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लेकिन कुछ महीने बाद मुझे उससे प्यार हो गया, सुंदर तो थी ही लेकिन साथ में वह बहुत अच्छे स्वभाव की थीं, उसे बता भी दिया था, डर भी था कि कहीं हमारी दोस्ती ना टूट जाए। पर वह समझदार थी और हम लोग दोस्त रहे। लेकिन चोरी चोरी वह भी मुझसे प्यार करती थी। अब असली कहानी शुरू होती है। हम लोग एक बार में और तनवी कहीं बाहर गाड़ी में गए थे, हम लोग शहर से बाहर दोहारा नाम की जगह गए जहां एक किला बना हुआ था।
उसके किले मैं रंग दे बसंती की शूटिंग हुई थी कुछ साल पहले। उसने हां कर दिया हम वहां पर हैं और कुछ आस पास के खेत के और किले की फोटो खींची। हमने भी साथ की फोटो खींची, वहा पर कोई नहीं था और किले की सीढ़ियां पुरानी होने की वजह से थोड़ी सी टूटी हुई थी। चलते वक्त तनवी मेरे ऊपर गिर गई। पहली बार उसे अपने ऊपर पाया और हमारे नैन एक दूसरे से मिले, उसे डर लग रहा था लेकिन जैसे वह उठने लगी वैसे ही मैंने उसकी कलाई पकड़ के अपने ऊपर खींचा। उसने बोला प्लीज मुझे छोड़ दो, मेरा पहले कोई इंटेंशन नहीं था लेकिन अब पूरा बन गया था, इतनी खूबसूरत लग रही थी और उसका परफ्यूम मुझे पागल कर रहा था, मेरा लंड टेंट बना कर खड़ा था।
उसने शायद महसूस भी कर लिया होगा, मैंने तन्वी से कहा आई लव यू। उसने कहा आई डोंट। मुझे छोड़ दो। अगर वह चाहती तो वह चीखी होती और वहां के लोगों को इकट्ठा कर सकती थी। मैंने उसके गर्दन पर किस किया और उसके बालों पर हाथ फेरा उसकी सांसे तेज हो गई थी, शायद यही एक इंडिकेटर था कि वह मुझसे चुदाना चाहती थी। मैंने अपना एक हाथ उसके मम्मे पर रखा तो दूसरा उसके पजामे के अंदर हाथ डाल कर उसकी चूत पर रख दीया। तो पता चला है कि चूत गीली हे और उसके आंखों से आंसू आने लगे।
मैं बोला क्यों झूठ बोलती हो? करती है ना मुझसे प्यार? में बोला पर पहले झूठ क्यों बोला? उसने कहा मैं नहीं चाहती थी कि यह बात हमारे माता पिता को पता चले, ना मैं यह चाहती थी कि तुम्हारी पढ़ाई पर कोई असर पड़े। उसने यह भी कहा कि तुम तो मेरे हो और मेरे ही रहोगे। जितना डर तुम्हे है मुझे खोने का, उससे ज्यादा मेरा है तुम्हें खोने का। फिर वह चुप कर गई। मैंने उसका माथा चुमा ,गाल चुमे और बड़े हिम्मत के साथ मैंने उसके कान और होठ चूमें, हम दोनों काफी नर्वस थे और यह हमारा पहला चुंबन था, तो बहुत ज्यादा डरे हुए थे कि कोई देख ना ले और ऊपर से हम कितना ज्यादा गर्म हो चुके थे।
हम तकरीबन १५ मिनट किस करते रहे, हम दोनों को अंदाजा नहीं था कि हम कितना एक दूसरे के प्यासे थे। लेकिन एक चीज जरुर समझ में आई कि मैं इतना भी बुरा नहीं हूं। अगर किसी लड़की से मुझे प्यार मिला है तो मुझ में कोई बात तो है। फिर मैंने उसे उस किले की पहली मंजिल चलने के लिए मना लिया, वह मान गयी। जैसे ही वह पहली मंजिल पर पहुंची मैंने उस पर झपटा मार दिया, हम दीवार के एक कोने में खड़े थे और एक दूसरे को चूमने लगे।
मेरा एक हाथ उसके शरीर पर था और दूसरा उसकी गांड सहला रहा था, वह थोड़ी सी शर्मीली लड़की थी और मेरे से और चिपक गई। हम दोनों ने एक दूसरे के जैकेट उतार दिये, मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर लपक पड़े। मेने किसी कहानी में पढ़ा था की मम्मों को केसे सहलाते हैं। मैं हलके स्पर्श से उसके मम्मों को छुआ और उंगली की नोक से सहलाया, उसकी आह्ह औऊ अह्ह्ह ईई अहह ओऊ ओह्ह हां अम्म की आवाज सुनते ही मैं और जोश में आ गया, अब आहिस्ते आहिस्ते मैंने उसकी कमीज उतार दी।
