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मानसी: भाई प्लीज़ डिलीट कर दो इसे, हमारी इज्जत का सवाल हे.
मैंने कहा: साली वहां दो टके के लंड लेते हुए ये इज्जत की बंसुरी नहीं बजाई थी तूने. मैंने सब देखा, मुहं से ले के गांड तक तूने किसी रंडी के जैसे ही चुदवाये थे अपने. और मेरे पास सब का सबूत हे. अब तू बता की क्या करूँ तेरे साथ?
मानसी मेरे पाँव पर गिर पड़ी और बोली, गोलू प्लीज़!
मैंने कहा चल फिर एक प्रोमिस कर मेरे सामने.
वो बोली क्या?
मैंने कहा, कसम खा के उन्के गंदे लंड अपनी लाइफ में कभी नहीं लेगी.
मानसी: हां भाई मैं कसम खाती हूँ की उनसे नहीं चुदवाउंगी.
मैंने कहा, और ये भी कसम खा के किसी और का लंड भी नहीं लेगी.
उसने वो भी कसम खाई.
फिर मैंने कहा, अब ऐसे बोल की मेरा भाई गोलू जब कहेगा मैं अपने कपडे खोल दूंगी!
वो मेरे सामने देखने लगी. मैंने कहा, अब तू बहार के लंड नहीं लेगी तो तेरी चूत की प्यास कैसी बुझेगी? इसलिए मेरा लंड तुझे लेना पड़ेगा.
मानसी ने वो कसम भी खा ली. मैंने कहा, चल अब अपने कपडे खोल.
मानसी ने खड़े हो के अपने कपडे खोल दिए. मैंने पानी के बोटल को उसके हाथ में दे के कहा, कुल्ली कर, चूत और गांड को पानी से साफ़ कर.
उसने ऐसे ही किया. निचे पानी गिरा उसके ऊपर मैंने मानसी से पोछा लगवा दिया. फिर मैंने उसे कहा, मेरी पेंट लटक रही हे उसके अन्दर बेल्ट हे वो ले आई.
मानसी बेल्ट ले के आई. मैंने बेल्ट को उसके गले में पहना दिया. और उसे कहा, साली कुतिया आज तेरी गांड और चूत का शुध्धिकरण करेगा तेरा भाई अपने लौड़े से. साली दो टके के लोड़ों को ले के तूने अपनी चूत गन्दी कर ली हे हरामी साली छिनाल.
मानसी के गले में पट्टा फिट था और उसे सांस लेने में तकलीफ होती थी जब मैं उसे खींचता था. मैंने बेल्ट को खिंच के उसे अपने लंड के पास लिया और कहा, चल अब मेरे लोडे को बहार निकाल साली रांड.
मानसी के हाथ कांप रहे थे. उसने मेरी जिप खोली और लंड बहार निकाला. कुछ देर पहले ही मैने मुठ मारी थी इसलिए लंड आधा खड़ा था. मैंने मानसी के मुहं को अपने हाथ से पकड़ के दोनों गालों के ऊपर जोर से दबा दिया. उसका मुहं खुल गया और मैंने अपना लंड उसके अन्दर पेल दिया.
मानसी के मुहं में लंड को फिट कर के मैंने उसके बाल को पकड़ा और खड़े हो के उसके मुहं को जोर जोर से चोदने लगा. मानसी को दर्द हो रहा था क्यूंकि मेरे इस ब्लोवजोब में सिर्फ उसको पीड़ा देने का ही इरादा था. मेरा लंड उसके गले से टकरा जाता था और वो अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अहह कर देती थी. मैंने बाल को नोंच के उसे ऊपर उठाया. मेरे लंड का प्रीकम उसके होंठो पर लगा हुआ था. मैंने अपनी इस रांड बहन को होंठो पर किस दिया. और फिर से उसे निचे धक्का दे के लंड मुहं में दे दिया.
