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मैं पहले गुजरात में जॉब करता था. कुछ दिनों पहले ही मेरी ट्रांसफर मुंबई में हुई है. आपको पता ही है कि यहां रहने की कितनी दिक्कत है हर किसी को यहां आसानी से रहने के लिए घर नहीं मिलता, अपना तो दूर की बात यहां किराए पर भी नहीं मिलता.
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. मैं मुंबई में आ तो गया था पर मुझे रहने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. मैं कंपनी के गेस्ट हाउस में रह रहा था, उन्होंने मुझे २० दिनों तक रहने की परमिशन दी थी, और मुझे अभी तक तेरा दिन हो चुके थे. मैंने अपने दोस्तों को भी घर देखने के लिए कहा हुआ था, कि वह मेरे रहने का इंतजाम कर दे.
आज मेरी छुट्टी थी मैं गेस्ट रूम में बैठकर टीवी देख रहा था और मेरे दिमाग में रहने के लिए घर चल रहा था, कि मैं घर का इंतजाम कैसे करूं इतने में मेरा फोन बीप करने लगा. मैंने देखा तो फोन मेरे दोस्त का था जिसे मैंने घर देखने के बारे में कहा हुआ था.
मैंने फोन उठाया तो पता चला कि मेरी बात मकान मालिक से हो रही है. वह दूर दूसरे शहर में रहते थे. उन्हें भी एक ऐसे किराएदार की जरूरत थी जो घर को अपना समझ कर रहे और घर की देखभाल के साथ साथ लाइट का बिल और कुछ बील भी आए महीने दे दे, और मकान का किराया १०००० से कम ही बताया. मुझे उनका ये ऑफर अच्छा लगा, और उन्होंने मुझे फोन पर ही कह दिया कि अभी जाओ और मेरा घर दिख आओ, मैंने एड्रेस लीया और ऑफिस की कार लेकर घर देखने के लिए निकल पड़ा.
मैं वहां पहुंचा और बिल्डिंग के से गार्ड से फ्लैट की चाबी ली और अपने ड्राइवर के साथ २९ फ्लोर पर चला गया, फ्लेट का दरवाजा खोला तो मुझे बहुत सुंदर लगा. इतने कम पैसो में इतना अच्छा फ्लैट मिलना नामुमकिन था, पर इसमें एक खराबी थी यह फ्लैट टॉप फ्लोर पर था और अपने फ्लोर पर ही अकेला एक पेंटहाउस था.
ऑफिस यहां से सिर्फ १० मिनट की दूरी पर था. मैंने बिना किसी वाहन से भी अपने ऑफिस आराम से चलकर जा सकता था.
मुझे यह फ्लैट बहुत ज्यादा पसंद आया, यहां तक कि हर रूम में वीडियो फोन की फैसिलिटी तक थी.. मैंने देर ना करते हुए मकान मालिक को फोन किया और हां कर दी और साथ में कह दिया कि मैं २ दिन बाद संडे को शिफ्ट करूंगा.
संडे को मैंने मॉर्निंग में ब्रेकफास्ट किया और अपना सारा सामान एक सूटकेस में डाला और अपने ड्राइवर के साथ अपने नए घर की तरफ चल पड़ा. वहां जाकर मैंने सिक्योरिटी गार्ड से बात की तो उसने मुझे मेरे फ्लैट की चाबी देते हुए कहा कि आज हमारे सेक्रेटरी साहब नहीं है. वह मेरे साथ फ्लैट गया और मुझे बोला कि मैं फ्लैट को देख लूं अगर कोई काम करवाना है तो अभी बता दू वरना बाद में फोन कर लेना.
मैंने अपना सामान बेडरूम की अलमारी में रखा और खुद सोफे पर आकर बैठ गया. ड्राइवर को कहा कि देख लो कोई प्रॉब्लम तो नहीं हे, उसने कहा सब कुछ ठीक है साहब आप टेंशन मत लो मैंने सब देख लिया है.
