advertisement
advertisement
मेने उसको नहीं , उसने मुझे चोद डाला ऐसा कहो – लोडे से लोही निकाल दिया
advertisement

advertisement
advertisement
HOT Free XXX Hindi Kahani

नाम है मेरा सुशिल. कहा से हु , क्या करता हु , कैसा दीखता हु .. ये सब मत पूछो ..


यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

चोदने के लिए जिगर चाहिए . इस साइट को बहुत पसंद करता हु .कुछ अच्छी कहानिया भी होती है जो पढ़ते पढ़ते ही लण्ड रगड़ने पे मजबूर कर देती हैं , पर काफी तो ऐसी होती है की लिखने वाले की गांड मारने की इच्छा हो जाती है. बस मेरा नाम ये है , मैं यहाँ से हु , मेरी इतनी हाइट है , मेरा लण्ड इतना लम्बा है , इतना चौड़ा है .. पढ़ कर हंसी आती है की भेनचोद टेप लेकर नापा था और सेंटीमीटर को इंच गीन लिया . जितनी लण्ड की चौड़ाई बताते है हक़ीक़त मैं वो तो लण्ड की लंबाई होगी .

खैर अपनी कहानी पे आता हु .बहुत छोकरियों को चौदा हैं मैंने. चिकने छोकरो की गांड भी मारी है .मज़ा आता है .पर जैसा मैंने बताया की चौदने मैं जिगर चाहिए, लण्ड की साइज उतनी कीमती नहीं है . आज ४५ साल का हु . मैंने स्कूल से छोकरियो को पकड़ना चालू किया था . स्कूल मैं पहली चूत मारी . मैंने क्या मारी , उसने पकड़ा. वो मेरी मामी थी… छुट्टियों मैं गांव गया था. एक दोपहर जब सब सो रहे थे , घर से जुड़ा हुआ खेत था , वहाँ बकरा , बकरी पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था . अब उनके इस प्रोग्राम को देखते हुए मेरा खड़ा हो गया. दोपहर थी, सब सो रहे थे . मैंने हाफ पैंट नीचे की और मुठ मारना चालू किया. पूरी तल्लीनता से बकरा बकरी की चुदाई देख रहा था और मस्ती से लण्ड मसल रहा था .

जैसे ही बकरे ने बकरी मैं पूरा लण्ड गुसाया और पूरी ताक़त से पकड़ कर चौद रहा था , मैं भी छुट गया और अचानक से देखा तो मामी पहले माले की खिड़की से सब देख रही थी . हे भगवन ! !! मेरी तो माँ चुद गयी . हाथ का लण्ड हाथ मैं रह गया, पैंट पांव मैं पड़ी रही, मैं धूजने लगा . अब क्या करू ??

नज़र मामी की नज़र से अटकी रही , फिर वो धिरे से खिड़की से घर के अंदर चली गयी. अब मैं क्या करू…

मैं धीरे धीरे , चुपचाप घर गया और सीधे अपने कमरे मैं जाकर नहाया और कपडे बदल कर सो गया. नींद कहा आनी थी पर और जाता भी कहा. अलग अलग विचार मन मैं आ रहे थे ” मान लो मामी ने कुछ पूछा तो क्या बोलूंगा ? अगर पापा को बता दिया या मामा को बता दिया तो माँ चुद जाएगी” . पर चारा ही क्या था इसके सिवाय की कमरे मैं ही पड़ा रहू और जो होगा उसका सामना करू .

शाम को जब मैं खाने के टाइम तक कमरे से बहार नहीं आया तो मामी ने उसके बेटे को जो मुझसे ३ साल छोटा था , उसको भेज़ा. मैंने बोला मेरा खाने का मन नहीं है. फिर बड़ी बहन आयी , उसको भी मैंने एहि बोला.

फिर मामी आयी. मैं बिस्तर पर चादर ओढ़ कर सो रहा था. वो मेरे पास बैठी, प्यार से चादर हटाई, मुस्कुराई और बोली ” क्या तबियत ठीक नहीं है ” , मैं तो नज़र भी नहीं मिला पा रहा था , सिर्फ जुकी गर्दन को हिला दिया की नहीं मैं ठीक हु. तो वो बोली की खाना खाने क्यों नहीं आ रहे हो ? मैंने कमजोर आवाज़ मैं बोला ” मन नहीं है “.. उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरा और धीरे से गाल पर एक छोटी सी पप्पी कर दी और बोली ” मन छोटा न करो सुशिल जी , आओ खाना खाते हैं” और मेरे बालो मैं हाथ फेर कर चली गयी.