मानसी लंड को चूसने लगी. मैंने बेल्ट को एकदम खिंच के ही रखा हुआ था. मानसी की आँखों में आंसू थे और मैं जबरन उसे लंड चटा रहा था. फिर मैंने उसके मुहं से लंड को बहार निकाला. और लंड को ऊपर उठा के उसे कहा. चल अंडे चूस मेरे रंडी.
मानसी मेरे लंड के निचे के अन्डो को अपनी जबान से चाटने लगी. और उसकी जबान गांड तक चली जाती थी. मुझे अजीब सी गुदगुदी हो रही थी उसकी जबान से.
उसने एक मिनिट अंडे चुसे. फिर मैंने उसे कहा, चल खड़ी हो जा और अपने कपडे खोल दे.
वो खड़ी हुई लेकिन मैंने बेल्ट नहीं छोड़ा. वो कपडे निकाल के न्यूड हो गई. मैंने कहा, चल अब मैं मोबाइल में गाना बजाऊंगा तू किसी रंडी के जैसे डांस करेगी.
वो बोली, मुझे डांस नहीं आता हे.
मैंने एक तमाचा मारा उसे और कहा, साली तुझे हेमा मालिनी वाला कथक थोड़ी करना हे. बस अपनी गांड हिला दे भाई के लिए अपने, साली वो वाचमेन के लिए तो बड़ी फुदक फुदक के लोडे ले रही थी छिनाल.
मानसी रोने लगी और बोली, भाई चोदना हे तो सीधे सीधे चोद लो मैंने कहा मना किया हे तुम्हे. लेकिन ऐसी बर्बरता क्यूँ!
मैंने कहा, साली छीनाल ये चुदाई नहीं हे तेरी चूत का शुद्धिकरण हे और शुद्धिकरण में दर्द तो होता ही होता हे. तूने दो लंड लिए हे और अब मेरे लंड से तेरा सफाई अभियान चल रहा हे.
मानसी के लिए मैंने मोबाइल के अन्दर जलेबी बाई वाला गाना बजाय. वो अपनी गांड को मटका के और बूब्स को हिला के नाचने लगी. एकदम बार डांसर के जैसी लग रही थी वो अपने चुंचे हिलाते हुए. मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मैंने बेल्ट को खिंचा और उसे कहा, चल अब घोड़ी बन जा भाई तेरे बुर की सवारी करेगा.
मानसी घोड़ी बनी और मैं उसके पीछे आ गया. मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर रख के बिना किसी साइन के धक्का दे दिया. मेरा लंड फच की साउंड से पूरा अन्दर चूत में घुसा और मानसी की चूत द्वार की चमड़ी घिस गई. उसकी हलकी सी झांट के बाल जो चूत के अन्दर की दीवारों पर उगे थे वो मेरे लंड को भी घिसे. उसके मुहं से दर्दभरी चीख निकल गई. मैंने उसके बाल पकड के उसके होंठो के ऊपर किस दिया. और उसके कान में कहा, आवाज कम साली छिनाल!
मानसी रोते हुए अपनी गांड को हिलाने लगी थी. और मैं उसके बूब्स को नोंचते हुए उसे चोद रहा था. मैंने जानबूझ के अपना सब वेट उसके ऊपर ही डाला हुआ था. और उसके बूब्स को मैं हाथ से नोचते हुए बेल्ट को भी झटके देता था. मेरी बहन मानसी की हालत खराब हो गई थी मेरा लंड लेने में.
मैं कस कस के अपने लंड के धक्के मारे उसकी चूत के अंदर. और फिर पांच मिनिट चोदने के बाद मैंने कहा, चल अब तेरी गांड मारनी हे मुझे.
मानसी कुछ नहीं बोली. मैंने लंड को चूत से निकाला और उसे कहा, अपनी गांड को फाड़ दे मेरे लिए.