फिर मैंने ड्राइवर को ३०० रूपये दिए और शाम तक ऑफिस की कार भी दे दी और कहा आज संडे है तुम यह अपनी फैमिली के साथ जा कर एंजॉय करो. फिर वह चला गया.
मैंने चैनल ब्लॉक कर दिया था कि अब कोई और ऊपर ना आ सके और खुद अंदर आकर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा घूमने लगा, मुझे नंगा रहना और नंगा सोना काफी अच्छा लगता था.
मेरी आंख कब लग गई मुझे पता तक नहीं चला. करीब ३ घंटे के बाद फोन रिंग करने लगा, मैंने उठाया और वह किसी लेडी का था. और वह फोन पर पूछ रही थी कि मुझे आने और यहां रहने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?
मैंने उससे पूछा कि आप कौन बोल रही हो? तो उसने मुझे कहा कि मैं अपने बारे में भी बता दूंगी पहले तुम यह बताओ कि तुम्हारे पास कुछ खाने पीने का सामान है या नहीं? मैंने उसे ना करते हुए जवाब दिया और फिर उसने मुझे अपने घर चाय पर इन्वाइट किया. मैं उसे साफ मना कर दिया पर वह बहुत जिद कर रही थी, इसलिए मुझे उसकी बात माननी पड़ी.
फिर मैंने उससे पूछा कि आप कहां रह रही हो? तो उसने कहा कि मैं आप के फ्लैट के नीचे वाले फ्लैट में रहती हूं, और आप प्लीज़ मेरे घर ऐसे ना आना कुछ कपड़े जरुर डाल लेना.
मैने कहां की मैंने तो कपड़े पहने हुए हैं मैडम? तो वह बोली मैं आपको वीडियो कॉल से देख रही हूं, इसलिए ऐसा कह रही हूं. यह सुनकर मैंने उसे सॉरी कहा और उसके इन्वाइट के लिए थैंक्यू बोला.
उसने मुझे यह बता दिया था कि उसने वीडियो कॉल करते हुए अपना कैमरा ऑफ कर दिया था इसलिए मैं उसे नहीं देख पा रहा था, और उसने साथ में मुझे अपना नंबर देते हुए कहा कि मैं जब भी आऊ तो एक बार कॉल करके आऊ.
कुछ देर बाद में तैयार हुआ और उसको फोन किया उसने कहा कि मैं तुम्हारे फ्लैट के नीचे हु.
उसने कहा तुम आ जाओ मेरा दरवाजा खुला ही है, इतने में चाय भी बन जाएगी मैं अभी चाय बना रही हूं.
मैं नीचे गया और अंदर चला गया. मैंने देखा उसका फ्लैट बिल्कुल मेरे जैसा था. मुझे पता लगा कि वह वहां अकेली रहती है उसका हस्बेंड एक इंजीनियर है और वह दुबई में जॉब करता है. वह प्रेग्नेंट है. वह पिछले २ महीने से यहीं रह रही है, उसका मायका और ससुराल दोनों लगभग ३० किलोमीटर की दूरी पर हे, पर वो वहां कम ही जाती है.
उसके साथ वाला फ्लैट खाली था और तीसरे फ्लैट में एक बूढ़ा साउथ इंडियन अंकल आंटी रहते थे, तो देखा जाए तो वह एकदम अकेली थी.
आज उसे यह पता चला की ऊपर पर कोई रहने आया है, तो उसने अपनी जान पहचान करने के लिए मुझे चाय पर इन्वाइट किया. पर जब उसने मुझे वीडियो कॉल में नंगा देखा तो वह समझ चुकी थी कि मैं भी अकेला ही हूं.
उसका नाम रश्मि था और उस की उमर करिब ३०-३२ साल की थी, उसके लाल होंठ मुझे अपना दीवाना बना रहे थे, उसने हाफ पैंट डाली हुई थी और बिना ब्रा के एक काफी खुलासा टॉप डाला हुआ था, जिस में से उसके दोनों दूध बाहर की और जुक रहे थे. उसका वजन करीब ५०-५५ किलो होगा, बाकी वह दिखने में पूरी आयटम थी. उसकी बातचीत और बोलचाल से मैं समझ चुका था कि वह चुदाने को तैयार है.
अब मैंने भी उसे अपने बारे में बताया कि मेरी हाल में मुंबई में ट्रांसफर हुई है, मेरी फैमिली दिल्ही में रहती है और मेरी उम्र ३८ साल है. और मेरी वाइफ की ३५ साल है. आजकल मेरी लाइफ काफ़ी उल्टी हुई चल रही है इसलिए मेरा किसी काम में मन नहीं लग रहा है.
अब वो चाय लेकर ट्रे ले कर मेरे सामने टेबल पर रख दिया और मेरे साथ सोफे पर बैठ गई. मैंने देखा वह चाय के साथ हलवा और पकोड़े बना कर लाई है, तो मैंने उसे कहा कि आपने ऐसे ही मेरे लिए इतनी तकलीफ क्यों की?
पर वह मुस्कुराते हुए बोली इसमें तकलीफ की क्या बात है? आप एक बार टेस्ट तो कीजिए और मुझे बताएं कि खाना कैसा बना है?
वैसे खाना सच में बहुत टेस्टी बना था और यह मैंने सच ही कह दिया, आप पर वह मेरी तारीफ को जूठ मानने लगी थी और बोली प्लीज आप मेरी झूठी तारीफ ना करो. प्लीज ऐसे मुझे अच्छा नहीं लगता.
उसकी यह बात सुनकर मेरे मुंह से निकल गया कि जिसने भी यह खाना बनाया है मैं उसकी उंगलीया चूस लू, मेरे यह कहते ही उसने अपनी उंगलियां मेरे सामने कर दी. में यह देखकर शरमा गया.
हम इसी तरह सोफे पर बैठे बातें करते रहे और अपनी जान पहचान बढ़ाते रहें. मैंने देखा कि हमें बातें करते करते २ घंटे हो चुके हैं, और हमें इसका पता तक नहीं चला.
वह बोली ८ बज चुके हैं मेरे हसबैंड मेरी जानू ऋषि स्कायप पर वीडियो कॉल करने वाले हैं, अगर तुम चाहो तो यहां रुक सकते हो. पर उनके सामने ना आना, साइड में से उन्हें तुम देख सकते हो, जिसे उन्हें कुछ पता ना चले.
उसने अपना लैपटॉप स्विच ऑन कर लिया और सेटिंग करने लग गई की उसका हस्बेंड कमरे में कहां तक देख सकता है, और जिसे उसे मेरे होने का पता तक न चले. तब उसके हस्बैंड की कॉल आ गई. उसने कॉल उठाया और अपने ब्लूटूथ हेडसेट लगा दिया वो कैमरा के सामने बैठ कर उससे बातें करने लगी.
ऋषि ने कहा – कैसी हो मेरी जान आज तो बहुत सेक्सी लग रही हो.
रश्मि ने कहा – तुम्हारे बिना मजा नहीं आता, बहुत टाइम हो गया है मैं तुम से चुदे हुए, अब तो खुजली भी होने लग गई है.
ऋषि ने कहा – अच्छा जी कहां होती है खुजली जरा मैं भी तो देखूं?
रश्मि ने कहा – यार कुछ तो शर्म करो अगर कोई बहार हुआ और उसने मुझे ऐसे देख लिया तो?
ऋषि ने कहा – नहीं, अंदर कोई नहीं आ सकता मेरी जानू मैंने बाहर गार्ड को क्या अंडे देने के लिए बैठाया हुआ है? मेरी परमिशन के बिना कोई अंदर नहीं आ सकता. समझी मेरी जान.. चलो अब अपने कपड़े को भी थोड़ा रेस्ट दो, कब से मेरी पर्सनल प्रॉपर्टी से चिपके हुए हैं.