उसने अंदर काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी, उसके पिंक कलर के निप्प्ल्स थे। और बहुत ज्यादा सॉफ्ट लग रहे थे। अब मैंने भी अपनी टी शर्ट उतार दी और उसके साथ खड़ा हो गया, उसके नंगे मम्मो से अब मैं अपने हाथों में खेल रहा था, अब तन्वी भी बेशर्म बन गई थी, और पूरा पूरा मेरी शरारत का मजा ले रही थी। मैंने उसका हाथ अपने लंड के ऊपर रखवाया।
उसने कहां अपनी पेंट खोलो। मैंने अपना सब कुछ खोल दिया था और कहा कि तुम मेरा अंडरवियर खोलो, उसने वह भी किया और मेरे लंड को आजाद किया। वह कुछ देर उसके साथ खेलती रही, फिर से हमने चुंबन शुरु किया और अब उसकी सलवार और पैंटी उतार कर वो एकदम नंगी हो गयी। मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली डाल कर उसको उकसा रहा था। कुछ देर बाद उसने कहा क्या तुम कंडोम लाये हो? मैंने कहा नहीं। उसने कहा कोई बात नहीं है मैं बाद में आय पिल से काम चला लूंगी।
उसने कहा अब शुरू करो मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं। मैंने अपनी कार्रवाई शुरू की। अपने लंड की पोजीशन लेकर मैंने ठीक उसकी चूत पर निशाना डाला, उसकी चूत काफी टाइट थी। मेरा कोई एक्सपीरियंस नहीं था, मैं इससे पहले वर्जिन था। मेने जोर का झटका दिया और उसकी चीख निकल पड़ी, हरामजादे। कमीने। निकाल दे अपना लंड। ऐसे उसने कहा, उसे पहली बार इतनी गंदी भाषा में बोलते हुए सुना। थोड़ा ध्यान आया कि मैंने बहुत जोर से डाला था। पर मैंने कहा की कोई बात नहीं जानू थोड़ा सब्र रखो।
मेने अब पूरा उसके अंदर डाल दिया, अब आहिस्ते आहिस्ते से मैंने उसके अंदर बाहर किया और अब २ मिनट में उसे मजा आने लगा, मुझे डर था कि कोई हमारी आवाज सुन ना ले, अब साथ ही साथ हमारी उत्तेजना बढ़ती गई, मैंने अपने धक्के तेज कर दिए। वह डर गई थी मुझे क्या हो गया है? लेकिन उसे मजा आ रहा था।
वह अपने ओर्गेजम के पास थी, हम एक दम जोर से लिपट गए, फिर पता नहीं उसका जिस्म अकड सा गया, और जोर से चीख निकाली। इस बार इतनी जोर की थी कि वहां से एक किलोमीटर भी दूर हो तो पक्का पक्का सुन लेता, और उसके बाद वह कुछ बोल ही नहीं और शायद बेहोश हो गई थी, मैं भी एक दो मिनट के बाद अपना स्पर्म उसकी चूत में छोड़ दिया और बिना लंड निकाले सो गया।
हम उठे और होश में आए तो ध्यान आया कि रात के ११ बज गए थे, शुक्र करो कि हम दोनों ने घर पर झूठ बोला था कि हम रात की पार्टी में जा रहे हैं और सुबह आएंगे। कुछ देर बाद उस के घर से कॉल आ गई की क्या सब कुछ ठीक है? तुमने कॉल क्यों नहीं उठाया? हम चुदाई की वजह से काफी थक चुके थे और बिना कपड़े पहने ही दोबारा सो गए, और सुबह ५ बजे का अलार्म लगा दिया, किला बहुत ही गंदा और धूल से भरा हुआ था, पर कहते हैं ना कि प्यार के अलावा और कुछ नहीं।
५ बजे उठ के हम दोनों ने फिर से एक दूसरे के साथ चुदाई की और आखिर में लंबा चुंबन किया, पास में मिट्टी पड़ी थी, मेने उंगली में मिटटी लेकर उसकी मांग में लगा दी, और कहा कि मेरी कसम खाता हूं कि तुम्हें मैं जिंदगी भर नहीं छोडूंगा। उसने भी यह कहा और होठ पर एक छोटी सी किस की। हम ने पास में एक ढाबा से नाश्ता किया और चुपचाप बिना किसी के पता लगे मैंने उसके उसको घर छोड़ दिया। मोबाइल पर, फेसबुक पर रोज हमारी बात होती है आज भी, और भी मौके पर उसे चोदा।
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दोंस्तो कैसी आप को मेरी और मेरे वर्जिन गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी ??