मैंने उनसे कहा की वह कॉपी मेरी नही है लेकीन वो माने नही|
“नही तुमने कॉपी की है”
“नही सर वो तो किसी और की थी…” बहुत देर हो गयी लेकीन वो माने नही
आखिरकार में रोने लगी आंख भर आयी| वो पहचान गये लेकीन वक़्त हो गया था|
“सॉरी मिस आप शाम को 7:30 बजे ‘प्रिन्स कॉलेज’ में आकर पेपर लिखा लेना कल
सुबह में पेपर जमा कर यूनिवर्सिटी ले जाने वाला हुं, जल्दी आना”
में बहुत खुश हो गयी थैंक्स बोलके निकल गयी| उस दिन कर्वाचौथ था तो में शाम को में नहाके सज-सवर ( लाल रंग का फिट कमर तक का ड्रेस, लाल रंग की बिंदी, लिपस्टिक, चुडियाँ, हाय हिल्स) के वहां चल पडी मैंने पहना था मेरी साईज 37″ 28″ 39″ है मुझे फिट रहना पसंद है| लेकीन उस शहर में नयी होने के कारण और वह कॉलेज शहर से लगबग 20 किलोमीटर दूर अलग रस्ते पे था | में वहां 9:15 बजे पहुंची|
“आप काफी लेट पहुंची मैडम !,और आप काफी सजसवर के भी आयी है| ”
“सॉरी सर ट्राफिक की वजह से देर हो गयी और आज इंडियन फेस्टिवल है”
“अरे आपको दिलसे बढाई! में नहाने जा रहा हुं आप पेपर लिख लेना” वो 6’2″ के गोरे, टाईट कुल्हे, चौडी छाती और काफी नम्र किस्म के व्यक्ती थे| उनका नाम ‘स्टेफन’ है|
9:45 को मेरा पेपर लिखना खतम हो गया था लेकीन बाहर बारीश शुरू हो चुकी थी|
वो नहाके तावल लपेटके बाहर आये
“पेपर तो हो गया अब क्यो टेंसन में हो?”
“सर बाहर तो तेजी से बारीश हो रही है, में घर कैसे जाउंगी?”
“आप चिंता मत किजीये अब आप मेहमान है, में आपको छोड दुंगा”
“नही…वो बहुत दूर है और वैसे भी आपने बहुत मदद की है”
“कोई दिक्कत नही में छोड दुंगा आप चिंता मत करो”
वो कपडे पहन के आये हम चल दिये लेकीन 8-9km गाडी बंद पड गयी| बहुत कोशिश के बावजुद वो बंद रही|
“सॉरी प्रतिमा, गाडी बंद हो गयी है”
“इसमे आप क्या कर सकते हो कोई बात नही में चली जाती हुं”
“कैसे? आगे 12-13km जंगल है, आप आज मेरे साथ होटल चलेगी”
में कुछ नही कह पायी, गाडी हुई बातचीत से हम एक दुसरे को जानने लगे थे| उन्होने अपना कोट उतारकर हमारे सिर पे राख दिया 2-3km के बाद|
“जी हां”
रात के 11:45 बजे होंगे
वो बायी तरफ वाली झाडी में पेशाब करने गये, में वहां अकेली थी और तभी दायी झाडी से एक शराबी आया और ताजूब की बात है वो हिंदी में बात कर रहा था ” ओ…हो..क्या मदमस्त गोरी चिकनी गांड है, तेरे लाल ओठ तो मेरा लुंड चुस्ने के लिये ही बने है…”
उसने मेरे हाथ पकडे तो मैंने उसे धक्का दिया उसने मुझे 2-3 थप्पड मारे और मुझे रस्ते किनारे जबरण उठा के फेक दिया में घबरा गयी चील्लाने लगी उसने अपने दोनो हाथ सीधे मेरे ड्रेस के नीचे डाले और Panty खीचने की कोशिश की, में हाथ-पैर हिला राही थी तभी उसने मेरी panty फाड डाली जो मेरी जांघ में फसी थी|
“कितना आसान होता है तुम्हारी जैसो को चोदना साली कुछ पहनती ही नही” उसने मेरी बायी टांग जोरसे फैला दी और सीधे मेरे उपर लेट गया
तभी वहां से स्टेफन आये उन्होने उसे पकडा और २-३ झापड लगा दिये लेकीन तभी वह हाथसे छुटकर भाग निकला.
में स्टेफन के गले लगके रोने लगी, “प्रतिमा…शांत हो जाओ प्रतिमा अब में आ गया हुं”
“अगर आज आप ना होते तो, तो वह मेरा रेप और खून कर डालता”
“नही डीअर ऐसा कुछ नही होगा”
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मेरा ड्रेस मेरी चूत के उपर अटक गया था और मेरी चूत दिख राही थी लेकीन मेरा ध्यान ही नही था| स्टेफनने इशारेसे उसे ठीक करने कहा|
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