हाई दोस्तों मेरा नाम मनीष हे और मैं 24 साल का हूँ. मैं पुणे से हूँ. ये कहानी मेरी लाइफ की एक सच्ची बात हे जो मेरे साथ कुछ साल पहले घटी जब मैं इंजीनियरिंग के फर्स्ट इयर में था. लम्बे वेकेशन के अंदर कैसे मैंने अपनी मामी और उसकी बेटी निक्की को कैसे चोदा वो आप इस कहानी में पढेंगे.
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तो बात ऐसे हुई की वेकेशन के लिए मैं मामा के घर ही चला गया. क्यूंकि उनका घर मेरे कोलेज से काफी नजदीक था. वैसे मैं कोलेज चालु थी तब भी अक्सर उनके घर जाता था. और वेकेशन के लिए मैंने कुछ दिन के लिए उन्के घर रहने का प्लान बनाया था. मैंने अंजू मामी को तो जब मैं पहले मामा के घर गया था तभी चोद लिया था. वो लम्बी कहानी हे इसलिए मैंने वो पार्ट नहीं लिखा हे.
वेकेशन के अन्दर मामी को चोदने के ख्याल से ही मैं मामा के घर गया था. एक दिन दोपहर का वक्त था. मामी के कमरे में चुपके से घुसा तो वो नाइटी पहन के एसी में सोयी हुई थी. मैं बिस्तर के ऊपर चढ़ गया. उसे पता नहीं था और मैंने अपने कपडे निकाल दिए. एकदम न्यूड हो के मैं मामी के पास लेट गया. वो दोपहर की गहरी नींद में थी. मैंने उसके हाथ को पकड़ के अपने लंड पर रख दिया. वो सोयी हुई थी. मैंने उसकी नाइटी को ऊपर कर के उसकी जांघ के ऊपर किस करना चालू कर दिया. फिर उसकी पेंटी को सूंघते हुए मैं उसकी चूत के ऊपर पेंटी के उपटी से ही किस करने लगा. मामी के बूब्स पकडे तो वो के उठ गई.
मुझे ऐसा था की वो मुझे गले से लगा के अपने कपडे खोल के कहेंगी आजा मनीष चोद ले मुझे!
लेकिन उसने कहा, बाप रे ये क्या कर रहे हो तुम!
तभी बिस्तर के निचे वाली जगह से निक्की खड़ी हुई. मुझे तो पता ही नहीं था कमरे में एसी होने की वजह से वो भी वही पर सोयी हुई थी. मामी के बूब्स खोल के मैंने पकडे हुए थे और मेरा लंड एकदम कडक हुआ पड़ा था. मेरे लंड को देख के निक्की ने अपने मुहं के ऊपर हाथ रख दिया. मामी बोली, मनीष ये सब क्या हे?
मैं पहले तो बहुत डर गया था. लेकिन फिर मैंने कहा, मामी निक्की को देख के नाटक मत करो, वो नहीं होती तो अभी तुम्हारे बदन के ऊपर भी कपडे नहीं होते!
निक्की अपनी माँ को देखने लगी. और वो बोली, माँ मनी भैया क्या कह रहे हे ये सब? क्या ये सच हे?
मामी कुछ नहीं बोली तो निक्की समझ गई. वो बोली, बाप रे छि कितने गंदे हो तुम लोग, रिश्तो में सेक्स करते हो!
मामी ने निक्की को कहा, और तू बड़ी सीधी हे ना मेरी बेटी. साली छिनाल तेरे मेसेजिस पढ़े हे मैंने जो तू अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में पढ़ती और फोरवर्ड करती हे. वो एक केला और दो मूंगफली वाला मेसज बोलूं!
मैं मन ही मन खुश हुआ क्यूंकि वो दोनों माँ बेटी ऐसे लड़ रही थी. और एक दुसरे के राज खोल रही थी.
मैंने कहा अरे लड़ो नहीं तुम दोनों, निक्की ये सब चलता हे. रिश्ते में ही अपनापं होता हे. वैसे भी लोग चोदने से पहले शादी का रिश्ता ही बांधते हे ना, अगर रिश्ते में सेक्स करना गलत होता तो फिर लोग इतना खर्चा कर के रिश्ते क्यूँ बनाते. फिर तो लोग अजनबियों के साथ में ही सेक्स करते ना!
वाऊ, मेरी बात तो एकदम फिलोसोफर के जैसी थी. और एक ही बात में मैंने निक्की को समझा दिया. निक्की ढीली हुई तो अंजू मामी भी उसके ऊपर चढ़ गई.
वो बोली: हां बेटा मनीष ठीक ही कह रहा हे. सब को ये कसमकस होती हे अपनी लाइफ में. लेकिन बदन की जरूरतों का दर्द कभी कभी बहुत कुछ करवा देता हे. अब तेरे पापा को ही देख वो पड़ोस की लता आंटी के गुलाम बने हुए हे और उन्होंने मुझे भुला दिया हे. अब तू ही बता मैं इस भरी दुनिया में किसके सहारे जीती. तू अब उतनी बड़ी हो गई हे की एक औरत का दर्द समझ सकती हे.