Hot Japanese Girls Sex Videos
advertisement
ये हिंदी सेक्स कहानी आप HotSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहें हैं|

मुझे उसकी इन हरकतों और बातो से थोड़ा ढाढस बंधा. ये शिकायत तो नहीं करेगी , उस बारे मैं बात करेगी तो माफ़ी मांग लूंगा , ये सोच कर मैं रसोई के बहार गया. सब थाली लगा कर बैठे थे, मेरा इंतज़ार कर रहे थे . बहन बोली ” जल्दी आ जाओ, भूख लगी है “. मैं भी हाथ धो कर बैठ गया. मामी बिलकुल नार्मल थी पर फिर अपने हाथो से एक टुकड़ा मिठाई का खिला दिया. मैं भी नार्मल हो गया था पर मुस्कराहट या हंसी नहीं थी चेहरे पर .

खाना ख़तम होने के बाद हम भाई बहन , मामा आपस मैं बाते करने लगे. पर मैं फिर भी थोड़ा रिजर्व्ड था. मामा ने ये बात नोट की और पूछा की क्या बात है ? मैंने कहा ” कुछ नहीं बस ऐसे ही “. खैर हम छोटी मोटी, इधर उधर की बाते करते रहे . लगभग १० बजे गए थे . मैं अलग कमरे मैं था , भाई बहन अलग कमरे मैं और मामा मामी अपने कमरे . तब मामी ने मामा को बोला की सुशिल जी का मन आज अच्छा नहीं है तो मैं उनको बच्चो के कमरे मैं ही सुला देती हु.. शायद उनको अपने घर की याद आ रही होगी , और मैं भी उन सब को सुला कर आ जाउंगी. मामा ने बोला ” ये सही रहेगा , आज वो वैसे भी थोड़ा चुप चुप था . हो सकता है घर की याद आ रही हो या फिर १२ क्लास का एग्जाम दियाहै तो रिजल्ट का टेंशन होगा. बच्चे हैं , तुम उस से बात करना और जरुरत पड़े तो मुझे बुला लेना” . मामी ने हाँ कहा और मुझे बच्चो के कमरे मैं ले गयी.

हम सब डबल बेड पर बैठ गए और मामी ने कहा आज बाते बाद मैं करेंगे, पहले ताश खेलते हैं” . हम सब ताश खेलने लग गए. मैं और मेरा भाई पार्टनर थे और मामी और बहन पार्टनर थे. कभी वो जित जाते थे कभी हम.. मेरी बहन और भाई चीटिंग भी करते थे तो बड़ा मज़ा आ रहा था. छीना जप्ती चालू थी, एक दूसरे के पत्ते
खिंच लेते थे .बिच मैं मामी मुझे पर जपत पड़ी की मैं चीटिंग कर रहा हु . मैंने कसम खायी पर वो नहीं मानी और मेरे पत्ते छीनने के लिए मुझे पर चढ़ गयी. ऐसे ही धमाल हो रही थी . मैं बिलकुल नार्मल हो गया था.

थोड़ी देर मैं भाई बोला उसको नींद आ रही है तो मामी ने कहा की बिस्तर के एक साइड मैं सो जा. वो सो गया. हम तीनो खेलते रहे . फिर मामी ने बोला चलो बाते करते हैं . हमने ताश रख दी. और मैं दूसरे कोने मैं लेट गया. मामी ने बहन को बोला की भाई के पास लेट जा ताकि वो मेरे और उसके बीच मैं सो जाएगी और दोनों से बाते कर सकेगी. हम सब इस तरह से सो गए. सबसे पहले मेरा छोटा भाई, फिर बड़ी बहन फिर मामी फिर मैं.
गर्मी के दिन थे. एयर कंडीशनर नहीं था पर पँखा फुल स्पीड मैं चल रहा था. बहन ने एक चादर खुद पर और भाई पर ओढ़ ली . मामी ने एक चादर खुद पर और मुझ पर ओढ़ दी .सिर्फ गर्दन बहार थी और बाते चालू थी. मामी ने बाते करते करते कहा की लाइट बंद करदो ताकि जिसको नींद आनी है, आ जाएगी . बहन ने लाइट बंद करदी . हमारी बाते चालू थी. लाइट बंद होने के थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया की मामी का हाथ मेरे हाथ को पकड़ लिया है, नाज़ुकता से .और फिर भी वो नार्मल बात कर रही थी. स्कूल मैं क्या होता है. कितने टीचर हैं .कौन अच्छा पढता है. फ्यूचर मैं क्या करना है वगेरह वगेरह .