रशमी ने कहा – मेरी जान तुम इतने दूर बैठकर भी अपना लंड हिला कर अपना पानी निकाल लेते हो और इधर यह मेरी बहन की लौड़ी चूत तुम्हारे लंड के लिए तरसती रहती है.
ऋषि ने कहा – ऐसा ना बोल मां की लोडी. तू मेरी चूत की रानी है. मैं क्या अपनी मां चुदवाने के लिए गया हूं इतनी दूर और तुझे ४-५ प्लास्टिक के लंड दिया है ना उस में मजा नहीं आता क्या तुझे और मेरी जान? वैसे भी मैं सारा पैसा कमा कर तेरी चूत में तो डालता हूं.
रश्मि ने कहा – हां मेरे जानू मैं तो सोच रही हूं कि मैं तुम्हारी और अपनी मां को यहीं पर बुला लूं और सारे प्लास्टिक के लंड उन दोनों की चूत और गांड में डालकर मजे लू, और बाद में अपने बुढे ससुर से चुद जाऊं.
ऋषि ने कहा बुड्ढा होगा तेरा बाप साला बहन का लंड.
रश्मि ने कहा – जानू पर मेरा बाप तो बता रहा था कि तेरी मां तो १०-१२ झटकों में ही झड़ जाती है.
वो यह कह कर खड़ी होती है और अलमारी से प्लास्टिक के लंड निकाल कर पूरी नंगी हो कर वापिस लैपटॉप के सामने आ जाती है.
ऋषि ने कहा – साली रंडी अब तक तू ने चूत को क्यों छुपाया हुआ था मुझसे?
रश्मि ने कहा – मेरे प्यारे गंदे जानू गुस्सा ना हुआ कर तू, तू मेरी सास की चूत से निकले मेरे ससुर के लंड के पिस, अब देख मेरी चूत और वहीं से मेरी चूत को अपनी मां की चूतसमझकर चोद डाल मां के लंड..
उन दोनों हस्बैंड वाइफ की प्यारी और एकदम देसी बातें सुनकर मेरा लंड भी झूम उठा. मैंने पहली बार इतना सच्चा प्यार देखा था. अब मेरा हाथ मेरे अपने लंड पर था और मैंने रश्मि को इशारा किया कि स्काय्प बंद कर दे.
फिर उसने मुझे २ मिनट रुकने का इशारा किया और करीब दो तीन मिनट बाद वह हस्बैंड से नेटवर्क प्रॉब्लम का बहाना लगाते हुए उसने फोन कट करने के लिए कहने लग गई.
ऋषि ने कहा – अच्छा चल अब तो मेरा हो गया है, मैं कल बात करूंगा अब.
यह कहकर उसके हस्बैंड ने फोन कट कर दिया.
रश्मी ने अपना लैपटॉप ऑफ करके पैक कर दिया और नंगी ही मेरे पास आ गई और मुझे अपनी बाहों में लेकर चूमने लगी और कहा देखा आपने उस रंडी के बेटे को, साला खुद कर के सो जाएगा और में लंड लेने के लिए तरसती रहूंगी, इसलिए मैंने आज आपको फोन किया. मैंने आप को नंगा देखा तो मेरी चूत लंड लेने के लिए तड़प उठी, इसलिए मैं आपके सामने अपने हस्बेंड से नंगी होकर वीडियो कॉल करी ता की आप आसानी से समझ जाए कि मैं क्या चाहती हूं.
यह सुनकर मैंने उसे अपनी बाहों में भरते हुए अपने सीने से लगा लिया और उसकी दोनों आंखें बंद हो गई थी. मैंने उसकी बंद आंखों को चुम्म लिया. उसे मेरा यह अंदाज बहुत पसंद आया, इसलिए वह खुद मेरी बाहों में कसने लगी और अपने नाखून मेरी कमर में गडाने लगी.
तो मुझे भी तुम पर बहुत प्यार आ रहा था, अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया और बड़े प्यार से उसके होठो का रस पीने लग गया. कुछ ही देर में थोड़ा जंगली बन गया और पागलों की तरह उसका पूरा चेहरा चाटने और चूसने लग गया.