इतना कह के अंजू मामी रोने लगी. निक्की उसके पास गई और उसने मामी के सर को अपने कंधे के ऊपर रखा और बोली, सोरी मम्मी!
मैं अभी भी नंगा ही था., हां मेरा लंड सो गया था. मैं भी दोनों के गले लग गया बिच में घुस के. मेरा लंड निक्की की जांघो को टच हो रहा था. निक्की बरमुडा पहन के सोयी हुई थी और उसकी जांघे नंगी ही थी. उसकी जांघ से टच हो के मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने मुझे देखा और हंस पड़ी. मैंने कहा, मामी निक्की को भी हमारे साथ में ले लेते हे!
निक्की कुछ नहीं बोली और मैंने उसके होंठो के ऊपर अपने होंठो को लगा दिया. वो मेरा सपोर्ट करने लगी थी! अंजू मामी ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाने लगी. मेरा लंड फिर से पुरे जोश में आ चूका था. और वो कम्पन कर रहा था. मामी ने लंड को थोडा स्ट्रोक किया और फिर वो उसे चूसने लगी. मैंने निक्की के टी-शर्ट को ऊपर किया. उसने अन्दर कोई ब्रा नहीं पहनी थी. उसके कडक और छोटे बूब्स मेरे सामने थे. मैंने उसे अपने गले से लगा लिया और उसकी छोटी चूचियां मेरे से टकरा गई. मैंने फिर उसके निपल्स को अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगा. निक्की आह्ह अहह करने लगी थी. मैंने उसके गले में दोनों हाथ डाले और फिर से उसको किस करने लगा.
उधर अंजू मामी ने मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया था और वो गग्ग ग्ग्ग्ग के साउंड निकाल के सकिंग करने लगी थी. फिर मैंने निक्की को कहा, तुम भी मुहं में ले लो ना!
वो बोली, मुझे डर लगता हे.
मैंने कहा अपनी मदर को देखो कैसे आराम से चूस रही हे.
फिर मैंने अंजू मामी को कहा. निक्की को बताओ न कैसे चूसते हे.
निक्की भी अपने घुटनों के ऊपर बैठी. मामी ने उसे कहा, देख इसे ऐसे हाथ में पकड़ और फिर इस डंडे को गले की साईंड में ले. मुहं में रखने की जगह उसे गले की तरफ डालेगी तो उलटी भी नहीं होगी और पेन भी नहीं होगा. ट्राय कर!
मैंने मामी के बाल पकडे और उसे ऊपर ले लिया. फिर मैंने और मामी किस करने लगे. उधर निक्की ने लंड को अपने मुहं में लिया. और एकाद दो फेल्ड एफोर्ट्स के बाद वो लंड चूसने में कामियाब हुई. बल्कि वो तो अपनी माँ से भी लंड को अच्छा चुस्ती थी. वो गले में लंड को ले के फिर डंडे के ऊपर अपने दांतों से हल्का हल्का प्रेशर बनाती थी जिसकी वजह से मुझे बहुत ही मजा आता था! मेरा वीर्य लंड के गलियारे तक आ गया था. लेकिन मैं अभी झड़ना नहीं चाहता था. मैंने निक्की को कहा चलो तुम दोनों लेट जाओ. मामी और उसकी बेटी अगल बगल में लेट गए. मैंने एसी की कुलिंग को बढ़ा दी क्यूंकि वो दोनों कुछ देर में काफी हॉट होने वाली थी. मैंने निक्की की बरमूडा को खिंच के निकाला और मामी ने अपने कपडे खुद ही निकाले. निक्की ने अन्दर ब्लेक पेंटी पहनी हुई थी. मैंने अपने होंठो से उसके पेंटी की स्ट्रिप को पकड़ा और उसे निचे खींचने लगा. उसकी चूत के ऊपर घुंघराले बाल थे और उसके अन्दर से पानी छुट गया था. मैंने चूत को अपनी ऊँगली से खोला और फिर धीरे से उसके ऊपर किस दे दी. निक्की की आह निकल गई.
मैंने निक्की की माँ यानि की अंजू मामी की चूत में अपनी ऊँगली डाली और फिंगर फक करने लगा. मामी की सिसकियाँ भी चालू हो गई थी. निक्की की चूत के अन्दर जैसे ही मैंने जबान को थोडा फेरा तो वो एकदम से चुदासी हो गई और जोर जोर से अह्ह्ह आह्ह ओह ओह करने लगी. मैंने अपने लंड को अपने हाथ से हिलाया और उसे थोडा सुख दिया. और फिर से मैंने निक्की की चाटने लगा और मामी की ऊँगली से फक करने लगा.