अचानक मैंने महसूस किया की बहन बात नहीं कर रही है. मैंने मामी को बोला की क्या दीदी सो गयी तो उसने गर्दन गुम कर देखा और फिर मेरी तरफ गम कर बोली की ” हाँ”.. अब अपन धीरे धीरे बाते करते हैं ताकि वो जग नहीं जाये”. मैंने हाँ कह दिया.. वो मेरी तरफ अच्छे से करवट बदल ली और धीरे से लेफ्ट पांव
मेरे जंगो के ऊपर रख दिया. मैं सीधा सो रहा था. उसकी जांघ मेरे जांगो पर आ गयी. अब मेरी साँसे फूलने लगी. ये सब कुछ ही पल मैं हो गया . लाइट बंद होना, बहन का सोना, मामी का करवट बदलना और फिर मेरी जांगो पर अपनी जांघ रखना. अब यु मैं भले ही बच्चा था पर इस मामले मैं ९थ क्लास से छोकरियों को छेड़ता तो था ही.

उन्होंने धीरे से मेरी छाती पर अपना मुलायम हाथ रखा, गाल पर किश किया और धीरे से कान मैं फुसफुसाया ” बच्चे हो पर जल्दी से मर्द बन रहे हो” . अब क्या था ? मेरा चेहरा लाल लाल हो गया तभी उन्होंने मेरे शर्ट के अंदर हाथ दाल कर मेरी निप्पल को पिंच कर दिया .

अब जरा ये समझ लीजिये की स्कूल मैं ही मैंने क्लास की लड़कियों के बूब्स दबाने शुरू कर दिए थे. हर लड़की ऐसी नहीं होती पर हर क्लास मैं कुछ लडकिया तो ऐसी होती हैं जिनका भी मन करता है इन बातो के लिए. तो २ लडकिया थी जिनको मैंने पटा लिया था .वो अपना शर्ट ऊपर करती थी और बूब्स दिखाती थी.. कई बार हम सबसे पीछे बैठ जाते थे और मैं उनके स्कर्ट मैं हाथ डालता था और चूत दबाता था. एक लड़की ऐसी थी जिसने मुझे गास नहीं डाली.तो मैंने उसको बोला की मैं तुज बदनाम कर दूंगा. या तो मुझे किश करने दे या फिर देखना क्या होता है. वो गबर गयी .उसने फिर भी हिम्मत करके बोला की मैं टीचर को बोल दूंगी. तो मैंने बोला मेरी दोनों फ्रेंड बोल देगी की तूने मुझे पकड़ कर किश किया और मेरी पैंट मैं हाथ डाला. वो रोने लगी और हाथ जोड़ कर बोली की ऐसा मत करो . मैंने फिर बोला ” बस एक दो बार मेरे मन की करने दे, मैं हमेशा तेरे काम आऊंगा . जो बच्चे तुजे छेड़ते हैं उनको सीधा कर दूंगा. पर मेरे मन नहीं रखा तो इतना बदनाम करूँगा की तू घर नहीं जा पायेगी. वो डर गयी और फिर क्या था , मैंने उसके साथ भी दाबने के , मसलने के खूब मजे किये. बस किसीकी भी चुदाई नहीं की . हाँ मेरी दो फ्रेंड्स ने कई बार मेरी मूठ मारी.. २ बार तो चलती हुई क्लास मैं क्यूंकि हम सबसे पीछे बैठे थे.

मैं पढ़ने मैं होशियार था तो मेरी वैसे भी स्कूल मैं बड़ी इज़्ज़त थी. वाद विवाद मैं , फर्स्ट आता था , बेडमिंटन और क्रिकेट मैं स्कूल टीम मैं था. और इनसब काम मैं बहुत ध्यान रखता था. किसी को शक नहीं था इसलिए मेरा काम मज़े से हो रहा था.
,
अब ये सब जानकारी मुझे थी, औरत का शरीर कैसा होता है, कहा हाथ लगते है तो कैसा महसूस होता है , ये सब मुझे मालूम था . अब जब मामी की जांघh मेरी जांघ पर आयी तो मेरे लण्ड का कड़कना स्वाभाविक था. उन्होंने जब मेरी निप्पल को धीरे से पिंच किया तो एक करंट मेरे शरीर मैं दौड़ गया. मेरे फूलते लण्ड को उन्होंने भी महसूस कर लिया. वो धीरे से हंस दी और कान मैं बोली ” हाथो मैं वो मज़ा नहीं जो असल मैं आता है . कभी किसी के साथ असल मैं किया क्या.? ” मैंने लाल हुए चेहरे के साथ सर हिलाया और धीरे से बोला ” बस क्लास की लड़कियों ने ऊपर ऊपर से “. वो खिलखिला दी फिर मेरे शर्ट के अंदर डॉल कर छाती पर कोमल कोमल हाथ फेरने लगी. फिर धिरे से फुसफुसाई ” जोर से मत बोलना , और बस जो मैं करती हु करने देना , जो बोलूंगी कर लेना.” .

मैं तो हक्काबक्का बस चुपचाप पड़ा था . शरीर मैं मनो भट्टी जल रही थी . उन्होंने धीरे से मेरी हाफ पैंट खोलदी, दूसरे हाथ से ब्लाउज और बोली ” अब बताओ ऊपर ऊपर से क्या क्या किया ? .. अब मैं भी इतना गया गुजर तो नहीं था सीधा उनकी तरफ पलट गया और लगा चुचिया चूसने .मज़ा आ गया… क्या मस्त बोबे थे … उन्होंने एक हाथ मेरी अंडरवियर मैं डाला और फ़ट से मेरे लण्ड को मुट्ठी मैं पकड़ लिया. अब ४ इंच का मेरा लण्ड.. मैं १९ साल का, मुछे आयी नहीं , जांट के बाल मुलायम , लण्ड मस्त गिला हो गया था.

ये जो चोदू यहाँ अपनी कहानिया भेजते हैं सब बोलते हैं की मेरा ८ इंच का, कोई बोलता है ७ इंच का… सब जूठ है.. मोस्टली ४ या ५ इंच का होता है. खैर मामी ने मसलना शुरू किया और मैंने जोर जोर से चूसना. मस्ती मैं एक दो बार जोर से चूसने की आवाज़ आयी तो मामी ने जोर से कस कर लण्ड दबा दिया और फुसफुसाई ” शशशस आवाज़ मत करो… “

advertisement
देसी हिंदी सेक्स वीडियो

पर क्या बताऊ , १ या २ मिनिट ही हुए थे की उनके मसलने के कारन, माहौल के कारन मैं तो जोर से छुट गया . उन्होंने अपने हथेलियों से मेरे वीर्य को मेरे ही लण्ड पे सब तरफ लगा दिया . फिर धीरे से अपना आधा शरीर मेरे ऊपर ले आयी. पीछे देखा तो भाई बहन सो रहे थे .

उन्होंने चादर हटाई , अपने कपडे पुरे उतार दिए , मेरे भी उतार दिए और खिसक कर मेरे jango के बीच आ गयी . बड़े प्यार से, बड़ी मस्ती से मेरे लण्ड से खेलने लगी . मैं क्या करता , बस हाथ उनकी गर्दन के पीछे , बालो मैं फेरता रहा .

फिर उन्होंने लण्ड मुंह मैं ले लिया.. ये एक अद्भुत एहसास था. कभी सोचा नहीं था ये भी होगा. इस बारे मैं सुना था , पर सुनना अलग होता है और हकीकत अलग. मेरा लण्ड तो फनफना कर फिर से फुफकार मारने लगा . कोई टाइम नहीं लगा .उनका मुंह मैं लेना हुआ और मेरा खड़ा हो गया . मुझे उनकी हलकी सी हंसी सुनाई दी .और उन्होंने धीरे से लण्ड को काट लिया.. ओह my गॉड.. व्हाट आ सेंसेशन , व्हाट आ फुककिंग सेंसेशन ..

मैं तो उठ कर बैठ गया. अंधेरे मैं भी हल्का हल्का तो दिख ही रहा था… मेरे फैली हुई टाँगे , उनका सर का ऊपर नीचे होना. मैंने तो अपनी जंगे आपस मैं दबा दी ,इतना मैं एक्ससिटेड हो चुक था.