मुझे महसूस हो रहा था की वह तो पूरी मस्त हो जा रही थी इसलिए मैंने अपना एक हाथ नीचे किया और उसकी चूत के पास रख लिया मैंने देखा कि उसकी चूत पूरी पानी पानी हो रही थी. मुझसे अब रहा नहीं गया. मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और मैं उसके ऊपर लेट गया.
दोनों 69 की पोजिशन में थे. मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर बाहर हो रही थी, जिससे वह मजा ले रही थी. शायद आज बहुत दिनों बाद किसी मर्द की जीभ उसकी चूत में गई थी. तब उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी.
कुछ देर में वह मस्ती में चिल्लाने लगी साले अब मुझे चोद भोसड़ी के मेरी चूत तेरा लंड लेने के लिए पागल हो रही है.
उसकी बातें सुन कर मैंने उसे बेड के किनारे में लेटा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रखा और उसकी दोनों टांगे खोल कर अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके धीरे धीरे लंड को उसकी चूत में उतरने लगा, मुझे पता था कि उसकी पेट में बच्चा है इसलिए मैं उसकी जोरदार चुदाई नहीं कर सकता था.
मैं उसकी प्यार भरी चुदाई शुरू कर दी थी, मैं उसके ऊपर नहीं लेट सकता था पर अपने हाथों से उसके बूब को मसल रहा था, और बीच बीच में उसके होठों का रस भी पी रहा था.
वो चूदाई की मस्ती में पागल हो रही थी, उसकी चूत की खुजली बढ़ती जा रही थी. क्योंकि मैं उस की जोरदार चुदाई नहीं कर रहा था, वह मस्ती वाले गुस्से में सारे खानदान को और मेरी मां और बाकी सब को गंदी-गंदी गालियां निकाल रही थी. यहां तक कि वह कह रही थी कि मेरी चूत में हाथी का लंड डाल दें और मेरी चूत फाड़ कर इस के टुकड़े टुकड़े कर दे.
मुझे वह देख कर मजा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल दिया और ड्राइंग रूम में जाकर शराब के दो पैग बनाएं और सिगरेट के कश लगाते हुए अंदर कमरे में आया.
वह पागल हो चुकी थी अब वह जोर से चिल्ला चिल्ला कर गालियां निकाल रही थी वह तो शुक्र है हम २९ फ्लोर पर थे इसलिए कोई सुनने वाला नहीं था अगर नीचे होते तो यह पूरा शहर ही इकट्ठा कर देती अभी तक..
मैं उसके पास गया और पेग उसके मुंह पर लगा दिया. उसने एक ही बार में पूरा पेग खाली कर दिया और बोली प्लीज आगे से चुदाई छोड़कर ना जाया करो, मेरी चदाई पूरी किया करो, और यह कहकर वह मेरी गोद में बैठ गई.
मुझे वह बहुत प्यारी लग रही थी. चूदाई बीच में छूटने से उसका मूड ऑफ हो गया था, मैंने उसे प्यार करते हुए सिगरेट उसके मुह पर लगा दिया और तब जाकर वो थोड़ा ठीक हुई. अब हम दोनों ने काफी शराब पि थी जिसकी वजह से हम दोनों ढीले से पडने लग गए थे.
में उठा और उसकी चूत पर शराब गिराकर उसकी चूत को चाटने लगा, कुछ ही देर में वह फिर से मस्ती में चिल्लाने लगी मारो और फाडो मेरी चूत जानू.
अब मैंने फिर से अपना लंड उसके मुंह में डाला और अच्छे से लंड चूसवाकर उसकी गांड पर क्रीम लगाई और उसकी गांड में अपना लंड उतार दिया. मैं उसकी गांड की चुदाई बड़े मजे से कर रहा था. मैंने देखा उसकी गांड में से खून निकल रहा था पर मेरा भी होने वाला था इसलिए मैं लगा रहा और उस की गांड मारता रहा.
