हाई दोस्तों मेरा नाम वसंत हे और मैं सेक्स का भूखा हूँ! एक दिन बहार बहुत बरसात थी और शाम का वक्त था, करने को कुछ था नहीं और लंड खड़ा हुआ था. मैं पोर्न देखते हुए अपने लंड को ही हिला रहा था. मेरे घर का गेट मुझे दिख रहा था मुठ मारते हुए.
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सच कहूँ तो मेरी हालत उस वक्त ऐसी थी की किसी की भी चूत मिले तो चोद लूँ. मेरे घर के गेट के सामने ही एक बंद पड़ी हुई दूकान हे. मैंने देखा की वहां बरसात से बचने के लिए एक भिखारन ने सर छिपा लिया. मैंने उसकी बोरी और मैले कपड़ो से जान लिया की वो एक भिखारन ही हे. उसने एक पुरानी नीली साडी पहनी हुई थी और उसके हाथ में बोरी थी.
उसका ब्लेक रंग का ब्लाउज भी गन्दा था और उसके ब्लाउज के अन्दर काफी छेद भी थे. भिखारन थी लेकिन उसका फिगर बड़ा ही सेक्सी था. और बरसात में भीगने की वजह से उसके कर्व्स बड़े ही मादक लग रहे थे.
उसने अपनी बोरी को निचे रखा और अपने पल्लू को खोला. उसके बड़े तरबुच जैसे मम्मे बड़े और ज्युसी दिख रहे थे. उसको देख के मैं पोर्न भूल गया और उसको ही देखने लगा. लंड के अन्दर पोर्न से भी ज्यादा उत्तेजना आ गई थी थी इस भिखारन को देख के.
उसका फिगर बड़ा ही सेक्सी था करीब 37-28-38 का. मेरे लोडे की हालत खराब हो गई थी और मैंने सोचा की चलो इसे ही चोद लूँ. मैंने एक प्लान सोचा और अपना बटवा लिया. मैं उस दूकान के पास गया और उसके पास जा के खड़ा हो गया.
उसके बदन से महक आ रही थी लेकिन मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता था. मैं तो उसके भरे हुए मादक बॉल्स को ही देख रहा था. मैंने अपना बटवा निकाला और 100 का नोट बहार निकाल लिया. उसने मेरे बटवे को और उसके अंदर के पैसो को देखा. उसने कहा, सर भूख लगी हे कुछ पैसे दे दीजिये?
मैंने कहा: क्या?
वो बोली: सर मुझ गरीब को खाने के लिए कुछ पैसे दे दो.
मैंने कहा: मैं तुझे पैसे दूंगा बदले में तुम मुझे कुछ दोगी?
भिखारन औरत: मतलब?
मैंने कहा, तुम मेरे लिए कुछ करो तो मैं तुम्हे 100 रूपये दूंगा.
मैंने उसके चहरे को देखा. वो समझ गई थी की मेरे इरादे क्या थे.
मैं: तुम्हारा नाम क्या हे?
वो बोली, भानु!
और फिर उसने कहा सर मुझे क्या करना होगा?
मैंने कहा मेरे साथ मेरे घर में चलो बताता हूँ.
मैंने उसे अपने छाते में ले लिया और उसे अपने घर में ले आया. मैंने जानबूझ के अपने हाथ उसकी कमर पर रखे थे लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया. मुझे लगा की ये दे देगी! घर में आते ही वो फिर से मुझे बोली.
भानु: सर बताओ न मुझे क्या करना होगा?
मैं: तुमको नहीं पता हे की मुझे तुमसे क्या करवाना हे?
वो शर्मा के हंस पड़ी और मैंने उसे अपने तोवेल दे दिया.
मैं: जाओ उधर बाथरूम हे जा के नाहा लो और सब बदन को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना. बाथरूम में साबुन हे और दांतों का मंजन भी.
वो बाथरूम में घुस के खुद को साफ़ करने लगी. मैं किचन में गया और प्लेट में चिकन बिरयानी और थम्स अप ले के आ गया. उसको देर हुई तो मैंने दरवाजे को नोक किया. वो अन्दर से बोली: साहब बस निकलती ही हूँ.
मैंने दरवाजे को फिर से नोक किया तो अब की उसने खोल दिया. उसके बदन के ऊपर सिर्फ एक तोवेल बंधा हुआ था. वो देख के तो मेरे लंड में जैसे आग ही लग गई. और मेरा लोडा मेरी जींस को जैसे फाड़ के बहार आने के लिए बेताब हो रहा था. मैंने लंड को पकड के उसे पेंट में एडजस्ट किया. उसने मेरे लोडे के बल्ज को देखा तो शर्मा गई और हंसने लगी.