मानसी ने अपने दोनों हाथ से चुत्त्ड खोले. मैंने उसकी गांड के छेद को देखा. और फिर एक कस के लात मात दी उसकी गांड के ऊपर. वो गिरने ही वाली थी और मैंने बेल्ट को खिंचा. उसकी गर्दन पर जबरदस्त झटका लगा और उसकी आँखों में जैसे खून आ गया. अगर अभी उसका ऊंट मेरे पहाड़ के निचे ना होता तो शायद वो मुझे मार ही देती. बहन के लिए ये सेक्स एन्जॉय नहीं लेकिन पेन बन के आया था. वो फिर से खड़ी हुई घोड़ी बन के और उसने अपनी गांड को फाड़ा मेरे लिए.
अब की सच कहूँ तो मुझे थोड़ी दया आ गई मानसी की. मुझे लगा की शुद्धिकरण ने व्यापस हिंसा का स्वरूप ले रखा था. मैंने उसके गले से बेल्ट को निकाल लिया और उसे कहा, अब आराम से करूँगा तेरा शुद्धिकरण आधा हो गया हे!
फिर मैंने अपने लंड को थूंक से गिला किया और उसकी गांड में परो दिया. मैंने जितना सोचा था उसे से कही ढीली थी मेरी बहन की गांड का छेद.
मैंने कहा, कितनो के लंड लिए हे इसके अन्दर साली कुतिया.
वो कुछ नहीं बोली और मैंने उसकी गांड को दोनों साइड से दबाई ताकि लंड के ऊपर प्रेशर बने. फिर मैं पच पच की साउंड के साथ अपनी बहन की गांड पेलने लगा.
10 मिनिट की हार्डकोर एनाल फकिंग के बाद मेरे लंड का पानी निकलने को था. मैंने मानसी को सीधा किया और उसे कहा, चुसो मेरे लंड को रंडी.
मानसी ने लंड को चूसा और गाढ़ा वीर्य निकल के उसके मुहं में भर गया. मैंने लंड को बहार निकाल के उसके चहरे को पूरा वीर्य-स्खलित कर दिया. उसकी नाक में कान में, और गले के ऊपर भी मैंने पिचकारियाँ मारी.
वो थक गई थी मेरे इस सेक्स से. मैंने कहा, जाओ नाहा लो और अपने पाप धो लो.
वो कपडे पहनते हुए बोली, गोलू प्लीज़ वो मूवी डिलीट कर दो.
मैंने कहा, नहीं वो मेरे पास रहेगी ताकि तुम किसी और का लंड लो तो मैं पापा को दिखाऊं की तुम कितनी बड़ी छिनाल हो जो दो दो लंड से चुदवाती हो.
मानसी पाँव जमीन पर मारती हुई वहां से चली गई. मैं फ्रेश हो के निचे सोसायटी में निकला. मैं सीधा शंकर के पास गया. वो मुझे देख के डरा सा था. मैंने इधर उधर देखा तो कोई देख नहीं रहा था. मैंने उसे दो तमाचे मारे और उसके होंठो से खून निकल गया.
मैंने उसकी गिरेबान पकड के कहा, साले दो टके के मादरचोद वाचमेन बड़े घर की लड़कियों को छेड़ता हे!
वो मेरे पाँव पकड के बोला, छोटे साहब हमारी गलती नहीं हे मानसी दीदी ने ही हमें उकसाया था.
मैंने शंकर के बाल पकड के उसे खड़ा किया और कहा, देख सोसायटी के सेक्रेटरी से तेरे गाँव का पता ले लेता हूँ मैं अभी. अगर आहिंदा सोसायटी की किसी भी औरत के साथ काम बिना बात करते हुए भी देखा तो दरोगा अंकल का लंड तेल लगा के उन्के डंडे के साथ तेरी गांड में पलवा दूंगा.
वो बोला, जी हजूर माई बाप आगे से कुछ नहीं होगा ऐसे.
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फिर मैंने उसे कहा, मानसी को आज से तू बहन के बिना कुछ नहीं कहेगा और उसके साथ नजरें भी मिलाई तो काट दूंगा साले!