और पेंटी साफ-साफ बाहर से नजर आ रही थी. अब जब भी वो झुकती थी, तो मुझे उनके रसीले बूब्स पूरे नजर आ जाते थे.

अब में शुरू में अनदेखा कर देता था कि चलो गर्मी है, लेकिन करीब एक हफ्ते में 2-3 बार उनके गोरे-गोरे रसीले बूब्स के दर्शन हो ही जाते थे. अब मेरा भी मन खराब होने लगा था. अब में उनके बारे में सोचता रहता था कि उनके पति को गुजरे 4 साल हो गये है, उन्हें भी सेक्स करने का मन तो करता ही होगा.

में उनके पास बैठकर इधर उधर की बातें करने लगा, तो कुछ ही दिनों में हम लोग एक दूसरे से काफ़ी घुल मिल गये. एक दिन उनकी कमर में चोट लग गयी और वो दर्द से परेशान थी. में रात में करीब 10 बजे वापस आया, तो उनके बच्चे भूख से परेशान थे, तो मैंने बाहर से खाना लाकर दे दिया, तो उनके बच्चे खाना खाकर सो गये.

मैंने पूछा कि आपको ज्यादा चोट लगी है क्या? तो वो बोली कि हाँ दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तो मैंने पूछा कि दवा लगाई, तो वो कुछ नहीं बोली. तो में बोला कि आप पेट के बल लेट जाओ, में बाम लगा देता हूँ. वो बोली कि नहीं रहने दो ठीक हो जाएगा. तो में बोला कि ऐसा थोड़े ही ठीक होगा, आप दूसरे कमरे में आ जाओ में बाम लगा देता हूँ, जब करीब रात के 11 बज रहे थे और अब उनके बच्चे गहरी नींद में सो रहे थे और वो दर्द से परेशान थी.

मैंने उन्हें पेट के बल लेटाया और और उनके कुर्ते को पीठ तक उठा दिया. अब में उनकी कमर पर बाम लगाने लगा था. थोड़ी देर तक बाम लगाने के बाद उन्होंने कहा कि ये ठीक नहीं है कि तुम मुझको बाम लगाओ, लोग क्या कहेंगे? तो में बोला कि लोगों को कौन बोलने जा रहा है? आप शांत रहे और सो जाओ. तब उन्होंने कहा कि वहाँ से थोड़ा नीचे दर्द है.

अब में तो बल्ब की रोशनी में उनकी पीठ को देखकर पागल ही हो गया था. अब मेरा लंड तो लोहे की तरह गर्म और खड़ा हो गया था. मैंने ऐसा सीन कभी भी सामने से नहीं देखा था, मैंने सिर्फ़ कंप्यूटर पर सेक्सी मूवी ही देखी थी और सामने देखकर मदहोश हुए जा रहा था. अब मेरे हाथ उनकी पीठ पर कमर पर फिसल रहे थे.

जब उन्होंने कहा कि थोड़ा नीचे दर्द है, तो तब में बोला कि आपकी सलवार का नाड़ा टाईट है और में बाम नीचे कैसे लगा सकता हूँ? तो तब उन्होंने अपनी सलवार के नाड़े को आगे से हाथ डालकर खोल दिया. तो मैंने हिम्मत करके उनके सलवार को नीचे किया, तो तब उन्होंने अपने हाथ से रोक दिया. अब तब तक में उनके चूतड़ के आधे हिस्से तक उनकी सलवार को सरका चुका था.

अब उनकी लाल कलर की पेंटी देखकर में पागल सा होने लगा था. वो एक औरत नहीं बल्कि एक मदमस्त करारी माल लग रही थी. अब मेरा दिल तो कर रहा था कि उसकी पेंटी के अंदर अपना एक हाथ डाल दूँ, लेकिन उनके दर्द के आगे में हाथ डालने से डर रहा था. में उनकी कमर पर बाम लगाने लगा और अब में पूरी तरह से मसाज कर रहा था. अब रात के 1 बज रहे थे और अब मुझको भी नींद आ रही थी, लेकिन ऐसे नज़ारे को में छोड़ना नहीं चाहता था. अब में कभी-कभी उनकी लाल पेंटी में थोड़ी-थोड़ी अपनी उंगली भी डाल देता था, जब मैंने हाफ पेंट पहन रखी थी और अंदर अंडरवियर नहीं पहन रखा था.