कुछ ही देर में मेरा हो गया और मैंने सारा पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया. जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला मैंने उसकी गांड को अच्छे से साफ किया और उसकी गांड पर डेटॉल लगाया.
उसको बहुत दर्द हो रहा था पर शराब के नशे में उसे ज्यादा कुछ महसूस नहीं हो रहा था.
मैंने गुलाबजल से उस की चूत गांड और उसका सारा शरीर अच्छे से साफ कर दिया, वह बेहोश हो चुकी थी. इसलिए मैंने उसे बिस्तर पर अच्छे से लेटा दिया और खुद बाहर आकर चार पांच पैग मारे और ८-१० सिगरेट पी डाली. मुझे अब नींद आनी महसूस होने लगी तो उसके पास जाकर लेट गया और सो गया.
सुबह के ६ बज चुके थे. मेरी आंख खुल गई मैंने देखा कि सूरज निकल चुका है. पर रश्मि प्यारी बच्ची की तरह नंगी लेटी हुई थी. मैं उठा और किचन में उसके लिए चाय बनाने लग गया. इतने में वह मेरे पीछे से आई और मुझे अपनी बाहों में भर कर के किस करने लगी.
मैंने उसे चाय ऑफर की पर उसने मुझे मना कर दिया कि मैं चाय नहीं पीती. पर मैंने उससे कहा कि यह नींबू वाली चाय है तुम्हारा शराब का नशा खत्म हो जाएगा.
उसने मेरी बात मान लिया और चाय लेकर हम दोनों सोफे पर बैठ गए जैसे ही वह सोफे पर बैठी तभी उसकी गांड में दर्द हुआ उसने अपनी गांड पर हाथ लगाया तो उसके हाथ पर दवाई लग गई.
उसने मुझे पूछा कि यह क्या है? यह कैसे हुआ? मैंने उसे कहा कि कल रात तुम तेल की बोतल पर बैठ गई और वह तुम्हारी गांड में घुस गई थी, इसलिए वहां से खून निकलने लग गया था. इसलिए मैंने दवाई लगा दी. अब इस छोटी सी चोट के लिए तो मैं तुम्हें डॉक्टर के पास तो नहीं ले जा सकता था ना.
फिर वो यह सुनकर शांत हो गई.
अब मैंने उसे कहा कि मैं अब ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूं इसलिए ऊपर जा रहा हूं. तैयार होने के लिए. जाते जाते मैंने उसे उसकी कार मांगी तो उसने मुझे साफ मना कर दिया, मैंने उसे आराम करने को कहा और अपने फ्लैट में चला गया.
करीब एक घंटे बाद उसका फोन आया कि तुम नीचे आ जाओ मैंने तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट तैयार कर दिया है. मैं नीचे आया तो दरवाजा खुला ही था. वह अभी पूरी नंगी घूम रही थी, बस नहा चुकी थी. उसने लाइट पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी.
मैं उसे देखकर फिर से पागल हो गया और मैंने उसे किस किया और गोद में उठाकर टेबल पर बिठा दिया. और चेयर पर बैठ गया. अब हम दोनों ने एक दूसरे के हाथ से ब्रेकफास्ट किया.
अब उसे लगा कि मैं उसे हमेशा प्यार करुंगा और उसका साथ निभाऊंगा.
तभी मेरे ड्राइवर का फोन आया वह कार लेकर नीचे मेरा इंतजार कर रहा था ऑफिस जाने के लिए. मैंने रश्मि का नंबर लिया और अपने ऑफिस चला गया.
फिस में पहुंचते ही सब मुझे बधाईयां देने लग गए कि मुझे एक अच्छा फ्लेट मिल गया है. वह सब मुझे पार्टी मांगने लग गए. कुछ ही देर में मैं अपने काम में बिजी हो गया.
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करीब ३:३० बजे रजनी का फोन आया. वह मुझे ऑफिस से पिक करने अपनी कार में आई थी. वह मुझसे पूछने लगी कि मैं उसे कहां पर मिलूंगा?