निक्की की तो बस हो गई थी जैसे. लेकिन मैं उसे छोड़ने वाला भी तो नहीं था. उसकी चूत के अन्दर ही पूरी जबान डाल के मैंने मामी की चूत में से ऊँगली निकाल के अब उसे ऊँगली से भी प्यार देना चालू कर दिया. मामी को क्या सुझा की वो अपनी चूत को ले के निक्की के माउथ के पास आ गई. नीक्की के फेस के ऊपर वो अपना भोसड़ा रख के बैठ गई. निक्की की मैं चाट रहा था और वो अपनी माँ की चाट रही थी. सच में एसी के अन्दर भी हम तीनो को काफी गर्मी होने लगी थी.
मैंने अपनी एक ऊँगली को निक्की की चूत में डाल के हिलाई. उसकी चूत उतनी भी टाईट नहीं थी. शायद सायकलिंग और स्विमिंग की वजह से उसके चूत की झिल्ली टूट चुकी थी. क्या पता उसने किसी का लंड भी ले लिया हो पहले!
फिर मैंने अपनी दो ऊँगली से निक्की की चूत को चोदा. वो चद्दर को पकड़ के सिस्कियाने लगी थी. और उसके मुहं से ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह उईई अह्ह्ह्ह येस्स्स्स निकलने लगा था. वो एकदम से चुदासी आवाजे निकाल के मुझे और मामी को भी और होर्नी बना रही थी. मामी ने अपने दोनों बूब्स खुद के हाथो से पकड़ के मसले और वो अपनी गांड को हिला के अपनी चूत को बेटी के मुहं पर रगड़ने लगी. निक्की ने अपनी जबान को माँ की चूत में डाला हुआ था.
अब मैं खड़ा हुआ और मैंने निक्की की टाँगे खोली. अपने लंड को पकड के मैंने उसकी चूत में डाल के ऐसे धक्का दिया की 75% जितना अन्दर हो गया. वो दर्द से कराह उठी. लेकिन मैंने दया नहीं खाई. पाँव की गाँठ सी लगाईं मैंने उसके दोनों पैरो के ऊपर और पूरा चढ़ गया. जांघो से पूरा प्रेशर डाल के मैंने पुरे लंड को अपनी इस कजिन की चूत में पेल दिया. उसके मुहं से दर्द और प्लीजर भरे उदगार निकल रहे थे.
मामी खड़ी हो के साइड में बैठ के अपनी चूत में दो ऊँगली डाल के अपनी बेटी को चुदते हुए देखने लगी. मैं निक्की के ऊपर पूरा चढ़ गया था; उसकी सांस भी रोक दी थी मैंने जैसे. निक्की की चूत में लंड एकदम फिट बैठ गया था. मामी ने अपनी चूत में अब कुल मिला के चार ऊँगली डाली थी और वो उन्हें अंदर बहार कर के हिला रही थी और हस्तमैथुन कर रही थी. मैंने मामी को इशारा किया तो वो मेरे पास आ गई. मैं निक्की को चोदते हुए मामी की चूत को चाटने लगा. मामी की चूत ढीली थी जिसके अन्दर मैंने अपनी पूरी जबान डाल दी और चाटने लगा.
आंटी अपने बूब्स पकड के मसल के अपनी चूत चटवा रही थी. निक्की को मिशनरी पोस में खूब मजा आ गया था अब लंड लेने का. उसने चूत को और भी कस लिया था और वो खुद अपनी गांड को उचका उचका के मेरे धक्को का जवाब दे रही थी.
पांच मिनिट चोदने के बाद मैंने मामी को कहा, मामी घोड़ी बनो!
फिर मैंने बेटी में से अपना लंड निकाला और उसकी माँ की चूत में डाल दिया. मामी तो अपनी गांड हिला हिला के चुदने लगी थी. निक्की मेरे पास आई मैंने उसके होंठो के ऊपर किस दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. मामी को चोदने की जरूरत नहीं थी. वो खुद ही अपनी कमर में से को हिला के लंड को अपनी चूत में अन्दर बहार कर रही थी. निक्की की कमर को पकड के मैंने और एक लम्बा किस दे दिया उसे. वो मस्त हो गई थी.
20 मिनिट तक मैं मामी की चूत को ऐसे ही चोदता रहा. और फिर मेरा पानी निकल गया उसकी चूत के अन्दर.
फिर निक्की के मुहं में डाल के मैंने उसके मुहं से लंड साफ़ करवाया.
फिर हम तीनो नंगे ही सो गए एसी में. मेरी नींद तब खुली जब निक्की ने मेरा लोडा मुहं में ले के उसे चुसना चालू कर दिया. मामी के खर्राटे चालू थे और हम दोनों बिस्तर से निचे उतर के सेक्स में बीजी हो गए.
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दोस्तो मैं कुछ दिन ही वेकेशन के रहनेवाला था मामा के घर. लेकिन फिर इस माँ बेटी की भोसड़ीयों ने मुझे मजबूर कर दिया सभी दिन वहाँ रहने के लिए. सुबह, शाम, रात कभी दोनों को तो कभी एक को चोद लेता था मैं!