मैं” तुम तोवेल पहन के नहाती हो क्या?
भानु: नहीं साहब नंगी नहाती हूँ!
मैंने उसके तोवेल को खिंच लिया. उसने चौंक के अपने बूब्स को एक हाथ से और दुसरे हाथ से अपनी चूत को ढंक लिया!
भानु: सर आप ने ये क्या किया!
मैं: तुमने ही तो बोला की तुम नंगी नहाती हो! और मैं तो सिर्फ तुम्हारी नहाने में मदद ही कर रहा था और कुछ नहीं.
वो भिखारन हंस पड़ी और उसने अपने बूब्स और चूत के ऊपर से हाथ हटा लिए. उसके बूब्स चूत का परफेक्ट शेप देख के मेरा लंड बवाल मचा उठा था. उसकी चूत एकदम सेक्सी थी और उसके ऊपर ढेर सारी झांट थी!
मैंने उसके बूब्स को अपने हाथ में ले के कहा, भानु डार्लिंग तुम्हारी चूची तो बहुत ही बड़ी हे!
भानु: हां साहब मेरा पति भी येही बोलता हे!
उसकी शादी हुई थी और ये सुनके मुझे और भी उत्तेजना सी हुई. और अपने हसबंड को वो सिर्फ 100 रूपये के लिए धोखा दे रही हे ये सोच के मैं और भी उत्तेजित हो रहा था.
मैं: भानु अगर तुम्हारे पति को ये सब पता चल गया तो?
वो बोली: साहब वो साला चूतिया हे उसे कुछ पता नहीं चलेगा!
मैं: तुम नाहा लो मैं तुम्हे नहाते हुए देखना चाहता हूँ!
वो हंस पड़ी और अपने नहाने के काम उसने चालु रखा. उसके बाद मैं उसे ले के अन्दर गया और उसे चिकन बिरयानी खिलाई और थम्प अप पिलाई. और ये सब करते हुए मैंने उसे कपडे टच भी करने नहीं दिए थे. उसके बाद मैं उसे अपने बेडरूम में ले गया. और मैं खुद बिस्तर के ऊपर बैठ गया.
मैंने उसका हाथ पकड़ के कहा, भानु मेरे पास तो आओ.
वो मेरे पास जैसे ही आई मैंने उसकी नाभि के ऊपर अपना हाथ रख दिया. और उसके बदन में उत्तेजना की लहर को दौड़ते हुए देखा मैंने! मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और उसकी नाभि के छेद के ऊपर किस करना चालू कर दिया. उसने धीरे से अपने हाथ को ऊपर किया और मेरे बालों में फेरने लगी. मैं खड़ा हुआ और उसके होंठो के ऊपर किस करने लगा. वो मेरे जींस के ऊपर हाथ को रख के मेरे लंड को फिल कर रही थी. मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़ लिए और दबाने लगा.
भानु: आह्ह्ह सर जी धीरे से!!!
मैंने उसके निपल्स को चुसे और उसके निपल्स एकदम कडक और सेक्सी थे. वो मेरे लोडे को हाथ से दबा रही थी.
मैंने कहा: भानु मेरा लंड देखना हे?
भानु: हां सर जी मुझे दिखाओ ना!
मैंने कहा, तुम अपने हाथ से ही मेरा पेंट खोल के उसे बहार निकालो ना!
मैं बिस्तर के अन्दर लम्बा हो गया और वो अपने घुटनों के उअप्र बैठ गई. उसने मेरे बेल्ट को खोला और उसे निचे खिंच दिया. और फिर उसने मेरी चड्डी को भी ऐसे ही निचे कर दिया. मेरे लंड को देख के उसका हाथ मुहं के उअप्र आ गया और वो बोली: सर बाप रे कितना बड़ा लोडा हे!
मैं: क्या हुआ इतना बड़ा लंड देखि नहीं हे कभी तू?
भानु: नहीं सर ये तो बहुत ही बड़ा हे!
मैं: तुम्हारे पति का कितना हे.
वो बोली: साहब इस से डेढ़ गुना छोटा होगा वो. मुझे तो इसे देख के ही डर लग रहा हे साहब!
और उसका डर गलत नहीं था क्यूंकि मेरा लंड 7 इंच लम्बा हे और जब फुल टाईट होता हे तो उसकी चौड़ाई 4 इंच की हे.
मैं: तो क्या तुम्हे नहीं चुदवाना हे?