और बैठे बैठे ही अब मैंने उनकी एक चूची पकड़ ली और बड़ी बेरहमी से दबाने लगा… अब उनके मुंह से भी सिसकारी निकली . वो उठ गयी , धीरे से मेरी छाती पर हाथ रख कर निप्पल दबाई और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया फिर मेरे होठ किश किये और बोली ” चुप रहना प्लीज ” .

आप ही सोचिये,कितना बड़ा रिस्क था .. बच्चे पास मैं ही सो रहे थे पर वो कॉंफिडेंट थी की कोई नहीं जागेगा.
फिर वो मेरे ऊपर आ गयी. अपनी दोनों टाँगे मेरी दोनों टैंगो के बहार रख दी और धीरे से लण्ड पर अपनी गरमा गरम चूत अड़ा दी और धीरे से मेरे पुरे ४ इंच के लण्ड को निगल लिया. फिर मेरे कंधो पर हाथ रख कर , अपनी जांगो से मेरी कमर तो दबा कर पकड़ ली और मस्त गांड को ऊपर नीचे करने लगी .

क्या बताऊ क्या हाल था वो. आदमी अपनी ज़िन्दगी भर पहली चुदाई नहीं भूल सकता. वो भी अगर ऐसी मस्त मज़ेदार हो. अँधेरा कमरा, मस्त ठंडी ठंडी हवा, पास मैं भाई बहन और इस बात का डर की वो जग जायेंगे , उसपर से इतनी मस्त अनुभवी चूत का लण्ड को निगल लेना और फिर धीरे धीरे छोड़ना.
मैं मामी को नहीं चोद रहा था , वो मेरेको चोद रही थी .

मैंने उसके बोबे हाथो मैं लेलिये.. वो ३६/३७ साल की होगी.. बड़ी थी, बोबे भी बड़े थे, निप्पल मानो अंगूर के दाने थे, मस्त लचक लचक के वो चोद रही थी और मैं चुदवा रहा था .मेरा काम तो बस उसके निप्पल तो भींचना, मसलना, खीचना था, .. हम दोनों पसीने से भी तर थे हालाँकि हवा भी थी .

और इन सब मैं कोई ज्यादा वक़्त नहीं लगा, शायद २ या ३ मिनट हुवे होंगे .अचानक से मेरे लण्ड मैं टन्नट आना शुरू हुई . मामी को महसूस हुआ , उसने पहले लंबे स्ट्रोक धीरे धीरे मारे थे , अब वो छोटे छोटे स्ट्रोक जल्दी जल्दी मारने लगी और क्या था बस १५/२० जल्दी जटके लगे और मैं फिर उसकी चूत मैं छूटने लगा .

अब एक कमाल हुआ, उन्होंने अपनी चूत की मांसपेशियों को संकुचित करना और छोड़ना शुरू किया. हे भगवन ,ये तो मेरा सारा जूस चूस लेना चाहती थी .

advertisement
Free Hot Sex Kahani

मैं पगला गया . क्या आनंद था.. क्या मज़ा था.. क्या चुदाई थी .

वो फिर धीरे से मेरे ऊपर सो गयी और मेरे होठो पर अपने होठ रख दिए. अब किस करना तो मुझे आता ही था.. मैं किस करना शुरू किया.. हमारी जबान आपस मैं लड़ने लगी ..जरा सोचो.. मेरा लण्ड अभी भी उसकी गरम चूत मैं और वो चूत अभी भी स्पंदन कर रही थी. होठो पे होठ , मेरे छाती पर उसकी छाती.. उसकी गांड को सहलाते हुए मेरे हाथ..

फिर धीरे धीरे हमारा शरीर नार्मल टेम्परेचर पर आया.. वो धीरे से अपनी साइड पे बैठी और कपडे पहन लिए… मुझे बोला खाली चड्डी पहन लेना .मैंने कहा ” सवेरे भाई बहन जागेंगे तो क्या बोलेंगे ?” वो बोली ” मैं सबसे पहले उठ जाउंगी तब पहन लेना “

मैंने वो ही किया.. थोड़ी देर बाद जब हमारी सांसे कण्ट्रोल मैं आयी तो उन्होंने मुझे अपने से चिपका कर सुला दिया ..


यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप www.HindiSexStoriesPictures.Com पर पढ़ रहे हैं

उसके अगले दिन से मेरे जन्नत की यात्रा शुरू हुई.. वो अगले एपिसोड मैं .. हाँ आपका कॉमेंट चाहिए मुझे.

advertisement

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement
advertisement