नींद में वो मेरी एक टांग को पकड़कर सो गयी और अब में ना ही सोने जा सकता था और ना ही उठ सकता था. अब उनके हाथ से मेरे पैर की जांघे गिरफ़्त में थी, तो में भी नींद आने की वजह से उनकी पीठ पर अपना सिर रखकर सो गया, क्योंकि अब रात के करीब 3 बज रहे थे.

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अचानक से करीब 5 बजे उनकी नींद खुली और बोली कि अरे उठो, तुम अभी तक सोने नहीं गये क्या? तो में बोला कि आप मेरे पैर को पकड़कर सो रही थी इसलिए में नहीं जा सका. मैंने पूछा कि अब दर्द कैसा है? तो तब उन्होंने कहा कि अब थोड़ा ठीक है और पहले से बहुत आराम है. उस वक़्त उनकी सलवार सरककर उनके घुटनों से नीचे चली गयी थी.

अब वो शर्मा रही थी, तो में बोला कि आपको शर्म किस बात की आ रही है? तो उन्होंने कहा कि आज तक किसी और ने मुझको इस हालत में नहीं देखा है और वो घबराकर अपनी सलवार पहनने लगी. में बोला कि थोड़ी देर मेरे लिए इसी तरह रहने दो, में और कुछ नहीं करूँगा. में आपकी मस्त गदराये हुये चूतड़, गोरी-गोरी मदमस्त जांघे देखना चाहता हूँ. उन्होंने कहा कि किसी को बताना मत कि तुमने मेरी मसाज की है. में बोला कि कभी नहीं, सिर्फ़ थोड़ी देर ऐसे ही बैठे रहिएगा.

तब बोली कि मुझे तुम पर विश्वास है और तुम देख लो और वो शर्म से अपने चेहरे को इधर उधर घुमाने लगी. अचानक से उनकी नजर मेरे लंड पर पड़ी तो उन्होंने पूछा कि पेंट कि जेब में क्या छुपा रखा है? तो में बोला कि जेब में तो कुछ नहीं है, अब मेरी पेंट कॉटन की होने की वजह से ऊपर से काफ़ी उठी हुई थी. उन्होंने से कहा कि कुछ तो है. अब में घुटनों के बल खड़ा हुआ तो मेरा लंड तने होने की वजह से पूरा कपड़े से दिख रहा था. में बोला कि सेक्स करना है क्या?

तो वो बोली कि कभी नहीं, में तुमसे थोड़ी खुल गयी हूँ इसलिए ये बातें कर रही हूँ और अचानक से उन्होंने मुझको पकड़कर किस कर दिया, तो मेरे शरीर झनझनाहट हो गयी. तब उन्होंने कहा कि मुझको वो देखे हुए बहुत दिन हो गये है, मैंने उनके मारने के बाद कभी नहीं देखा, क्या तुम थोड़ी देर के लिए दिखाओगे? तो में बोला कि दिखा सकता हूँ, लेकिन किसी और को पता नहीं चलना चाहिए और में भी आपकी उसको देखूँगा. तब उन्होंने कहा कि नहीं में देखूँगी, तुम नहीं. तो तब में बोला कि में भी नहीं दिखाता, तो तब थोड़ा सोचने के बाद वो बोली कि ठीक है.

अब उनकी सलवार तो पहले से ही घुटने तक थी, अब मैंने उनकी पेंटी भी उतारकर उनके घुटने तक कर दी थी, लेकिन उन्होंने शर्म से अपने पैर के ऊपर पैर रख दिए थे, जिससे मुझे उनकी चूत नहीं दिख रही थी, लेकिन उनकी जांघो ने तो मेरे रोंगटे कर दिए थे. उन्होंने मेरी पेंट को निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि बाप रे कितना गर्म है? कितना मोटा, लंबा और अच्छा है?

थोड़ी देर तक देखकर मेरे लंड को मसलने लगी. अब में धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा था, तो तब उन्होंने बोला कि अब सुबह हो गयी है तुम आज रात में मसाज करने आना, तब में इस लंड को पूरी रात अपने हाथों से मसाज करूँगी. उसके बाद से हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया और मैंने आंटी को खूब चोदा.