भानु: नहीं सर मुझे आप की लंड मेरी चूत में चाहिए ही चाहिए! मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी हे मेरा पति शराब पी के आता हे और कभी नहीं चोदता हे मुझे.
मैंने लंड को फडफडा के कहा आज मैं अपने लोडे से तेरी चूत की सब प्यास को बुझा दूंगा! चल मेरे लंड को चूस और इसे कडक कर और भी.
भानु ने मुहं को खोला और मेरे लंड को अपने मुह में डाल के चूसने लगी. वो लंड को आधा ही लंड चूस रही थी तो मैंने उसके माथे को ऊपर से दबाया ताकी वो लंड को और भी अन्दर ले.
भानु: बहुत बड़ा हे ये पूरा मुहं में नहीं ले पा रही हूँ.
और मैंने उसके बालों में अपनी उंगलिया चलाई. वो मेरे फ़ोर्स को रेसिस्ट कर रही थी. लेकिन मैं कुछ भी कर के अपना पूरा लंड उसके मुहं में घुसेड़ना चाहता था! लेकिन बहुत फ़ोर्स के बाद भी उसने पूरा लंड तो अपने मुहं में नहीं लिया. या फिर ऐसे कहे की वो ले नहीं सकी.
मैं: पूरा लंड मुहं में ले ना, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह.
वो कस कस के लंड को चूसने लगी थी. और लंड को हाथ से हिला भी रही थी. मेरा पूरा लंड उसके थूंक से गिला हो चूका था.
वो बोली, बाप रे मेरी तो सांस भी रुक गई इतने बड़े लोडे से!
मैं: क्यूँ मजा नहीं आया इसे चूसने में?
वो बोली: आप का लंड बहुत ही मस्त हे! आओ साहब जल्दी से अपने लंड को मेरी गरम चूत में डाल दो!
मैंने कहा, अभी मैं तुम्हारी चूत को ठंडा कर देता हूँ.
वो घोड़ी बन गई अपनी बड़ी गांड मुझे दिखाते हुए. मैंने बेड के पास के ड्रावर से एक कंडोम का पेकेट लिया.
वो बोली: साहब ये प्लास्टिक क्यूँ लगा रहे हो?
मैंने कहा: अरे मैं नहीं गिराना चाहता हूँ अपने माल को तेरी चूत में. कही बच्चा रह गया तो कहा रोड पर बड़ा करेगी उसे!
मैंने लंड को कंडोम से ढंक दिया और भानु की गांड के ऊपर एक मारी. वो अपनी गांड को यानी की कूल्हों को खोल के खड़ी हो गई. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के होंठो पर लगा के चक्का दिया. उसके मुहं से आह्ह्हह्ह निकल पड़ी.
मैंने कहा: साली आज तो मेरे लोडे से तेरी ये मस्त देसी चूत को फाड़ दूंगा!
मैंने धक्का मारा और अपने पुरे लंड को उसकी चूत में पेल दिया. मेरा लंड इतना मोटा था की उसकी चूत मुझे बड़ी टाईट लग रही थी. मैंने उसके बाल पकडे और पीछे से जोर जोर से उसकी चूत को पेलने लगा. कंडोम की चिकनाहट की वजह से मेरा लंड मस्त उसकी चूत में अन्दर बहार होने लगा था. और वो भी अपनी कमर को हिला के लंड का मजा लुट रही थी. मैंने हाथ को आगे किये और उसके बूब्स को अपने हाथ में ले के मसल दिए और फिर जोर जोर से उसकी चूत को चोदने लगा.
मैं उसकी कमर को पकड़ के आगे पिछे कर के चोदता गया. वो भी कुल्हे हिला हिला के चुदवा रही थी. मैंने उसे एक छिनाल और रंडी के जैसे मस्त ठोका.
फिर मैंने उसे कहा, लंड पर कूदना हे?
वो कुछ नहीं बोली और लंड चूत से निकाल के खड़ी हो गई. मैंने उसे अपनी गोदी में चढ़ा दिया. वो मेरे लंड को अन्दर तक ले के चुदने लगी. और मैं निचे से धक्के दे दे के उसकी मारने लगा.
बस पांच मिनिट में ही मेरा कंडोम वीर्य से भर गया. वो उठी और अपने गंदे कपडे पहनने लगी. मैंने अपने बटवे से उसे पांच सो रूपये दिए. जितना उसे कहा था उस से पांच गुने पैसे दिए तो वो बड़ी खुश हो के मेरे से लिपट गई.
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मैंने कहा, देखो मैं यहाँ अकेला ही रहता हूँ, जब भी इधर से गुजरो तो मुझे मिलती रहना. मजे भी करोगी और पैसे भी कम लोगी!